जाल
अपने ही दिल के कारण ,
हम फँस गए मजबूरियों के जाल में ,
अपने दिल ने प्यार का , एक संसार बना लिया ,
उसी में खुद को जंजीरों में , जकड़ लिया ||
ये जंजीरें इतनी मजबूत थीं , कि तोड़ ना पाए हम ,
लम्हा - लम्हा उन जंजीरों में , फँसते चले गए हम ,
और एक भी कड़ी उनकी ,
ऐसी नहीं थी कि आजाद हो पाते हम ||
तो दोस्तों अपने दिल को , इतनी आजादी मत दो ,
कि खुद ही कैदी ही बन जाओ तुम ,
तो पाओ अपनी आजादी ,
और पंछी की तरह उड़ते रहो तुम ||
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