Thursday, January 16, 2025

ITTAFAAK ( KSHANIKAA )

 

                                      इत्तफाक 


किसी को दोगे जो खुशियाँ ,

वही तो सबसे बड़ा तोहफा  दोस्तों ,

किसी को दोगे जो मुस्कानें ,वही तो सबसे बड़ा दान है ,

देनी हैं गर दूजों की दुआएँ ,

तो बाँटो मुस्कानें और खुशियाँ दोस्तों  || 


खुशियाँ और मुस्कानें बाँट के दोस्तों ,

तुम भी उन्हीं में डूब जाओ ,

तुम्हें भी तो उनकी दी दुआओं में ,

मिलेंगी ढेर सी खुशियाँ और मुस्कानें दोस्तों || 


कोई बेहतरीन इंसान , किसी की जिंदगी में आए ,

ये तो दोस्तों इत्तफाक है ,और ये इत्तफाक ,

हर किसी के जीवन में नहीं होता ,

तुम दोगे जो खुशियाँ और इत्तफाक ,

लाओगे किसी के जीवन में ,तो तुम्हारा ,

जीवन भी दोस्तों ,ऐसे इत्तफाकों  से भर जाएगा || 


Wednesday, January 15, 2025

SUNDARTAM ( KSHANIKAA )

 

                             सुंदरतम 


सभी बातों को दिल में ,ना बसाओ यारों ,

बाहर की बातों को ,बाहर ही भगाओ यारों ,

क्यों दिल को बड़ा ,और दुःखी करते हो  ??


याद दोस्तों की ,दिल में छिपाओ यारों ,

  दोस्तों की महफिलों के किस्से ,यादों में बसाओ ,

और उन्हें ही याद करके ,खिलखिलाओ यारों || 


अपनत्व दिखाई नहीं देता है ,

किसी को याद करके ,जब होठों पे मुस्कान आती है ,

या खुद से ज्यादा जब किसी को ,

मुस्कानें बाँटी जाती हैं ,वही तो अपनत्व है ,

उसी अपनत्व को ,तुम  अपनाओ यारों || 


जीवन को सुंदर से ,सुंदरतम बनाओ यारों ,

मुस्कुराओ और खिलखिलाओ यारों  || 


Tuesday, January 14, 2025

PRAKAASH ( KSHANIKAA )

 

                               प्रकाश 


दीपक को अपना परिचय ,नहीं देना पड़ता है दोस्तों ,

उसके प्रकाश से ही ,उसका परिचय मिलता है दोस्तों ,

तो तुम भी दीपक बन कर ,प्रकाश देते जाओ दोस्तों || 


दीपक का प्रकाश ,किसे प्रकाशित कर रहा है दोस्तों ?

यह बात दीपक ,स्वयं भी नहीं जानता है दोस्तों ,

तुम भी प्रकाश बिखराने में ,भेद ना करो दोस्तों || 


हर कोई दीपक का ,सम्मान करता है दोस्तों ,

हर कोई दीपक के प्रकाश से ,प्रकाशित होता है दोस्तों ,

हो सके तो तुम भी दीपक बन ,

दुनिया को प्रकाशित करो दोस्तों || 


दीपक बन जब तुम ,जब तुम प्रकाश बिखराओगे दोस्तों ,

तो वह प्रकाश तुम्हें और ,तुम्हारे जीवन को भी ,

प्रकाशित करके ,सुंदर और उजियाला कर देगा दोस्तों || 


Monday, January 13, 2025

AANCHAL UMMIDON KAA ( JIVAN )

 

