Wednesday, July 9, 2025

RAAHEN ( JIVAN )

 

                                राहें 

 

दुनिया की और जिंदगी की , सभी राहें सीधी हैं दोस्तों ,

मुश्किल उन्हीं को होती है , जिसकी चाल टेढ़ी होती है  || 

 

दुनिया में और जिंदगी में , मुस्कानें बिखरी हैं  ,

सोचों की उदासियाँ छोड़ कर  , मुस्कानें समेट लो  || 

 

मुस्कानों को समेटते ही , तुम्हें दुनिया को देखने का  ,

नजरिया ही बदल जाएगा ,

हर ओर फूलों के  रंग नजर आएँगे  || 

 

उन रंगों को देखते ही , उनमें छिपी तितलियाँ ,

और महक को , महसूस करोगे तुम दोस्तों  ,

तो तुम्हारा जीवन ही , महक जाएगा दोस्तों  || 

 

Tuesday, July 8, 2025

CHAMCHAMAATII ( CHANDRAMAA )

 

                            चमचमाती 

 

चाँद जब चमकता है  रातों में , रात चमचमाती ,

रात के अँधेरे में भी ,चाँदनी चमचमाती ,

नीले गगना पे हैं , तारे झिलमिलाते  ,

सभी धरावासियों के होठों पर , मुस्कान  लाते   || 

 

खिलखिला कर  रात को , चंदनिया चमचमाती ,

जिससे रात की भी तो , कालिख धुल जाती  ,

रात के अँधेरे में छुपी , राहें भी उजलातीं  ,

जिससे सभी राहगीरों के सामने , राहें चमचमातीं  || 

 

चाँद भी तो गगना में , मुस्कुराता है ,

सभी धरावासियों को , मुस्काना सिखाता है ,

मुस्कुरा कर सभी मानो , नया जीवन पाते हैं  ,

तभी तो चाँद और चाँदनी के , किस्से गाते हैं   || 

 

Monday, July 7, 2025

MOD JINDGII KE ( KSHANIKAA )

  

                           मोड़ जिंदगी  के 

 

जिंदगी कितने मोड़ लाती हो  ? थकती नहीं हो क्या  ?

सबकी जिंदगी में लाती हो , या कुछ जिंदगियाँ चुन लेती हो  ?

हम प्यार तुम्हें करते हैं , क्या तुम भी हमें प्यार करती हो  ??

 

मोड़ों से अक्सर लोग घबराते हैं , मोड़ों को छोड़ जाते हैं  ,

या मोड़ों की भूल - भुलैयाँ में फँस जाते हैं , तो क्या करना जरूरी है  ? 

मोड़ों के साथ मुड़ते - मुड़ते , मन शांत रखकर ध्यान रखिए  || 

 

मन  के शांत  रहने पर , दिल - दिमाग ठीक निर्णय लेते हैं ,

और आगे कदम बढ़ाते ,चले जाते हैं दोस्तों  ,

और जिंदगी को सुंदर तरीके से , बिताते चले जाते हैं   || 

 

तो मोड़ों से घबराइए ना , आगे बढ़ते जाइए  ,

जिंदगी जो मिली है , उसे दिल से अपनाइए ,

अपने क़दमों के निशां , इस जग में छोड़ते जाइए  || 

 

Sunday, July 6, 2025

ULJHAAYAA ( JALAD AA )

 

                             उलझाया 

 

बदरा जब दामिनी के साथ , गगन में छाया ,

उसने  बूँदों के हाथ एक , पैगाम भिजवाया ,

मेरा प्यार अपनाओ , मेरे प्यार में खो जाओ  || 

 

दामिनी ने भी अपनी चमक में ,सब को समाया ,

सब को अपनी चमक से लुभाया ,

उसका प्यार इतना , शक्तिशाली था ,

कि उसने सभी में , प्यार  का जादू जगाया  || 

 

सब बह  गए , बदरा की बूँदों में ,

बदरा का प्यार पहुँचा , सभी की राहों में ,

दिल मुस्कुरा के बदरा के , प्यार में डूबे ,

खिलखिला कर बूँदों ने , अपना जाल बिछाया ,

सभी दिलों ने उस  जाल में , खुद को उलझाया ,

आओ दोस्तों , हम भी उसी , जाल में उलझ जाएँ   || 

 

Saturday, July 5, 2025

GYAAN ( GEET )

 

                                   ज्ञान 

 

ज्ञान से भरा पड़ा संसार बंधु  , 

ज्ञान से भरा पड़ा संसार  ||  

 

तुम भी उससे कुछ गुण चुन लो , अपना उन्हें बना लो ,

उनसे ही तुम अपने , मन - मंदिर को सजा लो बंधु ,

ज्ञान से भरा ------  || 

 

हर बगिया तुमसे है कहती , जीवन रंगीन बना लो ,

महक से फूलों की तुम , जीवन अपना महका लो बंधु ,

ज्ञान से भरा ------   || 

 

सुंदर सी मुस्कान को तुम , होठों पर अपने सजा लो ,

उन्हीं मुस्कानों को तुम , दूजों से बंटा लो बंधु ,

ज्ञान से भरा  ------  || 

 

यही ज्ञान जो सिमटा दिल में , दूजों में बाँटोगे ,

तभी तो तुम दुनिया में , नाम को बड़ा बना लो बंधु  ,

ज्ञान से भरा  ------  || 

 

Friday, July 4, 2025

BHINN - BHINN ( RATNAAKAR )

 

                         भिन्न - भिन्न 

 

सागर बने जब धरा पर , अतुल जल का भंडार ,

जीवन उपजा सागर में , बना तभी संसार ,

अलग - अलग बनीं योनियाँ , बने  अनगिन  प्रकार ,

भिन्न - भिन्न ही था , उन सबका आकार  || 

 

सागर के अंदर , जीवन  ने ली एक अँगड़ाई ,

अलग - अलग था उनका भी रूप - रंग ,

अलग - अलग थे उनके भी ढंग ,

जिनको देख सभी जन , रह जाते हैं दंग  || 

 

बने जंतु और जीव , पेड़ - पौधे भी बने , 

सभी का अलग प्रकार का जीवन था ,

रूप - रंग सबका अलग , जीवन यापन सभी अलग ,

इसी तरह सभी की उपयोगिता अलग  || 

 


 

Thursday, July 3, 2025

NAJAR ANDAAJ ( KSHANIKAA )

 

                              नजर  अंदाज 

 

होती सभी की इच्छा , एक अच्छा , सुंदर सा घर हो ,

मगर अच्छे और सुंदर , घर का मापदंड क्या है दोस्तों  ?

घर में रहने वाले अगर , प्यार की डोर में बँधे हों , 

एक दूसरे  की परवाह करते हों , 

तो घर अच्छा और सुंदर है दोस्तों  || 

 

जीवन जीने का अंदाज , ऐसा रखो बंधु  ,

जो तुम्हारी परवाह ना करे , तो उसको नजर अंदाज करो बंधु  ,

तभी तो तुम जीवन को भी ,

अच्छा और सुंदर बना पाओगे दोस्तों  || 

 

जीवन में व्यस्तता  जरूरी है ,मगर इतनी भी नहीं ,

कि अपने लिए ,   समय ही ना पा सको तुम ,

खाली बैठे ना रहो हमेशा , मगर कुछ समय तो  ,

अपने अंतर्मन में झाँकने के लिए , रख ही लो बंधु ,

अंतर्मन को भी तो , सुंदर और अच्छा रखना है ना दोस्तों  ?? 

 

Wednesday, July 2, 2025

SUNO DOSTON ( KSHANIKAA )

 

                          सुनो दोस्तों 

 

तराना यादों का बज उठा आज , सुनो दोस्तों  ,

सब के दिलों  घायल कर गया , सुनो दोस्तों  ,

तुम भी तो आज नाच उठो , गा उठो , सुनो दोस्तों  || 

 

जीवन संगीत ने मधुर गीत गाए , सुनो दोस्तों ,

प्यार की धड़कन दिल में धड़की , सुनो दोस्तों ,

होठों पे प्यारी मुस्कान भी चमकी , सुनो दोस्तों  || 

 

कलम से सुंदर शब्द जो चमके , सुनो दोस्तों ,

सुंदर शब्दों से मिलकर मीठे गीत महके , सुनो दोस्तों ,

गीतों को दिल में बसाकर पैर थिरके , सुनो दोस्तों   || 

 

Tuesday, July 1, 2025

DIL - O - DIMAAG ( KSHANIKAA )

 

                         दिल - ओ - दिमाग 

 

समझ हमारे दिल और दिमाग की , आपस में भिड़ गईं दोस्तों ,

दिल ने कहा  ---- क्यों ढूँढते हो तर्क , हर बात में दिमाग तुम ,

किसी बात को  तो भावनाओं से , जोड़कर देखो दिमाग तुम , 

किसी बात की गहराई में , डूबकर देखो दिमाग तुम ,

हर बात में तर्कों का , गणित बिठा लेते हो दिमाग तुम ,

ना कोई प्यार बसा है , ना कोई मुस्कान खिली है होठों पर ,

कैसे रूखे से व्यवहार को , अपनाए हो दिमाग तुम   ?? 

 

अब दिमाग ने कहा ---- तुम तो दिल ,हर बात  में भावों में डूब जाते हो ,

प्यार और मुस्कानों की छाँव में , बैठ जाते हो दिल तुम ,

व्यवहार बेशक तुम्हारा मीठा है , भावों को समझते हो दिल तुम ,

तभी तो अपनों और दूजों के हाथों , लूट लिए जाते हो दिल तुम ,

कुछ तो समझो , कुछ तो जानो , इस दुनिया के तौर - तरीके ,

नहीं तो सब कुछ लुटाकर , आँसू बहाओगे दिल तुम  || 

 

फिर एक बात समझे दोनों , चलो हम आपस में जुड़ते हैं ,

एक दूसरे के गुणों को अपनाकर , रास्ता अलग बनाते हैं ,

और अपना जीवन सुखद बनाते हैं , मिलकर हम बनाते हैं ,

दिल - ओ - दिमाग के अनुसार  --- प्यार और मुस्कानों में ,

तर्क भरी सोच का गणित मिला कर ,

एक अलग सोच बनाते हैं , और नयी जिंदगी बना लेते हैं  || 

  

Monday, June 30, 2025

JAAN - PAHCHAAN ( KSHANIKAA )

 

                                  जान - पहचान 

 

जिंदगी उलझती जाती है जब ,  कुछ अनसुलझे हालातों से ,

हम नहीं गुजर पाते हैं आसानी से , उन सभी बातों से ,

आगे के पल भी तब तो , महसूस होते हैं अनजाने से  || 

 

कैसे सुलझाएँ हम ,  सभी अनसुलझे हालातों को ?

राहें  भी अनजानी हैं , मोड़ भी अनजाने से ,

कोई बताए उन राहों , और मोड़ों के पार जाने का तरीका  || 

 

चलो दोस्तों सभी जगहें , अनजानी ही होती हैं ,

मगर हौसले बुलंद रखो तो , पहचानी हो जाती हैं ,

तो आओ  दोस्तों सभी से , जान - पहचान कर लें   || 

 

Sunday, June 29, 2025

GEET BANE ( AADHYAATMIK )

 

                                गीत बने 

 

कलम हमारी चलती जाए , 

शब्दों का भंडार जो दिया है तुमने ,

तुम तो माँ शारदे मेरी , 

शब्दों का खजाना दिया तुमने ,

कलम तुमने दी , शब्द दिए तुमने , तभी तो गीत बने  || 

 

आशीर्वाद तुम्हारा है माँ , वरदान तुम्हारा है माँ ,

सोच भी तुमने दी  है माँ  , मुस्कान भी तुमने दी है माँ ,

इन सब के मिल जाने से ही , तो माँ गीत बने  || 

 

अपना प्यार बनाए रखना , आशीष भी बनाए रखना ,

तुम तो सारे जग की  माता , अपना साथ बनाए रखना  ,

तभी तो सारे जग में माता ,  मीठे - मीठे गीत बने  || 

Saturday, June 28, 2025

SANSAAR - PAAR ( KSHANIKAA )

 

                            संसार  -  पार 

 

परिस्थितियाँ ही सिखा जाती हैं  सब कुछ ,

जो कोई पुस्तक , कोई पुस्तकालय , नहीं  सिखा पाता ,

तो परिस्थितियों का सामना करना , सीख लो दोस्तों  || 

 

सोच को अलग - अलग सीढ़ी पर , ना चढ़ाओ ,

एक ही सीढ़ी पकड़कर , उस पर चढ़ जाओ ,

तभी तो पूरी सीढ़ी पार , कर पाओगे दोस्तों   || 

 

सोच लो सीढ़ी पकड़कर , दृढ़ निश्चय कर लो ,

आपका दृढ़ निश्चय ही , संसार - पार कराएगा ,

आपकी मंजिल तक , आपको पहुँचाएगा दोस्तों   || 

 

 ईश्वर  पार   कराएगा , इस पूरे संसार को ,

अपना आशीष वो देगा , आपके जीवन को ,

 और बढ़ा देगा ईश्वर ,  आपकी मुस्कान को दोस्तों   || 

 

Friday, June 27, 2025

MODD ( JIVAN )

                      

                                मोड़ 

 

जिंदगी में आए अनेकों मोड़ , 

कोई आया छोटा और कोई बड़ा , 

कोई मोड़ था आसान , और कोई था  मुश्किल ,

मगर पार तो सभी करने थे , चाहे हम कर पाएँ या नहीं  || 

 

किसी मोड़ को पार करके , हम खुश हो गए , 

और किसी मोड़ को पार करके ,

हम दुःखी हुए , मगर क्या करते  ?

