सत्य और असत्य
सत्य ने कहा एक दिन --- आओ मेरे साथ ,
मेरी राह पर दौड़ लगाओ ,
हम भी हँस दिए --- आते हैं ,
चलो साथ में दौड़ेंगे ,सत्य तुम्हारे साथ ,
हमने हाथ पकड़ा उसका , और चल दिए दोस्तों ||
उसी राह में मिल गए हमें , असत्य महाशय चले आ रहे थे ,
हम दोनों हँस दिए , और मिलाया उनसे दोस्तों ,
असत्य ने हमसे नजरें चुराईं और ,
हाथ मिलाने के लिए धन्यवाद दिया ||
हमने कहा --- धन्यवाद की जरूरत नहीं है दोस्त ,
सत्य जरूरी है सबकी जिंदगी में , मगर तुम भी जरूरी हो दोस्त ,
कई बार किसी की मदद की जरूरत में जरूरी हो ||
जब कोई बहुत ज्यादा परेशान हो ,
तो तुम्हारी ही जरूरत होती है ,
कि चिंता मत करो , सब जल्दी ही ठीक हो जाएगा ,
आने वाला समय अच्छा होगा ,
पर हम नहीं जानते , हमने सत्य कहा या असत्य ||