Friday, July 4, 2025

BHINN - BHINN ( RATNAAKAR )

 

                         भिन्न - भिन्न 

 

सागर बने जब धरा पर , अतुल जल का भंडार ,

जीवन उपजा सागर में , बना तभी संसार ,

अलग - अलग बनीं योनियाँ , बने  अनगिन  प्रकार ,

भिन्न - भिन्न ही था , उन सबका आकार  || 

 

सागर के अंदर , जीवन  ने ली एक अँगड़ाई ,

अलग - अलग था उनका भी रूप - रंग ,

अलग - अलग थे उनके भी ढंग ,

जिनको देख सभी जन , रह जाते हैं दंग  || 

 

बने जंतु और जीव , पेड़ - पौधे भी बने , 

सभी का अलग प्रकार का जीवन था ,

रूप - रंग सबका अलग , जीवन यापन सभी अलग ,

इसी तरह सभी की उपयोगिता अलग  || 

 


 

Thursday, July 3, 2025

NAJAR ANDAAJ ( KSHANIKAA )

 

                              नजर  अंदाज 

 

होती सभी की इच्छा , एक अच्छा , सुंदर सा घर हो ,

मगर अच्छे और सुंदर , घर का मापदंड क्या है दोस्तों  ?

घर में रहने वाले अगर , प्यार की डोर में बँधे हों , 

एक दूसरे  की परवाह करते हों , 

तो घर अच्छा और सुंदर है दोस्तों  || 

 

जीवन जीने का अंदाज , ऐसा रखो बंधु  ,

जो तुम्हारी परवाह ना करे , तो उसको नजर अंदाज करो बंधु  ,

तभी तो तुम जीवन को भी ,

अच्छा और सुंदर बना पाओगे दोस्तों  || 

 

जीवन में व्यस्तता  जरूरी है ,मगर इतनी भी नहीं ,

कि अपने लिए ,   समय ही ना पा सको तुम ,

खाली बैठे ना रहो हमेशा , मगर कुछ समय तो  ,

अपने अंतर्मन में झाँकने के लिए , रख ही लो बंधु ,

अंतर्मन को भी तो , सुंदर और अच्छा रखना है ना दोस्तों  ?? 

 

Wednesday, July 2, 2025

SUNO DOSTON ( KSHANIKAA )

 

                          सुनो दोस्तों 

 

तराना यादों का बज उठा आज , सुनो दोस्तों  ,

सब के दिलों  घायल कर गया , सुनो दोस्तों  ,

तुम भी तो आज नाच उठो , गा उठो , सुनो दोस्तों  || 

 

जीवन संगीत ने मधुर गीत गाए , सुनो दोस्तों ,

प्यार की धड़कन दिल में धड़की , सुनो दोस्तों ,

होठों पे प्यारी मुस्कान भी चमकी , सुनो दोस्तों  || 

 

कलम से सुंदर शब्द जो चमके , सुनो दोस्तों ,

सुंदर शब्दों से मिलकर मीठे गीत महके , सुनो दोस्तों ,

गीतों को दिल में बसाकर पैर थिरके , सुनो दोस्तों   || 

 

Tuesday, July 1, 2025

DIL - O - DIMAAG ( KSHANIKAA )

 

                         दिल - ओ - दिमाग 

 

समझ हमारे दिल और दिमाग की , आपस में भिड़ गईं दोस्तों ,

दिल ने कहा  ---- क्यों ढूँढते हो तर्क , हर बात में दिमाग तुम ,

किसी बात को  तो भावनाओं से , जोड़कर देखो दिमाग तुम , 

किसी बात की गहराई में , डूबकर देखो दिमाग तुम ,

हर बात में तर्कों का , गणित बिठा लेते हो दिमाग तुम ,

ना कोई प्यार बसा है , ना कोई मुस्कान खिली है होठों पर ,

कैसे रूखे से व्यवहार को , अपनाए हो दिमाग तुम   ?? 

