Saturday, May 24, 2025

KHAALII DIMAAG ( JIVAN )

 

                         खाली दिमाग 


अपना दिमाग एक बगीचा है दोस्तों ,

बीज डालो सुंदर विचारों के ,

सुंदर फूलों से भर जाएगा बगीचा ,

महक से भर जाएगा बगीचा  || 

 

इस बगीचे को खाली मत छोड़ना दोस्तों ,

अगर खाली छोड़ा तो ,

उसमें गलत - सलत सोच - विचार की , घास उग आएगी  || 

 

खाली जमीन की तरह , ये दिमाग का खाली बगीचा भी ,

शैतानी विचारों और दूसरों के लिए ,

हानिकारक भावनाओं से भर जाएगा  || 

 

और ये ऐसे और ये , भावनाएँ दूसरों को ही नहीं ,

आपके स्वयं के लिए भी ,हानिकारक सिद्ध हो जाएँगी ,

आपका सुख और चैन , सब खो जाएगा ,

इसलिए दिमाग के बगीचे में ,

सोच - समझ कर ही बीज डालें  || 

 

Friday, May 23, 2025

VYAVHAAR ( SAMAJIK )

 

                               व्यवहार 


किताबों से जो मिलता ज्ञान , वह हम भूल भी सकते हैं ,

जो जीवन से हमें मिलता है , वह हम भूल नहीं सकते हैं ,

तो आप कौन सा ज्ञान चाहते हैं दोस्तों  ?? 

 

दूसरों से मिला हर व्यवहार , हम कर सकते हैं सहन ,

चाहे वह अच्छा या बुरा , कुछ भी हो दोस्तों ,

अच्छे व्यवहार से हम , परेशान नहीं खुश होते हैं ,

मगर बुरा व्यवहार हमें ,परेशान कर जाता है  || 

 

बुरा व्यवहार दूसरों का हो , सहन भी हो जाता है ,

मगर अपनों का हो व्यवहार बुरा , तो हम संभल नहीं पाते हैं  ,

ऐसे में हम क्या करें  ? क्या कोई रास्ता है इसके लिए  ? 

क्या कोई रास्ता दिखा सकता है दोस्तों  ?? 

 

SUKH ORR DUKH ( JIVAN )

 

                         सुख और दुःख 


हमारे दोनों पैर सुख और दुःख , का रूप हैं दोस्तों ,

चलते हुए कभी सुख आगे आता है , और कभी दुःख ,

जीवन में यह चक्र , चलता रहता है दोस्तों  || 

 

कभी भी हमें सुख में , प्रसन्नता में डूबना नहीं चाहिए ,

और दुःख में निराशा के , सागर में डूबना नहीं  चाहिए ,

दोनों परिस्थितियों में संतुलन , बनाए रखना चाहिए  || 

 

तभी जीवन संतुलित रह पाएगा दोस्तों ,

क्योंकि हम चाहें या ना चाहें ,

दोनों परिस्थितियाँ तो आएँगी ही ,

और हमें हर  परिस्थिति को , स्वीकार करना ही चाहिए  || 


Wednesday, May 21, 2025

PAISAA PURAAN ( DOHAA )

 

                        पैसा पुराण 


पैसा सब को चाहिए ,मगर जरूरत जोग ,

मत जोड़ो अनगिनत तुम , कर ना सकोगे भोग  || 

 

पैसे से खाना मिले , मिल ना सकेगी भूख ,

चाहे खाओ पूरी हलवा ,  चाहे पी लो जूस  || 

 

पैसे  से बिस्तर मिले , मिल ना सकेगी नींद ,

मेहनत करके देखिए , खिल जाएगी नींद  || 

 

पैसे से पुस्तक मिले , मिले ना बंधु ज्ञान ,

जो गुरु मिल जाए आपको , मिल जाएगा ज्ञान  || 

 

पैसे से सुविधा मिले , मिले ना बंधु चैन ,

प्यार सभी से कीजिए , पा जाओगे चैन  || 

 

Monday, May 19, 2025

SATYA OR ASATYA ( KSHANIKAA )

 

                      सत्य और असत्य 


   सत्य ने कहा एक दिन  --- आओ मेरे  साथ ,

मेरी राह पर दौड़ लगाओ ,

हम भी हँस दिए --- आते हैं , 

चलो साथ में दौड़ेंगे ,सत्य तुम्हारे साथ ,

हमने हाथ पकड़ा उसका , और चल दिए दोस्तों  || 

 

उसी राह में मिल गए हमें , असत्य महाशय चले आ रहे थे ,

हम दोनों हँस दिए , और  मिलाया उनसे दोस्तों ,

असत्य ने हमसे नजरें चुराईं और ,

 हाथ मिलाने के लिए धन्यवाद दिया  || 


हमने कहा  --- धन्यवाद की जरूरत   नहीं है दोस्त ,

सत्य जरूरी है सबकी जिंदगी में , मगर तुम भी जरूरी हो दोस्त ,

कई बार किसी की मदद की जरूरत में जरूरी हो  || 

 

जब कोई बहुत ज्यादा परेशान हो ,

तो तुम्हारी ही जरूरत होती है ,

कि चिंता मत करो , सब जल्दी ही ठीक हो जाएगा ,

आने वाला समय अच्छा होगा , 

पर हम नहीं जानते , हमने सत्य कहा या असत्य  || 

 

Sunday, May 18, 2025

PAHALII MULAKAAT ( AADHYAATMIK )

 

                              पहली मुलाकात 


श्याम तेरी पहली मुलाकात , कैसे हुई राधा से  ?

श्याम तेरी पहली बात , कैसे हुई राधा से  ? 

कान्हा क्या तूने कहा तब , राधा से   ?? 


मीरा ने जब तुझको माना , अपना सब कुछ ,

तब क्या तूने माना उसको , अपनी सच्ची भक्तिन  ?

बोलो कान्हा , कुछ तो जवाब दो मुझको , 

मैं भी जानूँ , क्या होती है पहली मुलाकात  ?? 


मैं भी कोशिश कर देखूँ , करने की तुमसे मुलाकात ,

जीवन को अपने मैं भी बनालूँ , सुंदरतम ,

तुमसे कर एक मुलाकात , पहली मुलाकात  || 

 

LEN - THEN ( THOHA )

 

                    लेन - देन 


टूट के कोई ना जुड़ सके , टूटा पत्ता ना शाख सजाय ,

टूटने के बाद तो पत्ता , पवन संग उड़ जाय  || 

 

कटी शाख जो पेड़ की ,नई शाख उग आय ,

जो जड़ कट गई पेड़ की , पेड़ ही सूखा जाय  || 

 

खुश्बु उड़ी जो फूलों से , फूलों में फिर ना आय , 

भले ही वह प्यारी खुश्बु , सारा चमन महकाय  || 

 

तितली बैठी जो फूल पर , रस सारा पी जाय ,

बदले में कुछ भी ना दे , पर चमन रंगीन बनाय  || 

 

मधु मक्खी करतब करे , फूलों का रस ले आय ,

उस रस से वह तो , खुद ही शहद बनाय  || 

 

Saturday, May 17, 2025

SAPNE OR YAADEN ( KSHANIKAA )

 

                          सपने और यादें 


जिंदगी ने बिखरा दिए , सभी रंग खुशियों के ,

समेट ना पाए हम ,रंग अपने सपनों के ,

नींद टूटने पर , सभी सपने बिखर गए  || 

 

सपनों में हम दुनिया घूमें , सुंदर - सुंदर जगहों के मंजर ,

बस गए हमारी आँखों में , खो गए हम उस सुंदरता में ,

एक विचार दिमाग में घूमता रहा ,

जो जगह हमने घूम लीं हैं , वो याद रहनी चाहिएँ  || 

 

कम से कम यादों में तो ,मुस्कानें बसी रहें ,

ये यादें ही तो , जीवन की पूँजी हैं ,

जो दिल को खुश बनाए रखती हैं ,

इन्हीं का सहारा है , 

जो हम जीवन यात्रा में , आगे बढ़ते रहें  || 

 

सपने और यादें आपस में , उलझ कर ही ,  

हमारे होठों पर मुस्कान आ सकती है ,

तो दोस्तों होठों की मुस्कान के लिए ,

सपनों और यादों का होना जरूरी है  || 

 

Tuesday, May 13, 2025

RANG SAMAY KE ( KSHANIKAA )

 

                                रंग समय के 


जीवन तो दोस्तों , समय का बनाया हुआ खेल है ,

जिसमें समय के साथ लगा , काँटा चलता रहता है ,

साथ ही समय खुद भी ,बीतता रहता है ,ठहरता नहीं  || 

 

समय के रंग भी बदलते जाते हैं , एक समान नहीं रहते ,

कभी चमक लिए समय आता है , कभी कुछ पल बेरंग रह जाते हैं ,

कभी मुस्कानें बिखरा जाता  है  , कभी कुछ उदासियाँ  || 


समय के हर रंग को अपना लो ,उसी के रंग में खुद को ढाल लो ,

समय का पहिया ही जीवन चलाता है , उसमें रंग भरता है  || 

 

समय ही  जीवन  का आईना है , जो जीवन की सच्चाई दिखाता है ,

चाहे वह खुशी हो , या वह उदासी हो  || 

UDGAAR ( KHANIKAA )

 

                                   उद्गार 


किताबें हैं हमारी दोस्त ,किताबों के हम हैं दोस्त ,

पढ़ना बहुत जरूरी है दोस्तों , ज्ञान का भंडार किताबें हैं ,

साथ ही प्यार का आगाज किताबें हैं , होठों की मुस्कान किताबें हैं  || 

 

कलम जो थामों हाथों में , दिल के उद्गारों को कहने का ,

रास्ता तो दोस्तों ,यही कलम ही तो है ,

कलम ही तो शब्दों का , भंडार  है  दोस्तों  || 


दिल में उगता प्यार है , दिल में पनपता प्यार है ,

मगर दिल की जुबां नहीं होती , वह बोल नहीं पाता ,

कलम ही प्यार के , शब्दों को जाहिर कर पाती है दोस्तों  || 

 

तो चलो दोस्तों , कलम का सहारा लेकर ,

लिख डालो दिल की , बातों को कोरे कागज पर ,

और ले आओ अपने  और  , अपनों के होठों पर मुस्कानें  || 


Sunday, May 11, 2025

EIHSAAN ( JIVAN )

 

                         एहसान 


ये जिंदगी तो कर्ज है हम पर ,  उतर जाएगा एक दिन ,

साँसें भी तो कर्ज ही हैं , वो भी ठहर जाएँगी एक दिन ,

ये कर्ज है बंधु , एहसान नहीं है ,

ये प्यार है ईश्वर का , जो उसने हमें दिया  || 

 

उसका दिया यह तोहफा जिंदगी का ,

उसका दिया प्यार और कर्ज तो ,

हम वापस करेंगे ,भक्ति से ,  आराधना से ,

अपनी जिंदगी से और अपनी साँसों से  || 

 

अगर अहसान होता तो , क्या हम लौटा पाते  ? 

नहीं , नहीं , हम ऐसा नहीं कर सकते थे ,

 एहसान तो ऐसी चीज है ,जो उतारा ना जा सके ,

एहसान हमारे ऊपर ऐसा असर छोड़ता है ,

जिसे हम किसी भी सूरत में नहीं उतार सकते  || 

 

 

Saturday, May 10, 2025

MAA OR MAMATAA ( JIVAN )

 

                            माँ और ममता 


माँ ने जीवन दिया हमें , ममता का  सागर साथ दिया ,

हर दिन उन्हीं के प्यार में , डूबकर जीवन बिता दिया  || 


वह जननी थीं हमारी , अब वो हैं परमात्मा के घर ,

अब तो दोस्तों जलता है , उनकी यादों का दीया  ||  


यह धरती माँ भी तो , हमारी माता है ,

इसी के खजाने से तो ,हमारा जीवन परवान चढ़ा  || 

 

पूरे जीवन की हँसी - ख़ुशी , सभी तो माँ से थी ,

जननी माँ और धरती माँ , दो - दो माँ का प्यार हमें मिला   || 

 

Friday, May 9, 2025

GHUMSHUDAA DIL ( KSHANIKAA )

 

                               गुमशुदा दिल 


दिल हमारा खो गया है कहीं , कोई अता - पता ही नहीं ,

यहाँ ढूँढा , वहाँ ढूँढा , मगर मिला ही नहीं कहीं ,

दुनिया के टेढ़े - मेढ़े रास्ते , कैसे ढूँढू मैं कहाँ  ?? 

 

भोला सा मेरा दिल , हो गया कैसे गुम  ? 

बताए कोई कहाँ लिखाऊँ ? मैं उसकी रपट ,

कौन करेगा मदद मेरी ? किस राह में , दिल दौड़ा सरपट  ?? 

 

कोई लाए  दिल को  वापस , कहीं से भी ढूँढकर ,

सारे अरमान तो दिल में ही हैं , वहीं पर तो वो जगे थे ,

जगने के बाद हमारे दिल में ही , वो सब पले थे ,

अब हो जाएँ वो पूरे , मेरे सारे अरमान ,

गुमशुदा मेरा दिल ना जाने , कहाँ खो गया  ?? 

