Friday, August 8, 2025

KARTTAVYA ( JIVAN )

 

                           कर्त्तव्य 

 

दिल का प्यार ना समझे कोई , सोचे कर्त्तव्य है ये  ,

अपने हों या परिजन हों , सभी की ऐसी सोच है ये ,

 दुनिया की ये रीत है बंधु , सोच की अपनी सोच है ये  || 

 

कर्त्तव्य भी तो कोई नहीं निभाता , जरा निभा के तो देखो ,

दुनिया वालों जरा अपना कर्त्तव्य , निभा के तो देखो ,

निभाना कुछ भी आसान नहीं होता , जरा तुम देखो  || 

 

कर्त्तव्यों की राह पकड़नी , कोई फूलों की राह नहीं ,

ये काँटों भरी राह है , कोई आसान नहीं ,

चार कदम भी चल ना पाए , जरा चल के तो देखो   || 

 

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