पुकार बदरा की
एक दिन बदरा ने कहा , हमसे पुकार के ,
आ जाओ सखि मेरी , मेरे अँगना में ,
पवन संग मिल के हम , डोलेंगे गगना में ||
गगना का अँगना है , बहुत ही बड़ा सखि ,
इसमें पवन संग लहराते , रहेंगे हम दोनों ,
दुनिया में यहीं से , हम जल बरसाते रहेंगे ||
प्यार हमारा पनपता , रहेगा हरदम ,
जीवन भी हमारा बढ़ता , रहेगा हरदम ,
रुकेगा ना कभी , काफिला हमारा ,
चलता रहेगा यूँ ही , जीवन हमारा ||
No comments:
Post a Comment