 

Thursday, May 8, 2025

UPHAAR ( PREM )

 

                              उपहार

 

प्यार होता है जीवन में , एक बार दोस्तों ,

नजरें होती हैं चार जीवन में , एक बार दोस्तों ,

जीवन साथी मिलता है जीवन में , एक बार दोस्तों ,

जीवन की राहें भी पार होती हैं , एक बार दोस्तों  || 

 

जीवन के पार जाने पर , फिर राह नहीं मिलती दोस्तों ,

लौट कर उन राहों पर , नहीं  आ सकते दोस्तों ,

फिर से प्यार नहीं , मिल सकता है दोस्तों  || 

 

जीवन के  पार तो ,परमात्मा ही मिल सकता है दोस्तों ,

उस परमात्मा का प्यार ,हमारे जीवन के लिए ,

तो एक सुंदर उपहार है , इससे सुंदर ,

तो जीवन में कुछ  भी नहीं है दोस्तों   || 


Wednesday, May 7, 2025

ARPAN ( DESH )

 

                                  अर्पण 


देश के वीर जवानों , तुम तो देश की शान हो ,

ये देश जिंदा है तुमसे , तुम तो देश की जान हो  || 

 

तुम ही देश के रक्षक हो , भगा देते हो देश के भक्षक को ,

आज हम तुम को दे  रहे , अपने दिल से सम्मान को  || 


तुम सब हो ही सम्मान के काबिल , भारत माता के बेटे हो ,

जीवन अर्पण करते हो , अपनी भारत माता को  || 

 

भारत माता ही तो ,पालन करती है सबका  ,

हम भी तो उन्हीं की संतान  हैं , और नमन करते हैं  || 


आज तुम्हारे साथ मिलकर , उनकी पूजा करते हैं  ,

भारत भूमि है जन्म भूमि हमारी , इसी से हम जन्में हैं  || 

 

इसी ने हमको पाला है , हर जरूरत है करी पूरी ,

इसका दिया जीवन तो दोस्तों , इसी को हम करते अर्पण  || 

 

Tuesday, May 6, 2025

DOST SIRF SHBD NAHIN ( KSHANIKAA )

 

                             दोस्त सिर्फ शब्द नहीं

 

तुम दोस्त मेरे हो , मैं दोस्त हूँ तुम्हारी ,

जिंदगी है हमको , हर चीज से भी प्यारी ,

दोस्त सिर्फ शब्द ही नहीं ऐसा , जो मुस्कान होठों पे लाए ,

दोस्त रिश्ता ही है ऐसा , जीना - मरना जो सिखाए  || 

 

ये रिश्ता कोई शब्द नहीं है दोस्तों ,  जो मिट जाए ,

ये रिश्ता कोई उम्र का आँकड़ा नहीं है , जो कम होता जाए ,

ये रिश्ता तो जिंदगी है दोस्तों , अगर इसे जी लिया जाए ,

तो ये रिश्ता होठों पे , मुस्कानें बिखरा जाएगा  || 

 

इस रिश्ते को पूरी तरह से , निभा लो दोस्तों ,

इस रिश्ते को यादों में बसा लो दोस्तों ,

तभी तो यह जिंदगी के हर पल में , सुकून दे जाएगा ,

हर पल साथ निभाएगा  || 

 

Monday, May 5, 2025

BHULAANAA MAT ( KSHANIKAA )

 

                                 भुलाना मत 


समय की कीमत ,हर कोई नहीं जानता ,

और व्यर्थ में समय बिताय , जो जाने यह कीमत ,

वही तो उसे ,सच में अपनाय  || 

 

समय का मोल , अमोल है ,व्यर्थ ना उसे बिताओ ,

मुस्कानों में डूब के , कुछ बाँट दो दूजों में ,

कुछ में खुद खिल जाओ  || 

 

दूजों की मुस्कानें देखोगे , तुम भी खुशियाँ पाओगे दोस्तों ,

यही तो राह जीवन की तुमको ,

मंजिल तक पहुँचाएगी दोस्तों   || 

 

हर खुशी को समेट कर ,उसके पैकेट बना लो दोस्तों ,

अपने सभी मिलने वालों को , एक -एक पैकेट बाँट दो दोस्तों  || 


ये बातें तुम याद रखना , भूल मत जाना दोस्तों ,

भुला मत देना दोस्तों , भुला मत देना   || 

 


Sunday, May 4, 2025

MUSKURAANE KII VAJAH ( PREM )

 

                       मुस्कुराने की वजह 


जिंदगी जीने की वजह तुम हो , मुस्कुराने की वजह तुम हो ,

इस दुनिया में रहने की वजह क्या थी ? शायद तुम ही हो ,

तुमसे मिलने की वजह क्या थी ? शायद तुम ही हो  || 

 

एक - एक करके दोस्त बनते गए हमारे , शायद तुम ही हो ,

महफिलें दोस्तों की सजती गईं , वजह तो तुम ही हो ,

विचारों की उलझनों को सुलझाया गया , वजह तुम ही हो ,

क्यों कि उलझनों का एक सिरा खोजा किसने ? तुमने ही  || 


राहों को जगमगाया गया , वजह तुम ही हो ,

हमारे तो गुनगुनाने की वजह , भी तो तुम ही हो ,

सच में दोस्तों ,इन सब बातों की  ,वजह तुम ही हो ,

तुम ही तो हो , तुम  ही तो हो  || 

 

 

Saturday, May 3, 2025

SANDES - SANDES ( CHANDRAMAA )

 

                              संदेस  - संदेस 


चंद्रमा ने  भिजवा दिया है , अपना संदेस मेरे नाम ,

मैं भी भिजवा रही हूँ , संदेसा उसके नाम ,

चंदा की चाँदनी जब , चमकाती है धरा को ,

धरा  की तो देखो , खिल उठती है मुस्कान  || 

 

संदेस चाँद का पढ़कर , मैं जो मुस्काई ,

चंदा के भी मुख पर देखो , मुस्कान है खिल आई ,

मुझे तो ऐसा , अहसास हुआ है जैसे ,

मैं चंदा के घर , चंदा से मिल आई  || 

 

काश हम दोनों के ,संदेस यूँ ही चलते रहें ,

हम दोनों के बीच का , प्यार यूँ ही पलता रहे ,

जीवन की खुशियों का झूला , ऐसे ही झूलता रहे ,

काश ये लम्हें ऐसे ही तो , प्यार में डूबकर ,

पूरी मानवता में खुशियाँ , फैलाते रहें  ||  

Friday, May 2, 2025

SANDESAA ( JALAD AA )

 

                              संदेसा  


भेज दे बदरा अपना संदेसा , बूँदों में लिखकर ,

उन बूँदों में लिखा संदेसा , पढ़ लेगा हर कोई  || 

 

बूँदें छम - छम करती आएँगी , लेकर तेरा संदेसा ,

हर किसी के पास पहुँचेगा , बदरा तेरा संदेसा  || 

 

चमक दामिनी बिखराएगी , ऊपर से ही धरा पर ,

सभी चौंक कर देखेंगे , चमक दामिनी की धरा पर  || 

 

बदरा के कजरारे रूप में , जब चमकेगी दामिनी ,

तभी धरा पर फैल जाएगी , चमकीली रोशनी  || 

 

खुश हो जाएँगे धरावासी , देखकर ये सब ,

बच्चे तो खुश होकर , कागज की नाव चलाएँगे ,

बदरा भी तो खुश होगा , भेज अपना संदेसा ,

इसी तरह वो सब के साथ , अपनी खुशियाँ बाँटेगा  || 

 

Thursday, May 1, 2025

SAAYAA APNAA ( JIVAN )

 

                              साया अपना 


सोच ने हमारी एक मोड़ लिया दोस्तों , 

हमारे अपने बहुत से हैं , हमारी इस सोच की ,

 कि हमारी राहें बहुत सी हैं दोस्तों ,

मगर एक दिन हमें कुछ अजीब सी , सोच आई दोस्तों ,

पलट के हमने देखा दोस्तों , वहाँ कोई नहीं था दोस्तों  || 

 

पीछे हमें दिखाई दिया सिर्फ , अपना साया दोस्तों ,

वही तो सच में अपना है दोस्तों , बाकि कोई नहीं ,

हमारा साया कभी भी , अपना साथ नहीं छोड़ता दोस्तों ,

तो सोच लो आप भी दोस्तों ,साया ही हमारा सच्चा साथी है  || 

 

हमारा साया है दोस्तों ,जो जीवन भर का साथी है ,

हमारे मुड़ने पर ही , वह हमें ,

दिखाई देता है , दिल खुश कर देता है  || 

 

 

Wednesday, April 30, 2025

SANDES ( RATNAAKAR )

 

                                  संदेस 


सागर भिजवा दे संदेसा ,अपनी लहरों के हाथ ,

मैं लेकर तेरा संदेसा , भिजवा दूँगी अपना भी  ,

आऊँगी मैं तेरे घर पकड़ के , लहरों का हाथ  ,

तेरी लहरें ही देती हैं सागर , मुझको भी अपना साथ  || 

 

तेरे घर में तो जल ही जल है सागर ,

मगर ये लहरें मुझे नहीं डूबने देतीं ,

ये तो उनका प्यार है सागर ,

जो वो मेरा ,साथ हमेशा देतीं  || 

 

सागर तेरे रत्नों का खजाना , तेरा नाम बदलता ,

सागर की जगह तेरा ही नाम ,रत्नाकर है होता ,

हर दिन ही सागर , तू  करता है प्यार मुझे ,

हर दिन ही सागर , मैं करती हूँ प्यार  तुझे ,

इसीलिए सागर हम दोनों ,भेज सकते हैं अपना संदेसा  || 

 

Tuesday, April 29, 2025

ROBOT ( SAMAJIK )

 

                                     रोबोट 


बनाया रोबोट मानव ने , मशीनी ज्ञान के जरिए ,

ये रोबोट था निर्जीव , नहीं थे प्राण शरीर में इसके || 

 

मगर ईश्वर ने जो रोबोट बनाया , वह सजीव था ,

मानव ही वह रोबोट था  , जो दिन - दिन बढ़ता था  || 

 

ईश्वर का बनाया मानव , जो खाता था , पीता था ,

आकार  में बढ़ता जाता था , गाता था , मुस्कुराता था || 


इस रोबोट ने अपनी एक , नई दुनिया बनाई थी ,

जिसमें इसने हर आराम की , सुविधा जुटाई थी  || 

 

मगर इसने ईश्वर की बनाई , सुंदर दुनिया को ,

टुकड़ों ,खंडों में बाँट दिया , और सरहदों में बाँध दिया  || 

 

Monday, April 28, 2025

IISH NEY ( AADHYAATMIK )

 

                                    ईश ने 


क्यूँ ईश तुमने हमें भेजा  ? दुनिया में ,

क्या देकर तुमने हमें भेजा  ? दुनिया में ,

क्या किस्मत लिखी है हमारी  ? दुनिया में ,

क्या कर्म होंगे हमारे  ? दुनिया में  || 

 

कुछ तो निर्देश दिए होंगे , ईश तुमने ,

कुछ कर्म तो हमारे लिए चुने होंगे  , ईश तुमने ,

उन कर्मों को करने का तरीका बताया होगा ,ईश तुमने  || 

 

जीवन तो दिया है इंसान का , दुनिया में ,

दो हाथ दिए हैं तुमने कर्म के लिए , दुनिया में ,

समझने के लिए दिमाग भी दिया तुमने , दुनिया में  || 

 

प्यार करने के लिए दिल दिया है , ईश तुमने ,

मुस्कानें दी हैं बाँटने के लिए , ईश तुमने ,

समझो सभी बातों को और , समझाओ दूसरों को भी ,

ये सारी बातें ,जो दी हैं ईश ने तुम्हें  || 

 

Sunday, April 27, 2025

KABHII NAHIN ( KSHANIKAA )

 

                             कभी नहीं 


दिया हमने सारा प्यार , अपनों को ,

लुटा दिया हमने सब कुछ ,अपनों को ,

भूल गए हम  खुद को , उनके जीवन को बनाने में ,

हम अपने जीवन को ,मगर दोस्तों नहीं पा सके ,

उस राह पर चलकर , खुद को भी ,ना दूजों को  || 

 

जिंदगी के इस अंजाम को , सहन करने की शक्ति ,

हमारे अंदर नहीं है दोस्तों ,क्या हम गलत थे ? क्या ये अंजाम सही है ?

आपकी क्या सोच है ? ये दुनिया का दस्तूर है ,

दूसरे  की भावनाओं से खेलने का , 

अपनी - अपनी ही सोच है सब की  || 


कोई दूसरे के बारे में नहीं सोचता ,

अपनी जरूरतों को पूरी करना ,सभी चाहते हैं दूजों की नहीं ,

हमने जो अपनों के बारे में सोचा ,वो हमारे ,

अपनों की सोच नहीं है , तो अब हम क्या कर सकते हैं  ?? 

 

क्या समय - चक्र को वापस लौटाया जा सकता है  ?

बताओ दोस्तों , नहीं , नहीं ! कभी नहीं   ||  


Saturday, April 26, 2025

VAIGYAANIK PRAYOG ( JIVAN )

 

                          वैज्ञानिक प्रयोग 


एक विषय विज्ञान है , पढ़ाया जाता है गुरुओं द्वारा ,

कुछ पुस्तकों द्वारा पढ़ाया जाता , 

कुछ प्रयोगों द्वारा सिखाया जाता ,

प्रयोगों द्वारा सीखने की गति , मानो दौड़ लगाती है  || 

 

मानव ने किए प्रयोग भिन्न - भिन्न राह में , प्राकृतिक क्षेत्र में ,

फलों और फूलों की विभिन्न किस्में उगाईं , 

सुंदरता और स्वाद बढ़ाए ,

अन्न ,दाल ,मसाले सभी का संसार बढ़ा ,मानव की रसोई चमकी || 

 

ऊँचे - ऊँचे घर ,टी. वी. ,ए.सी. ,सिनेमा घरों से ,बढ़ा आराम , मनोरंजन ,

यातायात के साधन बढ़े ,फैशन बढ़ा , साथ - साथ ही दोस्तों ,

धरती से दूसरे ग्रह पर भी पहुँचा मानव , प्रयोगों द्वारा ,

चंद्रयान ,मंगलयान बनाए और चाँद ,मंगल पर पहुँचे यान  || 

 

स्वास्थ्य की रक्षा के क्षेत्र में ,प्रयोगों द्वारा विजय भी पाई मानव ने ,

दवाएँ ,मशीनें जिनसे रोगों को दूर भगाया गया ,

मगर दोस्तों कुछ प्रयोग हानिकारक भी किए गए ,

हथियारों को बनाया गया ,बम बनाकर मानव का संहार किया गया ,

जंगल काटे गए ,जिससे अकाल  और बाढ़ आए ,

ये सभी विपदाएँ भी मानव की खुद की बुलाईं हुई हैं  || 

 

Friday, April 25, 2025

BHAROSAA ( KSHANIKAA )

 

                             भरोसा 


किसका करें भरोसा  ? कौन भरोसे राम  ? 

क्या कोई ले सकता है  ? गारंटी भरोसे राम की ,

आज के समय में नहीं कोई  , लायक भरोसे के ,

तो दोस्तों नहीं कोई ले सकता है , किसी की गारंटी ,

क्यों कि कोई है ही नहीं ,भरोसे लायक  || 

 

इसी कारण ये पवन , ये प्रकाश ,ये जल ,

खो बैठें हैं अपना भरोसा ,

कब पवन आँधी , तूफान का रूप ले  ?

कब  सूर्य का प्रकाश , तेज ज्वलनशील तापमान बन जाए  ?

कब ये जल कहर बनकर , बाढ़ का रूप ले  ?

और सब कुछ अपने अंदर डुबा दे  || 

 

मगर दोस्तों ये सब कुछ , मानव का ही किया धरा है ,

जंगल काट - काट कर उसी ने ,प्रकृति को बर्बाद किया है ,

अब उसी का बदला जंगल ले रहा है ,

और मानव को परेशान कर रहा है  || 

 

Thursday, April 24, 2025

CHAHAKANE DEY ( KSHANIKAA )

 

                            चहकने दे 


बड़े अवसर हमेशा नहीं आते ,

बड़ी खुशियों का डेरा , सदा नहीं लगता ,

छोटी - छोटी खुशियों को ,अपने आँचल में समेट लो  || 

 

उन्हीं में छिपीं हैं मुस्कानें , जीवन की चाहतें ,

उन्हीं से जीवन को , खुशनुमा बना लो ,

जिंदगी को महकता ,चमन बना लो ,

उसी चमन में जीवन को सजा लो , प्यार के पलों से  || 

 

तितलियाँ उस चमन को , रंगों से भर देंगी ,

अपने पंखों की सरसराहट से भर देंगी ,

तू जरा उनको उस सरसराहट की , आजादी तो दे ,

वो तेरे होठों पे मुस्कुराहटें , भी ला देंगी  || 

 

आज मौका  है , ना बाँध पंखों को धागे से ,

ना रोक फूलों की महक को , चमन को उजाड़ के ,

सारे जग को महकने दे , पंछियों को चहकने दे ,

तभी तो जग महक जाएगा , खिलखिलाएगा ,

तो जग को खिलखिलाने दे   || 

 

Wednesday, April 23, 2025

DHARAA ( KSHANIKAA )

 

                                  धरा 


रवि - किरणों का उतरा जाल , धरा पर ,

धरा पे सजाया जीवन ,किरणों ने ,

सजीव हो गई धरा , जीवन से ,

धरा ने उस  जीवन को पनपाया , अपने खजाने से  || 


धरा के अंदर छिपा खजाना , बाहर आया ,

भिन्न - भिन्न रूपों में , जीवन बढ़ चला ,

जीवन ने स्वयं को बढ़ाया , अलग रास्ते पर ,

धरा का अनमोल खजाना , खाली कर दिया  || 

 

धरा भी जब खजाना लुटा चुकी , तो सख्त हुई ,

उसने लेना शुरु किया बदला , उथल - पुथल मची ,

धरा हिलने लगी , धरा पर पनपा जीवन काँपा ,

धीरे - धीरे जीवन परेशान हुआ , और दोष धरा को दिया  || 

 

मगर क्या यह धरा का , दोष है दोस्तों  ?

