वीर हनुमान
जय - जय , जय - जय , वीर हनुमान ,
तुम तो हो हमारे ,देश की शान ,
राम भक्त तुम तो हो , वीर हनुमान ,
सागर किया था पार तुमने , लगाकर छलांग ||
सीता माता को खोजा , सोने की लंका तुमने जलाई ,
राम - लखन का साथ देने को , सुग्रीव की सेना बुलाई ,
सारे काम बनाए तुमने , पुल सागर पे बनाया ,
राम भक्त तो हो तुम , हमारे वीर हनुमान ||
लखन के घायल होने पर , बूटी तुम ले आए ,
तभी तो युद्ध - क्षेत्र में , लखन के प्राण बच पाए ,
जीवन भर भक्ति की राम की , सेवा उनकी की ,
आज भी तुम अपने और , राम भक्तों की ,
भक्ति से खुश हो कर , उनकी इच्छा करते पूरी ||