Monday, May 19, 2025

SATYA OR ASATYA ( KSHANIKAA )

 

                      सत्य और असत्य 


   सत्य ने कहा एक दिन  --- आओ मेरे  साथ ,

मेरी राह पर दौड़ लगाओ ,

हम भी हँस दिए --- आते हैं , 

चलो साथ में दौड़ेंगे ,सत्य तुम्हारे साथ ,

हमने हाथ पकड़ा उसका , और चल दिए दोस्तों  || 

 

उसी राह में मिल गए हमें , असत्य महाशय चले आ रहे थे ,

हम दोनों हँस दिए , और  मिलाया उनसे दोस्तों ,

असत्य ने हमसे नजरें चुराईं और ,

 हाथ मिलाने के लिए धन्यवाद दिया  || 


हमने कहा  --- धन्यवाद की जरूरत   नहीं है दोस्त ,

सत्य जरूरी है सबकी जिंदगी में , मगर तुम भी जरूरी हो दोस्त ,

कई बार किसी की मदद की जरूरत में जरूरी हो  || 

 

जब कोई बहुत ज्यादा परेशान हो ,

तो तुम्हारी ही जरूरत होती है ,

कि चिंता मत करो , सब जल्दी ही ठीक हो जाएगा ,

आने वाला समय अच्छा होगा , 

पर हम नहीं जानते , हमने सत्य कहा या असत्य  || 

 

Sunday, May 18, 2025

PAHALII MULAKAAT ( AADHYAATMIK )

 

                              पहली मुलाकात 


श्याम तेरी पहली मुलाकात , कैसे हुई राधा से  ?

श्याम तेरी पहली बात , कैसे हुई राधा से  ? 

कान्हा क्या तूने कहा तब , राधा से   ?? 


मीरा ने जब तुझको माना , अपना सब कुछ ,

तब क्या तूने माना उसको , अपनी सच्ची भक्तिन  ?

बोलो कान्हा , कुछ तो जवाब दो मुझको , 

मैं भी जानूँ , क्या होती है पहली मुलाकात  ?? 


मैं भी कोशिश कर देखूँ , करने की तुमसे मुलाकात ,

जीवन को अपने मैं भी बनालूँ , सुंदरतम ,

तुमसे कर एक मुलाकात , पहली मुलाकात  || 

 

LEN - THEN ( THOHA )

 

                    लेन - देन 


टूट के कोई ना जुड़ सके , टूटा पत्ता ना शाख सजाय ,

टूटने के बाद तो पत्ता , पवन संग उड़ जाय  || 

 

कटी शाख जो पेड़ की ,नई शाख उग आय ,

जो जड़ कट गई पेड़ की , पेड़ ही सूखा जाय  || 

 

खुश्बु उड़ी जो फूलों से , फूलों में फिर ना आय , 

भले ही वह प्यारी खुश्बु , सारा चमन महकाय  || 

 

तितली बैठी जो फूल पर , रस सारा पी जाय ,

बदले में कुछ भी ना दे , पर चमन रंगीन बनाय  || 

 

मधु मक्खी करतब करे , फूलों का रस ले आय ,

उस रस से वह तो , खुद ही शहद बनाय  || 

 

Saturday, May 17, 2025

SAPNE OR YAADEN ( KSHANIKAA )

 

                          सपने और यादें 


जिंदगी ने बिखरा दिए , सभी रंग खुशियों के ,

समेट ना पाए हम ,रंग अपने सपनों के ,

नींद टूटने पर , सभी सपने बिखर गए  || 

 

सपनों में हम दुनिया घूमें , सुंदर - सुंदर जगहों के मंजर ,

बस गए हमारी आँखों में , खो गए हम उस सुंदरता में ,

एक विचार दिमाग में घूमता रहा ,

जो जगह हमने घूम लीं हैं , वो याद रहनी चाहिएँ  || 

 

कम से कम यादों में तो ,मुस्कानें बसी रहें ,

ये यादें ही तो , जीवन की पूँजी हैं ,

जो दिल को खुश बनाए रखती हैं ,

इन्हीं का सहारा है , 

जो हम जीवन यात्रा में , आगे बढ़ते रहें  || 

 

सपने और यादें आपस में , उलझ कर ही ,  

हमारे होठों पर मुस्कान आ सकती है ,

तो दोस्तों होठों की मुस्कान के लिए ,

सपनों और यादों का होना जरूरी है  || 

 

Tuesday, May 13, 2025

RANG SAMAY KE ( KSHANIKAA )

 

                                रंग समय के 


जीवन तो दोस्तों , समय का बनाया हुआ खेल है ,

जिसमें समय के साथ लगा , काँटा चलता रहता है ,

साथ ही समय खुद भी ,बीतता रहता है ,ठहरता नहीं  || 

 

समय के रंग भी बदलते जाते हैं , एक समान नहीं रहते ,

कभी चमक लिए समय आता है , कभी कुछ पल बेरंग रह जाते हैं ,

कभी मुस्कानें बिखरा जाता  है  , कभी कुछ उदासियाँ  || 


समय के हर रंग को अपना लो ,उसी के रंग में खुद को ढाल लो ,

समय का पहिया ही जीवन चलाता है , उसमें रंग भरता है  || 

 

समय ही  जीवन  का आईना है , जो जीवन की सच्चाई दिखाता है ,

चाहे वह खुशी हो , या वह उदासी हो  || 

UDGAAR ( KHANIKAA )

 

                                   उद्गार 


किताबें हैं हमारी दोस्त ,किताबों के हम हैं दोस्त ,

पढ़ना बहुत जरूरी है दोस्तों , ज्ञान का भंडार किताबें हैं ,

साथ ही प्यार का आगाज किताबें हैं , होठों की मुस्कान किताबें हैं  || 

 

कलम जो थामों हाथों में , दिल के उद्गारों को कहने का ,

रास्ता तो दोस्तों ,यही कलम ही तो है ,

कलम ही तो शब्दों का , भंडार  है  दोस्तों  || 


दिल में उगता प्यार है , दिल में पनपता प्यार है ,

मगर दिल की जुबां नहीं होती , वह बोल नहीं पाता ,

कलम ही प्यार के , शब्दों को जाहिर कर पाती है दोस्तों  || 

 

तो चलो दोस्तों , कलम का सहारा लेकर ,

लिख डालो दिल की , बातों को कोरे कागज पर ,

और ले आओ अपने  और  , अपनों के होठों पर मुस्कानें  || 


Sunday, May 11, 2025

EIHSAAN ( JIVAN )

 

                         एहसान 


ये जिंदगी तो कर्ज है हम पर ,  उतर जाएगा एक दिन ,

साँसें भी तो कर्ज ही हैं , वो भी ठहर जाएँगी एक दिन ,

ये कर्ज है बंधु , एहसान नहीं है ,

ये प्यार है ईश्वर का , जो उसने हमें दिया  || 

 

उसका दिया यह तोहफा जिंदगी का ,

उसका दिया प्यार और कर्ज तो ,

हम वापस करेंगे ,भक्ति से ,  आराधना से ,

अपनी जिंदगी से और अपनी साँसों से  || 

 

अगर अहसान होता तो , क्या हम लौटा पाते  ? 

नहीं , नहीं , हम ऐसा नहीं कर सकते थे ,

 एहसान तो ऐसी चीज है ,जो उतारा ना जा सके ,

एहसान हमारे ऊपर ऐसा असर छोड़ता है ,

जिसे हम किसी भी सूरत में नहीं उतार सकते  ||