ये तो उस जीवन के , कर्मों का परिणाम था ,

जो उस जीवन ने , बिना  सोचे - समझे किए  || 


Tuesday, April 22, 2025

CHINGAAREE ( KSHANIKAA )

 

                                           चिंगारी 


उड़ी जो एक नन्हीं चिंगारी , रोशनी खिल उठी ,

घर के अँधेरे दूर हुए , उजाली जग उठी ,

इसी चिंगारी ने ,जग उजियाला बनाया ,

जब इस चिंगारी को , रवि ने धरा पर सजाया  || 

 

इसी चिंगारी को जब , चूल्हे में जगाया गया ,

तब दोस्तों इसी चिंगारी से , भोजन को पकाया गया ,

ये चिंगारी जब मानव के , पाचन - तंत्र में जागी ,

तभी  तो मानव के पाचन -तंत्र में , पाचन - शक्ति जागी  || 

 

इसी चिंगारी से तो मानव ने , रेलगाड़ी को चलाया ,

बढ़ाते - बढ़ाते देश में ,रेलगाड़ी का जाल  फैलाया ,

यातायात जितना बढ़ा , उन्नति देश की हुई  ,

साधन जब बढ़ गए , तो देश की गति भी बढ़ गई  || 

 

इन सबसे अलग मानव ने , गलत राह जब अपनाई ,

इसी चिंगारी से मानव ने ,नई खोज अपनाई ,

बम का आविष्कार कर ,मानव ने राह भुलाई ,

मानव जीवन को मौत की , अँधेरी राह दिलवाई  || 

 

Monday, April 21, 2025

PRASHN USKEY ( AADHYAATMIK )

 

                            प्रश्न उसके 


रचा संसार  ये जिसने , नियम भी उसी के चलते हैं  ,

वही रखवाला है संसार का ,कानून भी उसी के चलते हैं ,

परीक्षा भी उसी ने लेनी है , प्रश्न भी वही पूछता है  ,

समय भी उसी ने दिया  , अंक भी वही देता है  || 

 

प्रश्न उसके कठोर हैं , अंक जरा कम ही देता है ,

जरा कोशिश तो तुम करो ,पास वह कर ही देगा  ,

तुम्हारी कोशिशों को वह , नजर अंदाज ना करता ,

इन कोशिशों को ही तो , वह बहुत प्यार करता है  || 

 

जिंदगी दी है जब उसने , वह ही तो उसे चलाएगा ,

तुम्हारे प्यार और कोशिशों को , वह आगे बढ़ाएगा  ,

तुम्हारी इस जिंदगी की राह को , वही तो सजाएगा  || 

 

जान लो तुम उस महाशक्ति को , रचनाकार की ,

डूब जाओ तुम उसके प्यार में , रचनाकार के ,

जान लो तुम उसके प्यार को , रचनाकार के  || 

 

Sunday, April 20, 2025

SUKOON ( KSHANIKAA )

 

                                      सुकून 


जिंदगी में चाहिए जो सुकून , तो शांत रहो ,

जिंदगी में चाहिएँ खुशियाँ , तो मुस्का लो ,

बेचैन रहकर ना सुकून मिलेगा , ना खुशियाँ  || 

 

सुकून और खुशियों से , झोली भर लो अपनी ,

अपनी झोली में से बाँट दो ,कुछ - कुछ दूजों में  ,

जिससे सभी का जीवन भर जाए , सुकून और खुशी से  || 

 

किसी के टेढ़े - मेढ़े प्रश्न का जवाब , मौन है ,

मौन रहोगे तो सामने वाले को , जवाब मिल जाएगा ,

यहाँ तक कि सामने वाला , लाजवाब हो जाएगा  || 

 

कुछ प्रश्न ऐसे होते हैं , जिनके उत्तर देने से ,

अपना और सामने वाले का , सुकून खो जाता है ,

मौन ही सर्वोत्तम उत्तर है  ,तो दोनों ही ,

सुकून और खुशी में , गोते लगा लो  || 

 

Saturday, April 19, 2025

BATAA DO ( AADHYAATMIK )

 

                       बता  दो 


आए हैं हम कहाँ से  ? जाएँगे हम कहाँ  ?

दोनों ही रास्ते नहीं जानते , हम  बप्पा ,

तुम तो जानते हो , बता दो ना तुम बप्पा  || 

 

कहाँ तुम्हारा लोक है  ? कहाँ तुम्हारा धाम  ? 

कौन - कौन रहता है वहाँ  ? बता तो दो ना  बप्पा  ,

सब कुछ तो तुम जानते हो , बता तो दो ना  बप्पा  || 


क्या रंग हैं वहाँ  ? क्या ढंग हैं वहाँ  ?

कुछ हमें भी सिखा दो , हम भी ढलें उसमें  ,

जिंदगी तुमने ही तो दी है , बता तो दो ना बप्पा  || 

 

जीवन मिला हमें तुमसे , तुम में ही समाएगा ,

बीत जाएगा जब जीवन , जब ये बीत जाएगा ,

तभी तो   द्वार  तेरा खुलेगा , तभी प्रवेश होगा ,

जिंदगी की राहें तुमने बनाईं , पार लगा देना बप्पा   || 

 

Friday, April 18, 2025

MAANAVEEYTAA ( KSHANIKAA )

 

                         मानवीयता 


प्रकृति का हर रंग , कभी नहीं बदलता ,

पेड़ - पौधों की अपनी रंगत है ,

फूलों की अपनी रंगत और खुश्बु है ,

फल अपना आकार  ,स्वाद कायम रखते हैं ,

एक मानव ही अपना स्वाद , और रंग बदलता है  || 

 

  नदियों का जल स्वच्छता , और मिठास से भरपूर है ,

सागर अपनी गहराई , और खारापन लिए हुए है ,

झरनों की फितरत भी , अनोखी अदा लिए हुई  है  ,

 सिर्फ मानव की फितरत ही , कड़वाहट और क्रोध से भरपूर है  || 

 

पवन अपनी शीतलता , लिए बहती रहती है  ,

दामिनी अपनी कड़क लिए , चमकती रहती है ,

बरखा धरा और , उस पर बसे जीवन को ,

जीने के सभी साधन ,उपलब्ध कराती है  || 


बस मानव ही प्रकृति का ,

और अपना विनाश करने में लगा हुआ है  ,

अपनी मानवीयता को खत्म करने में लगा है  || 

 

 


Thursday, April 17, 2025

DOSTII ? ( KSHANIKAA )

 

       

                   दोस्ती  ?

 

दोस्ती है क्या  ?  बोलों दोस्ती है क्या  ?

दोस्ती है आईना  , सच ही सदा दिखाए ,

हर रंग का प्यार , जीवन में सजाए  ,

 जीवन की मुश्किलों को , हर बार ये हराए  || 

 

 दोस्ती है क्या  ? बोलो दोस्ती है क्या  ? 

दोस्ती है परछाईं , जो साथ कभी ना छोड़े ,

कैसी भी हो राह  ? ये साथ सदा निभाए ,

हर मुश्किल की घड़ी में , ये हरदम साथ निभाए  || 

 

दोस्ती है क्या  ? बोलो दोस्ती है क्या  ? 

दोस्ती है दीपक , राहें उजली कर जाए ,

हर ओर छाया  हुआ  ,  अँधेरा दूर भगाए ,

अपने दोस्तों की राहें , उजियाले से भर जाए  || 

 

Wednesday, April 16, 2025

ANOKHII CHAAY ( KSHANIKAA )

 

                              अनोखी चाय 


क्या लेकर हम आए  ?  इस दुनिया में ,

किस्मत की कोरी किताब ,लेकर आए ,

क्या लेकर हम जाएँगे  ? इस दुनिया से ,

कर्मों की भरी किताब ,

जो हमारे कर्मों के हिसाब से भरी होगी  || 

 

कर्मों के अनुमान से काम , नहीं चलेगा ,

अनुमान तो केवल , मन की  कल्पना है ,

अनुभव जो होंगे , हमारे कर्मों के ,

 वही हमें अच्छा सबक सिखाएँगे  || 


अच्छे कर्मों का जल लेकर ,

उसमें आत्मविश्वास का दूध मिलाकर  ,

सही सोच की चीनी और ,

भरपूर समय की चाय - पत्ती मिलाकर  ,

चाय बना लो , उसे अपने जीवन में उतार लो ,

तभी जीवन में सफलता की मंजिल मिलेगी  || 

 

MAUN ( KSHANIKAA )

 

                               मौन 


हालात जैसे भी हों दोस्तों , डरना मत ,

कभी भी उदास मत होना दोस्तों ,

होठों पे मुस्कानें सजाए रखना दोस्तों  || 

 

हर हालात , हर राह पार हो जाएगी ,

यदि तुम मुस्कुराओगे ,

मुस्कान ही तो चाबी है , हर ताले की ,

तो मुस्कान से खोल लो , हर ताले को  || 

 

इस दुनिया की बनाई हर राह ,

इस दुनिया वालों के  पैदा किए , हर हालात ,

तुम्हारे दिल को दर्द दें , चाहे जितने ,

मौन रहकर , मुस्कान फैलाकर , 

पार कर जाओ दोस्तों ,हर दर्द , हर उलझन ,

जीवन शांति से भर जाएगा  || 

 

Monday, April 14, 2025

ANMOL ( KSHANIKAA )

 

                         अनमोल 


 नहीं  भाग लो दोस्तों , आलोचना पार्टी में ,

ना करो तुम आलोचना किसी की , ना ही तुम सुनो ,

ये तुम्हारा काम नहीं , ये तुम्हारा काम नहीं  || 

 

किसी को मीठे बोल , नहीं बोल सकते तो ना सही ,

चुप रहो दोस्तों , कुछ भी ना बोलो  ,

मगर कड़वा  बोल , ना बोलो दोस्तों  || 

 

कड़वे बोलों से , अपना ही स्वाद कड़वा होगा  ,

चुप रह जाओगे गर ,फीका स्वाद मिलेगा  ,

मगर मीठे बोलों से तो , मीठा स्वाद मिल जाएगा  || 

 

जीवन मीठा बना लो , मीठा - मीठा बोल के ,

कड़वे बोल तो , बिन मोल के ,

मीठे बोल तो हैं अनमोल , जीवन बना देंगे ये अनमोल  || 

 

Sunday, April 13, 2025

CHAAHAT ( AADHYAATMIK )

 

                          चाहत 


किसी ने क्या कहा मुझसे  ? मैं ना जानूँ ,

किसी की मर्जी है क्या दोस्तों  ? मैं ना जानूँ ,

मुझे किस राह चलना है  ? मैं ना जानूँ ,

फिर कौन जाने यह सब  ? कान्हा तुम हो ना   || 

 

जीवन में हमें क्या मिलेगा  ? मैं ना जानूँ  ,

प्यार की राह मिलेगी या उपेक्षा की , मैं ना जानूँ ,

हर राह मुझे करनी होगी पार , मगर कौन सी  ? 

 इन सब बातों को कैसे मैं समझूँ  ? 

बताए कोई  ,  कान्हा तुम हो ना   || 

 

इस दुनिया की टेढ़ी राहों को , कौन जानेगा  ?

किसी की कही , अनकही बातों को , कौन जानेगा  ? 

कान्हा के सहारे ,पार हो जाएँगी , ये राहें ,

भवसागर में जीवन नैया , पार हो जाएगी ,

रुकावटें सभी पार हो जाएँगी , सभी की ,

बस यही तो हमारा फैसला है ,

यही तो हमारी चाहत है ,

इस चाहत में ,कान्हा तुम हो ना  ? 

 

Saturday, April 12, 2025

SAAT ( KSHANIKAA )

 

                             सात  


सात सुरों की सरगम , सजती है मीठे गीतों में ,

सजती है मीठे बोलों में , सजती है मीठे संगीत में ,

संगीत भरी ये दुनिया , देती है मीठी मुस्कान  || 

 

बैठा है रचेता सातवें आसमान पर , वहीं से रचा संसार ,

वहीं रहकर ,वहीं से , चलाता सारा संसार  || 

 

सात समंदर पार की दुनिया ,बन गई है अब एक ,

उड़ - उड़ कर मानव पहुँचे , दुनिया के हर छोर  || 

 

सात रंग मिलकर बनता है , सतरंगा इंद्रधनुष ,

जो मुस्कान दे जाए ,हर मानव के होठों पर ,

भीगे - भीगे मौसम में , रवि किरणों का चमत्कार ,

वही बनाता , सतरंगा इंद्रधनुष  || 

 

सात दिनों का एक सप्ताह ,

जिनका है नाम , ग्रहों के नाम  पर ,

रविवार ( रवि ) , सोमवार ( चाँद ) ,मंगलवार ( मंगल ) ,

बुधवार ( बुध ),बृहस्पतिवार ( बृहस्पति ),शुक्रवार (शुक्र ), शनिवार ( शनि ) || 

 

Friday, April 11, 2025

VEER HANUMAAN ( AADHYAATMIK )

 

                            वीर हनुमान 


जय - जय , जय - जय , वीर हनुमान ,

तुम तो हो हमारे ,देश की शान ,

राम भक्त तुम तो हो , वीर हनुमान ,

सागर किया था पार तुमने , लगाकर छलांग  ||  


सीता माता को खोजा , सोने की लंका  तुमने जलाई ,

राम - लखन का साथ देने को , सुग्रीव की सेना बुलाई ,

सारे काम बनाए तुमने , पुल सागर पे बनाया ,

राम भक्त तो हो तुम , हमारे वीर हनुमान  || 

 

लखन के घायल होने पर , बूटी तुम ले आए ,

तभी तो युद्ध - क्षेत्र में , लखन के प्राण बच पाए ,

जीवन भर भक्ति की राम की , सेवा उनकी की ,

आज भी तुम अपने और , राम भक्तों की ,

भक्ति से खुश हो कर , उनकी इच्छा करते पूरी  || 

 

Thursday, April 10, 2025

CHAHAK ( KSHANIKAA )

 

                                  चहक 


मत सोचो दोस्तों , कोई क्या बोला  ?