सभी मोड़ तो पार करने जरूरी थे ,

जीवन जीना तो जरूरी है दोस्तों  || 

 

जिंदगी के सभी मोड़ , सिखलाते गए हमें  ,

एक - एक नई सीख , हमारी सीखों का ,

पिटारा भरता गया , भरता गया ,

और हमारा जीवन एक - एक ,

सीढ़ी चढ़ता गया , चढ़ता गया दोस्तों   || 

 

Thursday, June 26, 2025

GATHARII APNII ( AADHYAATMIK )

 

                           गठरी अपनी 

 

ऊपर वाले ने हमारे लिए  , तय की हुई है यात्रा  ,

अपने पास बुलाने की , समय भी तय किया हुआ है  ,

सामान तय किया हुआ है , यदि वही सामान हमारा होगा ,

तो उसका वजन तय नहीं है , 

हम जितना चाहें , उतना ले जा सकते हैं  || 

 

यदि सामान वह नहीं है , तो हम नहीं ले जा सकते ,

यहीं पर छोड़ना होगा , हम खाली हाथ जाएँगे ,

तो दोस्तों सामान ले जाने  लिए ,

हमें वही सामान इकठ्ठा करना होगा , जो उसने तय किया है  || 

 

दोस्तों वह सामान है , अच्छे और सुंदर कर्म ,

दूसरों की मदद करना , उनके होठों पर मुस्कान सजाना , 

हमें वही  कर्म करने हैं , उन्हें ही इकठ्ठा करना है ,

तो चलो अपनी गठरी में , वही कर्म एकत्रित करते हैं  || 

 

Wednesday, June 25, 2025

VAADON MEIN ( KSHANIKAA )

 

                                 वादों में 

 

हर कदम आसान नहीं होता , कुछ कठोर होते हैं ,

हर कदम आराम नहीं देता , कुछ बेआराम करते हैं ,

मगर रोको ना कदमों  को , कदम उठाना जरूरी है ,

जीवन की राहों में दोस्तों , चलना जरूरी है  || 

 

कर्मों को तो दोस्तों , करना जरूरी है ,

चाहे उनसे मिले सफलता , या मिले असफलता ,

मगर कर्मों के बिना तो , जीवन अधूरा  है ,

तो किए जाओ कर्म , जीवन जीना तो पूरा है  || 

 

करो ऐसे कर्म , कि निशां बाकी रहें जग में ,

सुकर्मों का खाता तुम्हारा , अधूरा ना रहे जग में ,

उठाओ वो कदम कदम , बस जाओ यादों में  ,

किसी की मुस्कानों में , अपने निभाए वादों में  ,

जी हाँ , निभाए हुए वादों में  ||  

Tuesday, June 24, 2025

GAANTH ( JIVAN )

 

                              गाँठ 

 

हालातों को ऐसा ना होने दो यारों , 

कि तुम संभाल ना सको , और रिश्ते टूट जाएँ  ,

रिश्ते टूटे तो उनमें ,गाँठ पड़ जाएगी ,

गाँठ पड़ने से रिश्तों में दरार आएगी ,

और हिम्मत टूट जाएगी  || 

 

रिश्ते सुंदर बने रहें , हिम्मत टूटे नहीं  ,

इसलिए हालातों का ,स्वास्थ्य अच्छा बनाएँ  ,

खुद को , हिम्मत को , रिश्तों को ,स्वस्थ रखें , मस्त रखें  || 

 

हालातों  से जो समझौता करोगे तो ,

जीवन स्वस्थ रहेगा , मस्त रहेगा ,

मुस्कानों को अपनाओ , तो कुछ भी ना बिगड़ेगा ,

और जीवन सुचारु रूप से चलेगा  || 

 

दुनिया में जीवन को , सुंदर बनाने में जो ,

मदद करे दोस्तों , वही सच्चा दोस्त है ,

जो सलाह ना देकर , अपना समय दे  ,

हाथ बढ़ाकर सहारा दे , वही तो सच्चा दोस्त है  || 

 

Monday, June 23, 2025

JEEVANT ( JIVAN )

 

                             जीवंत 

 

जिन देवों ने अवतार लिया , मानव का स्वरुप लिया ,

जीवन मानव का ही जिया , संघर्ष भी पूरा ही किया ,

तो मानव जीवन पाकर , हम क्यों संघर्ष से डरें  दोस्तों   ?? 

 

कीमत जीवन की जानो तुम , संघर्षों से कुछ सीखो तुम  ,

तभी तो ज्ञान बढ़ेगा दोस्तों  , साथ ही हौसला बढ़ेगा  बंधु  ,

देवों का आशीर्वाद भी , मिलेगा तुमको दोस्तों  || 

 

प्यार को भी जीवंत , बना लो दोस्तों ,

चाहतों में दिल को , डुबा लो दोस्तों ,

मुस्कानों को होठों , पर सजा  दोस्तों  ,

जीवन को हाथों से , फिसलने ना दो दोस्तों  || 

 

Sunday, June 22, 2025

BHAAV - RANG ( KSHANIKAA )

 

                               भाव  -  रंग 

 

 रंगों की इस दुनिया में , सारे ही रंग तो  बिखरे हैं ,

  उन सारे रंगों में , जीवन के सारे भाव छिपे हैं ,

हर रंग के लिए , एक अलग भाव है  || 

 

इन्हीं भावों के साथ , अपने होठों की ,

मुस्कान जोड़ दो दोस्तों , मुस्कुरा दो ,

और कुछ रंगों को , अपना लो  || 

 

रंगों को अपनाओगे , तो भाव खुद ही आ जाएँगे ,

तो दोस्तों भाव और , रंग को साथ जोड़िए  ,

दोनों ही हाथ मिला कर , आपके दिल में , समाएँगे  ,

और आपकी , मुस्कानों को बढ़ा देंगे  || 

 

Saturday, June 21, 2025

NAACHEGAA SANSAAR ( AADHYAATMIK )

 

                            नाचेगा संसार 

 

रंग फूलों  को  मिला  ईश्वर से ,महका चमन ,

चमन के महकने से , महक गया जग वालों का मन ,

मन के महकने से , खिली होठों पे मुस्कान ,

मुस्कान में ही डूबकर , छेड़ी दिल ने तान  || 

 

कलम ने जो बोल लिखे , बने उनसे मीठे गीत ,

तान ने गीत को सहेज कर , रचा दिया संगीत  ,

दिल मचल कर गा उठा , सुर और लय की हुई जीत ,

जिन्हें पसंद आया वो बोले , बहुत ही सुंदर गीत  || 

 

दोस्तों तुम भी साथ दो , छेड़ो दिल के तार ,

गुनगुनाओ मेरे गीत , फैला दो चहुँ ओर प्यार ,

इसी प्यार को इतना बाँटो , नाच उठे संसार ,

प्यार से नाचेगा संसार ,तो मिलेगा हमें ,

ईश्वर का आशीष और , ईश्वर का प्यार   || 

 

Friday, June 20, 2025

MAHAKAA LO ( JIVAN )

 

                              महका लो 

 

जो पल बीत गए यारों , अपनी वो यादें छोड़ गए  ,

जो कल आएँगे यारों , अपने संग क्या वो लाएँगे  ?

बीते पल को बदल नहीं सकते ,

भावी कल को जान नहीं सकते  ,

तो फिर चिंता कैसी  ?  आने दो कल को   || 

 

जैसा भी हो , व्यतीत समय तो होता है ,

ना वो रुकता है , ना रोका जा सकता है ,

ना ही उसको  ,बदला जा सकता है  ,

तो फिर चिंता कैसी  ? उसे तुम स्वीकार करो  || 

 

समय नहीं घड़ियों का  कैदी , ये तो दिल की धड़कन  ,

समय नहीं द्वारों का कैदी  , ये तो खुला झरोखा  ,

समय नहीं काँटों का कैदी , उससे जीवन महका लो  || 

 

GALATII ( KSHANIKAA )

 

                           गलती 

 

गलतियाँ सभी से होती हैं मगर , 

 हर कोई उनसे सीख नहीं लेता , 

जो कोई अपनी गलतियों से सीख लेता है  ,

और अपने ज्ञान को बढ़ा लेता है   || 

 

कुछ लोग अपनी , गलती  को छिपा लेते हैं ,

उनका राज छिपा रहता है , उसे लिए हुए ही ,

वह कोई सीख नहीं लेते , और जीवन पूरा कर लेते हैं  || 

 

अगर हम अपनी गलती से , कुछ सीख लेंगे  ,

तो जीवन सुखी बना सकते हैं , अपने साथ ही  ,

हम अपनों का जीवन भी  , सुखी बना सकते हैं  || 

 

Wednesday, June 18, 2025

BHAAV AUR LAY ( KSHANIKAA )

 

                             भाव और लय 

 

जिंदगी में कुछ रिश्ते , ईश्वर के बनाए होते हैं ,

और कुछ रिश्ते , हम खुद बनाते हैं ,

माता - पिता , भाई - बहिन सब , ईश्वर प्रदत्त हैं  ,

दोस्त ,सखा , सहेली , हम स्वयं  चुन लेते हैं  ||  

 

पति अपने लिए पत्नि , खुद चुनता है ,

पत्नि अपने लिए पति , खुद चुनती है  ,

हम बगिया खुद बना लेते हैं , फूलों के गुच्छे खिलाते हैं ,

मगर महक फैलाना , हमारे हाथ में नहीं है दोस्तों  || 

 

मीठे बोलों से हम , गीत बना लेते हैं ,

मगर उनमें भाव हम नहीं , ईश्वर भरते हैं ,

उन गीतों के लिए , संगीत हम बना लेते हैं  ,

मगर उनकी लय हम नहीं , ईश्वर बनाते हैं  ,

भाव और लय तभी तो , सबके दिलों लो छू जाते हैं  ||  

 

Tuesday, June 17, 2025

MAHAKAAEN ( KSHANIKAA )

 

                           महकाएँ 

 

निंदिया की ओढ़नी ओढ़कर , सपनों की लड़ियाँ जाग गईं ,

मुस्कानों की ओढ़नी ओढ़कर ,फूलों की लड़ियाँ जाग गईं ,

खुश्बुओं की ओढ़नी ओढ़कर , बगिया सारी महक गई  || 

 

जीवन की राहें जोड़कर , जब साथ में हम चलते हैं ,

मंजिल तो दूर नहीं है , पग - पग हम चलते जाते हैं  ,

मंजिल को पाने के लिए , जीवन भर हम चलते जाते हैं  || 

 

राही जब एक मंजिल के हों , तो सारा ही रास्ता ,

एक मुस्कान  के साथ  , बीत जाता है ,

समय भी जल्दी ही , बीत जाता है ,

चलो मुस्कान बनकर ,  अपनी बगिया महकाएँ  || 

 

Monday, June 16, 2025

BHOLAAPAN ( JIVAN )

 

                        भोलापन 

 

किसी के एक शब्द से , दूजों ने वाक्य बनाया  ,

अपने विचारों में , उस शब्द को दूजों ने डुबाया ,

उस शब्द के अर्थ को , उन्होंने अनर्थ है बनाया ,

' राम ' शब्द को उन्होंने , ' मरा ' कह के जलाया  || 

 

दोस्तों ये दुनिया है , यहाँ का है ये जलवा ,

मुफ्त में खाना चाहते हैं खाना , मीठा सा हलवा ,

चाहे किसी को  मिले  ना , खाने को कलेवा ,

मगर खुद चाहते हैं  खाना , मीठा सा जलेबा  || 

 

ध्यान रखो दोस्तों , बचे रहो ऐसों से ,

लुट ना जाओ कहीं तुम , अपने भोलेपन से ,

जिंदगी तुम्हारी है , सोचो जरा समझो ,

खाली ना हो जाओ , कहीं अपने धन से  || 

 

Sunday, June 15, 2025

BADAA - CHHOTAA ( KSHANIKAA )

 

                          बड़ा - छोटा 

 

जिंदगी में और दुनिया में , बदलाव जरूरी है ,

बदलाव ही प्रगति के लिए जरूरी है ,वैसे आएगा बदलाव ,

पहले सब अपनी सोच को बदलें , तभी बदलाव आएगा  || 

 

कुछ लोग अपनों को दर्द देते हैं , गैरों को खुश करते हैं ,

ऐसे लोगों की इस सोच पर , पूर्ण विराम लगाना जरूरी है ,

ऐसे लोगों पर कोई भी , विश्वास नहीं कर सकता है  || 

 

यदि किसी मशीन में जंग लगता है , तो उसके पुर्जे शोर करते हैं ,

मगर यदि किसी की अक्ल में जंग लगे ,

तो उसकी जुबान शोर करती है ,

तो दर्द देने वालों की , अक्ल का इलाज जरूरी है  || 

 

वही लोग दूसरों को छोटा समझ कर , उनका मजाक बनाते हैं  ,

मगर दोस्तों सामने वाले को छोटा समझने वाला ,

खुद ही छोटी सोच रखने वाला हूँ ,

इसलिए वह खुद छोटा है ना कि बड़ा  || 

 

Saturday, June 14, 2025

SAPNON KAA GAANV ( JIVAN )

 

                    सपनों का गाँव 

 

दोस्तों एक बार पहुँच गए हम , सपनों के गाँव में ,

जहाँ फूले थे , हरे - भरे से खेत , और बाग - बगीचे ,

रंग - बिरंगे फूल खिले थे , महके हुए चमन में   || 

 

नदिया की  धार गुजरती थी , गाँव के आँगन से ,

उस नदिया की कल -  कल धारा , बहती  थी उस धार में ,

उसमें सुंदर जीव हैं पलते , सपनों के उस गाँव में  || 

 

पनघट सुंदर सा खिलता है , उस गाँव के बीच में ,

कभी कुछ पनिहारियाँ थीं भरतीं , पानी उस पनघट से ,

आज वो पनघट सूना - सूना , नहीं  पनिहारियाँ  || 

 

पीपल , बरगद ,नीम की छाँव घनेरी , राही बैठें छाँव में ,

उन पेड़ों पर बहुत से पंछी , रहते थे घोंसलों  में ,

उन की मधुर आवाज गूँजती थी , उस गाँव में ,

उसी गाँव में हम तो घूमें , अपनी नींद के सपनों में   || 

 

Friday, June 13, 2025

KAUN HOON ? ( KSHANIKAA )

 

                      कौन हूँ  ? 

 

मैं एक सुईं की तरह हूँ दोस्तों  ,

पूरा जीवन , जो दिल की डोर से जुड़कर ,

अपनों के रिश्तों को सिलती रही ,

सुंदर से नमूनों से सजाकर , सुंदर बनाती रही ,

बताओ दोस्तों  ----  मैं कौन हूँ   ??  

 

मैं एक बीज की तरह हूँ , जो मिट्टी में दबकर ,

एक पौधे को जन्म देकर , फूल खिलाती हूँ ,

और फूलों की खुश्बुओं से , सभी   रिश्तों को महकाती रही ,

बताओ  दोस्तों  ----  मैं कौन हूँ   ?? 

 

मैं जल की एक बूँद की तरह हूँ ,

जो चकोर की प्यास की तरह ,

अपने सभी रिश्तों को सींचती रही ,

ये नदिया , समंदर , सभी मुझसे ही जल पाते हैं ,

मगर फिर भी मेरे अस्तित्व को , कोई नहीं मानता ,

बताओ दोस्तों  ----   मैं कौन हूँ   ?? 

 

Thursday, June 12, 2025

ANTAR YAADON KA ( KSHANIKAA )

                      

                 अंतर यादों का 

 

हमारे अंतर्मन में दबी कुछ यादें , खुशी देती हैं ,

और वहीं कुछ यादें दर्द देती हैं ,

हमें यही तो पता नहीं है , कि हम किसे याद करें  ?? 

 

खुशी देने वाली यादों का ध्यान करें ,

तो बहक जाते हैं हमारे कदम ,

दर्द देने वाली यादों का ध्यान करें ,

तो कुछ सीख ही मिल जाती है  || 

 

बताओ दोस्तों , ऐसा क्यों होता है  ?

