कर्त्तव्य
दिल का प्यार ना समझे कोई , सोचे कर्त्तव्य है ये ,
अपने हों या परिजन हों , सभी की ऐसी सोच है ये ,
दुनिया की ये रीत है बंधु , सोच की अपनी सोच है ये ||
कर्त्तव्य भी तो कोई नहीं निभाता , जरा निभा के तो देखो ,
दुनिया वालों जरा अपना कर्त्तव्य , निभा के तो देखो ,
निभाना कुछ भी आसान नहीं होता , जरा तुम देखो ||
कर्त्तव्यों की राह पकड़नी , कोई फूलों की राह नहीं ,
ये काँटों भरी राह है , कोई आसान नहीं ,
चार कदम भी चल ना पाए , जरा चल के तो देखो ||
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