Friday, August 15, 2025

SARHAD KE RAKSHAK ( DESH )

 

                              सरहद के रक्षक 

 

वीर जवानों तुम तो हो , देश की बगिया के सुंदर फूल ,

सभी  करते हैं तुमको , कोई नहीं गया है भूल ,

सरहद के तुम रक्षक , सरहद के तुम  रक्षक   || 

 

भक्षक को आने ना देते अंदर ,

रक्षा करते हो तुम जग - जग कर ,

तभी तो हम देशवासी ,चैन से सोते घर के अंदर  , 

सरहद के तुम रक्षक , सरहद के तुम रक्षक  || 

 

जान निछावर करते अपनी , भारत - माता के चरणों में ,

तभी तो भारत - माता तुमको , अपना आशीष है देती ,

सरहद के तुम रक्षक , सरहद के तुम रक्षक  || 

 

हमारे देश के वीर जवानों , तुमको प्रणाम हमारा ,

हमारा प्रणाम , हमारा प्रणाम ,स्वीकार करो हमारा प्रणाम ,

सरहद के तुम रक्षक , सरहद के तुम रक्षक   || 

 

Wednesday, August 13, 2025

VEER JAWAAN ( DESH )

 

                             वीर जवान 

 

मेरे वीर जवानों , तुम सरहद पर तैनात हो ,

तभी हम चैन से सो पाते हैं ,

देश भर चैन से रहता है ,

तुम्हारे शौर्य के साये में जीता है   || 

 

तुम्हारी वीरता सभी को जिलाती है ,

सभी तुम्हारी वीरता के गुण गाते हैं ,

अपनी जान की परवाह नहीं करके ,

दूजों की जान को बचाते हैं   || 

 

तुम तो अपने लहू से धरा सींचते ,

भारत माता की हँसी सींचते ,

तभी तो ये देश , उसकी धरा ,

उसका आकाश आज जीवित हैं  || 

 

हम कर्जदार हैं तुम्हारे वीरों ,

नहीं उतार सकते हैं ये कर्ज ,

काश हम कर्ज कम कर पाते , तुमको सहारा दे पाते ,

तो हम थोड़ा तो खुश हो पाते , खुश हो पाते   || 

 

Tuesday, August 12, 2025

AAWAAJ ( AADHYAATMIK )

 

                          आवाज 

 

दिल में जागते अनेक भाव ,

मायूसी , चिंता ,  वाले समय का रूप ,

मगर दोस्तों सबके लिए चिंता मत करो ,

आँखे बंद करके सोचो ,

दिल से एक आवाज आएगी ,

परमात्मा की , मैं तेरे साथ हूँ , आगे बढ़ ,

कुरुक्षेत्र से  तो मुझे भी गुजरना पड़ा था ,

हिम्मत कर  और लड़ इन  सब से   ||  

 

हिम्मत करेगा तो तू ही जीतेगा , 

मत सोच , कि क्या होगा   ? 

मेरा आशीर्वाद  तेरे साथ है  ,

जीवन मैंने दिया है , जो बिताना तूने  है ,

बस अच्छे कर्म किए जा , मेरा आशीष लिए जा ,

जीवन पूरा जिए जा , ना किसी का बुरा कर ,

ना किसी के लिए बुरा सोच , मैं हूँ तेरा दोस्त  || 

 

Monday, August 11, 2025

JAGVAALE ( KSHANIKAA )

 

                                 जगवाले 

 

ये दुनिया रंग - रंगीली बंधु , ये दुनिया रंग - रंगीली ,

अपने मतलब के लिए जगवाले , बोलते मीठी बोली ,

निकल जाने पर अपना मतलब , होती है कड़वी बोली  || 

 

साथ में रहकर भी , मतलब पालें , करें ना मीठी बात ,

साथ छूटने पर वही सब , उड़ाएँ उनका मजाक ,

जीवन रहते पूछें ना,कोई उनकी बात ,करते  हैं सब घात  || 

 

समय बीतने पर ही , ज्ञान होगा अपने कर्मों का ,

उसी समय अहसास जो होगा , वही उन्हें काटेगा ,

जीवन को उनके , दर्द में डुबा  ही देगा ,

पता नहीं तब हम , किस लोक में होंगे बंधु  ?? 

 

 

 

Sunday, August 10, 2025

YAADON KII NEENV ( KSHANIKAA )

 

                              यादों की नींव 

 

यादों ने हमें रोक लिया , बीते कल की गलियों में ,

जहाँ  हमारा बचपन खेला करता था , दोस्तों के बीच में ,

कितने खेल थे वहाँ  ?  कितने कहकहे थे वहाँ  ?

आज तो मुस्कुराहटें भी , दबी - दबी सी हैं   || 

 

आने वाले कभी बाद में , शामिल होंगे यादों में ,

समय बीतने पर हम उनको भी , बसाएँगे यादों में  ,

कल तो कल हैं दोस्तों , चाहे हों बीते या आने वाले ,

बस आज ही आज है दोस्तों , जो नहीं होगा यादों में  || 

 

यादों की अँगुली थाम कर हम , आज की सीढ़ी चढ़ पाए ,

तभी तो हम आज कह पाते हैं , यादों की नींव हमारी है ,

इसी पर आज हम खड़े हैं , दबे हुए मुस्कुराहटों में   || 

 

Saturday, August 9, 2025

BOLON SEY ( KSHANIKAA )

 

                             बोलों से 

 

सूरज की किरणें जब फैलीं , इस धरती के अँगना में ,

सारे पंछी गा उठे , उस गगना के अँगना में ,

सारा जीवन हुआ है मुखरित ,इस धरती के उपवन में ,

सुंदर सा जीवन मुस्काया , होठों की गुँजन में   ||  

 

जीवन उतरा जब धरा पर , प्रकृति भी मुस्काई ,

हरियाली भी छाई , फूलों ने खिल - खिल कर ,

चमन को रंगीन बनाया , आयीं तितलियाँ उड़ - उड़ कर ,

फूलों की खुश्बुओं ने  , इस जग को महकाया   || 

 

हुई साँझ जब , सूरज जब अपने घर को चला ,

लालिमा गगना में फैली , पंछी  भी लौट चले जब घर ,

धीरे - धीरे अँधियारा सा छाया ,चहक उठे सभी के घर ,

महक उठे बोलों से मिलकर   || 

 

Friday, August 8, 2025

KARTTAVYA ( JIVAN )

 

                           कर्त्तव्य 

 

दिल का प्यार ना समझे कोई , सोचे कर्त्तव्य है ये  ,

अपने हों या परिजन हों , सभी की ऐसी सोच है ये ,

 दुनिया की ये रीत है बंधु , सोच की अपनी सोच है ये  || 

 

कर्त्तव्य भी तो कोई नहीं निभाता , जरा निभा के तो देखो ,

दुनिया वालों जरा अपना कर्त्तव्य , निभा के तो देखो ,

निभाना कुछ भी आसान नहीं होता , जरा तुम देखो  || 

 

कर्त्तव्यों की राह पकड़नी , कोई फूलों की राह नहीं ,

ये काँटों भरी राह है , कोई आसान नहीं ,

चार कदम भी चल ना पाए , जरा चल के तो देखो   ||