अगर आप जानते हो , तो बताना जरूर  || 

 

Wednesday, June 11, 2025

ROSHANII ( KSHANIKAA )

 

                                 रोशनी  

 

हर सोच के लोग दुनिया में , हर रंग के फूल बगिया में ,

सारी दुनिया को नया बनाते हैं , 

सारी दुनिया को महकाते हैं  , 

जैसे आसमां के तारे , दुनिया को जगमगाते हैं    || 

 

तुम भी अपने विचार ,और कला से दुनिया को ,

सुंदरता और जगमगाहट से , भर दो   दोस्तों ,

तभी तो दुनिया जीवंत ,

और अर्थपूर्ण दिखाई देगी दोस्तों  || 

 

दिन हो या रात , सूरज भी निकलेगा ,

चाँद भी चमकेगा , गगन में ,

उनकी रोशनी दुनिया को  चमकाएगी ,

और मानव का जीवन भी , रोशन हो जाएगा दोस्तों  || 

 

हम सब भी तो ,उन्हीं में शामिल हैं दोस्तों ,

हम भी रोशनी में ,नहा जाएँगे दोस्तों ,

और होठों की मुस्कान , भी चमक उठेगी दोस्तों  || 

 

 

 

Tuesday, June 10, 2025

LIBAAS ( KSHANIKAA )

 

                        लिबास  

 

जिंदगी ने जब अपना , बनाया हुआ लिबास हमें पहनाया ,

तो दोस्तों उसमें कुछ टूटे हुए , धागे लटके थे ,

कुछ छेदों पर हुए , रफू के निशान थे ,

ये लोगों के दिए हुए , दर्द के निशान थे ,

और हमारे किए हुए समझौते थे  || 

 

जिंदगी के इस लिबास को , रंगीन बनाने के लिए ,

उसमें अपनी सोच के , सुंदर विचारों के धागे से ,

प्यार के मोती टाँक लो दोस्तों ,

कुछ सुंदर फूलों के , नमूने बना लो दोस्तों  || 

 

बना लिए   ? तो लिबास सज गया ना  ?

चलो अब मुस्कुरा कर , इस लिबास को ,

पहन कर खुश हो जाओ दोस्तों  ,

खिलखिलाओ , और खिलखिलाओ दोस्तों  || 

 

Monday, June 9, 2025

KEEMATII ( KSHANIKAA )

 

                                  कीमती 

 

कल थे वो कुछ अलग रंग के  , आज रंग अलग है ,

कल कौन सा रंग होगा ,कौन जाने  ? ईश्वर ही जाने  || 

 

क्या ऐसे व्यक्तित्व , विश्वास के काबिल हैं  ? ईश्वर ही जाने ,

अविश्वास , संदेह शब्द ही ,उनके व्यक्तित्व पर जँचते हैं ,

विश्वास , भरोसा , ये शब्द , उनके योग्य नहीं हैं दोस्तों  || 

 

कीमत इन शब्दों की कौन जानता है  ? 

क्या वो रंग बदलने वाले  ? नहीं दोस्तों वो नहीं , 

मगर हम जानते हैं , इन शब्दों की कीमत ,

आप  भी जानते हैं ना  , इन शब्दों की कीमत ,

बहुत कीमती शब्द हैं ये सब  || 

 

Sunday, June 8, 2025

UCHIT ( KSHANIKAA )

 

                                       उचित 

 

जो मिल गया है विरासत में , हमको और तुमको दोस्तों ,

उसी में तो गुजारा करना है ,

विरासत में मिले खजाने से ही , हमको और तुमको दोस्तों ,

अपना गुजारा करना है  || 

 

कलम मिलीं हैं , लिखने को डायरी ,यही खजाना है दोस्तों ,

मगर शब्दों का , भंडार तो नहीं मिला है ,

क्या करें कलम और डायरी का हम  ?

जब ज्ञान ही हमें नहीं  मिला है  || 

 

चलो ढूँढते हैं  शब्दों का खजाना ,

कुछ दिल से ,कुछ सोच से ,

कुछ अपनों के और कुछ दूजों के व्यवहार से ,

क्यों दोस्तों ये सब उचित है ना  ?? 

 

Saturday, June 7, 2025

DASTOOR ( KSHANIKAA )

 

                       दस्तूर 

 

ना चाहते हुए भी हम दोस्तों , 

दूजों के किए गलत व्यवहार को ,सहते चले गए ,

कि शायद सब कुछ ठीक हो जाए ,

मगर सब कुछ बिगड़ता चला गया  || 

 

मौसम की गर्मी की तरह , सब कुछ जलता चला गया ,

हमने सोचा मौसम साथ देगा , 

मगर ना  बदरा  छाए , और ना बारिश ही हुई  || 

 

काश कुछ समझ आ जाता , हम बदलते चले जाते ,

मगर अब क्या कर सकते हैं  ?

कुछ भी नहीं बदल सकता है  दोस्तों  || 

 

दस्तूर है दुनिया का , अपने मन की चलाओ ,

चाहे दूसरा परेशान हो , 

और यही रास्ता सब अपनाते हैं , अपने मन की चलाते हैं   || 

 

Friday, June 6, 2025

PYAAR KII SYAAHII ( PREM )

 

                            प्यार की स्याही 

 

कुछ टूटे धागे , जोड़े तो लगीं गाठें , कुछ छेद जिंदगी के ,

उनमें जो रफू की , यही तो जीवन है दोस्तों ,

जिसको हर कोई जी रहा है ,

साथ में ही सच्चे साथी को , बेकल होकर ढूँढ रहा है  || 

 

भावनाओं में बहकर हर  कोई ,

 आँखों में चमक लाने की  कोशिश में है , 

होठों पर खिलने वाली मीठी सी , मुस्कान ढूँढ रहा है  || 

 

दोस्तों क्या आप भी इसी पंक्ति में खड़े  हैं  ?

क्या आपके दोस्त आपके साथ हैं  ?

या आप भी अपने साथी , अपने दोस्त को ढूँढ रहे हैं  ?? 

 

आज दोस्तों मेरी कलम , जिंदगी के प्यार में डूबी ,

शब्दों के भंडार को ढूँढ रही हैं  ,

वो शब्द जो जिंदगी की जान हैं , दिल का अरमान हैं ,

प्यार की स्याही में डूबकर ये कलम , 

जब कागज पर , उन शब्दों को उकेरेगी ,

तो प्यार के फूल मुस्कुराएँगे , दिल को महकाएँगे  ||  

Thursday, June 5, 2025

DONON KINAARE ( KSHANIKAA )

 

                       दोनों किनारे 

 

जिंदगी में कुछ दर्द मिले , और कुछ मुस्कानें  भी ,

मगर पदचाप तो कोई नहीं मिली , दोनों के आने की ,

अचानक से दर्द आया ,तो आँसू छलक पड़े ,

आई मुस्कान तो हम , खिलखिला दिए  || 

 

जब दोस्त सभी मिल गए , तो महफिलें सज गईं ,

जब दोस्त बिछड़ गए , तो मानो जान ही निकल गई  ,

आज सभी दोस्त दूर हैं , मिलना भी मुश्किल है  || 

 

दूर - दूर  , रहते - रहते , राहें बदल गई हैं सबकी  ,

कोई सागर के इस   पार है , कोई सागर के उस  पार है ,

 दोनों किनारों पर ही , उनके साथ दोस्तों की कतारें हैं   || 

 

Wednesday, June 4, 2025

SAANKAL ( CHANDRAMAA )

 

                                    साँकल 

 

खोल दे साँकल , अपने द्वार की चंदा ,

तभी तो तेरी दोस्त , आएगी अंदर चंदा ,

मिलेंगे दोनों  दोस्त , बहुत दिन बाद चंदा ,

होंगी ढेरों बातें , आपस में चंदा  || 

 

तेरा द्वार जब  खुलेगा , हम दोनों मिलेंगे ,

चाय की चुस्की के संग , दोनों बातें करेंगे ,

मुस्कानों में डूब सारे , खुश हम को करेंगे ,

ऐसे ही तो जीवन , व्यतीत हम करेंगे  || 

 

रोज मिलें ना मिलें हम , मगर जल्दी हम मिलेंगे ,

दोस्ती की मुस्कुराहटें , हम साथ में जियेंगे ,

इन्हीं मुस्कुराहटों में तो , हम डूबे रहेंगे  || 

 

अब जाती हूँ मैं , तू  द्वार बंद कर ले चंदा ,

अपने द्वार की तू , साँकल चढ़ा ले चंदा ,

फिर से जब मैं आऊँगी , साँकल खड़काऊँगी चंदा ,

तब आज की तरह , तू खोलना साँकल अपने द्वार की चंदा  || 

 

Tuesday, June 3, 2025

RAASTAA ( KSHANIKAA )

 

                               रास्ता 

 

राहें जीवन की आसान नहीं थीं दोस्तों ,

मगर उन्हीं पर चलते गए , हम चलते गए ,

रुकावटों को पार करते रहे , मगर जीवन जीते रहे ,

आगे की राहें पार कर पाएँगे या नहीं , हम नहीं जानते  || 

 

राहों में काँटे आएँगे या फूल ,हम नहीं जानते ,

राहों के अँधियारे में एक दीपक , भी होगा या नहीं ,

हम नहीं जानते ,

मगर चलना तो हर हाल में है , तो हम चलेंगे , हम चलेंगे || 

 

राहों के काँटे चुन लेंगे अपने हाथों से ,

साफ कर लेंगे अपना रास्ता ,

राहों के अँधियारे में एक दीपक जलाकर ,

उजियारा करेंगे अपना रास्ता ,

और फिर दोस्तों हम चलेंगे ही नहीं ,

दौड़कर करेंगे पूरा अपना रास्ता  || 

 

 

Monday, June 2, 2025

PAAYAL ( JALAD AA )

 

                          पायल  

 

आने दो हवाओं को , खोल दो खिड़कियाँ सारी ,

छाने दो घटाओं को , चमकने दो ये दामिनी ,

दामिनी चमकेगी , तभी तो सब की आँखें चमकेंगीं  || 

 

बरसने दो रिमझिम बारिश को ,

आँगन में पानी भरने दो , बच्चे खेलेंगे ,

तैरने दो कागज की , कश्तियों को पानी में ,

याद कर लो तुम  भी , अपने  बचपन को  || 

 

इसी बरखा से तो , जिंदगी पनपेगी ,

इसी बरखा से तो , नदिया छलकेगी ,

इसी बरखा से तो , बगिया महकेगी ,

इसी बरखा से तो , पायल छनकेगी   || 

 

इन्हीं हवाओं में , इन्हीं घटाओं में ,

इन्हीं बरसातों में , इन्हीं कश्तियों में ,

इन सभी में ,संगीत के सुर सजते हैं  ,

इन सभी में , सभी के दिल धड़कते हैं  || 

     

 

Sunday, June 1, 2025

PARIVARTAN ( KSHANIKAA )

 

                                     परिवर्तन 

 

किसी के किए गलत व्यवहार को ,  

भूल जाओ याद मत रखो दोस्तों ,

अपने मन को शांत रखकर काम करो ,

विचारों को उबलने मत दो दोस्तों  || 

 

विचारों के सैलाब में , बदले की भावना मत लाओ दोस्तों ,

उसकी जगह परिवर्तन लाने की ,कोशिश करो दोस्तों ,

परिवर्तन अपने विचारों में ,परिवर्तन अपने जीवन में ,

जब सफलता पा जाओ , तुम मुस्कानें पा जाओगे दोस्तों  || 

 

अपने विचारों की जगह ,जब मुस्कानें पाओगे ,

तब तुम जीवन सुखी बनाओगे दोस्तों ,

सुखी जीवन ही तो ,स्वस्थ और मस्त रहने का रास्ता है ,

उसी रास्ते पर चलते जाओ ,और मंजिल पा जाओ  दोस्तों  || 

 

  

Saturday, May 31, 2025

AANGAN MEY ( RATNAAKAR )

 

                               आँगन में 

 

आजा रे सागर आ , मेरे आँगन में बस जा ,

तू तो मेरा दोस्त है , अपनी लहरों को संग ला  || 

 

जीवन में  हम साथ रहें ,प्यार के बंधन में बँधे रहें ,

लहरें तेरी मुस्काती रहें , मुस्कानें बिखराती रहें  || 

 

तू ही है रत्नों की खान , रत्नाकर है तेरा नाम ,

आजा अब तू मेरे , आँगन में बना अपना धाम  || 

 

तू तो सागर जल ही जल , दुनिया का जीवन दाता ,

दुनिया वाले खड़े छोर पर , कोई नहीं पार पाता  || 

 

आजा , आजा , आजा रे , प्यार का बंधन बाँध ले रे ,

जीवन सब का साथ रहेगा , साथ - साथ चलता रहे रे  || 

 

कर्मों से भरी इस दुनिया में , प्यार , दोस्ती बनी रहे ,

इसी तरह जीवन का , लेखा - जोखा भी भरा रहे  || 

 

Friday, May 30, 2025

SUKHII RAHOGE ( KSHANIKAA )

 

                                    सुखी रहोगे


प्यार करते रहो दोस्तों , मगर एक सीमा में , 

अति बुरी होती ,

भरोसा करते रहो अपनों पर , मगर एक सीमा में ,

अति बुरी होती ,

उम्मीदों का दमन मत पकड़ो दोस्तों ,सिर्फ सीमा में ,

अति बुरी होती  || 

 

किसी से भी लगाव इतना मत रखो ,जो बिछुड़ने पर दुःख हो ,

जिंदगी के लम्हें हैं दोस्तों , किसी भी करवट को ले सकते हैं ,

बस अपनी मुस्कुराहटें , सदा बहार रखो दोस्तों  || 

 

बीते कल की यादें , कुछ ही याद रखो ,जो मुस्कानें दें ,

आज को हमेशा पकड़े रहो , आज ही जीवित होता है ,

आने वाले कल की चिंता मत करो ,तुम्हारे हाथ में नहीं है ,

भविष्य की चिंता ना करो , तो सुखी रहोगे ,सुखी रहोगे  || 

 

Thursday, May 29, 2025

BHOOL - BHULAINYAA ( JIVAN )

 

                         भूल - भुलैंया 


जीवन है एक भूल - भुलैंया यारा , जीवन है यारा ,

जग में जब हमने जन्म लिया ,माता -पिता के प्यार में खोए ,

थोड़े बड़े होने पर , खेलों की नगरी में खोए  || 

 

पढ़ने जाने के लिए , गुरुओं के ज्ञान में खोए ,

ज्ञान मिला हमको उनसे , उस ज्ञान - गंगा में खोए ,

संगी - साथियों का खेल निराला , हँसी - ख़ुशी से उसमें खोए  || 

 

जीवन साथी के साथ चले , तो बच्चों की किलकार में खोए ,

उनका जीवन बढ़ने लगा जब , तो खुशियों की खनकार में खोए ,

चलते - चलते हम पहुँच गए , जीवन की मंझधार में खोए  || 

 

आगे बढ़ता चला है जीवन ,पहुँचे जीवन की शाम में खोए ,

अब आगे जो कदम बढ़ेगा , पहुँचेगा कान्हा के धाम में खोए ,

तो समझ गए ना , आप भी दोस्तों ,

जीवन है एक भूल - भुलैंया यारा , जीवन है यारा  || 

 

Wednesday, May 28, 2025

JANJAAL ( JIVAN )

 

                                        जंजाल 


हमारे हालातों के जंजाल को , सभी ने मिलकर उलझा दिया ,

किसी  ने भी  उसमें से ,निकलने का मौका नहीं दिया ,

कैसे करते  ? क्यों करते  ?  उन्हीं का किया ये जंजाल था  || 


जिंदगी की राहें सीधी तो नहीं थीं , मगर इतने मोड़ भी नहीं थे ,

फिर किसने ये राहें मोड़ दीं , सीढियाँ उनमें जोड़ दीं ,

हम एक सीढ़ी से ऊपर चढ़ते हैं , तो दूसरी से नीचे उतरते हैं  || 

 

लगता है ये सीढियाँ नहीं , पहेलियाँ हैं , एक का हल मिला ,

तो दूसरी ने उलझा लिया , दूसरी का हल मिला ,तो तीसरी तैयार थी ,

अब कहाँ तक जाकर , ये उलझन - सुलझन बनेगी ? हमें समझेगी  || 

 

क्या आप बता सकते हैं दोस्तों  ? 