मत मानो दोस्तों ,ना पसंद बातों को ,

मत उलझो दोस्तों , उलझनों के धागों में ,

सुलझा लो दोस्तों , धागों की सभी गाँठों को  || 

 

जिंदगी में उतार - चढ़ाव को , आते रहते हैं दोस्तों ,

वही जीवन का रास्ता , प्रशस्त करते हैं ,

उन्हीं उतार - चढ़ाव  को , पार करते रहो ,

और जीवन का रास्ता , पार कर जाओ दोस्तों  || 

 

रंग जीवन के सतरंगे , इंद्रधनुष सजाएँगे ,

उन्हीं रंगों में डूबकर , मुस्कानें सजा लो दोस्तों ,

वही मुस्कानें तो जीवन को ,खुशियों से भर जाएँगी  || 

 

अपनी मुस्कानों को , दूजों को भी बाँटो  दोस्तों ,

अपने साथ दूजों को भी , खुशियाँ बाँटो दोस्तों ,

तभी तो सही मायने में ,जीवन चहक जाएगा ,

 जीवन महक जाएगा , जीवन चहक जाएगा  || 

 

Wednesday, April 9, 2025

RAAH JIVAN KII ( AADHYAATMIK )

 

                            राह जीवन की 


जीवन है साँसों की डोर ,

जिसका कोई ओर ना छोर ,

उस डोर को थामे रहो दोस्तों ,

जीवन की राह को लंबी बना लो दोस्तों  || 

 

परिश्रम से , कोई भी राह आसान बनती है ,

उसे आसान बना लो दोस्तों ,

उस आसान राह को , बिना मुश्किल पार कर लोगे , 

ये राह तो तुम ,मुस्कानों के साथ पार कर जाओगे  || 

 

ईश्वर का आशीर्वाद , सबके साथ रहता है ,

तुम्हारे साथ भी , यह आशीर्वाद है ,

तो थाम के ,ईश्वर के आशीर्वाद को ,

जीवन की राह , पार कर लो दोस्तों  || 

 

Tuesday, April 8, 2025

SHRENII ( KSHANIKAA )

 

                                  श्रेणी 


कुछ भी पकाते हुए ,सभी मसाले डालो दोस्तों ,

सभी को संतुलित मात्रा में , डालो दोस्तों ,

स्वाद सभी मसालों का , खाते समय आएगा दोस्तों  || 

 

उनमें से एक नमक ऐसा है ,

जो अपनी उपस्थिति से , या अनुपस्थिति से ,

पकवान का स्वाद , बनाता या बिगाड़ता है  || 

 

तो दोस्तों तुम अपना , व्यक्तित्व नमक जैसा बना लो ,

कहीं भी तुम्हारे होने पर , कोई महसूस करे या ना करे ,

मगर तुम्हारी अनुपस्थिति को , हर कोई महसूस करेगा  || 

 

अकेले नमक के होने से भी ,खाना खाया जा सकता है ,

मगर बाकि मसाले होते हुए भी ,

नमक की कमी से नहीं खा सकते , 

तो पसंद आयी व्यक्तित्व की श्रेणी  ?

तो बताओ क्या बनोगे दोस्तों  ?

क्या कहा ? ---- नमक , बिल्कुल  ठीक दोस्तों  ||  


Monday, April 7, 2025

JIVAN ( JIVAN )

 

                            जीवन 


मिला जो जीवन इस दुनिया में , अनमोल है ,

इनमें सबसे कीमती , प्यार के मीठे बोल हैं ,

इन बोलों में , प्यार है , जीवन का सार है ,

इस प्यार को , ग्रहण कर लो दोस्तों  || 

 

इस जीवन में जो सपने हैं , वही तो अपने हैं  ,

उन्हीं को सच कर लो ,जीवन को गुलशन बना लो ,

प्यार के मीठे बोलों को सजा कर , 

प्यार की चाशनी में डूबे , मीठे गीत बना लो दोस्तों  || 


जीवन की नैया को ,भवसागर में ,

तैरा  कर , पार करने में मदद करो ,

मुस्कानों की पतवार बना कर ,

जीवन की नैया खेते जाओ , पार लगाते जाओ  || 

 

Sunday, April 6, 2025

DOOR HAIN ( KSHANIKAA )

 

                                  दूर  हैं 


धरा है गगन की दोस्त ,मगर दूर है ,

ऐसे ही हमारे सभी दोस्त , हमसे दूर हैं  || 


यादें भी हैं सबकी , बातें भी हैं सभी की ,

हरदम जो पल - पल , मगर आती जरूर है  || 

 

वो बीते पल , वो बीत गए जो कल ,

आज वो पास नहीं हैं , आज वो दूर हैं  || 

 

पता नहीं , कल मिलेंगे या नहीं ,

पता नहीं ,कल वो खिलेंगे या नहीं ,

कुछ भी हो मगर ,इंतजार जरूर है  || 

 

अगर आप को कहीं मिल जाएँ , वो पल ,

तो याद दिला देना ,हमारे इंतजार का  ,

हमारी आस , हमारे विश्वास का ,

यही सब हमारे हाथ में जरूर है  || 

 

 


Saturday, April 5, 2025

SAKHAA SAAGAR ( RATNAAKAR )

 

                               सखा सागर 


आजा रे सागर तू आजा ,लहरों को संग लेकर आजा ,

मिल के गप्पें मारेंगे ,गीतों का हम समां बाँधेंगे  ||  


बहुत दिन हुए ,हम सब मिलकर बैठे नहीं ,

नहीं कीं सामने बैठ बातें ,और ना खिलखिलाए ,

आज तो आओ ,कुछ हमारी सुनो ,कुछ अपनी सुनाओ  ||  


तुम  तो हो रत्नों का आकर ( घर ), एक बड़ा सा ,

खजाना है तुम्हारे अंदर ,जीवों का भी बसा है संसार ,

तुम्हारे अंदर ,रंगों का संसार ,सजा है तुम्हारे अंदर  || 

 

सागर तुम हो सखा हमारे , जल का अतुल भंडार हो  ,

तुम्हारे इसी जल में ,जीवन उपजा था ,

वही जीवन फिर धरा पे आया , पूरी दुनिया तभी बनी ,

मानव ने सुखी जीवन था पाया  || 

 

मगर सागर एक बात बताओ तुम ,

नदियाँ तो मीठा जल लातीं ,

तेरा घर उनके ही जल से भरता ,

पर तूने उसे नमकीन , क्यों और कैसे बनाया  ?? 

 

CHAAHATEN ( JIVAN )

 

                              चाहतें 


जिंदगी में कुछ चाहतें , पूरी  होती हैं ,

और कुछ चाहतें , अधूरी रहती हैं ,

पूरी हुई चाहतें ,खुशियाँ दे जाती हैं ,

अधूरी रही चाहतें , ख्वाब बन जाती हैं  || 

 

हम उन अधूरी चाहतों में ,

उलझ कर व्यथित हो कर ,

समझ नहीं पाते , हम क्या करें  ?

जिससे हमारी वो अधूरी चाहतें  , पूरी हो जाएँ  || 

 

कुछ चाहतों को पूरा करने की ,

दृढ़ इच्छा शक्ति ही हम को ,

सफलता दिला देती है ,यदि हम ,

उलझनों को बड़ा बना लेते हैं ,

तो हमें असफलता ही हाथ में आती है ,

तो दोस्तों दृढ़ इच्छा शक्ति को ,

अपने अंदर जगा कर ,सफलता का रास्ता पकड़ लो  || 

 

Thursday, April 3, 2025

KADAK DAMINII KII ( JALAD AA )

 

                            कड़क दामिनी की 


एक बूँद बदरा दे जा ,

मेरे तपते अँगना की ,धरती की प्यास बुझा जा रे ,

अपनी घनी छाया में ,धरती को राहत दे जा रे ,

कब से धरती तपती है , रवि किरणों के तेज से  ?

उस तपन को कम कर जा रे  || 

 

अपनी बरखा को तू भिजवा दे , रिमझिम - रिमझिम बरसा दे ,

धरती अपनी खिलखिलाएगी ,तुम्हारे ही गीत गाएगी  रे || 


अपना दिल भी खुश हो जाएगा ,खुश होकर ये मुस्काएगा ,

मुस्का  के ये  गुनगुनाएगा ,जिससे तू भी बदरा खिलखिलाएगा रे || 


तेरी दामिनी भी चमकती जाएगी ,कड़क - कड़क के खिलखिलाएगी ,

पवन भी तुझको गगन में उड़ाएगा ,

दामिनी , पवन के साथ मिलकर ,तू भी जी जाएगा रे  || 

 

Wednesday, April 2, 2025

GAREEB YAA AMEER ? ( AADHYAATMIK )

 

                            गरीब  या  अमीर  ? 


कौन है गरीब  ? या कौन है अमीर  ? 

हम ही सबसे गरीब हैं बंधु  ,

क्या है हमारे पास  ? ना आस है ना साँस ,

साँसें सभी उधार की हैं बंधु ,

जब दुनिया  का का रचेता चाहेगा , रोक देगा  || 

 

संसार में जीवों की चौरासी लाख योनियाँ हैं ,

सबसे श्रेष्ठ मानव योनि है ,

और सभी जीवों में से मानव ही ,

धन अर्जित करता है ,  मगर बंधु फिर भी , 

सभी जीवों में से मानव ही , भूख से मरता है ,

बाकि सभी जीव पेट भर ,खा कर जीवित रहते हैं  || 

 

गरीब होने के साथ - साथ , हम ही सबसे अमीर हैं ,

तीनों लोकों का मालिक ही , 

हमारा सपना है  ,वही हमारा अपना है ,

 वही हमारी हर बिगड़ी संवारता है  ,

जिसका आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ है  || 

 

Tuesday, April 1, 2025

CHANDANIYAA ( CHANDRAMAA )

 

                       चंदनिया  


आजा रे चंदा , तुम्हें आना ही होगा ,

चंदनिया का जाल , बिछाना ही होगा  || 

 

रातों के फैले ,अँधियारे को दोस्त ,

अपनी मुस्कान से , मिटाना ही होगा  || 

 

धरती भी ताकती है , राहें तुम्हारी ,

उसकी भी दोस्ती को , बढ़ाना ही होगा  || 

 

रंगों भरे दिन तो , बीत यूँ ही जाते ,

रातों को चंदनिया से , चमकाना ही होगा  || 

 

चंदनिया तो चंदा , मुस्कान है तुम्हारी ,

उसी से चंदा धरा को , चमकाना ही होगा  ||  

 

Monday, March 31, 2025

PARAAJAY ( KSHANIKAA )

 

                                पराजय 


दूजों  ने हमें हराने की , कोशिश तो बहुत की ,

हम हारे नहीं , ये हमारी जीत है ,

अपने ही  जाल में , हम उलझे रहे ता - उम्र ,

उलझन ना सुलझ पाई , ये हमारी हार है  || 

 

उलझन के धागों का ,सिरा ही नहीं मिल पाया ,

उलझन वहीं की वहीं रही , ये हमारी हार है ,

समय ता - उम्र ,बीतता चला गया मगर ,

उलझन नहीं सुलझी , ये हमारी हार है  || 

 

एक मोड़ पर ,अनजाने में ही हम ,

अपनी गलतियों के ना होने पर भी ,

हम दूजों की गलतियों के सामने झुक गए ,

अपनी पराजय स्वीकार कर ली ,

यह तो हमारा सिर्फ ,पराजय स्वीकार करना था ,

मगर दूसरों की यह , असली पराजय थी दोस्तों   || 

 

Sunday, March 30, 2025

SUBOOT ( KSHANIKAA )

 

                                  सुबूत 


 मन को शांत रखना ही , हमारी जीत है ,

मन की शांति में ही , जीवन सुंदर है ,

दूसरे की गलतियों को , क्षमा  करना ,

या उनकी गलतियों को , भूल जाना ,

ही तो मन को , शांति दे जाता है  || 

 

भूल जाइए दोस्तों , दूसरों के दिए जुमलों को ,

याद रखिए दोस्तों ,अपने दिल के विश्वास को ,

प्यार खुद से कीजिए , मुस्कानें  बिखराइए ,

और सभी को अपनाइए   || 

 

विश्वास भी कैसा दोस्त है अपना  ? 

उलझनों में फंसा देता है , 

मगर निकलने का रास्ता नहीं देता ,

रास्ता ढूँढने के लिए उम्र दे देता है  || 


मगर विश्वास करने के लिए  ,

कोई सुबूत नहीं देता ,

वैसे दोस्तों , हर बात का ,

कोई सुबूत नहीं होता ,

क्या गीता पर , श्री कृष्ण के हस्ताक्षर हैं  ?? 

 

Saturday, March 29, 2025

KHOOBSOORAT ( KSHANIKAA )

 

                               खूबसूरत 


सब कुछ याद ,मत रखो दोस्तों ,

कुछ याद रखो ,कुछ भूल जाओ ,

कुछ यादें मुस्कानों की , हों तो मुस्काओ ,

कुछ भूलने के बाद , उसे ना जगाओ  || 

 

मत सोचो दुनिया में , कौन खूबसूरत है  ?

बस इतना सोच लो कि तुम्हारी ,

दुनिया किसके होने से खूबसूरत है  ?? 

 

मैं बताऊँ दोस्तों , वह कौन है  ?

वह है --- आप सबकी मुस्कान  ,

आप सब की मुस्कान से ही तो ,

आप सबकी दुनिया खूबसूरत है   || 

 

 मुस्कानें ,जो सजा ले अपने होठों पर ,

वही अपनी जिंदगी ,खूबसूरत बना लेता है ,

वही जिंदगी जो ,ईश्वर की दी हुई नेमत है  || 

Friday, March 28, 2025

PAWAN ( JIVAN )

 

                               पवन 


हम प्यार तुमसे करते हैं , मेरे दोस्तों ,

हम खिलाते हैं मुस्कानें , तुम्हारी दोस्तों ,

हम यादें तुम्हें याद कराते हैं ,तुम्हारी दोस्तों   || 

 

ये जग है तुम्हारा - हमारा ,सुनो दोस्तों ,

ये जीवन बहुत प्यारा है , सुनो दोस्तों ,

रंगों का इंद्रधनुष प्यारा है ,सुनो दोस्तों  || 

 

धरा पे जो खिलते चमन हैं , देखो दोस्तों ,

चमन में खिलते जो फूल हैं , देखो  दोस्तों ,

उन फूलों की भीनी महक से , महको दोस्तों  || 

 

मुस्कानों और यादों को जग में , फैलाओ दोस्तों ,

रंगों और महकों को जग में , फैलाओ दोस्तों ,

जो चाहो तो हमारा साथ तुम ,अपनाओ दोस्तों ,

हमारा नाम जानते हो , क्या कहा नहीं  ? 

हमारा नाम है पवन , जान लो दोस्तों  || 

 

Thursday, March 27, 2025

KHUSHIYAAN ( KSHANIKAA )

 

                                       खुशियाँ 


बड़ी - बड़ी खुशियों का ,ना करो इंतजार दोस्तों ,

कमरों का आकार छोटा , साथ में द्वार छोटे ,

बड़ी खुशियाँ प्रवेश करेंगी कहाँ से  ?? 