 

अब दिमाग ने कहा ---- तुम तो दिल ,हर बात  में भावों में डूब जाते हो ,

प्यार और मुस्कानों की छाँव में , बैठ जाते हो दिल तुम ,

व्यवहार बेशक तुम्हारा मीठा है , भावों को समझते हो दिल तुम ,

तभी तो अपनों और दूजों के हाथों , लूट लिए जाते हो दिल तुम ,

कुछ तो समझो , कुछ तो जानो , इस दुनिया के तौर - तरीके ,

नहीं तो सब कुछ लुटाकर , आँसू बहाओगे दिल तुम  || 

 

फिर एक बात समझे दोनों , चलो हम आपस में जुड़ते हैं ,

एक दूसरे के गुणों को अपनाकर , रास्ता अलग बनाते हैं ,

और अपना जीवन सुखद बनाते हैं , मिलकर हम बनाते हैं ,

दिल - ओ - दिमाग के अनुसार  --- प्यार और मुस्कानों में ,

तर्क भरी सोच का गणित मिला कर ,

एक अलग सोच बनाते हैं , और नयी जिंदगी बना लेते हैं  || 

  

Monday, June 30, 2025

JAAN - PAHCHAAN ( KSHANIKAA )

 

                                  जान - पहचान 

 

जिंदगी उलझती जाती है जब ,  कुछ अनसुलझे हालातों से ,

हम नहीं गुजर पाते हैं आसानी से , उन सभी बातों से ,

आगे के पल भी तब तो , महसूस होते हैं अनजाने से  || 

 

कैसे सुलझाएँ हम ,  सभी अनसुलझे हालातों को ?

राहें  भी अनजानी हैं , मोड़ भी अनजाने से ,

कोई बताए उन राहों , और मोड़ों के पार जाने का तरीका  || 

 

चलो दोस्तों सभी जगहें , अनजानी ही होती हैं ,

मगर हौसले बुलंद रखो तो , पहचानी हो जाती हैं ,

तो आओ  दोस्तों सभी से , जान - पहचान कर लें   || 

 

Sunday, June 29, 2025

GEET BANE ( AADHYAATMIK )

 

                                गीत बने 

 

कलम हमारी चलती जाए , 

शब्दों का भंडार जो दिया है तुमने ,

तुम तो माँ शारदे मेरी , 

शब्दों का खजाना दिया तुमने ,

कलम तुमने दी , शब्द दिए तुमने , तभी तो गीत बने  || 

 

आशीर्वाद तुम्हारा है माँ , वरदान तुम्हारा है माँ ,

सोच भी तुमने दी  है माँ  , मुस्कान भी तुमने दी है माँ ,

इन सब के मिल जाने से ही , तो माँ गीत बने  || 

 

अपना प्यार बनाए रखना , आशीष भी बनाए रखना ,

तुम तो सारे जग की  माता , अपना साथ बनाए रखना  ,

तभी तो सारे जग में माता ,  मीठे - मीठे गीत बने  || 

Saturday, June 28, 2025

SANSAAR - PAAR ( KSHANIKAA )

 

                            संसार  -  पार 

 

परिस्थितियाँ ही सिखा जाती हैं  सब कुछ ,

जो कोई पुस्तक , कोई पुस्तकालय , नहीं  सिखा पाता ,

तो परिस्थितियों का सामना करना , सीख लो दोस्तों  || 

 

सोच को अलग - अलग सीढ़ी पर , ना चढ़ाओ ,

एक ही सीढ़ी पकड़कर , उस पर चढ़ जाओ ,

तभी तो पूरी सीढ़ी पार , कर पाओगे दोस्तों   || 

 

सोच लो सीढ़ी पकड़कर , दृढ़ निश्चय कर लो ,

आपका दृढ़ निश्चय ही , संसार - पार कराएगा ,

आपकी मंजिल तक , आपको पहुँचाएगा दोस्तों   || 

 

 ईश्वर  पार   कराएगा , इस पूरे संसार को ,

अपना आशीष वो देगा , आपके जीवन को ,

 और बढ़ा देगा ईश्वर ,  आपकी मुस्कान को दोस्तों   ||