हमें कब सीधी राह मिलेगी  दोस्तों ? 

जो हमें हमारी , मंजिल तक ले जाएगी  दोस्तों  || 

 

Saturday, May 24, 2025

KHAALII DIMAAG ( JIVAN )

 

                         खाली दिमाग 


अपना दिमाग एक बगीचा है दोस्तों ,

बीज डालो सुंदर विचारों के ,

सुंदर फूलों से भर जाएगा बगीचा ,

महक से भर जाएगा बगीचा  || 

 

इस बगीचे को खाली मत छोड़ना दोस्तों ,

अगर खाली छोड़ा तो ,

उसमें गलत - सलत सोच - विचार की , घास उग आएगी  || 

 

खाली जमीन की तरह , ये दिमाग का खाली बगीचा भी ,

शैतानी विचारों और दूसरों के लिए ,

हानिकारक भावनाओं से भर जाएगा  || 

 

और ये ऐसे और ये , भावनाएँ दूसरों को ही नहीं ,

आपके स्वयं के लिए भी ,हानिकारक सिद्ध हो जाएँगी ,

आपका सुख और चैन , सब खो जाएगा ,

इसलिए दिमाग के बगीचे में ,

सोच - समझ कर ही बीज डालें  || 

 

Friday, May 23, 2025

VYAVHAAR ( SAMAJIK )

 

                               व्यवहार 


किताबों से जो मिलता ज्ञान , वह हम भूल भी सकते हैं ,

जो जीवन से हमें मिलता है , वह हम भूल नहीं सकते हैं ,

तो आप कौन सा ज्ञान चाहते हैं दोस्तों  ?? 

 

दूसरों से मिला हर व्यवहार , हम कर सकते हैं सहन ,

चाहे वह अच्छा या बुरा , कुछ भी हो दोस्तों ,

अच्छे व्यवहार से हम , परेशान नहीं खुश होते हैं ,

मगर बुरा व्यवहार हमें ,परेशान कर जाता है  || 

 

बुरा व्यवहार दूसरों का हो , सहन भी हो जाता है ,

मगर अपनों का हो व्यवहार बुरा , तो हम संभल नहीं पाते हैं  ,

ऐसे में हम क्या करें  ? क्या कोई रास्ता है इसके लिए  ? 

क्या कोई रास्ता दिखा सकता है दोस्तों  ?? 

 

SUKH ORR DUKH ( JIVAN )

 

                         सुख और दुःख 


हमारे दोनों पैर सुख और दुःख , का रूप हैं दोस्तों ,

चलते हुए कभी सुख आगे आता है , और कभी दुःख ,

जीवन में यह चक्र , चलता रहता है दोस्तों  || 

 

कभी भी हमें सुख में , प्रसन्नता में डूबना नहीं चाहिए ,

और दुःख में निराशा के , सागर में डूबना नहीं  चाहिए ,

दोनों परिस्थितियों में संतुलन , बनाए रखना चाहिए  || 

 

तभी जीवन संतुलित रह पाएगा दोस्तों ,

क्योंकि हम चाहें या ना चाहें ,

दोनों परिस्थितियाँ तो आएँगी ही ,

और हमें हर  परिस्थिति को , स्वीकार करना ही चाहिए  || 


Wednesday, May 21, 2025

PAISAA PURAAN ( DOHAA )

 

                        पैसा पुराण 


पैसा सब को चाहिए ,मगर जरूरत जोग ,

मत जोड़ो अनगिनत तुम , कर ना सकोगे भोग  || 

 

पैसे से खाना मिले , मिल ना सकेगी भूख ,

चाहे खाओ पूरी हलवा ,  चाहे पी लो जूस  || 

 

पैसे  से बिस्तर मिले , मिल ना सकेगी नींद ,

मेहनत करके देखिए , खिल जाएगी नींद  || 

 

पैसे से पुस्तक मिले , मिले ना बंधु ज्ञान ,

जो गुरु मिल जाए आपको , मिल जाएगा ज्ञान  || 

 

पैसे से सुविधा मिले , मिले ना बंधु चैन ,

प्यार सभी से कीजिए , पा जाओगे चैन  || 

 

Monday, May 19, 2025

SATYA OR ASATYA ( KSHANIKAA )

 

                      सत्य और असत्य 


   सत्य ने कहा एक दिन  --- आओ मेरे  साथ ,

मेरी राह पर दौड़ लगाओ ,

हम भी हँस दिए --- आते हैं , 

चलो साथ में दौड़ेंगे ,सत्य तुम्हारे साथ ,

हमने हाथ पकड़ा उसका , और चल दिए दोस्तों  || 

 

उसी राह में मिल गए हमें , असत्य महाशय चले आ रहे थे ,

हम दोनों हँस दिए , और  मिलाया उनसे दोस्तों ,

असत्य ने हमसे नजरें चुराईं और ,

 हाथ मिलाने के लिए धन्यवाद दिया  || 


हमने कहा  --- धन्यवाद की जरूरत   नहीं है दोस्त ,

सत्य जरूरी है सबकी जिंदगी में , मगर तुम भी जरूरी हो दोस्त ,

कई बार किसी की मदद की जरूरत में जरूरी हो  || 

 

जब कोई बहुत ज्यादा परेशान हो ,

तो तुम्हारी ही जरूरत होती है ,

कि चिंता मत करो , सब जल्दी ही ठीक हो जाएगा ,

आने वाला समय अच्छा होगा , 

पर हम नहीं जानते , हमने सत्य कहा या असत्य  || 

 

Sunday, May 18, 2025

PAHALII MULAKAAT ( AADHYAATMIK )

 

                              पहली मुलाकात 


श्याम तेरी पहली मुलाकात , कैसे हुई राधा से  ?

श्याम तेरी पहली बात , कैसे हुई राधा से  ? 

कान्हा क्या तूने कहा तब , राधा से   ?? 


मीरा ने जब तुझको माना , अपना सब कुछ ,

तब क्या तूने माना उसको , अपनी सच्ची भक्तिन  ?

बोलो कान्हा , कुछ तो जवाब दो मुझको , 

मैं भी जानूँ , क्या होती है पहली मुलाकात  ?? 


मैं भी कोशिश कर देखूँ , करने की तुमसे मुलाकात ,

जीवन को अपने मैं भी बनालूँ , सुंदरतम ,

तुमसे कर एक मुलाकात , पहली मुलाकात  || 

 

LEN - THEN ( THOHA )

 

                    लेन - देन 


टूट के कोई ना जुड़ सके , टूटा पत्ता ना शाख सजाय ,

टूटने के बाद तो पत्ता , पवन संग उड़ जाय  || 

 

कटी शाख जो पेड़ की ,नई शाख उग आय ,

जो जड़ कट गई पेड़ की , पेड़ ही सूखा जाय  || 

 

खुश्बु उड़ी जो फूलों से , फूलों में फिर ना आय , 

भले ही वह प्यारी खुश्बु , सारा चमन महकाय  || 

 

तितली बैठी जो फूल पर , रस सारा पी जाय ,

बदले में कुछ भी ना दे , पर चमन रंगीन बनाय  || 

 

मधु मक्खी करतब करे , फूलों का रस ले आय ,

उस रस से वह तो , खुद ही शहद बनाय  || 

 

Saturday, May 17, 2025

SAPNE OR YAADEN ( KSHANIKAA )

 

                          सपने और यादें 


जिंदगी ने बिखरा दिए , सभी रंग खुशियों के ,

समेट ना पाए हम ,रंग अपने सपनों के ,

नींद टूटने पर , सभी सपने बिखर गए  || 

 

सपनों में हम दुनिया घूमें , सुंदर - सुंदर जगहों के मंजर ,

बस गए हमारी आँखों में , खो गए हम उस सुंदरता में ,

एक विचार दिमाग में घूमता रहा ,

जो जगह हमने घूम लीं हैं , वो याद रहनी चाहिएँ  || 

 

कम से कम यादों में तो ,मुस्कानें बसी रहें ,

ये यादें ही तो , जीवन की पूँजी हैं ,

जो दिल को खुश बनाए रखती हैं ,

इन्हीं का सहारा है , 

जो हम जीवन यात्रा में , आगे बढ़ते रहें  || 

 

सपने और यादें आपस में , उलझ कर ही ,  

हमारे होठों पर मुस्कान आ सकती है ,

तो दोस्तों होठों की मुस्कान के लिए ,

सपनों और यादों का होना जरूरी है  || 

 

Tuesday, May 13, 2025

RANG SAMAY KE ( KSHANIKAA )

 

                                रंग समय के 


जीवन तो दोस्तों , समय का बनाया हुआ खेल है ,

जिसमें समय के साथ लगा , काँटा चलता रहता है ,

साथ ही समय खुद भी ,बीतता रहता है ,ठहरता नहीं  || 

 

समय के रंग भी बदलते जाते हैं , एक समान नहीं रहते ,

कभी चमक लिए समय आता है , कभी कुछ पल बेरंग रह जाते हैं ,

कभी मुस्कानें बिखरा जाता  है  , कभी कुछ उदासियाँ  || 


समय के हर रंग को अपना लो ,उसी के रंग में खुद को ढाल लो ,

समय का पहिया ही जीवन चलाता है , उसमें रंग भरता है  || 

 

समय ही  जीवन  का आईना है , जो जीवन की सच्चाई दिखाता है ,

चाहे वह खुशी हो , या वह उदासी हो  || 

UDGAAR ( KHANIKAA )

 

                                   उद्गार 


किताबें हैं हमारी दोस्त ,किताबों के हम हैं दोस्त ,

पढ़ना बहुत जरूरी है दोस्तों , ज्ञान का भंडार किताबें हैं ,

साथ ही प्यार का आगाज किताबें हैं , होठों की मुस्कान किताबें हैं  || 

 

कलम जो थामों हाथों में , दिल के उद्गारों को कहने का ,

रास्ता तो दोस्तों ,यही कलम ही तो है ,

कलम ही तो शब्दों का , भंडार  है  दोस्तों  || 


दिल में उगता प्यार है , दिल में पनपता प्यार है ,

मगर दिल की जुबां नहीं होती , वह बोल नहीं पाता ,

कलम ही प्यार के , शब्दों को जाहिर कर पाती है दोस्तों  || 

 

तो चलो दोस्तों , कलम का सहारा लेकर ,

लिख डालो दिल की , बातों को कोरे कागज पर ,

और ले आओ अपने  और  , अपनों के होठों पर मुस्कानें  || 


Sunday, May 11, 2025

EIHSAAN ( JIVAN )

 

                         एहसान 


ये जिंदगी तो कर्ज है हम पर ,  उतर जाएगा एक दिन ,

साँसें भी तो कर्ज ही हैं , वो भी ठहर जाएँगी एक दिन ,

ये कर्ज है बंधु , एहसान नहीं है ,

ये प्यार है ईश्वर का , जो उसने हमें दिया  || 

 

उसका दिया यह तोहफा जिंदगी का ,

उसका दिया प्यार और कर्ज तो ,

हम वापस करेंगे ,भक्ति से ,  आराधना से ,

अपनी जिंदगी से और अपनी साँसों से  || 

 

अगर अहसान होता तो , क्या हम लौटा पाते  ? 

नहीं , नहीं , हम ऐसा नहीं कर सकते थे ,

 एहसान तो ऐसी चीज है ,जो उतारा ना जा सके ,

एहसान हमारे ऊपर ऐसा असर छोड़ता है ,

जिसे हम किसी भी सूरत में नहीं उतार सकते  || 

 

 

Saturday, May 10, 2025

MAA OR MAMATAA ( JIVAN )

 

                            माँ और ममता 


माँ ने जीवन दिया हमें , ममता का  सागर साथ दिया ,

हर दिन उन्हीं के प्यार में , डूबकर जीवन बिता दिया  || 


वह जननी थीं हमारी , अब वो हैं परमात्मा के घर ,

अब तो दोस्तों जलता है , उनकी यादों का दीया  ||  


यह धरती माँ भी तो , हमारी माता है ,

इसी के खजाने से तो ,हमारा जीवन परवान चढ़ा  || 

 

पूरे जीवन की हँसी - ख़ुशी , सभी तो माँ से थी ,

जननी माँ और धरती माँ , दो - दो माँ का प्यार हमें मिला   || 

 

Friday, May 9, 2025

GHUMSHUDAA DIL ( KSHANIKAA )

 

                               गुमशुदा दिल 


दिल हमारा खो गया है कहीं , कोई अता - पता ही नहीं ,

यहाँ ढूँढा , वहाँ ढूँढा , मगर मिला ही नहीं कहीं ,

दुनिया के टेढ़े - मेढ़े रास्ते , कैसे ढूँढू मैं कहाँ  ?? 

 

भोला सा मेरा दिल , हो गया कैसे गुम  ? 

बताए कोई कहाँ लिखाऊँ ? मैं उसकी रपट ,

कौन करेगा मदद मेरी ? किस राह में , दिल दौड़ा सरपट  ?? 

 

कोई लाए  दिल को  वापस , कहीं से भी ढूँढकर ,

सारे अरमान तो दिल में ही हैं , वहीं पर तो वो जगे थे ,

जगने के बाद हमारे दिल में ही , वो सब पले थे ,

अब हो जाएँ वो पूरे , मेरे सारे अरमान ,

गुमशुदा मेरा दिल ना जाने , कहाँ खो गया  ?? 