 

छोटे कमरों और छोटे द्वार से ,

बुला लो अंदर छोटी खुशियों को ,

सूर्योदय के समय ,खिड़की से आती किरणों में ,

प्रातः काल जागे , पंछियों की चहचहाहट में ,

अपनी मुस्कान को जगा लो दोस्तों  || 

 

पेड़ों और पौधों की ,नवीन पत्तियों में ,

नई खिलती कलियों की सुंदरता में ,

जग को महकाती , फूलों की  महक में   ,

ढूँढ लो अपनी ,छोटी - छोटी खुशियों को ,

बुला लो अपने घर के अंदर ,

महका लो अपना घर , महक और खुशियों में  || 

 

Wednesday, March 26, 2025

RACHANAAKAAR ( AADHYAATMIK )

 

                         रचनाकार 


रिश्तों को संभालो दोस्तों ,दोस्ती को निभालो दोस्तों ,

ये ही तो सबका संसार है ,

ये ही तो जिंदगी का आधार है  || 

 

 दुनिया में फैले ,रंगों को समेट लो ,

इन्हीं से जीवन, सबका रंगीन बनेगा ,

हर मौसम में रंगों में , आएगा बदलाव ,

तभी तो जीवन में , इंद्रधनुष खिलेगा  || 

 

रचनाकार ने , जीवन सजाया धरा पर ,

रंग बिखराए ,पूरे संसार में , खुशियाँ बाँटी ,पूरे संसार में ,

 मुस्कानें सजाईं , सभी के होठों पर  || 


रचनाकार हर हालात में ,अपना द्वार खोलता है ,

अपने रचित मानव की , सदा मदद करता है ,

यदि एक द्वार बंद हो जाए तो ,

वह दूसरा द्वार ,खोल देता है  || 

 

Tuesday, March 25, 2025

VYASTATAA ( JIVAN )

 

                        व्यस्तता 


समय को खाली मत बिताओ ,व्यस्त बना लो ,

कर्मों का खजाना खोल लो , कर्म कर लो ,

जीवन के समय को ,व्यस्तता में डुबा लो  || 

 

ये व्यस्तता ही ,जीवन को सुंदर बनाती है ,

अपने जीवन को , मनपसंद कर्मों से सजा लो ,

वही कर्म तो तुम्हारे , जीवन को ख़ुशी देंगे  || 

 

व्यस्तता बढ़ाओ ,मुस्कानें बाँटने में ,

खुद की भी मुस्कानें बढ़ाने में ,

खुशियाँ देने में ,खुद भी खुश रहने में  || 

 

ऐसी व्यस्तता ही तो , जीवन का सार है ,

सुख का संसार , इसी तरह तो बनता है  ,

तो अपना लो ,इसी व्यस्तता को ,

खाली दिल , दिमाग ही ,दुखों का घर होता है  || 

Monday, March 24, 2025

ANMOL MOTII ( DOHA )

 

                            अनमोल मोती 


भूल कर पैर की मोच को ,त्याग कर छोटी सोच को ,

आगे तू कदम बढ़ा ,मिलेगी तुझे मंजिल  || 

 

बहुत ध्यान से ढूँढिए ,अपनी गलती जरूर मिलेगी ,

 तूफान को नन्हीं - सी ,नाव भी पार करेगी  || 


भीड़ बढ़ रही संसार में , मन  तो रहे अकेला ,

बुला ले अपने दोस्त , मन डूबेगा प्यार में  || 

 

खेलो खिलौनों से , मत खेलो जज्बात से ,

गर कुछ दुविधा हो तो , दूर करो उसे बात से  || 

 

अपनी मिट्टी से जुड़े रहो , पकड़ रहे मजबूत ,

संगमरमर पर तो , पैर ही फिसले जाएँ  || 

 

टूटी कलम को फिर से जोड़ो ,दूजों से जलन को छोड़ो ,

लिखो सत्कर्म से , अपने भाग्य को  || 

 

त्यागो आलस ,छोड़ो लालच पैसों का ,

लालच करो कर्म का ,मानव सेवा करो ,बनो सच्चे इंसान || 

 

मजा उठाओ सफर का , कम रखो सामान ,

जिंदगी मौज बन जाएगी ,जो कम होंगे अरमान  || 

 

धन को कभी ना जोड़िए ,वो तो साथ ना जाय ,

कर्मों की गठरी बाँध लो , जो तेरा साथ निभाय  || 

 

साँसों का बोझ शरीर को ,भारी बहुत बनाय ,

छूटीं साँस शरीर की , लाश तैरती आय  || 

Sunday, March 23, 2025

BHAAV ( KSHANIKAA )

 

                                 भाव 


जीवन में हैं होते , अनेक भावों के पहिए ,

प्रेम , प्यार , क्रोध , नफरत , भरोसा , धोखा ,

इन सभी को दिल में ना बसाओ ,

सुंदर भावों को ही , दिल में तुम बसाओ  || 

 

कुछ भाव तो , जीवन सुंदर बनाते हैं ,

मगर कुछ भाव तो , जीवन में  जहर घोल देते हैं ,

घर और रिश्ते संभाल लो दोस्तों ,

जिंदगी को जलेबी की तरह ,

रसीली और मीठी बना लो दोस्तों  || 

 

 भरोसा करो  ,हमेशा पहले स्वयं पर ,

उसके बाद , भरोसा करो अपनों पर ,

 तभी तो रिश्तों को प्यार की ,

चाशनी में डुबाकर मीठा बना पाओगे ,

तब सभी कुछ स्वयं संवर जाएगा दोस्तों  || 

 

Saturday, March 22, 2025

RISHTE ( KSHANIKAA )

 

                                 रिश्ते 


जिंदगी की रफ्तार , इतनी तेज ना रखो ,

कि दोस्त पीछे छूट जाएँ , 

मगर इतनी धीमे भी ना रखो , 

कि दोस्त आपको पीछे छोड़ ,मंजिल पर पहुँच जाएँ ,

तो दोस्तों औसत गति से चलते जाइए  || 

 

रफ्तार अपनी दौलत के लिए ना बढ़ाओ ,

दौलत तो ऐसी तितली है ,

जो उड़ते - उड़ते खुद भी दूर चली जाती है ,

और दूसरों को भी सभी अपनों से ,

दूर ले जाती है , और अकेला कर जाती है  || 

 

रिश्ते ऐसे बना लो दोस्तों ,

कि  हक , बिना किसी  शक के  बना रहे ,

विश्वास बना रहे ,जिंदगी में भरोसा कायम रहे , 

साथ ही रिश्तों का , हार सजा रहे  || 


Friday, March 21, 2025

SAMAY KE DARPAN ME ( KSHANIKAA )

 

                       समय के दर्पण में 


आज समय के दर्पण में , झाँका जो दोस्तों ,

कुछ समय तो हमने  देखे , बचपन के कुछ खेल ,

कुछ और समय में देखा , दोस्तों से अपना मेल  || 

 

यादों में अपने आईं , वो पुरानी गलियाँ ,

उन गलियों में खिलती रहीं ,खुशियों की कलियाँ ,

उनकी महक से ही तो ,महका है जीवन हमारा  || 

 

बचपन के कुछ दोस्तों से , आज भी मेल है ,

मगर सभी के ठिकाने , बहुत दूर - दूर हैं ,

आज समय के दर्पण में , उन्हीं का प्रतिबिंब है  || 

 

अब आगे कब मिलेंगे  ? सभी साथी अपने ,

याद आती है सभी की , आवाजें गूँजतीं हैं उनकी ,

उन्हीं गूँजों में अब तो , ये जिंदगी बितानी है  || 

 

समय का दर्पण भी ,एक सुंदर जरिया है ,

एक डोर है जो आज को और  ,

पुराने समय को जोड़ती है ,

तो इस सुंदर दर्पण को ,

अपने जीवन में सजाए रखो दोस्तों  || 

 

Thursday, March 20, 2025

SHRIDDHAA ( KSHANIKAA )

 

                                श्रृद्धा 


जीवन में आने वाला हर दिन ,

सब रंग नए दिखलाता है ,

उगने वाला सूरज ,हर किरण  नई बिखराता है ,

सब को रंगों से भरता है ,जीवन नए सजाता है  || 

 

जो नई कोंपलें फूटती हैं ,

उनको वह पेड़ बनाता है ,

आवाज पंछियों की वह ,सारे जग  में फैलाता है ,

इस सुंदर से जग को ,वह अति सुंदर बनाता है ,

जग वालों में वह ,मुस्कानें बाँटता जाता है  || 

 

सूरज की  किरणों से , सजी धरा ,

अपना सोना जग वालों को ,दे जाती है ,

जिससे जग वालों का ,आँचल पूरा भर जाता है  || 

 

इन सब तोहफों को पा कर के ,

मानव अमीर बन जाता है ,

इसीलिए वह धरा और सूरज ,

के सामने श्रृद्धा से शीश झुकाता है  || 

 

Wednesday, March 19, 2025

ANTARDWANDWA ( KSHANIKAA )

 

         

                      अंतर्द्वन्द्व 


दिल ,दिमाग में छिड़ा है द्वन्द्व , अंतर्द्वन्द्व ,

दिल जुड़ा है भावनाओं से ,

जबकि दिमाग में चल रहीं , तर्क संगत बातें ,

दोनों एक दूसरे से विपरीत दिशा में ,

एक दूसरे की बातों को काटती बातें  || 

 

भावनाओं की कसौटी ही हैं प्रेम ,प्यार ,

तर्क माँगता है सबके लिए प्रमाण ,

अब प्रेम ,प्यार के लिए कोई प्रमाण नहीं ,

और तर्क संगत  बातों के लिए कोई भाव नहीं  || 


कैसे ये द्वन्द्व  समाप्त हो दोस्तों  ?

दिल और दिमाग कैसे शांत हों दोस्तों  ?

इन दोनों के अशांत रहने पर ,

जीवन ही अशांत हो जाएगा दोस्तों  ,

बताओ दोस्तों ! कोई राह दिखाओ कोई रास्ता ,

दोनों को शांत करने के लिए ,कुछ सुझाव दो ना  || 

 

Tuesday, March 18, 2025

SAFAL ( JIVAN )

 

                                सफल  


कोई भी नहीं ,इतना ताकतवर ,

जो सभी को , मुस्कानें बाँट सके ,

जो सभी को , खुशियाँ बाँट सके ,

हम भी बंधु ,इतनी ताकत नहीं रखते  ||  


मगर हर कोई ,रखता नहीं ताकत ,

जो  दे  ना दुःख ,किसी को भी ,

जो दे ना उदासी ,किसी को भी ,

हम भी बंधु ,इतनी तो ताकत रखते हैं  || 

 

यही काफी है बंधु ,हम ना बनें ,

किसी के भी , किसी भी दुःख  का कारण ,

जीवन भर यही तमन्ना है दोस्तों ,

हमारे कारण किसी को ,कोई दुःख ना पहुँचे ,

हम किसी एक को भी , हम मुस्कान दे सकें ,

तो जिंदगी सफल है दोस्तों , सुंदर है दोस्तों  || 

 

NISHAAN ( JIVAN )

 

                     निशान 


शक्ति समेटो , दिल में आशा की ,

शक्ति समेटो , दिल में विश्वास की ,

यही शक्ति  तो तुम्हारे ,मनोबल को बढ़ाएगी ,

जीवन की राह को उजागर करेगी  || 

 

पूरी शक्ति लगा दो ,इसी राह में ,

दौड़ पड़ो और पाओ अपनी मंजिल ,

जीत जाओ सभी के दिल ,

रिश्ते बना लो और पकड़ लो मंजिल  || 

 

कल जब तुम ना रहोगे ,इस जग में ,

तब भी तुम्हारे आशा और विश्वास ,

पलेंगे , बढ़ेंगे इस जग में ,

तो बढ़ा लो कदम ,अपने इसी राह में ,

और छोड़ो अपने ,कदमों के निशान ,

इसी राह में , इसी राह में  || 

 

Sunday, March 16, 2025

TAARAAGAN ( JIVAN )

 

                          तारागण 


दिल , दिमाग जो मिला है बंधु ,

उनमें डालो सुंदर बीज ,

जो उगते ही जीवन को ,सुंदर बनाएँ ,

प्रेम ,प्यार और मीठे बोल ,

जीवन को प्यार में डुबा देंगे  ||  


लोभ ,मोह और क्रोध ना डालो ,

दिल , दिमाग की भूमि में  ,

इनके उगते ही तो बंधु ,

जीवन नर्क बन जाएगा  || 

 

कर लो जीवन को सुंदर ,

गीत बना लो , मीठे बोलों को बुनकर ,

दोस्त बनेंगे दुनिया में ,उन गीतों को सुनकर  || 

 

जीवन के सुंदर बनते  ही ,जग सुंदर हो जाएगा ,

 जग की सुंदरता देख - देख ,

तारागण भी शर्माएगा ,तारागण भी शर्माएगा  || 

 

SAMBHAAL ( KSHANIKAA )

 

                         संभाल 


जो चीजें तुम्हारे दिल के करीब हैं ,

उन्हें संभाल कर रखो दोस्तों ,

लंबे समय तक संभाल लोगे तो ,

वे सब तुम्हारे पास ही रहेंगी दोस्तों  || 

 

उन चीजों में क्या - क्या शामिल हैं  ?

