भाव और लय
जिंदगी में कुछ रिश्ते , ईश्वर के बनाए होते हैं ,
और कुछ रिश्ते , हम खुद बनाते हैं ,
माता - पिता , भाई - बहिन सब , ईश्वर प्रदत्त हैं ,
दोस्त ,सखा , सहेली , हम स्वयं चुन लेते हैं ||
पति अपने लिए पत्नि , खुद चुनता है ,
पत्नि अपने लिए पति , खुद चुनती है ,
हम बगिया खुद बना लेते हैं , फूलों के गुच्छे खिलाते हैं ,
मगर महक फैलाना , हमारे हाथ में नहीं है दोस्तों ||
मीठे बोलों से हम , गीत बना लेते हैं ,
मगर उनमें भाव हम नहीं , ईश्वर भरते हैं ,
उन गीतों के लिए , संगीत हम बना लेते हैं ,
मगर उनकी लय हम नहीं , ईश्वर बनाते हैं ,
भाव और लय तभी तो , सबके दिलों लो छू जाते हैं ||