 

Thursday, May 8, 2025

UPHAAR ( PREM )

 

                              उपहार

 

प्यार होता है जीवन में , एक बार दोस्तों ,

नजरें होती हैं चार जीवन में , एक बार दोस्तों ,

जीवन साथी मिलता है जीवन में , एक बार दोस्तों ,

जीवन की राहें भी पार होती हैं , एक बार दोस्तों  || 

 

जीवन के पार जाने पर , फिर राह नहीं मिलती दोस्तों ,

लौट कर उन राहों पर , नहीं  आ सकते दोस्तों ,

फिर से प्यार नहीं , मिल सकता है दोस्तों  || 

 

जीवन के  पार तो ,परमात्मा ही मिल सकता है दोस्तों ,

उस परमात्मा का प्यार ,हमारे जीवन के लिए ,

तो एक सुंदर उपहार है , इससे सुंदर ,

तो जीवन में कुछ  भी नहीं है दोस्तों   || 


Wednesday, May 7, 2025

ARPAN ( DESH )

 

                                  अर्पण 


देश के वीर जवानों , तुम तो देश की शान हो ,

ये देश जिंदा है तुमसे , तुम तो देश की जान हो  || 

 

तुम ही देश के रक्षक हो , भगा देते हो देश के भक्षक को ,

आज हम तुम को दे  रहे , अपने दिल से सम्मान को  || 


तुम सब हो ही सम्मान के काबिल , भारत माता के बेटे हो ,

जीवन अर्पण करते हो , अपनी भारत माता को  || 

 

भारत माता ही तो ,पालन करती है सबका  ,

हम भी तो उन्हीं की संतान  हैं , और नमन करते हैं  || 


आज तुम्हारे साथ मिलकर , उनकी पूजा करते हैं  ,

भारत भूमि है जन्म भूमि हमारी , इसी से हम जन्में हैं  || 

 

इसी ने हमको पाला है , हर जरूरत है करी पूरी ,

इसका दिया जीवन तो दोस्तों , इसी को हम करते अर्पण  || 

 

Tuesday, May 6, 2025

DOST SIRF SHBD NAHIN ( KSHANIKAA )

 

                             दोस्त सिर्फ शब्द नहीं

 

तुम दोस्त मेरे हो , मैं दोस्त हूँ तुम्हारी ,

जिंदगी है हमको , हर चीज से भी प्यारी ,

दोस्त सिर्फ शब्द ही नहीं ऐसा , जो मुस्कान होठों पे लाए ,

दोस्त रिश्ता ही है ऐसा , जीना - मरना जो सिखाए  || 

 

ये रिश्ता कोई शब्द नहीं है दोस्तों ,  जो मिट जाए ,

ये रिश्ता कोई उम्र का आँकड़ा नहीं है , जो कम होता जाए ,

ये रिश्ता तो जिंदगी है दोस्तों , अगर इसे जी लिया जाए ,

तो ये रिश्ता होठों पे , मुस्कानें बिखरा जाएगा  || 

 

इस रिश्ते को पूरी तरह से , निभा लो दोस्तों ,

इस रिश्ते को यादों में बसा लो दोस्तों ,

तभी तो यह जिंदगी के हर पल में , सुकून दे जाएगा ,

हर पल साथ निभाएगा  || 

 

Monday, May 5, 2025

BHULAANAA MAT ( KSHANIKAA )

 

                                 भुलाना मत 


समय की कीमत ,हर कोई नहीं जानता ,

और व्यर्थ में समय बिताय , जो जाने यह कीमत ,

वही तो उसे ,सच में अपनाय  || 

 

समय का मोल , अमोल है ,व्यर्थ ना उसे बिताओ ,

मुस्कानों में डूब के , कुछ बाँट दो दूजों में ,

कुछ में खुद खिल जाओ  || 

 

दूजों की मुस्कानें देखोगे , तुम भी खुशियाँ पाओगे दोस्तों ,

यही तो राह जीवन की तुमको ,

मंजिल तक पहुँचाएगी दोस्तों   || 

 

हर खुशी को समेट कर ,उसके पैकेट बना लो दोस्तों ,

अपने सभी मिलने वालों को , एक -एक पैकेट बाँट दो दोस्तों  || 


ये बातें तुम याद रखना , भूल मत जाना दोस्तों ,

भुला मत देना दोस्तों , भुला मत देना   || 

 


Sunday, May 4, 2025

MUSKURAANE KII VAJAH ( PREM )

 

                       मुस्कुराने की वजह 


जिंदगी जीने की वजह तुम हो , मुस्कुराने की वजह तुम हो ,

इस दुनिया में रहने की वजह क्या थी ? शायद तुम ही हो ,

तुमसे मिलने की वजह क्या थी ? शायद तुम ही हो  || 

 

एक - एक करके दोस्त बनते गए हमारे , शायद तुम ही हो ,

महफिलें दोस्तों की सजती गईं , वजह तो तुम ही हो ,

विचारों की उलझनों को सुलझाया गया , वजह तुम ही हो ,

क्यों कि उलझनों का एक सिरा खोजा किसने ? तुमने ही  || 


राहों को जगमगाया गया , वजह तुम ही हो ,

हमारे तो गुनगुनाने की वजह , भी तो तुम ही हो ,

सच में दोस्तों ,इन सब बातों की  ,वजह तुम ही हो ,

तुम ही तो हो , तुम  ही तो हो  || 

 

 

Saturday, May 3, 2025

SANDES - SANDES ( CHANDRAMAA )

 

                              संदेस  - संदेस 


चंद्रमा ने  भिजवा दिया है , अपना संदेस मेरे नाम ,

मैं भी भिजवा रही हूँ , संदेसा उसके नाम ,

चंदा की चाँदनी जब , चमकाती है धरा को ,

धरा  की तो देखो , खिल उठती है मुस्कान  || 

 

संदेस चाँद का पढ़कर , मैं जो मुस्काई ,

चंदा के भी मुख पर देखो , मुस्कान है खिल आई ,

मुझे तो ऐसा , अहसास हुआ है जैसे ,

मैं चंदा के घर , चंदा से मिल आई  || 

 

काश हम दोनों के ,संदेस यूँ ही चलते रहें ,

हम दोनों के बीच का , प्यार यूँ ही पलता रहे ,

जीवन की खुशियों का झूला , ऐसे ही झूलता रहे ,

काश ये लम्हें ऐसे ही तो , प्यार में डूबकर ,

पूरी मानवता में खुशियाँ , फैलाते रहें  ||  

Friday, May 2, 2025

SANDESAA ( JALAD AA )

 

                              संदेसा  


भेज दे बदरा अपना संदेसा , बूँदों में लिखकर ,

उन बूँदों में लिखा संदेसा , पढ़ लेगा हर कोई  || 

 

बूँदें छम - छम करती आएँगी , लेकर तेरा संदेसा ,

हर किसी के पास पहुँचेगा , बदरा तेरा संदेसा  || 

 

चमक दामिनी बिखराएगी , ऊपर से ही धरा पर ,

सभी चौंक कर देखेंगे , चमक दामिनी की धरा पर  || 

 

बदरा के कजरारे रूप में , जब चमकेगी दामिनी ,

तभी धरा पर फैल जाएगी , चमकीली रोशनी  || 

 

खुश हो जाएँगे धरावासी , देखकर ये सब ,

बच्चे तो खुश होकर , कागज की नाव चलाएँगे ,

बदरा भी तो खुश होगा , भेज अपना संदेसा ,

इसी तरह वो सब के साथ , अपनी खुशियाँ बाँटेगा  || 

 

Thursday, May 1, 2025

SAAYAA APNAA ( JIVAN )

 

                              साया अपना 


सोच ने हमारी एक मोड़ लिया दोस्तों , 

हमारे अपने बहुत से हैं , हमारी इस सोच की ,

 कि हमारी राहें बहुत सी हैं दोस्तों ,

मगर एक दिन हमें कुछ अजीब सी , सोच आई दोस्तों ,

पलट के हमने देखा दोस्तों , वहाँ कोई नहीं था दोस्तों  || 

 

पीछे हमें दिखाई दिया सिर्फ , अपना साया दोस्तों ,

वही तो सच में अपना है दोस्तों , बाकि कोई नहीं ,

हमारा साया कभी भी , अपना साथ नहीं छोड़ता दोस्तों ,

तो सोच लो आप भी दोस्तों ,साया ही हमारा सच्चा साथी है  || 

 

हमारा साया है दोस्तों ,जो जीवन भर का साथी है ,

हमारे मुड़ने पर ही , वह हमें ,

दिखाई देता है , दिल खुश कर देता है  || 

 

 

Wednesday, April 30, 2025

SANDES ( RATNAAKAR )

 

                                  संदेस 


सागर भिजवा दे संदेसा ,अपनी लहरों के हाथ ,

मैं लेकर तेरा संदेसा , भिजवा दूँगी अपना भी  ,

आऊँगी मैं तेरे घर पकड़ के , लहरों का हाथ  ,

तेरी लहरें ही देती हैं सागर , मुझको भी अपना साथ  || 

 

तेरे घर में तो जल ही जल है सागर ,

मगर ये लहरें मुझे नहीं डूबने देतीं ,

ये तो उनका प्यार है सागर ,

जो वो मेरा ,साथ हमेशा देतीं  || 

 

सागर तेरे रत्नों का खजाना , तेरा नाम बदलता ,

सागर की जगह तेरा ही नाम ,रत्नाकर है होता ,

हर दिन ही सागर , तू  करता है प्यार मुझे ,

हर दिन ही सागर , मैं करती हूँ प्यार  तुझे ,

इसीलिए सागर हम दोनों ,भेज सकते हैं अपना संदेसा  || 

 

Tuesday, April 29, 2025

ROBOT ( SAMAJIK )

 

                                     रोबोट 


बनाया रोबोट मानव ने , मशीनी ज्ञान के जरिए ,

ये रोबोट था निर्जीव , नहीं थे प्राण शरीर में इसके || 

 

मगर ईश्वर ने जो रोबोट बनाया , वह सजीव था ,

मानव ही वह रोबोट था  , जो दिन - दिन बढ़ता था  || 

 

ईश्वर का बनाया मानव , जो खाता था , पीता था ,

आकार  में बढ़ता जाता था , गाता था , मुस्कुराता था || 


इस रोबोट ने अपनी एक , नई दुनिया बनाई थी ,

जिसमें इसने हर आराम की , सुविधा जुटाई थी  || 

 

मगर इसने ईश्वर की बनाई , सुंदर दुनिया को ,

टुकड़ों ,खंडों में बाँट दिया , और सरहदों में बाँध दिया  || 

 

Monday, April 28, 2025

IISH NEY ( AADHYAATMIK )

 

                                    ईश ने 


क्यूँ ईश तुमने हमें भेजा  ? दुनिया में ,

क्या देकर तुमने हमें भेजा  ? दुनिया में ,

क्या किस्मत लिखी है हमारी  ? दुनिया में ,

क्या कर्म होंगे हमारे  ? दुनिया में  || 

 

कुछ तो निर्देश दिए होंगे , ईश तुमने ,

कुछ कर्म तो हमारे लिए चुने होंगे  , ईश तुमने ,

उन कर्मों को करने का तरीका बताया होगा ,ईश तुमने  || 

 

जीवन तो दिया है इंसान का , दुनिया में ,

दो हाथ दिए हैं तुमने कर्म के लिए , दुनिया में ,

समझने के लिए दिमाग भी दिया तुमने , दुनिया में  || 

 

प्यार करने के लिए दिल दिया है , ईश तुमने ,

मुस्कानें दी हैं बाँटने के लिए , ईश तुमने ,

समझो सभी बातों को और , समझाओ दूसरों को भी ,

ये सारी बातें ,जो दी हैं ईश ने तुम्हें  || 

 

Sunday, April 27, 2025

KABHII NAHIN ( KSHANIKAA )

 

                             कभी नहीं 


दिया हमने सारा प्यार , अपनों को ,

लुटा दिया हमने सब कुछ ,अपनों को ,

भूल गए हम  खुद को , उनके जीवन को बनाने में ,

हम अपने जीवन को ,मगर दोस्तों नहीं पा सके ,

उस राह पर चलकर , खुद को भी ,ना दूजों को  || 

 

जिंदगी के इस अंजाम को , सहन करने की शक्ति ,

हमारे अंदर नहीं है दोस्तों ,क्या हम गलत थे ? क्या ये अंजाम सही है ?

आपकी क्या सोच है ? ये दुनिया का दस्तूर है ,

दूसरे  की भावनाओं से खेलने का , 

अपनी - अपनी ही सोच है सब की  || 


कोई दूसरे के बारे में नहीं सोचता ,

अपनी जरूरतों को पूरी करना ,सभी चाहते हैं दूजों की नहीं ,

हमने जो अपनों के बारे में सोचा ,वो हमारे ,

अपनों की सोच नहीं है , तो अब हम क्या कर सकते हैं  ?? 

 

क्या समय - चक्र को वापस लौटाया जा सकता है  ?

बताओ दोस्तों , नहीं , नहीं ! कभी नहीं   ||  


Saturday, April 26, 2025

VAIGYAANIK PRAYOG ( JIVAN )

 

                          वैज्ञानिक प्रयोग 


एक विषय विज्ञान है , पढ़ाया जाता है गुरुओं द्वारा ,

कुछ पुस्तकों द्वारा पढ़ाया जाता , 

कुछ प्रयोगों द्वारा सिखाया जाता ,

प्रयोगों द्वारा सीखने की गति , मानो दौड़ लगाती है  || 

 

मानव ने किए प्रयोग भिन्न - भिन्न राह में , प्राकृतिक क्षेत्र में ,

फलों और फूलों की विभिन्न किस्में उगाईं , 

सुंदरता और स्वाद बढ़ाए ,

अन्न ,दाल ,मसाले सभी का संसार बढ़ा ,मानव की रसोई चमकी || 

 

ऊँचे - ऊँचे घर ,टी. वी. ,ए.सी. ,सिनेमा घरों से ,बढ़ा आराम , मनोरंजन ,

यातायात के साधन बढ़े ,फैशन बढ़ा , साथ - साथ ही दोस्तों ,

धरती से दूसरे ग्रह पर भी पहुँचा मानव , प्रयोगों द्वारा ,

चंद्रयान ,मंगलयान बनाए और चाँद ,मंगल पर पहुँचे यान  || 

 

स्वास्थ्य की रक्षा के क्षेत्र में ,प्रयोगों द्वारा विजय भी पाई मानव ने ,

दवाएँ ,मशीनें जिनसे रोगों को दूर भगाया गया ,

मगर दोस्तों कुछ प्रयोग हानिकारक भी किए गए ,

हथियारों को बनाया गया ,बम बनाकर मानव का संहार किया गया ,

जंगल काटे गए ,जिससे अकाल  और बाढ़ आए ,

ये सभी विपदाएँ भी मानव की खुद की बुलाईं हुई हैं  || 

 

Friday, April 25, 2025

BHAROSAA ( KSHANIKAA )

 

                             भरोसा 


किसका करें भरोसा  ? कौन भरोसे राम  ? 

क्या कोई ले सकता है  ? गारंटी भरोसे राम की ,

आज के समय में नहीं कोई  , लायक भरोसे के ,

तो दोस्तों नहीं कोई ले सकता है , किसी की गारंटी ,

क्यों कि कोई है ही नहीं ,भरोसे लायक  || 

 

इसी कारण ये पवन , ये प्रकाश ,ये जल ,

खो बैठें हैं अपना भरोसा ,

कब पवन आँधी , तूफान का रूप ले  ?

कब  सूर्य का प्रकाश , तेज ज्वलनशील तापमान बन जाए  ?

कब ये जल कहर बनकर , बाढ़ का रूप ले  ?