उनमें हैं प्यार ,मीठे बोल ,मीठे गीत ,

प्यारे रिश्ते ,सब को दिल की तहों में ,

दबा कर रखो दोस्तों  || 

 

ये सब चीजें बहुत कीमती हैं दोस्तों ,

इनकी कीमत ना धन है , ना सोना - चाँदी ,

इनकी कोई कीमत नहीं है , ये सब अनमोल हैं  || 

 

मगर इनसे ही तुम ,और हम धनवान बनते हैं ,

इन्हीं से  संबंधित कर्म ही , हमारे जीवन के , 

बाद भी हमारा साथ देते हैं दोस्तों ,

तो इन्हीं को , पूरी तरह संभाल लो दोस्तों  || 

 

Friday, March 14, 2025

KHAJAANAA ( KSHANIKAA )

 

                             खजाना 


जीवन में प्रगति ,पाने की राह कठिन है  ,

उसी पर धीरे - धीरे , चलते रहना चाहिए ,

रिश्तों को पाने की , चाह सभी को होती है ,

रिश्तों को मजबूत ,धीरे - धीरे ही बनाना चाहिए  || 

 

इसी तरह हम अपने , मन को प्रसन्न बनाएँ ,

प्रसन्न रहते हुए ही , रिश्तों को मजबूत बनाएँ  ,

यही तो हमारे ,जीवन का खजाना है ,

इसी खजाने को , बढ़ाते रहना चाहिए  || 

 

इसी खजाने की , कीमत बहुत बड़ी है  ,

इस बड़ी कीमत को हमें ,बढ़ाते रहना जरूरी है ,

तभी तो हमारा ,खजाना भारी और कीमती ,

होने  पर हमारी , बड़ी मदद कर पाएगा  || 


HOLII HAI ( KSHANIKAA )

 

 

                               होली है 


पिचकारी की धार है ,रंगों की फुहार है ,

होली  है , भई  होली है ,

सब अपनों का प्यार है , यही तो होली है   || 

 

मुस्कानों का आधार है , प्रीतम की बाँहों का हार है ,

होली है , भई होली है ,

आकाश में खिलता चाँद है ,चंदनिया की चमकार है ,

यही तो होली है  || 

 

गुब्बारों की मार है , उड़ता अबीर गुलाल है ,

होली है , भई होली है ,

बच्चों और बड़ों के ,हुए रंगीन गाल हैं ,

यही तो होली है  || 

 

मिठाइयों का भंडार है , गुझिया की मारामार है ,

होली है , भई होली है ,

पकवानों की खुश्बुओं से ,महका हमरा संसार है ,

यही तो होली है , खुशियों की गोली है  || 

 

Wednesday, March 12, 2025

PYAARI DUNIYAA ( JIVAN )

 

                           प्यारी दुनिया 


दुनिया अपनी,जीवन अपना,सपने अपने,हर कोई अपना,

सभी के प्यार को ,तुम बसा लो अपने दिल में  ,

बना लो सभी को अपना  || 

 

रिश्तों को मजबूत बना लो , कड़क चाय की तरह ,

दोनों को ही बनने में ,समय तो लगता है दोस्तों  || 

 

कीमत रिश्तों की समझो तुम ,वही तो इस जीवन में ,

चलने वाली गाड़ी को ,मंजिल तक पहुँचाएँगे  || 

 

हर समय बदलता रहता है ,जीवन और रिश्ते दोनों ,

दोनों ही हालातों से ,जुड़े रहते हैं दोस्तों  || 

 

रंग - बिरंगी ये दुनिया ,मन सबका खुश करती ,

सबको ही ये प्यारी दुनिया ,उनका कर्म समझाती  || 

 

 

Tuesday, March 11, 2025

NAA MUMKIN ( JIVAN )

 

                     ना  मुमकिन 

 

जिंदगी में  कुछ  भी चाहना आसान नहीं ,

जिंदगी में कुछ भी पाना आसान नहीं ,

चाहत को पाने के लिए ,

कर्मों का कठिन होना जरूरी है  ||  

 

दोस्तों हर कोई ,उसी चीज को चाहता है ,

जिसे पाना बहुत मुश्किल है ,

इसलिए वह चीज उसे बहुत मुश्किल ,

और ना मुमकिन होने पर भी मिल जाती है  || 

 

तो भी हम उसे पा ही लेते हैं ,

जिंदगी की राहों को ,

मंजिल की ओर ,मोड़ ही लेते हैं ,

दुनिया के भवसागर को ,पार कर ही लेते हैं  ||  


Monday, March 10, 2025

JIMMEDAARII ( SAMAJIK )

 

                                जिम्मेदारी 


कुछ लोग जिम्मेदारी देते हैं , और कुछ लेते हैं ,

ये सिलसिला लगातार चलता है दोस्तों ,

हँसकर  जिम्मेदारी उठाने  वालों को ,

लोग बेवकूफ समझते हैं ,और उनका मजाक बनाते हैं  || 

 

क्या जिम्मेदारी उठाने वाले गलत हैं दोस्तों  ?

नहीं ! यदि ऐसा   हो , तो कोई माता - पिता ,

बच्चों को सहारा नहीं देंगे ,

गलत वो हैं ,जो उनकं मजाक बनाते हैं  || 

 

जिम्मेदारी उठाना प्यार से , दुनिया में ,

एक बहुत बड़ा और महान कार्य है ,

समझो उन लोगों के प्यार को ,

जो ये कार्य प्यार में डूबकर करते हैं ,

ना किसी पर हक जताते हैं ,

ना किसी से कोई माँग करते हैं ,

उन्हें सिर्फ उनका प्यार और मीठे बोल चाहिएँ  || 

 

Sunday, March 9, 2025

MUSKAANEN ( JIVAN )

 

                            मुस्कानें 


मुस्कानें बाँटो  सभी में ,तभी तो तुम भी पाओगे ,

रंग बाँटोगे जो सब ओर ,रंगों से तुम रंग जाओगे ,

सच मानो दोस्तों ,इंद्रधनुष बन जाओगे  || 

 

कलियों को खिलाओगे ,तो गुलशन को महकाओगे ,

गुलशन की महक से तुम ,जग को महकाओगे ,

जग की महक से तुम ,अपनी साँसों को महकाओगे  || 

 

ये तो रीत है दुनिया की ,जो बोओगे वही तो काटोगे ,

प्रकृति के नियमों का ,पालन करके ही तो ,

तुम अपने जीवन को ,सफलताएँ दिलाओगे  || 

 

कीमतें मुस्कानों की ,और रंगों की ,

इसी जीवन में ही तो चुकानी हैं ,

महकाओगे इस दुनिया को तो ,

उन्हीं महकों में तुम भी रम जाओगे  || 

 

Saturday, March 8, 2025

KARMON SE BHARII KISMAT ( KSHANIKAA )

 

                             कर्मों से भरी किस्मत 


किस्मत का लेखा  लेकर आए हम , इस जग में ,

तब हमारे कर्म का लेखा शून्य था ,

किस्मत का खर्चा किया हमने ,  इस जग में ,

हो गया , जो अंत तक हो गया शून्य था  || 

 

कर्म का लेखा बढ़ता गया ,इस जग में ,

साथ ही कर्म की गठरी भी ,बढ़ती गई ,

हमने वो गठरी ,कैसे कर्मों से भरी  ?

अच्छे थे या बुरे थे  ? सच्चे थे या झूठे थे  ??

 

यह तो किस्मत ,लिखने वाला ही  तय करेगा  ,

 हमने क्या किया  ? कैसे किया  ? क्यों किया  ? 

फैसला रचनाकार का , हम पास हुए या फेल  ? 

हमने अपना जीवन ,सफल किया  या नहीं  ?? 

हम कुछ भी नहीं जानते ,हम कुछ भी नहीं जानते  || 


Friday, March 7, 2025

MAHILAA DIVAS ( STREE VIMARSH )

 

                             महिला दिवस 


दुनिया के इस भवसागर में , फंसी हुई एक स्त्री हूँ मैं ,

हाँ ,जी हाँ ! एक स्त्री हूँ मैं ,

 अपने सब किरदार निभाती ,स्त्री हूँ मैं  ||  


जितने कर्त्तव्य ईश्वर ने सौंपे ,

जितने कर्त्तव्य पथ ईश्वर ने बनाए ,

उन सभी पे चलती ,स्त्री हूँ मैं ,

अपने सभी कर्त्तव्य निभाती ,स्त्री हूँ मैं  || 

 

अपना कोई कर्त्तव्य अधूरा ,मैंने नहीं छोड़ा ,

हर कर्तव्य जी जान से निभाती ,स्त्री हूँ मैं  || 

कीमत हर रिश्ते की चुकाती , स्त्री हूँ मैं  || 

 

आज तो महिला दिवस मनाकर ,स्त्रियों का सम्मान करते हैं ,

मगर भारत देश में , हर दिन महिला का है ,

तो बंधुओं समझ गए या नहीं  ?? 

 

 

 

 

Thursday, March 6, 2025

DHAIRYAVAAN SAMAY ( JIVAN )

 

                         धैर्यवान समय 


समय और धैर्य को , दिल में रखिए ,

समय को व्यर्थ ना , गँवाइए दोस्तों ,

समय की चाल  के साथ , चलते जाइए ,

समय के हर पल की , कद्र कीजिए दोस्तों   || 

 

समय ही दुनिया वालों के  , सब रंग दिखाता है ,

दुनिया वालों की टेढ़ी - मेढ़ी , चाल दिखाता है ,

दुनिया वालों के दबे भावों को , उजागर कर जाता है ,

उसके बाद  समय तेजी से  ,बीत जाता है  || 


समय चाहे अच्छा हो या खराब ,

दोस्तों धैर्य के साथ ,उसे बिताइए ,

अच्छे समय में गुरूर ना करना दोस्तों ,

खराब समय को धैर्य के साथ बिताना ,

अपने धैर्य को कायम रख कर ,

हर समय को बिता देना दोस्तों ,

ये होगा धैर्यवान समय तुम्हारा दोस्तों  || 

 

Wednesday, March 5, 2025

JAGMAGAAYAA ( JALAD AA )

 

                        जगमगाया  


दोस्तों ने दी आवाज ,और हम आ गए ,

बदरा ने कहा ---- आओ ! सखि जल्दी से ,

और मैं दौड़ी --- पहुँची , बदरा की छाँव  || 

 

साथ में बदरा के ,दामिनी भी आई थी ,

चमकती ,कड़कती ,खिलखिलाती ,

 उसके रूप   ने तो  ,हमारा दिल खिलखिलाया  || 


बदरा की छाँव थी ,ठंडी - ठंडी ,

दामिनी की गरज तो ,थी चमकीली ,

कड़कते  रूप ने  , अचानक से डराया  || 


दोनों ने साथ मिल कर , हम मुस्काए ,

दोनों ने हमें , गगना  में झुलाया  ,

जिससे हमारा ,जीवन भी जगमगाया ,

               जीवन भी जगमगाया  || 

 

Tuesday, March 4, 2025

AAVAAJ SE ( JIVAN )

 

                     आवाज  से 


भावनाओं को हमेशा जिंदा रखो दोस्तों ,

उन्हें दबाए रखोगे ,तो वह डूबने लगेंगी ,

विचारों के धारा - प्रवाह में ,चिंता की अनदेखी गर्त में ,

तो भावनाओं  जाहिर कर दो दोस्तों  || 

 

विश्वास रखो ईश पर ,

अपने भावों को उन्हें सौंप दो , 

वह आपकी पसंद को पूरा करें या नहीं करें ,

वह अपनी पसंद को पूरा कर के ,

आपकी जिंदगी को सुंदर बनाएँगे  || 

 

आज के भाव हमें बहुत कुछ देते हैं ,

साथ ही बहुत कुछ लेते हैं ,

मोबाइल फोन से हम किसी से जुड़ते हैं ,

मगर काश वह पुराना  समय लौट सकता ,

जहाँ दोस्त हमें और हम दोस्तों को ,

आवाज से ही बुला सकते हों  || 

 

Monday, March 3, 2025

SABAR ( RATNAAKAR )

 

                                सबर 


सबर का सागर बहुत बड़ा ,बहुत गहरा ,

 दुनिया में चहुँ ओर फैला  ,

लगा लो  उसमें डुबकी दोस्तों ,

डूबोगे नहीं , तर  जाओगे दोस्तों  || 


सागर में तो रत्न भरे होते ,

सबर के सागर में ,भरी हैं मुस्कानें ,

उसमें भरी सफलताएँ ,और खुशियाँ ,

तो पा लो सभी खुशियाँ ,

सफलताएँ और मुस्कानें दोस्तों  || 

 

दोस्तों ये  सब कुछ  मिलेगा तुम्हें ,

सबर के सागर में डुबकी लगाने पर ही मिलेगा ,

यदि किनारे खड़े रहे तो , कुछ नहीं मिलेगा दोस्तों  || 

 

Sunday, March 2, 2025

MODD LO ( KSHANIKAA )

 

                            मोड़ लो 


खुशी में दिया हुआ वचन ,पूरा करना मुश्किल है ,

क्रोध में लिया हुआ फैसला ,पूरा करना मुश्किल है ,

दोनों को ही मन के पिंजरे में ,बंद कर दो यारों ||  


उदासियों में ,गमगीन नगमे मत गुनगुनाओ ,

थोड़ी सी मुस्कान होठों पे लाकर ,

कोई सुंदर और ,प्यारा नगमा गुनगुनाओ यारों  || 

 

जीवन में अलग - अलग ,परिस्थितियाँ आती हैं ,

सभी में अलग - अलग ,मूड बन जाता है ,

तो ऐसे में , समझदारी से काम लो यारों  || 

 

हर परिस्थिति की अलग कहानी है ,

हर मूड की अलग - अलग रवानी है ,

तो परिस्थिति और मूड के अनुसार ही ,

समय को अपने ,अनुसार ही मोड़ लो यारों  || 

 

Saturday, March 1, 2025

DOSTII APNII ( CHANDRAMAA )

 

                                   दोस्ती अपनी 


बोल मेरे चंदा ,कब बिखराओगे चंदनिया  ?

कब तुम मुस्काओगे ,नीले  - नीले गगना में  ?

बताओ समय और तारीख , जो मैं  रहूँ जागती  || 


तुम्हारा इंतजार हर रोज ,रहता है मुझे  ,

मगर तुम तो नहीं , दिखाई  देते हो हर रोज ,

अब जल्दी समय निकालो , चमक भी जाओ गगना में  || 

 

जल्दी ही चंदनिया बिखराओ ,मेरे आँचल  में , 

मुस्कानें चमका दो चंदा ,मेरे होठों में ,

दोस्ती का वास्ता तुमको , आओ ,आओ ,जल्दी से ,

गहराओ और दोस्ती अपनी ,दोस्ती अपनी  || 

 

Friday, February 28, 2025

BHAROSAA ( KSHANIKAA )

 

                           भरोसा 


मनचाहा जो मिले तुम्हें ,किसकी ख्वाहिश करोगे तुम ?

सपने पूरे हो जाएँगे तो ,क्या सपने देखोगे तुम  ?? 

 

जो आशा रखोगे दूजों से ,तो हाथ निराशा आएगी ,

तो कर्म हाथ से कर लो तुम ,मुस्कान आस की पाओगे  || 

 

सफल बनोगे जीवन में ,जो कर्म सभी निभाओगे ,

कर्मों की ही महिमा है ,यदि तुम जीवन सफल बनाओगे  || 

 

इंद्रधनुष खिलेगा सफलता का ,जीवन के आसमान में ,

तभी तो सारे रंग खिलेंगे ,जीवन रंगीन बनाओगे  || 


भरोसा सभी भावों से श्रेष्ठ है ,प्रेम भी उससे छोटा है ,

इसलिए प्रेम हो या ना हो ,भरोसे की राह अपनाओगे  || 

 

Thursday, February 27, 2025

JEET JAAO ( JIVAN )

 

                               जीत  जाओ 


कुछ शब्द सुन कर , अपने अनुसार पूर्ण ,

वाक्य बना लेती है ये दुनिया ,

कैसी - कैसी कहानी बना लेती है ये दुनिया  ?

