Wednesday, August 6, 2025

JAAL ( KSHANIKAA )

 

                             जाल 

 

अपने ही दिल के कारण , 

हम फँस गए मजबूरियों के जाल में ,

अपने दिल ने प्यार का , एक संसार बना लिया ,

उसी में खुद को जंजीरों में , जकड़ लिया   || 

 

ये जंजीरें इतनी मजबूत थीं , कि तोड़ ना पाए हम ,

लम्हा - लम्हा उन जंजीरों में , फँसते चले गए हम ,

और एक भी कड़ी उनकी , 

ऐसी नहीं थी कि आजाद हो पाते हम   || 

 

तो दोस्तों अपने दिल को , इतनी आजादी मत दो ,

कि खुद ही कैदी ही बन जाओ तुम ,

तो पाओ अपनी आजादी ,

और पंछी की तरह उड़ते रहो तुम   || 

 

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