और सब कुछ अपने अंदर डुबा दे  || 

 

मगर दोस्तों ये सब कुछ , मानव का ही किया धरा है ,

जंगल काट - काट कर उसी ने ,प्रकृति को बर्बाद किया है ,

अब उसी का बदला जंगल ले रहा है ,

और मानव को परेशान कर रहा है  || 

 

Thursday, April 24, 2025

CHAHAKANE DEY ( KSHANIKAA )

 

                            चहकने दे 


बड़े अवसर हमेशा नहीं आते ,

बड़ी खुशियों का डेरा , सदा नहीं लगता ,

छोटी - छोटी खुशियों को ,अपने आँचल में समेट लो  || 

 

उन्हीं में छिपीं हैं मुस्कानें , जीवन की चाहतें ,

उन्हीं से जीवन को , खुशनुमा बना लो ,

जिंदगी को महकता ,चमन बना लो ,

उसी चमन में जीवन को सजा लो , प्यार के पलों से  || 

 

तितलियाँ उस चमन को , रंगों से भर देंगी ,

अपने पंखों की सरसराहट से भर देंगी ,

तू जरा उनको उस सरसराहट की , आजादी तो दे ,

वो तेरे होठों पे मुस्कुराहटें , भी ला देंगी  || 

 

आज मौका  है , ना बाँध पंखों को धागे से ,

ना रोक फूलों की महक को , चमन को उजाड़ के ,

सारे जग को महकने दे , पंछियों को चहकने दे ,

तभी तो जग महक जाएगा , खिलखिलाएगा ,

तो जग को खिलखिलाने दे   || 

 

Wednesday, April 23, 2025

DHARAA ( KSHANIKAA )

 

                                  धरा 


रवि - किरणों का उतरा जाल , धरा पर ,

धरा पे सजाया जीवन ,किरणों ने ,

सजीव हो गई धरा , जीवन से ,

धरा ने उस  जीवन को पनपाया , अपने खजाने से  || 


धरा के अंदर छिपा खजाना , बाहर आया ,

भिन्न - भिन्न रूपों में , जीवन बढ़ चला ,

जीवन ने स्वयं को बढ़ाया , अलग रास्ते पर ,

धरा का अनमोल खजाना , खाली कर दिया  || 

 

धरा भी जब खजाना लुटा चुकी , तो सख्त हुई ,

उसने लेना शुरु किया बदला , उथल - पुथल मची ,

धरा हिलने लगी , धरा पर पनपा जीवन काँपा ,

धीरे - धीरे जीवन परेशान हुआ , और दोष धरा को दिया  || 

 

मगर क्या यह धरा का , दोष है दोस्तों  ?

ये तो उस जीवन के , कर्मों का परिणाम था ,

जो उस जीवन ने , बिना  सोचे - समझे किए  || 


Tuesday, April 22, 2025

CHINGAAREE ( KSHANIKAA )

 

                                           चिंगारी 


उड़ी जो एक नन्हीं चिंगारी , रोशनी खिल उठी ,

घर के अँधेरे दूर हुए , उजाली जग उठी ,

इसी चिंगारी ने ,जग उजियाला बनाया ,

जब इस चिंगारी को , रवि ने धरा पर सजाया  || 

 

इसी चिंगारी को जब , चूल्हे में जगाया गया ,

तब दोस्तों इसी चिंगारी से , भोजन को पकाया गया ,

ये चिंगारी जब मानव के , पाचन - तंत्र में जागी ,

तभी  तो मानव के पाचन -तंत्र में , पाचन - शक्ति जागी  || 

 

इसी चिंगारी से तो मानव ने , रेलगाड़ी को चलाया ,

बढ़ाते - बढ़ाते देश में ,रेलगाड़ी का जाल  फैलाया ,

यातायात जितना बढ़ा , उन्नति देश की हुई  ,

साधन जब बढ़ गए , तो देश की गति भी बढ़ गई  || 

 

इन सबसे अलग मानव ने , गलत राह जब अपनाई ,

इसी चिंगारी से मानव ने ,नई खोज अपनाई ,

बम का आविष्कार कर ,मानव ने राह भुलाई ,

मानव जीवन को मौत की , अँधेरी राह दिलवाई  || 

 

Monday, April 21, 2025

PRASHN USKEY ( AADHYAATMIK )

 

                            प्रश्न उसके 


रचा संसार  ये जिसने , नियम भी उसी के चलते हैं  ,

वही रखवाला है संसार का ,कानून भी उसी के चलते हैं ,

परीक्षा भी उसी ने लेनी है , प्रश्न भी वही पूछता है  ,

समय भी उसी ने दिया  , अंक भी वही देता है  || 

 

प्रश्न उसके कठोर हैं , अंक जरा कम ही देता है ,

जरा कोशिश तो तुम करो ,पास वह कर ही देगा  ,

तुम्हारी कोशिशों को वह , नजर अंदाज ना करता ,

इन कोशिशों को ही तो , वह बहुत प्यार करता है  || 

 

जिंदगी दी है जब उसने , वह ही तो उसे चलाएगा ,

तुम्हारे प्यार और कोशिशों को , वह आगे बढ़ाएगा  ,

तुम्हारी इस जिंदगी की राह को , वही तो सजाएगा  || 

 

जान लो तुम उस महाशक्ति को , रचनाकार की ,

डूब जाओ तुम उसके प्यार में , रचनाकार के ,

जान लो तुम उसके प्यार को , रचनाकार के  || 

 

Sunday, April 20, 2025

SUKOON ( KSHANIKAA )

 

                                      सुकून 


जिंदगी में चाहिए जो सुकून , तो शांत रहो ,

जिंदगी में चाहिएँ खुशियाँ , तो मुस्का लो ,

बेचैन रहकर ना सुकून मिलेगा , ना खुशियाँ  || 

 

सुकून और खुशियों से , झोली भर लो अपनी ,

अपनी झोली में से बाँट दो ,कुछ - कुछ दूजों में  ,

जिससे सभी का जीवन भर जाए , सुकून और खुशी से  || 

 

किसी के टेढ़े - मेढ़े प्रश्न का जवाब , मौन है ,

मौन रहोगे तो सामने वाले को , जवाब मिल जाएगा ,

यहाँ तक कि सामने वाला , लाजवाब हो जाएगा  || 

 

कुछ प्रश्न ऐसे होते हैं , जिनके उत्तर देने से ,

अपना और सामने वाले का , सुकून खो जाता है ,

मौन ही सर्वोत्तम उत्तर है  ,तो दोनों ही ,

सुकून और खुशी में , गोते लगा लो  || 

 

Saturday, April 19, 2025

BATAA DO ( AADHYAATMIK )

 

                       बता  दो 


आए हैं हम कहाँ से  ? जाएँगे हम कहाँ  ?

दोनों ही रास्ते नहीं जानते , हम  बप्पा ,

तुम तो जानते हो , बता दो ना तुम बप्पा  || 

 

कहाँ तुम्हारा लोक है  ? कहाँ तुम्हारा धाम  ? 

कौन - कौन रहता है वहाँ  ? बता तो दो ना  बप्पा  ,

सब कुछ तो तुम जानते हो , बता तो दो ना  बप्पा  || 


क्या रंग हैं वहाँ  ? क्या ढंग हैं वहाँ  ?

कुछ हमें भी सिखा दो , हम भी ढलें उसमें  ,

जिंदगी तुमने ही तो दी है , बता तो दो ना बप्पा  || 

 

जीवन मिला हमें तुमसे , तुम में ही समाएगा ,

बीत जाएगा जब जीवन , जब ये बीत जाएगा ,

तभी तो   द्वार  तेरा खुलेगा , तभी प्रवेश होगा ,

जिंदगी की राहें तुमने बनाईं , पार लगा देना बप्पा   || 

 

Friday, April 18, 2025

MAANAVEEYTAA ( KSHANIKAA )

 

                         मानवीयता 


प्रकृति का हर रंग , कभी नहीं बदलता ,

पेड़ - पौधों की अपनी रंगत है ,

फूलों की अपनी रंगत और खुश्बु है ,

फल अपना आकार  ,स्वाद कायम रखते हैं ,

एक मानव ही अपना स्वाद , और रंग बदलता है  || 

 

  नदियों का जल स्वच्छता , और मिठास से भरपूर है ,

सागर अपनी गहराई , और खारापन लिए हुए है ,

झरनों की फितरत भी , अनोखी अदा लिए हुई  है  ,

 सिर्फ मानव की फितरत ही , कड़वाहट और क्रोध से भरपूर है  || 

 

पवन अपनी शीतलता , लिए बहती रहती है  ,

दामिनी अपनी कड़क लिए , चमकती रहती है ,

बरखा धरा और , उस पर बसे जीवन को ,

जीने के सभी साधन ,उपलब्ध कराती है  || 


बस मानव ही प्रकृति का ,

और अपना विनाश करने में लगा हुआ है  ,

अपनी मानवीयता को खत्म करने में लगा है  || 

 

 


Thursday, April 17, 2025

DOSTII ? ( KSHANIKAA )

 

       

                   दोस्ती  ?

 

दोस्ती है क्या  ?  बोलों दोस्ती है क्या  ?

दोस्ती है आईना  , सच ही सदा दिखाए ,

हर रंग का प्यार , जीवन में सजाए  ,

 जीवन की मुश्किलों को , हर बार ये हराए  || 

 

 दोस्ती है क्या  ? बोलो दोस्ती है क्या  ? 

दोस्ती है परछाईं , जो साथ कभी ना छोड़े ,

कैसी भी हो राह  ? ये साथ सदा निभाए ,

हर मुश्किल की घड़ी में , ये हरदम साथ निभाए  || 

 

दोस्ती है क्या  ? बोलो दोस्ती है क्या  ? 

दोस्ती है दीपक , राहें उजली कर जाए ,

हर ओर छाया  हुआ  ,  अँधेरा दूर भगाए ,

अपने दोस्तों की राहें , उजियाले से भर जाए  || 

 

Wednesday, April 16, 2025

ANOKHII CHAAY ( KSHANIKAA )

 

                              अनोखी चाय 


क्या लेकर हम आए  ?  इस दुनिया में ,

किस्मत की कोरी किताब ,लेकर आए ,

क्या लेकर हम जाएँगे  ? इस दुनिया से ,

कर्मों की भरी किताब ,

जो हमारे कर्मों के हिसाब से भरी होगी  || 

 

कर्मों के अनुमान से काम , नहीं चलेगा ,

अनुमान तो केवल , मन की  कल्पना है ,

अनुभव जो होंगे , हमारे कर्मों के ,

 वही हमें अच्छा सबक सिखाएँगे  || 


अच्छे कर्मों का जल लेकर ,

उसमें आत्मविश्वास का दूध मिलाकर  ,

सही सोच की चीनी और ,

भरपूर समय की चाय - पत्ती मिलाकर  ,

चाय बना लो , उसे अपने जीवन में उतार लो ,

तभी जीवन में सफलता की मंजिल मिलेगी  || 

 

MAUN ( KSHANIKAA )

 

                               मौन 


हालात जैसे भी हों दोस्तों , डरना मत ,

कभी भी उदास मत होना दोस्तों ,

होठों पे मुस्कानें सजाए रखना दोस्तों  || 

 

हर हालात , हर राह पार हो जाएगी ,

यदि तुम मुस्कुराओगे ,

मुस्कान ही तो चाबी है , हर ताले की ,

तो मुस्कान से खोल लो , हर ताले को  || 

 

इस दुनिया की बनाई हर राह ,

इस दुनिया वालों के  पैदा किए , हर हालात ,

तुम्हारे दिल को दर्द दें , चाहे जितने ,

मौन रहकर , मुस्कान फैलाकर , 

पार कर जाओ दोस्तों ,हर दर्द , हर उलझन ,

जीवन शांति से भर जाएगा  || 

 

Monday, April 14, 2025

ANMOL ( KSHANIKAA )

 

                         अनमोल 


 नहीं  भाग लो दोस्तों , आलोचना पार्टी में ,

ना करो तुम आलोचना किसी की , ना ही तुम सुनो ,

ये तुम्हारा काम नहीं , ये तुम्हारा काम नहीं  || 

 

किसी को मीठे बोल , नहीं बोल सकते तो ना सही ,

चुप रहो दोस्तों , कुछ भी ना बोलो  ,

मगर कड़वा  बोल , ना बोलो दोस्तों  || 

 

कड़वे बोलों से , अपना ही स्वाद कड़वा होगा  ,

चुप रह जाओगे गर ,फीका स्वाद मिलेगा  ,

मगर मीठे बोलों से तो , मीठा स्वाद मिल जाएगा  || 

 

जीवन मीठा बना लो , मीठा - मीठा बोल के ,

कड़वे बोल तो , बिन मोल के ,

मीठे बोल तो हैं अनमोल , जीवन बना देंगे ये अनमोल  || 

 

Sunday, April 13, 2025

CHAAHAT ( AADHYAATMIK )

 

                          चाहत 


किसी ने क्या कहा मुझसे  ? मैं ना जानूँ ,

किसी की मर्जी है क्या दोस्तों  ? मैं ना जानूँ ,

मुझे किस राह चलना है  ? मैं ना जानूँ ,

फिर कौन जाने यह सब  ? कान्हा तुम हो ना   || 

 

जीवन में हमें क्या मिलेगा  ? मैं ना जानूँ  ,

प्यार की राह मिलेगी या उपेक्षा की , मैं ना जानूँ ,

हर राह मुझे करनी होगी पार , मगर कौन सी  ? 

 इन सब बातों को कैसे मैं समझूँ  ? 

बताए कोई  ,  कान्हा तुम हो ना   || 

 

इस दुनिया की टेढ़ी राहों को , कौन जानेगा  ?

किसी की कही , अनकही बातों को , कौन जानेगा  ? 

कान्हा के सहारे ,पार हो जाएँगी , ये राहें ,

भवसागर में जीवन नैया , पार हो जाएगी ,

रुकावटें सभी पार हो जाएँगी , सभी की ,

बस यही तो हमारा फैसला है ,

यही तो हमारी चाहत है ,

इस चाहत में ,कान्हा तुम हो ना  ? 

 

Saturday, April 12, 2025

SAAT ( KSHANIKAA )

 

                             सात  


सात सुरों की सरगम , सजती है मीठे गीतों में ,

सजती है मीठे बोलों में , सजती है मीठे संगीत में ,

संगीत भरी ये दुनिया , देती है मीठी मुस्कान  || 

 

बैठा है रचेता सातवें आसमान पर , वहीं से रचा संसार ,

वहीं रहकर ,वहीं से , चलाता सारा संसार  || 

 

सात समंदर पार की दुनिया ,बन गई है अब एक ,

उड़ - उड़ कर मानव पहुँचे , दुनिया के हर छोर  || 

 

सात रंग मिलकर बनता है , सतरंगा इंद्रधनुष ,

जो मुस्कान दे जाए ,हर मानव के होठों पर ,

भीगे - भीगे मौसम में , रवि किरणों का चमत्कार ,

वही बनाता , सतरंगा इंद्रधनुष  || 

 

सात दिनों का एक सप्ताह ,

जिनका है नाम , ग्रहों के नाम  पर ,

रविवार ( रवि ) , सोमवार ( चाँद ) ,मंगलवार ( मंगल ) ,

बुधवार ( बुध ),बृहस्पतिवार ( बृहस्पति ),शुक्रवार (शुक्र ), शनिवार ( शनि ) || 

 

Friday, April 11, 2025

VEER HANUMAAN ( AADHYAATMIK )

 

                            वीर हनुमान 


जय - जय , जय - जय , वीर हनुमान ,

तुम तो हो हमारे ,देश की शान ,

राम भक्त तुम तो हो , वीर हनुमान ,

सागर किया था पार तुमने , लगाकर छलांग  ||  


सीता माता को खोजा , सोने की लंका  तुमने जलाई ,

राम - लखन का साथ देने को , सुग्रीव की सेना बुलाई ,

सारे काम बनाए तुमने , पुल सागर पे बनाया ,

राम भक्त तो हो तुम , हमारे वीर हनुमान  || 

 

लखन के घायल होने पर , बूटी तुम ले आए ,

तभी तो युद्ध - क्षेत्र में , लखन के प्राण बच पाए ,

जीवन भर भक्ति की राम की , सेवा उनकी की ,

आज भी तुम अपने और , राम भक्तों की ,

भक्ति से खुश हो कर , उनकी इच्छा करते पूरी  || 

 

Thursday, April 10, 2025

CHAHAK ( KSHANIKAA )

 

                                  चहक 


मत सोचो दोस्तों , कोई क्या बोला  ?