अगर तुम्हें वह कहानी , अच्छी ना लगे तो ,

बदला ना लो दोस्तों ,बदल डालो ये दुनिया  || 

 

बदलाव आएगा गर इस दुनिया में  ,

खिलेंगे फूल गर इस दुनिया में ,

मुस्कानें खिलेंगी इस दुनिया में ,

सभी को पसंद आएगी तब दुनिया  || 

 

सभी की अपनी सोच होती है ,

सभी की अपनी राह होती है  ,

बदलाव लाकर सजा डालो ये दुनिया  ,

सभी की मंजिल बन जाएगी ये दुनिया  ,

और दोस्तों ऐसे ही , जीत जाओ ये दुनिया  || 

 

Wednesday, February 26, 2025

CHAABI ( JIVAN )

 

                            चाबी 


मान सभी का कर लो बंधु ,

सम्मान करो ना करो किसी का ,

कोई बात नहीं ,मगर अपमान नहीं करो  || 

 

अपना स्वाभिमान जिंदा रखो जरूर ,

दूसरे  के स्वाभिमान की भी कद्र करो ,

कभी दूजे के स्वाभिमान को ,ठेस ना लगाओ  || 

 

मानो  मन की बात जरूर ,

मन के बल को बढ़ाओ जरूर ,

उसी मनोबल के जरिए ,जग को जीत जाओ  || 

 

जग की जीत ही ,तुम्हारी सफलता है ,

वही सफलता तो तुम्हें मंजिल तक पहुँचाएगी ,

वही मंजिल तो तुम्हारी ,मुस्कान की चाबी है ,

उसी से अपनी मुस्कानें जगाओ  || 

 

Tuesday, February 25, 2025

MUKTII ( AADHYAATMIK )

 

                                 मुक्ति 


प्रेम साधना कर लो बंधु ,जग के पालनहार से ,

ये साधना की जो तुमने , तो भक्ति है ,

यदि समझे साधना को , तो शक्ति है , 

और यदि पा गए उसे , तो मुक्ति है  || 


भक्ति ही तो तुम्हारी शक्ति है ,

इसी शक्ति से ही  तो , तुम बलशाली बनोगे ,

मुक्ति पा कर ही तो  तुम ,

कर लोगे इस भवसागर  को पार दोस्तों  || 


जिंदगी के इस रूप को , अपना लो ,

जीवन सुंदर और सबल , बना लो , 

तभी तो तुम उस , रचनाकार की ,

छत्र छाया में रहकर उसका , प्यार पा लो  || 

 

Monday, February 24, 2025

LAKEEREN ( JIVAN )

      

                                लकीरें 


लकीरों की कहानी भी , अलग है दोस्तों ,

मस्तक की लकीरें , आपकी चिंता बयान करती हैं  ,

 उन्हें देख कर ,कोई भी जान जाएगा ,

आप चिंतित हैं दोस्तों  || 

 

हाथों की लकीरें ,आपका भाग्य बयान करती हैं ,

 उन्हें पढ़ने की  ,शक्ति रखने वाला ,

आपके भाग्य का ,वर्णन कर देगा दोस्तों  || 

 

रिश्तों में खिंची लकीरें ,रिश्तों की दरारें बयान करती हैं ,

हर कोई उन्हें देख कर जान जाएगा ,

रिश्ते टूटने के कगार पर हैं दोस्तों  || 

 

धरती पर खिंची लकीरें , बाँट देती हैं धरा को ,

घरों को  , राज्यों को , देशों को  ,

हर कोई उन्हें देख कर ,

सरहदों को पहचान जाएगा दोस्तों  || 

 

Sunday, February 23, 2025

JHOOLE MELE KE ( KSHANIKAA )

 

                                झूले मेले के 


मेले में ऊँचे झूले में , कभी बैठे हो दोस्तों  ?

वह झूला नीचे आता है , फिर  ऊपर जाता  है ,

ऐसे ही झूला घूमता जाता है दोस्तों  || 

 

जब ऊपर जाता है , दूर तक मेला दिखता है ,

नीचे आते हुए ,हवा का तेज झोंका मिलता है ,

ऐसे ही झूला घूमता जाता है दोस्तों  || 

 

नीचे आते हुए ,ऊपर जाते हुए ,

दिल की धड़कनें ,बदलती जाती हैं ,

कभी तेज होती हैं ,कभी धीमे होती हैं  ,

ऐसे ही धड़कनों की ,गति बदलती जाती है दोस्तों  || 

 

जिंदगी के रास्तों में भी , झूले के समान ,

उतार - चढ़ाव आते हैं दोस्तों  ,

ये उतार - चढ़ाव ही ,जीवन में बदलाव लाते  हैं  ,

उन्हीं उतार - चढ़ाव से ,जीवन में ,

सभी भाव भी बदलते हैं दोस्तों  || 

 

उन्हीं भावों से जीवन में ,चमकने वाले ,

सभी इंद्रधनुष ,जीवन में रंग और ,

खुशियों भर जाते हैं ,साथ ही ,

होठों पर मुस्कानें ,खिला जाते हैं दोस्तों  || 

 

 

 

 

Saturday, February 22, 2025

SAMASYAA ( KSHANIKAA )

 

                          समस्या 


समस्या कोई भी आए ,डरो मत ,

हौसलों को प्रयासों में ,बदल दो ,

समस्या को उन पर ,ना होने देना हावी || 

 

समस्या कोई भी हो , हो जाएगी उड़न छू ,

प्रयास भी खुश हो , जाएगा  तुम्हारा ,

हौसले तो दोस्तों ,खिलखिलाएँगे || 

 

जिनके पास हौसला ,नहीं है ,

वही पस्त हो जाते हैं ,दोस्तों ,

इसलिए हौसलों को , बुलंद रखो दोस्तों || 

 

जिन्हें प्रयास करने में ,आलस है ,

उनकी समस्याएँ तो बढ़ती ही ,जाती हैं ,

तो समस्याएँ  एक सागर का , रूप ले लेती हैं  ,

 और उन आलसियों को अपने में , डुबा लेती हैं  || 


Friday, February 21, 2025

GUNGUNAATE RAHO ( KSHANIKAA )

 

                          गुनगुनाते रहो 


जिंदगी के हर पल को ,बना लो दिल की धड़कन ,

जिससे हर पल तुम ,जिंदगी जीते रहो ,

जिंदगी की राह को ,पार कर के  पहुँचो ,

अपनी मंजिल पर ,जिस से  सफलता पाते रहो  || 


तभी तो धड़कनें तुम्हारी ,खुश रहेंगी ,

तभी तो धड़कनें तुम्हारी ,गुनगुनाती रहेंगी ,

उन्हीं के साथ , तुम भी तो , 

मुस्कुराते रहो , गुनगुनाते रहो  || 


कीमत जानो तुम , मुस्कानों की ,

कीमत जानो तुम , गुनगुनाने की ,

तभी तो तुम जीवन में , खुश रह पाओगे ,

तभी तो तुम जीवन में , खिलखिलाओगे ,

तो बंधु मुस्कुराओ , खिलखिलाओ ,

और गीत , संगीत गाते  रहो , गुनगुनाते रहो  || 

Thursday, February 20, 2025

BATIYAA LO ( KSHANIKAA )

 

                               बतिया लो 


वक्त ने आज मुझसे मुलाकात की दोस्तों ,

कहा आज दो घड़ी बतिया लो मुझसे ,

मैं चला जाऊँगा तो फिर नहीं आऊँगा दोस्तों  ||  


मैं कहीं भी रुक नहीं सकता हूँ दोस्तों ,

पता नहीं ,फिर जब मिलूँगा तो क्या हो  ?

पता नहीं ,उस समय मैं तुम्हें हँसाऊँगा या रुलाऊँगा  ?

इसीलिए आज ही तुम बतिया लो दोस्तों  || 

 

आज तो हम दोनों के ,होठों पर मुस्कानें हैं ,

मीठे गीत हैं ,मीठे बोलों के तराने हैं ,

तो आज ही तुम मुझसे ,बतिया लो दोस्तों  || 

 

सभी की सोच बदलती जाती है ,

सभी की जिंदगी ,प्यार में डूबती चली जाती है ,

तो आज ही तुम मुझसे बतिया लो दोस्तों  || 

 

इन्हीं मुस्कानों को ,होठों पे सजाए रखो ,

दिल में प्यार को ,बसाए रखो दोस्तों ,

ये कहते हुए वक्त ने , फिर से बोला ,

तो आज  ही तुम मुझसे ,बतिया लो दोस्तों  || 


Wednesday, February 19, 2025

UJIYAALE PATH ( KSHANIKAA )

 

                          उजियाले पथ 


दुनिया में कोई नहीं ,सर्वगुण संपन्न ,

कुछ - कुछ कमी ,सभी में होती  दोस्तों ,

अपनी कमी को दूर  करने की कोशिश करो ,

और दूजों की कमियों को ,स्वीकार करो दोस्तों  || 

 

मदद के लिए ,हाथ बढ़ाओ जरूर ,

मगर उम्मीदों को ,सीढ़ी मत बनाओ दोस्तों ,

जरूरत पड़ने पर ,ईश्वर को याद करो ,

कोई गर हाथ बढ़ाए तो ,प्यार से थामों दोस्तों  || 

 

अपनी मुस्कानों को बनाए रखो ,

कभी भी उन्हें गायब मत होने दो दोस्तों ,

ये मुस्कानें ही तुम्हें मंजिलों की राहों  ,

के उजियाले और आसान ,पथ दिखलाएँगी दोस्तों ,

 

जो कुछ तुम्हें मिला है जीवन में ,

भर लो उस सब को , झोली में दोस्तों ,

सोचो जो कुछ तुम्हें मिला है ,

वही तो सबसे सुंदर है दोस्तों  || 

 

Tuesday, February 18, 2025

SAANCH ( KSHANIKAA )

 

                                  साँच 


जिंदगी में हर पल डूबा है ,प्यार में ,

कभी विश्वास में ,कभी अविश्वास में ,

मगर हर पल सुकून की श्वांस में  || 

 

कभी कोई समस्या आए तो ,

हाथ किसी अपने का है अपने हाथ में ,

दो मीठे बोल ,गूँज रहे अपने कान में  || 

 

मत सोचो दोस्त ,किसी गुजरे पलों को ,

मत सोचो दोस्त ,किसी के कड़वे बोलों को ,

सिर्फ यही पल तो ,जीवन में साँच है  || 

 

बीते पल के माया जाल से निकल ,

आने वाले पल के , भ्रम में ना फँस ,

 सिर्फ यही पल तो ,जीवन में साँच है  || 


आज हम मुस्काएँगे ,तो जग भी मुस्काएगा ,

जग के मुस्काने से , वक्त भी मुस्काएगा ,

तभी तो जीवन होगा पूर्ण , हमारी मुस्कान में  || 

 

Monday, February 17, 2025

BAAT ( KSHANIKAA )

 

                             बात 


बात ,बात की चली है यारों ,

बात ध्यान से सुनना तुम ,

बातों में से बात है निकली ,

इसको ध्यान से गुनना तुम   || 

 

बात से जब निकलती है बात ,

तो दूर तक चली जाती है बात ,

तो ऐसे निकलती बात को ,

देकर ध्यान समझना तुम  || 

 

बातों का सिलसिला जब चलता है ,

तो दिल तक बात पहुँचती है ,

तुम भी तो मेरी बातों को ,

अपने दिल तक पहुँचाना तुम  || 

 

अपने दिल के बाहर ही यारों ,

रोकना नहीं इन बातों  को तुम ,

खोलना अपने दिल के दरवाजों को ,

मेरी सारी बातें अपने दिल में पहुँचाना तुम ,

 समझ गए ना यारों  || 

 

Sunday, February 16, 2025

VIKALP ( KSHANIKAA )

 

                             विकल्प 


जीवन में हमेशा ,सूरज जैसा बनो दोस्तों ,

उगने में अभिमान नहीं ,अस्त होने में उदासी नहीं || 

 

दूसरों को देने में ,कोई कोताही नहीं ,

किसी से बदले में ,कोई भी माँग नहीं ,

हर किसी को देना ,मदद करना ,

यही तो जीवन को ,सुंदर बनाता  है || 


हर किरण के द्वारा ,समान उजाला फैलाना ,

दिन के दर्शन ,सभी को कराना ,

यही तो सभी के दिलों में ,

आशाएँ और उम्मीदें जगाना है || 

 

तो बंधु चुन लो कि ,

तुम्हें कैसा जीवन पसंद है ?

चाँद जैसा या सूरज जैसा ?

दोनों विकल्प ही तुम्हारे हाथ हैं || 

 

Saturday, February 15, 2025

ANUBHAV KII NEENV ( KSHANIKAA )

 

                             अनुभव की नींव 


इस जग में रिश्ते बनाते हैं सभी लोग ,

उन रिश्तों को निभाने के लिए ,

ना कोई नियम है ,ना ही कोई नियम ,

सिर्फ दिल की आवाज ,और मुस्कान चाहिए दोस्तों || 

 

किसी भी परेशानी में ,जो आपका साथ दे ,

उसे आप कभी ,अपने से दूर ना करें ,

परेशानी में पड़ने पर ,जो आपका साथ छोड़ दे ,

उससे आप नजदीकियाँ ,ना बढ़ाएँ दोस्तों ,

और जो आपको ,परेशानियों में लपेट दे ,

उसे तो आप ,भूल ही जाएँ दोस्तों || 

 

रिश्ते अनुभव के ,आधार   पर ही बनाए रखें ,

अनुभव की नींव पर आधारित ,रिश्ते ही असली हैं ,

उन रिश्तों को कर्म के पानी से ,

सींच कर फलने - फूलने का ,मौका दें दोस्तों || 

 

Thursday, February 13, 2025

PAATII PREM KII ( KSHANIKAA )

 

                       पाती प्रेम की 


प्रियतम देखो आई फरवरी ,फूल खिलें हैं चहुँ - ओर ,

बसंत ऋतु है छाई चहुँ - ओर ,

आया प्यार का विदेशी त्योहार ,

वैलैंटाईन डे है जिसका नाम || 

 

आओ प्रियतम हम भी मनाएँ ,रोज़ डे ,चॉकलेट डे जैसे दिन ,

चलो कहीं हम घूम के आएँ ,

कैंडेल लाईट डिनर करें हम ,

फिर प्यार के पलों को ,हम जी जाएँ || 

 

मौसम ये सुंदर सा है ,दिल में हिलोर उठने का है ,

तुम - हम फिर उनका आनंद उठाएँ ,

आओ प्रियतम हम भी मनाएँ ,

प्यार को फिर जीवंत बनाएँ ,जीवंत बनाएँ || 

 

Wednesday, February 12, 2025

HALCHAL ( KSHANIKAA )

 

                               हलचल 


जिंदगी की राह है टेढ़ी - मेढ़ी ,

तो चलते हुए सभी ,मोड़ों को अपना लो दोस्तों ,

जानो तो सही ,हर मोड़ क्या कहता है  ?? 

 

जिंदा इंसान ही ,उस राह पर ,

चलना सिखाता है ,दौड़ना सिखाता है ,

जब कि वह इंसान खुद ही ,

उस राह पर ,चलना नहीं जानता है  || 

 

ऐसे ही जिंदा इंसान होते हैं ,जो जिंदगी के बाद की ,

दुनिया के बारे में ,सब को बताते हैं ,

क्या एक जिंदा इंसान बता सकता है  ?

कि मौत के बाद क्या होता है  ?? 

 

जिंदगी में होने वाली हलचलों को ,

कोई नहीं जानता ,तो जिंदगी के बाद की ,

हलचलों को कोई क्या बताएगा   ?? 