मत मानो दोस्तों ,ना पसंद बातों को ,

मत उलझो दोस्तों , उलझनों के धागों में ,

सुलझा लो दोस्तों , धागों की सभी गाँठों को  || 

 

जिंदगी में उतार - चढ़ाव को , आते रहते हैं दोस्तों ,

वही जीवन का रास्ता , प्रशस्त करते हैं ,

उन्हीं उतार - चढ़ाव  को , पार करते रहो ,

और जीवन का रास्ता , पार कर जाओ दोस्तों  || 

 

रंग जीवन के सतरंगे , इंद्रधनुष सजाएँगे ,

उन्हीं रंगों में डूबकर , मुस्कानें सजा लो दोस्तों ,

वही मुस्कानें तो जीवन को ,खुशियों से भर जाएँगी  || 

 

अपनी मुस्कानों को , दूजों को भी बाँटो  दोस्तों ,

अपने साथ दूजों को भी , खुशियाँ बाँटो दोस्तों ,

तभी तो सही मायने में ,जीवन चहक जाएगा ,

 जीवन महक जाएगा , जीवन चहक जाएगा  || 

 

Wednesday, April 9, 2025

RAAH JIVAN KII ( AADHYAATMIK )

 

                            राह जीवन की 


जीवन है साँसों की डोर ,

जिसका कोई ओर ना छोर ,

उस डोर को थामे रहो दोस्तों ,

जीवन की राह को लंबी बना लो दोस्तों  || 

 

परिश्रम से , कोई भी राह आसान बनती है ,

उसे आसान बना लो दोस्तों ,

उस आसान राह को , बिना मुश्किल पार कर लोगे , 

ये राह तो तुम ,मुस्कानों के साथ पार कर जाओगे  || 

 

ईश्वर का आशीर्वाद , सबके साथ रहता है ,

तुम्हारे साथ भी , यह आशीर्वाद है ,

तो थाम के ,ईश्वर के आशीर्वाद को ,

जीवन की राह , पार कर लो दोस्तों  || 

 

Tuesday, April 8, 2025

SHRENII ( KSHANIKAA )

 

                                  श्रेणी 


कुछ भी पकाते हुए ,सभी मसाले डालो दोस्तों ,

सभी को संतुलित मात्रा में , डालो दोस्तों ,

स्वाद सभी मसालों का , खाते समय आएगा दोस्तों  || 

 

उनमें से एक नमक ऐसा है ,

जो अपनी उपस्थिति से , या अनुपस्थिति से ,

पकवान का स्वाद , बनाता या बिगाड़ता है  || 

 

तो दोस्तों तुम अपना , व्यक्तित्व नमक जैसा बना लो ,

कहीं भी तुम्हारे होने पर , कोई महसूस करे या ना करे ,

मगर तुम्हारी अनुपस्थिति को , हर कोई महसूस करेगा  || 

 

अकेले नमक के होने से भी ,खाना खाया जा सकता है ,

मगर बाकि मसाले होते हुए भी ,

नमक की कमी से नहीं खा सकते , 

तो पसंद आयी व्यक्तित्व की श्रेणी  ?

तो बताओ क्या बनोगे दोस्तों  ?

क्या कहा ? ---- नमक , बिल्कुल  ठीक दोस्तों  ||  


Monday, April 7, 2025

JIVAN ( JIVAN )

 

                            जीवन 


मिला जो जीवन इस दुनिया में , अनमोल है ,

इनमें सबसे कीमती , प्यार के मीठे बोल हैं ,

इन बोलों में , प्यार है , जीवन का सार है ,

इस प्यार को , ग्रहण कर लो दोस्तों  || 

 

इस जीवन में जो सपने हैं , वही तो अपने हैं  ,

उन्हीं को सच कर लो ,जीवन को गुलशन बना लो ,

प्यार के मीठे बोलों को सजा कर , 

प्यार की चाशनी में डूबे , मीठे गीत बना लो दोस्तों  || 


जीवन की नैया को ,भवसागर में ,

तैरा  कर , पार करने में मदद करो ,

मुस्कानों की पतवार बना कर ,

जीवन की नैया खेते जाओ , पार लगाते जाओ  || 

 

Sunday, April 6, 2025

DOOR HAIN ( KSHANIKAA )

 

                                  दूर  हैं 


धरा है गगन की दोस्त ,मगर दूर है ,

ऐसे ही हमारे सभी दोस्त , हमसे दूर हैं  || 


यादें भी हैं सबकी , बातें भी हैं सभी की ,

हरदम जो पल - पल , मगर आती जरूर है  || 

 

वो बीते पल , वो बीत गए जो कल ,

आज वो पास नहीं हैं , आज वो दूर हैं  || 

 

पता नहीं , कल मिलेंगे या नहीं ,

पता नहीं ,कल वो खिलेंगे या नहीं ,

कुछ भी हो मगर ,इंतजार जरूर है  || 

 

अगर आप को कहीं मिल जाएँ , वो पल ,

तो याद दिला देना ,हमारे इंतजार का  ,

हमारी आस , हमारे विश्वास का ,

यही सब हमारे हाथ में जरूर है  || 

 

 


Saturday, April 5, 2025

SAKHAA SAAGAR ( RATNAAKAR )

 

                               सखा सागर 


आजा रे सागर तू आजा ,लहरों को संग लेकर आजा ,

मिल के गप्पें मारेंगे ,गीतों का हम समां बाँधेंगे  ||  


बहुत दिन हुए ,हम सब मिलकर बैठे नहीं ,

नहीं कीं सामने बैठ बातें ,और ना खिलखिलाए ,

आज तो आओ ,कुछ हमारी सुनो ,कुछ अपनी सुनाओ  ||  


तुम  तो हो रत्नों का आकर ( घर ), एक बड़ा सा ,

खजाना है तुम्हारे अंदर ,जीवों का भी बसा है संसार ,

तुम्हारे अंदर ,रंगों का संसार ,सजा है तुम्हारे अंदर  || 

 

सागर तुम हो सखा हमारे , जल का अतुल भंडार हो  ,

तुम्हारे इसी जल में ,जीवन उपजा था ,

वही जीवन फिर धरा पे आया , पूरी दुनिया तभी बनी ,

मानव ने सुखी जीवन था पाया  || 

 

मगर सागर एक बात बताओ तुम ,

नदियाँ तो मीठा जल लातीं ,

तेरा घर उनके ही जल से भरता ,

पर तूने उसे नमकीन , क्यों और कैसे बनाया  ?? 

 

CHAAHATEN ( JIVAN )

 

                              चाहतें 


जिंदगी में कुछ चाहतें , पूरी  होती हैं ,

और कुछ चाहतें , अधूरी रहती हैं ,

पूरी हुई चाहतें ,खुशियाँ दे जाती हैं ,

अधूरी रही चाहतें , ख्वाब बन जाती हैं  || 

 

हम उन अधूरी चाहतों में ,

उलझ कर व्यथित हो कर ,

समझ नहीं पाते , हम क्या करें  ?

जिससे हमारी वो अधूरी चाहतें  , पूरी हो जाएँ  || 

 

कुछ चाहतों को पूरा करने की ,

दृढ़ इच्छा शक्ति ही हम को ,

सफलता दिला देती है ,यदि हम ,

उलझनों को बड़ा बना लेते हैं ,

तो हमें असफलता ही हाथ में आती है ,

तो दोस्तों दृढ़ इच्छा शक्ति को ,

अपने अंदर जगा कर ,सफलता का रास्ता पकड़ लो  || 

 

Thursday, April 3, 2025

KADAK DAMINII KII ( JALAD AA )

 

                            कड़क दामिनी की 


एक बूँद बदरा दे जा ,

मेरे तपते अँगना की ,धरती की प्यास बुझा जा रे ,

अपनी घनी छाया में ,धरती को राहत दे जा रे ,

कब से धरती तपती है , रवि किरणों के तेज से  ?

उस तपन को कम कर जा रे  || 

 

अपनी बरखा को तू भिजवा दे , रिमझिम - रिमझिम बरसा दे ,

धरती अपनी खिलखिलाएगी ,तुम्हारे ही गीत गाएगी  रे || 


अपना दिल भी खुश हो जाएगा ,खुश होकर ये मुस्काएगा ,

मुस्का  के ये  गुनगुनाएगा ,जिससे तू भी बदरा खिलखिलाएगा रे || 


तेरी दामिनी भी चमकती जाएगी ,कड़क - कड़क के खिलखिलाएगी ,

पवन भी तुझको गगन में उड़ाएगा ,

दामिनी , पवन के साथ मिलकर ,तू भी जी जाएगा रे  || 

 

Wednesday, April 2, 2025

GAREEB YAA AMEER ? ( AADHYAATMIK )

 

                            गरीब  या  अमीर  ? 


कौन है गरीब  ? या कौन है अमीर  ? 

हम ही सबसे गरीब हैं बंधु  ,

क्या है हमारे पास  ? ना आस है ना साँस ,

साँसें सभी उधार की हैं बंधु ,

जब दुनिया  का का रचेता चाहेगा , रोक देगा  || 

 

संसार में जीवों की चौरासी लाख योनियाँ हैं ,

सबसे श्रेष्ठ मानव योनि है ,

और सभी जीवों में से मानव ही ,

धन अर्जित करता है ,  मगर बंधु फिर भी , 

सभी जीवों में से मानव ही , भूख से मरता है ,

बाकि सभी जीव पेट भर ,खा कर जीवित रहते हैं  || 

 

गरीब होने के साथ - साथ , हम ही सबसे अमीर हैं ,

तीनों लोकों का मालिक ही , 

हमारा सपना है  ,वही हमारा अपना है ,

 वही हमारी हर बिगड़ी संवारता है  ,

जिसका आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ है  || 

 

Tuesday, April 1, 2025

CHANDANIYAA ( CHANDRAMAA )

 

                       चंदनिया  


आजा रे चंदा , तुम्हें आना ही होगा ,

चंदनिया का जाल , बिछाना ही होगा  || 

 

रातों के फैले ,अँधियारे को दोस्त ,

अपनी मुस्कान से , मिटाना ही होगा  || 

 

धरती भी ताकती है , राहें तुम्हारी ,

उसकी भी दोस्ती को , बढ़ाना ही होगा  || 

 

रंगों भरे दिन तो , बीत यूँ ही जाते ,

रातों को चंदनिया से , चमकाना ही होगा  || 

 

चंदनिया तो चंदा , मुस्कान है तुम्हारी ,

उसी से चंदा धरा को , चमकाना ही होगा  ||  

 

Monday, March 31, 2025

PARAAJAY ( KSHANIKAA )

 

                                पराजय 


दूजों  ने हमें हराने की , कोशिश तो बहुत की ,

हम हारे नहीं , ये हमारी जीत है ,

अपने ही  जाल में , हम उलझे रहे ता - उम्र ,

उलझन ना सुलझ पाई , ये हमारी हार है  || 

 

उलझन के धागों का ,सिरा ही नहीं मिल पाया ,

उलझन वहीं की वहीं रही , ये हमारी हार है ,

समय ता - उम्र ,बीतता चला गया मगर ,

उलझन नहीं सुलझी , ये हमारी हार है  || 

 

एक मोड़ पर ,अनजाने में ही हम ,

अपनी गलतियों के ना होने पर भी ,

हम दूजों की गलतियों के सामने झुक गए ,

अपनी पराजय स्वीकार कर ली ,

यह तो हमारा सिर्फ ,पराजय स्वीकार करना था ,

मगर दूसरों की यह , असली पराजय थी दोस्तों   || 

 

Sunday, March 30, 2025

SUBOOT ( KSHANIKAA )

 

                                  सुबूत 


 मन को शांत रखना ही , हमारी जीत है ,

मन की शांति में ही , जीवन सुंदर है ,

दूसरे की गलतियों को , क्षमा  करना ,

या उनकी गलतियों को , भूल जाना ,

ही तो मन को , शांति दे जाता है  || 

 

भूल जाइए दोस्तों , दूसरों के दिए जुमलों को ,

याद रखिए दोस्तों ,अपने दिल के विश्वास को ,

प्यार खुद से कीजिए , मुस्कानें  बिखराइए ,

और सभी को अपनाइए   || 

 

विश्वास भी कैसा दोस्त है अपना  ? 

उलझनों में फंसा देता है , 

मगर निकलने का रास्ता नहीं देता ,

रास्ता ढूँढने के लिए उम्र दे देता है  || 


मगर विश्वास करने के लिए  ,

कोई सुबूत नहीं देता ,

वैसे दोस्तों , हर बात का ,

कोई सुबूत नहीं होता ,

क्या गीता पर , श्री कृष्ण के हस्ताक्षर हैं  ?? 

 

Saturday, March 29, 2025

KHOOBSOORAT ( KSHANIKAA )

 

                               खूबसूरत 


सब कुछ याद ,मत रखो दोस्तों ,

कुछ याद रखो ,कुछ भूल जाओ ,

कुछ यादें मुस्कानों की , हों तो मुस्काओ ,

कुछ भूलने के बाद , उसे ना जगाओ  || 

 

मत सोचो दुनिया में , कौन खूबसूरत है  ?

बस इतना सोच लो कि तुम्हारी ,

दुनिया किसके होने से खूबसूरत है  ?? 

 

मैं बताऊँ दोस्तों , वह कौन है  ?

वह है --- आप सबकी मुस्कान  ,

आप सब की मुस्कान से ही तो ,

आप सबकी दुनिया खूबसूरत है   || 

 

 मुस्कानें ,जो सजा ले अपने होठों पर ,

वही अपनी जिंदगी ,खूबसूरत बना लेता है ,

वही जिंदगी जो ,ईश्वर की दी हुई नेमत है  || 

Friday, March 28, 2025

PAWAN ( JIVAN )

 

                               पवन 


हम प्यार तुमसे करते हैं , मेरे दोस्तों ,

हम खिलाते हैं मुस्कानें , तुम्हारी दोस्तों ,

हम यादें तुम्हें याद कराते हैं ,तुम्हारी दोस्तों   || 

 

ये जग है तुम्हारा - हमारा ,सुनो दोस्तों ,

ये जीवन बहुत प्यारा है , सुनो दोस्तों ,

रंगों का इंद्रधनुष प्यारा है ,सुनो दोस्तों  || 

 

धरा पे जो खिलते चमन हैं , देखो दोस्तों ,

चमन में खिलते जो फूल हैं , देखो  दोस्तों ,

उन फूलों की भीनी महक से , महको दोस्तों  || 

 

मुस्कानों और यादों को जग में , फैलाओ दोस्तों ,

रंगों और महकों को जग में , फैलाओ दोस्तों ,

जो चाहो तो हमारा साथ तुम ,अपनाओ दोस्तों ,

हमारा नाम जानते हो , क्या कहा नहीं  ? 