 

Tuesday, February 11, 2025

SHIDDAT ( KSHANIKAA )

 

                                      शिद्दत 


जिंदगी उस आईने की तरह है दोस्तों ,

जो हमारा अक्स दिखाता है ,सच के साथ ,

तो पूरे सच के साथ उस आईने को ,

पूरी शिद्दत से प्यार करो दोस्तों || 

 

जिंदगी में आए अँधेरे को ,कैसे मिटाओगे ?

उसे सोचने और करने में वक्त की ,

बर्बादी ना करके ,एक दीपक जला लो ,

उसी से आसानी से ,अँधेरे दूर हो जाएँगे दोस्तों || 

 

जिंदगी में मिले दोस्तों के लिए ,दिल में जगह बनाए रखो ,

यह याद रहे वही तो तुम्हारी ,

प्यारी और सच्ची कमाई है दोस्तों || 

 

जिंदगी में कितनी भी ऊँचाई छू लो ,

मगर याद रखो ,उन मंजिलों को कायम रखना जरूरी है ,

वहाँ से यदि गिरे ,तो सब कुछ ,

खत्म हो जाएगा दोस्तों ,शिद्दत से प्यार करना जरूरी है || 

 

 

Monday, February 10, 2025

AARAMBH ( KSHANIKAA )

 

                                आरंभ   


अंत के बाद ही ,आरंभ शुरु होता है ,

पेड़ों से पीले और सूखे पत्ते गिरते हैं ,

तभी तो कोमल ,हरे पत्ते निकलते हैं || 

 

कोई भी इमारत टूटने के बाद ही ,

उसका नव -निर्माण शुरु होता है ,

और नई इमारत बन जाती है || 

 

इसी तरह दोस्तों ,व्यक्ति जब ,

परिस्थिति वश टूट कर बिखर जाता है ,

तभी अपने अंतर्मन को समेट कर ,

वह मजबूती हासिल कर के ,

एक नए इंसान का रूप ले लेता है || 

 

दोस्तों ऐसे ही तुम भी स्वयं को ,

मजबूत और शक्तिशाली बना लो ,

जीवन में आत्मशक्ति भर कर ,

जीवन में खुशहाली के फूल खिला लो || 

 

Sunday, February 9, 2025

MUUD JAAIE ( KSHANIKAA )

 

                                मुड़ जाइए 


वक्त की रफ्तार ,तुमसे तेज है दोस्तों ,

उसके साथ चलते जाइए ,

वक्त तो उड़ता है ,अपने पंखों पर ,

कोशिश आप भी करते जाइए || 

 

वक्त कभी रुकेगा नहीं दोस्तों ,

वह तो फिसलता जाएगा ही दोस्तों ,

ऐसे में आप क्या करोगे दोस्तों ?

आप भी उसके साथ फिसलते जाइए || 

 

जिंदगी भी वक्त की रफ्तार से चलती है ,

ये दुनिया भी उसी के साथ चलती है ,

कोशिशें आप भी  अपनी बढ़ाते जाइए ||  


प्यार भी पनपता है ,वक्त के साथ ही ,

वक्त की रफ्तार तो ,हर मोड़ पर मुड़ती है ,

उसके साथ ही दोस्तों ,आप भी मुड़ जाइए || 

 

NEED ( KSHANIKAA )

 

                                       नीड़

 

जग में आते ही मिलते हैं , माता - पिता ,

कुछ नाते -रिश्ते भी मिलते हैं ,बोनस में ,

दादा -दादी ,नाना -नानी भी मिलते हैं ,

बाकि सब कुछ को मिलते हैं ,कुछ को नहीं || 

 

कुछ वर्षों बाद ,दोस्तों का साथ मिलता है ,

खेलों का स्वाद तब मिलता है ,

गुरु -जन आते हैं जीवन में ,जो ज्ञान हमें देते हैं ,

कुछ ऐसे भी मिल जाते हैं , जो जग  का चलन सिखाते हैं || 


समय बीतता जाता है ,परिवार भी बढ़ जाता है ,

धीरे -धीरे फिर साथ भी ,छूटने लगता है ,

बुजुर्गों का हाथ छूटता है जब ,संसार सुना लगने लगता है तब || 

 

लेते हैं विदाई माता -पिता ,कुछ रिश्ते भी खत्म हो जाते हैं ,

धीरे - धीरे कुछ दोस्त गए ,आती  है बारी अपनी भी ,

जग तो है ऐसी रेलगाड़ी ,सवार होते  रहते सभी ,

फिर धीरे - धीरे ,एक -एक कर ,उतरते रहते सभी || 

 

तो क्या मोह ? क्या माया ? क्यों किसी से दिल लगाया ?

इस संसार में जो नीड़ था बसाया ,

एक दिन ऊपर वाले ने उसको खाली कराया || 

 

Friday, February 7, 2025

KYAA HUAA ? ( KSHANIKAA )

 

                             क्या हुआ  ?

 

राहों में चलते - चलते ,कदमों के बढ़ते - बढ़ते ,

जो कुछ हमने करना चाहा ,

दिल से वही किया ,पर पता नहीं क्यों  ??  


जो करना चाहा था ,और जो किया ,

वही नहीं हुआ ,कुछ और ही हो गया ,पता नहीं क्यों  ?? 

 

ऐसे में ही ,मिला कुछ और ही ,

और वह भी समझ में नहीं आया ,

क्या मिला था  ? पता नहीं क्यों  ?? 

 

सब कुछ समझ से परे था ,

उसका एक सिरा भी ,पकड़ में आ जाता ,

तो शायद सब कुछ सुलझ जाता ,

मगर कौन बता सकता है  ?

कि ऐसा क्यों हुआ  ?  हमें तो पता ही नहीं क्यों  ?? 

 

Thursday, February 6, 2025

SANVAAR LEY ( KSHANIKAA )

 

                           संवार ले 


देह बनी है माटी की ,साँसें मिलीं उधार की ,

किस बात का तू ,मानव करे घमंड ?

ये सारी रचना की ,उसने प्यार की ,

तो मानव तू प्यार कर ले ,जीवन संवार ले || 


जो कुछ जीवन में ,तुझे मिला ,

उसको सिर झुका कर ,तू स्वीकार कर ,

ईश्वर की उस देन को ,व्यर्थ ना गँवा तू ,

तो मानव तू प्यार कर ले ,जीवन संवार ले || 


ईश्वर की हर सौगात को ,रख तू संभाल के ,

उन्हीं सौगातों से तो ,जीवन तेरा मालामाल है ,

उनके लिए तू ,ईश्वर का धन्यवाद कर ,

तो मानव तू प्यार कर ले ,जीवन संवार ले || 


ये मानव जीवन ,जो मिलता है मुश्किल से ,

उसी जन्म को बिता दे तू ,मानवता की सेवा में ,

मानवता की सेवा में ,मिलेगा साथ ईश्वर का ,

तो मानव तू प्यार कर ले ,जीवन संवार ले || 


Wednesday, February 5, 2025

KAB AAOGE ? ( JALAD AA )

 

                             कब आओगे  ?


बदरा तुम कब आओगे ,पवन के संग - संग ?

दामिनी को कब चमकाओगे ,अपने संग - संग ? 

बरखा को कब मिलवाओगे ,हमरे आँगन ,हमरे आँगन ?? 


तुम तो हो बदरा दोस्त हमारे ,आ जाओ अपने दोस्तों संग ,

हम भी धरा के दोस्तों संग ,बुला लेते हैं अपने संग ,

हमारे पास है बगिया अपनी ,वहीं पे महफिल होगी संगीत संग  || 


उस महफिल में ओ -बदरा ,तितलियाँ रंग बिखराएँगी ,

फूलों के रंगों के संग ,पंछी भी गीत सुनाएँगे ,

तेरी दामिनी की चमकन ,और कड़कन के संग -संग || 


अब बताओ जल्दी  से ,कब मिलेगी तुमको फुरसत ,

और बोलो कब आओगे ,कब आओगे ?? 


Tuesday, February 4, 2025

IISH HII ( AADHYAATMIK )

 

                         ईश ही 


करके किसी की मदद ,बनो किसी की खुशी का कारण ,

परेशानी दूर कर किसी की ,लाओ उसके होठों पर मुस्कान ,

यही तो आराधना है ईश की || 


आशा और विश्वास ,हमारा जीवन संवारते हैं ,

मगर हम आशा किस से करते हैं ?

और विश्वास हम किस पर करते हैं ? 

यह ही हमारे लिए है महत्त्व पूर्ण || 


सब कुछ जग में हमारा है ,पराया नहीं ,

मगर जब भरोसा टूटा तो ,रिश्ता पराया ,

और जब साँसें टूटीं तो ,शरीर पराया ,

अपना तो है ,सिर्फ ईश ही || 

 

DHARAA PE ( RATNAAKAR )

 

                          धरा पे 


सारे जहां में फैला सागर ,जल का अतुल भंडार ,

फिर भी मीठा जल ना मिलता ,पीने को भई जीने को ,

वैसे जीवन उपजा सागर में ,वहीं से आया धरा पे  || 

 

 आज है दुनिया बदली ,धरा पे जीवन फैला ,

सागर में भी जीवन फैला ,दोनों ही अलग - अलग ,

मगर जीवन तो जीवन है ,चाहे हो सागर में ,चाहे धरा पे || 


बदलाव हमेशा आता है ,धरा पे मानव आया ,

उसने जलवायु को बदला ,खूब प्रदूषण फैलाया ,

अब तो बंधु ,मुश्किल हो गया ,जीवित रहना धरा पे || 


मानव  ने अपने लिए ,सुविधाएँ जुटाईं ,

मगर प्रकृति को बिगड़ाया ,प्रकृति ने भी मानव को ,

भरमाया   और बदला लेने के लिए ,

जाल बिछाकर मानव को पकड़ा धरा पे || 


Sunday, February 2, 2025

HEY SHAARDE MAA ( AADHYAATMIK )

 

                        हे  शारदे  माँ 


हे शारदे माँ , हे शारदे माँ ,

मुझ को तू शब्दों का , भंडार दे माँ   || 


ज्ञान की देवी , थोड़ा  सा ज्ञान ,

हम को  भी दे के , हमें तार दे माँ  || 


लेखनी मेरी , चलती ही जाए ,

ऐसा ही कुछ तो ,चमत्कार दे माँ  || 


हमारा ये शीश , झुके ना कहीं और  ,

तेरा ही आशीष ,मिल जाए हम को  ,

उसी से भरा ये , संसार दे माँ  || 


हे शारदे माँ , हे शारदे माँ  ,

हम को तू अपना , गहन प्यार दे माँ  || 


SUKHAD AHSAAS ( KSHANIKAA )

 

                             सुखद अहसास 


बन जाने पर ,संबंधों की दरार कभी भरती नहीं ,

राहों के सभी काँटे ,कभी हटते ही नहीं ,

बस कोशिशें ,अपनी जारी रखो दोस्तों || 


नदिया की दिशा ,कोई बदल नहीं सकता ,

समंदर के पानी को ,कोई मीठा नहीं कर सकता ,

बस कोशिशें ,अपनी जारी  रखो दोस्तों || 


जीवन की साँसें और ,जीवन का समय निश्चित है ,

यह सब हमें ,आशीष के रूप में मिला है ,

इसी आशीष को,अपनाने की कोशिश,जारी रखो दोस्तों || 


जिंदगी एक सुंदर और पवित्र नेमत है ,

इस जग में जिंदगी को बिताना ,सुखद अहसास है ,

इस अहसास को ,महसूस करते रहो दोस्तों || 


Friday, January 31, 2025

PAANCH CHAAND ( CHANDRAMAA )

 

                        पाँच  चाँद 


गगन में चमके हैं आज चाँद पाँच ,

ये बात है बंधु समझो साँच ,

लकीरों में लिखी है ,किस्मत सभी की ,

अँगुलियाँ आगे इसलिए हैं ,

कि इन्हीं अँगुलियों के पोरों में ,

बस गए हैं ये चाँद पाँच  || 


संगीत के पंचम सुर में ,जो  जीवन है ,

वही जीवन अँगूठे के ,पोरों में बसे चाँद में है ,

ये चाँद ही तो ,मानव की पहचान है ,

ये चाँद दो मनुष्यों के ,आपस में नहीं मिलते ,

सभी के चाँद अलग - अलग हैं || 


हथेली की लकीरें ,और ये चाँद ही ,

मानव - जीवन के  ,भाग्य और कर्म बनाते हैं ,

मुहावरों से आगे ,बसते हैं भाग्य और कर्म ,

गगन के चाँद तो ,गगन की सिर्फ चमक बढ़ाते हैं ,

मगर हाथ के चाँद ,तो मानव जीवन चमकाते हैं || 


Thursday, January 30, 2025

THODII DER ( GEET )

 

                            थोड़ी देर 


मिलने का बहाना है ,थोड़ी देर लगेगी ,

तुम को तो पाना है ,थोड़ी देर लगेगी || 


कलियों को खिलना है ,फूलों को महकना है ,

जग को महकाना है ,थोड़ी देर लगेगी || 


नदिया को बहना है ,कश्ती को चलाना है ,

सागर छलकाना है ,थोड़ी देर  लगेगी || 


हम ढूँढते हैं उनको ,जो मिल के नहीं मिलते ,

हम ने उन्हें पाना है ,थोड़ी देर लगेगी || 


Wednesday, January 29, 2025

DAAYRAA DOSTII KAA ( KSHANIKAA )

 

                              दायरा दोस्ती का 


दोस्ती का दायरा ,फैलाते जाओ यारों ,

दोस्ती ही तो जिंदगी के ,अँधेरों को दूर करता है ,

दोस्ती ही तो दीपक बन कर ,तूफान में भी जलता रहता है ,

इन दीपकों की संख्या ,बढ़ाते जाओ यारों || 


अँधेरी राहों में भी तो ,ये ही उजियाले करते हैं ,

अँधेरी राहों में चलने की ,हिम्मत देते हैं ,

उनसे बटोरो हिम्मत को ,और कदम बढ़ाते जाओ यारों || 

 

समस्याओं का सामना ,हिम्मत से ही कर सकते हैं ,

हिम्मत के साथ ही ,कोशिशों को भी जोड़ लो यारों ,

तभी तो होठों पर ,मुस्कानें बढ़ती जाएँगी ,

और हमारी राहों को ,आसान बनाएँगी यारों || 


Tuesday, January 28, 2025

JINDGI KO ( KSHANIKAA )

 

                         जिंदगी को 


जिंदगी को कभी ,बोझ ना समझो यारों ,

जिंदगी तो ईश्वर की ,दी हुई नेमत है ,

मौत को जिंदगी का ,अंत ना समझो यारों ,

मौत तो फिर से ,एक नई शुरुआत है || 


जिंदगी में आने वाली ,परेशानियों में ,

घबरा कर ,उदास ना हो जाओ यारों ,

अँधेरी रातों में ही तो ,गगन में ,

तारे टिमटिमाते हैं ,मुस्कानें बिखराते हैं || 


जिंदगी में संदेह को ,कोई जगह मत दो यारों ,

मुसीबतों का पहाड़ संदेह ही तो ,खड़ा करते हैं ,

विश्वास को अपना ,साथी बना लो यारों ,

उसी से तो पहाड़ों में ,रास्ते बनाए जा सकते हैं यारों ||