हमारा नाम है पवन , जान लो दोस्तों  || 

 

Thursday, March 27, 2025

KHUSHIYAAN ( KSHANIKAA )

 

                                       खुशियाँ 


बड़ी - बड़ी खुशियों का ,ना करो इंतजार दोस्तों ,

कमरों का आकार छोटा , साथ में द्वार छोटे ,

बड़ी खुशियाँ प्रवेश करेंगी कहाँ से  ?? 

 

छोटे कमरों और छोटे द्वार से ,

बुला लो अंदर छोटी खुशियों को ,

सूर्योदय के समय ,खिड़की से आती किरणों में ,

प्रातः काल जागे , पंछियों की चहचहाहट में ,

अपनी मुस्कान को जगा लो दोस्तों  || 

 

पेड़ों और पौधों की ,नवीन पत्तियों में ,

नई खिलती कलियों की सुंदरता में ,

जग को महकाती , फूलों की  महक में   ,

ढूँढ लो अपनी ,छोटी - छोटी खुशियों को ,

बुला लो अपने घर के अंदर ,

महका लो अपना घर , महक और खुशियों में  || 

 

Wednesday, March 26, 2025

RACHANAAKAAR ( AADHYAATMIK )

 

                         रचनाकार 


रिश्तों को संभालो दोस्तों ,दोस्ती को निभालो दोस्तों ,

ये ही तो सबका संसार है ,

ये ही तो जिंदगी का आधार है  || 

 

 दुनिया में फैले ,रंगों को समेट लो ,

इन्हीं से जीवन, सबका रंगीन बनेगा ,

हर मौसम में रंगों में , आएगा बदलाव ,

तभी तो जीवन में , इंद्रधनुष खिलेगा  || 

 

रचनाकार ने , जीवन सजाया धरा पर ,

रंग बिखराए ,पूरे संसार में , खुशियाँ बाँटी ,पूरे संसार में ,

 मुस्कानें सजाईं , सभी के होठों पर  || 


रचनाकार हर हालात में ,अपना द्वार खोलता है ,

अपने रचित मानव की , सदा मदद करता है ,

यदि एक द्वार बंद हो जाए तो ,

वह दूसरा द्वार ,खोल देता है  || 

 

Tuesday, March 25, 2025

VYASTATAA ( JIVAN )

 

                        व्यस्तता 


समय को खाली मत बिताओ ,व्यस्त बना लो ,

कर्मों का खजाना खोल लो , कर्म कर लो ,

जीवन के समय को ,व्यस्तता में डुबा लो  || 

 

ये व्यस्तता ही ,जीवन को सुंदर बनाती है ,

अपने जीवन को , मनपसंद कर्मों से सजा लो ,

वही कर्म तो तुम्हारे , जीवन को ख़ुशी देंगे  || 

 

व्यस्तता बढ़ाओ ,मुस्कानें बाँटने में ,

खुद की भी मुस्कानें बढ़ाने में ,

खुशियाँ देने में ,खुद भी खुश रहने में  || 

 

ऐसी व्यस्तता ही तो , जीवन का सार है ,

सुख का संसार , इसी तरह तो बनता है  ,

तो अपना लो ,इसी व्यस्तता को ,

खाली दिल , दिमाग ही ,दुखों का घर होता है  || 

Monday, March 24, 2025

ANMOL MOTII ( DOHA )

 

                            अनमोल मोती 


भूल कर पैर की मोच को ,त्याग कर छोटी सोच को ,

आगे तू कदम बढ़ा ,मिलेगी तुझे मंजिल  || 

 

बहुत ध्यान से ढूँढिए ,अपनी गलती जरूर मिलेगी ,

 तूफान को नन्हीं - सी ,नाव भी पार करेगी  || 


भीड़ बढ़ रही संसार में , मन  तो रहे अकेला ,

बुला ले अपने दोस्त , मन डूबेगा प्यार में  || 

 

खेलो खिलौनों से , मत खेलो जज्बात से ,

गर कुछ दुविधा हो तो , दूर करो उसे बात से  || 

 

अपनी मिट्टी से जुड़े रहो , पकड़ रहे मजबूत ,

संगमरमर पर तो , पैर ही फिसले जाएँ  || 

 

टूटी कलम को फिर से जोड़ो ,दूजों से जलन को छोड़ो ,

लिखो सत्कर्म से , अपने भाग्य को  || 

 

त्यागो आलस ,छोड़ो लालच पैसों का ,

लालच करो कर्म का ,मानव सेवा करो ,बनो सच्चे इंसान || 

 

मजा उठाओ सफर का , कम रखो सामान ,

जिंदगी मौज बन जाएगी ,जो कम होंगे अरमान  || 

 

धन को कभी ना जोड़िए ,वो तो साथ ना जाय ,

कर्मों की गठरी बाँध लो , जो तेरा साथ निभाय  || 

 

साँसों का बोझ शरीर को ,भारी बहुत बनाय ,

छूटीं साँस शरीर की , लाश तैरती आय  || 

Sunday, March 23, 2025

BHAAV ( KSHANIKAA )

 

                                 भाव 


जीवन में हैं होते , अनेक भावों के पहिए ,

प्रेम , प्यार , क्रोध , नफरत , भरोसा , धोखा ,

इन सभी को दिल में ना बसाओ ,

सुंदर भावों को ही , दिल में तुम बसाओ  || 

 

कुछ भाव तो , जीवन सुंदर बनाते हैं ,

मगर कुछ भाव तो , जीवन में  जहर घोल देते हैं ,

घर और रिश्ते संभाल लो दोस्तों ,

जिंदगी को जलेबी की तरह ,

रसीली और मीठी बना लो दोस्तों  || 

 

 भरोसा करो  ,हमेशा पहले स्वयं पर ,

उसके बाद , भरोसा करो अपनों पर ,

 तभी तो रिश्तों को प्यार की ,

चाशनी में डुबाकर मीठा बना पाओगे ,

तब सभी कुछ स्वयं संवर जाएगा दोस्तों  || 

 

Saturday, March 22, 2025

RISHTE ( KSHANIKAA )

 

                                 रिश्ते 


जिंदगी की रफ्तार , इतनी तेज ना रखो ,

कि दोस्त पीछे छूट जाएँ , 

मगर इतनी धीमे भी ना रखो , 

कि दोस्त आपको पीछे छोड़ ,मंजिल पर पहुँच जाएँ ,

तो दोस्तों औसत गति से चलते जाइए  || 

 

रफ्तार अपनी दौलत के लिए ना बढ़ाओ ,

दौलत तो ऐसी तितली है ,

जो उड़ते - उड़ते खुद भी दूर चली जाती है ,

और दूसरों को भी सभी अपनों से ,

दूर ले जाती है , और अकेला कर जाती है  || 

 

रिश्ते ऐसे बना लो दोस्तों ,

कि  हक , बिना किसी  शक के  बना रहे ,

विश्वास बना रहे ,जिंदगी में भरोसा कायम रहे , 

साथ ही रिश्तों का , हार सजा रहे  || 


Friday, March 21, 2025

SAMAY KE DARPAN ME ( KSHANIKAA )

 

                       समय के दर्पण में 


आज समय के दर्पण में , झाँका जो दोस्तों ,

कुछ समय तो हमने  देखे , बचपन के कुछ खेल ,

कुछ और समय में देखा , दोस्तों से अपना मेल  || 

 

यादों में अपने आईं , वो पुरानी गलियाँ ,

उन गलियों में खिलती रहीं ,खुशियों की कलियाँ ,

उनकी महक से ही तो ,महका है जीवन हमारा  || 

 

बचपन के कुछ दोस्तों से , आज भी मेल है ,

मगर सभी के ठिकाने , बहुत दूर - दूर हैं ,

आज समय के दर्पण में , उन्हीं का प्रतिबिंब है  || 

 

अब आगे कब मिलेंगे  ? सभी साथी अपने ,

याद आती है सभी की , आवाजें गूँजतीं हैं उनकी ,

उन्हीं गूँजों में अब तो , ये जिंदगी बितानी है  || 

 

समय का दर्पण भी ,एक सुंदर जरिया है ,

एक डोर है जो आज को और  ,

पुराने समय को जोड़ती है ,

तो इस सुंदर दर्पण को ,

अपने जीवन में सजाए रखो दोस्तों  || 

 

Thursday, March 20, 2025

SHRIDDHAA ( KSHANIKAA )

 

                                श्रृद्धा 


जीवन में आने वाला हर दिन ,

सब रंग नए दिखलाता है ,

उगने वाला सूरज ,हर किरण  नई बिखराता है ,

सब को रंगों से भरता है ,जीवन नए सजाता है  || 

 

जो नई कोंपलें फूटती हैं ,

उनको वह पेड़ बनाता है ,

आवाज पंछियों की वह ,सारे जग  में फैलाता है ,

इस सुंदर से जग को ,वह अति सुंदर बनाता है ,

जग वालों में वह ,मुस्कानें बाँटता जाता है  || 

 

सूरज की  किरणों से , सजी धरा ,

अपना सोना जग वालों को ,दे जाती है ,

जिससे जग वालों का ,आँचल पूरा भर जाता है  || 

 

इन सब तोहफों को पा कर के ,

मानव अमीर बन जाता है ,

इसीलिए वह धरा और सूरज ,

के सामने श्रृद्धा से शीश झुकाता है  || 

 

Wednesday, March 19, 2025

ANTARDWANDWA ( KSHANIKAA )

 

         

                      अंतर्द्वन्द्व 


दिल ,दिमाग में छिड़ा है द्वन्द्व , अंतर्द्वन्द्व ,

दिल जुड़ा है भावनाओं से ,

जबकि दिमाग में चल रहीं , तर्क संगत बातें ,

दोनों एक दूसरे से विपरीत दिशा में ,

एक दूसरे की बातों को काटती बातें  || 

 

भावनाओं की कसौटी ही हैं प्रेम ,प्यार ,

तर्क माँगता है सबके लिए प्रमाण ,

अब प्रेम ,प्यार के लिए कोई प्रमाण नहीं ,

और तर्क संगत  बातों के लिए कोई भाव नहीं  || 


कैसे ये द्वन्द्व  समाप्त हो दोस्तों  ?

दिल और दिमाग कैसे शांत हों दोस्तों  ?

इन दोनों के अशांत रहने पर ,

जीवन ही अशांत हो जाएगा दोस्तों  ,

बताओ दोस्तों ! कोई राह दिखाओ कोई रास्ता ,

दोनों को शांत करने के लिए ,कुछ सुझाव दो ना  || 

 

Tuesday, March 18, 2025

SAFAL ( JIVAN )

 

                                सफल  


कोई भी नहीं ,इतना ताकतवर ,

जो सभी को , मुस्कानें बाँट सके ,

जो सभी को , खुशियाँ बाँट सके ,

हम भी बंधु ,इतनी ताकत नहीं रखते  ||  


मगर हर कोई ,रखता नहीं ताकत ,

जो  दे  ना दुःख ,किसी को भी ,

जो दे ना उदासी ,किसी को भी ,

हम भी बंधु ,इतनी तो ताकत रखते हैं  || 

 

यही काफी है बंधु ,हम ना बनें ,

किसी के भी , किसी भी दुःख  का कारण ,

जीवन भर यही तमन्ना है दोस्तों ,

हमारे कारण किसी को ,कोई दुःख ना पहुँचे ,

हम किसी एक को भी , हम मुस्कान दे सकें ,

तो जिंदगी सफल है दोस्तों , सुंदर है दोस्तों  || 

 

NISHAAN ( JIVAN )

 

                     निशान 


शक्ति समेटो , दिल में आशा की ,

शक्ति समेटो , दिल में विश्वास की ,

यही शक्ति  तो तुम्हारे ,मनोबल को बढ़ाएगी ,

जीवन की राह को उजागर करेगी  || 

 

पूरी शक्ति लगा दो ,इसी राह में ,

दौड़ पड़ो और पाओ अपनी मंजिल ,

जीत जाओ सभी के दिल ,

रिश्ते बना लो और पकड़ लो मंजिल  || 

 

कल जब तुम ना रहोगे ,इस जग में ,

तब भी तुम्हारे आशा और विश्वास ,

पलेंगे , बढ़ेंगे इस जग में ,

तो बढ़ा लो कदम ,अपने इसी राह में ,

और छोड़ो अपने ,कदमों के निशान ,

इसी राह में , इसी राह में  || 

 

Sunday, March 16, 2025

TAARAAGAN ( JIVAN )

 

                          तारागण 


दिल , दिमाग जो मिला है बंधु ,

उनमें डालो सुंदर बीज ,

जो उगते ही जीवन को ,सुंदर बनाएँ ,

प्रेम ,प्यार और मीठे बोल ,

जीवन को प्यार में डुबा देंगे  ||  


लोभ ,मोह और क्रोध ना डालो ,

दिल , दिमाग की भूमि में  ,

इनके उगते ही तो बंधु ,

जीवन नर्क बन जाएगा  || 

 

कर लो जीवन को सुंदर ,

गीत बना लो , मीठे बोलों को बुनकर ,

दोस्त बनेंगे दुनिया में ,उन गीतों को सुनकर  || 

 

जीवन के सुंदर बनते  ही ,जग सुंदर हो जाएगा ,

 जग की सुंदरता देख - देख ,

तारागण भी शर्माएगा ,तारागण भी शर्माएगा  || 

 

SAMBHAAL ( KSHANIKAA )

 

                         संभाल 


जो चीजें तुम्हारे दिल के करीब हैं ,

उन्हें संभाल कर रखो दोस्तों ,

लंबे समय तक संभाल लोगे तो ,

वे सब तुम्हारे पास ही रहेंगी दोस्तों  || 

 

उन चीजों में क्या - क्या शामिल हैं  ?

उनमें हैं प्यार ,मीठे बोल ,मीठे गीत ,

प्यारे रिश्ते ,सब को दिल की तहों में ,

दबा कर रखो दोस्तों  || 

 

ये सब चीजें बहुत कीमती हैं दोस्तों ,

इनकी कीमत ना धन है , ना सोना - चाँदी ,

इनकी कोई कीमत नहीं है , ये सब अनमोल हैं  || 

 

मगर इनसे ही तुम ,और हम धनवान बनते हैं ,

इन्हीं से  संबंधित कर्म ही , हमारे जीवन के , 

बाद भी हमारा साथ देते हैं दोस्तों ,

तो इन्हीं को , पूरी तरह संभाल लो दोस्तों  ||