                         आँचल उम्मीदों का 


बचपन में सभी बच्चे ,साँप - सीढ़ी का खेल खेलते हैं ,

जिंदगी में इसी खेल की तरह ,उतार - चढ़ाव आते हैं || 


कभी भी चढ़ाव आने पर ,गुरूर मत करना दोस्तों ,

जिंदगी में उतार आने पर ,उदास मत होना दोस्तों || 


हमेशा उम्मीद का आँचल ,थामे रखिएगा दोस्तों ,

उम्मीद ही तो होठों पर ,मुस्कान लाती है || 


उम्मीद ही तो आप के ,दिल - दिमाग को शांत बनाती है ,

तो अपनी  उम्मीदों को ,जगाए रखना दोस्तों || 


ये उम्मीदें ही तो ,हमारे जीने का सहारा हैं दोस्तों ,

उतार - चढ़ाव तो जिंदगी का हिस्सा हैं ,आएँगे ही || 


Sunday, January 12, 2025

BACHPAN KE DIN ( KSHANIKAA )

 

                              बचपन के दिन 


एक समय था दोस्तों ,जब हम बच्चे थे ,

खेल ,खिलौनों में डूबे ,एक छोटे बच्चे ,

सभी का असीम प्यार पाते ,एक प्यारे बच्चे ,

माता - पिता के प्यारे - दुलारे ,ऐसे एक दुलारे बच्चे || 


सखि - सहेलियों ,दोस्तों की महफिलों की शान ,

उन सभी के साथ मिल कर ,खेलते हुए सभी की जान ,

हर त्योहार पर मिल कर ,त्योहार का बढ़ाते मान ,

बड़े - बुजुर्गों का दिल से ,करते हुए सम्मान || 


उस नन्हें बचपन से ,आज के दिन तक दोस्तों ,

बहुत लंबा समय बीत गया ,जिम्मेदारियाँ निभाते हुए ,

आज जिम्मेदारियाँ नहीं हैं ,आज फिर से हम ,

बचपन के दिनों में ,वापस आ गए हैं ,

हमारा दिल फिर से ,बच्चा बन गया है दोस्तों  || 


Saturday, January 11, 2025

USKAA INTJAAR HAI ( JIVAN )

 

                         उसका इंतजार है 


सभी को किसी ना किसी का ,इंतजार होता है दोस्तों ,

किसी को दोस्तों का ,किसी को रिश्तों का ,

किसी को मुस्कान का ,किसी को खुशी का ,

हमें तो दोस्तों इंतजार है ,उस पल का ,

जब हम किसी का ,कोई इंतजार पूरा कर सकें || 


कोशिश तो हम करते रहेंगे ,उस पल को लाने की ,

पर पता नहीं ,वह पल कब आएगा ?

कब हमारा ,इंतजार पूरा होगा दोस्तों  ??


 गीत हमें बहुत पसंद है दोस्तों ,

" हम इंतजार करेंगे ,तेरा कयामत तक ,

खुदा करे कि कयामत हो ,और तू आए ,"

दोस्तों हम भी ,उस पल का इंतजार करते रहेंगे ,

और जब वह पल आएगा ,तब हमसे अधिक ,

खुशनसीब इस दुनिया में ,और कोई नहीं होगा || 



Friday, January 10, 2025

HINDII - HINDII ( KSHANIKAA )

 

                                    हिंदी - हिंदी 


दुनिया में हैं कितने देश ? देशों में बहुत से लोग ,

अलग - अलग है उनकी सोच ,साथ ही भाषाएँ भी ,

प्यार जो करते अपनी भाषा से ,

चाहे हो राष्ट्र भाषा ,चाहे हो मातृ भाषा  || 


अपने देश में भी हैं ,बहुत सी भाषाएँ ,

सम्मान हम सभी ,भाषाओं का करते हैं दोस्तों ,

मगर दिल हमारा डूबता है ,केवल अपनी मातृ भाषा में ,

जो हिंदी है दोस्तों ,मीठी भाषा || 


हिंदी बोलते या सुनते समय ,लगता है ,

हमारी माँ का आशीष ,हमारे साथ है ,

माँ का प्यार हमारे ,दिल में है ,

माँ ने हमारा हाथ ,थाम रखा है दोस्तों || 


मीठी सी भाषा ,प्रेम में पगी भाषा ,

एक शब्द के अनेक अर्थ और ,

अनेक अर्थों के लिए एक शब्द ,

सुंदर ,प्यार भरी ,मिठास लिए हिंदी ,हमारी हिंदी || 


Thursday, January 9, 2025

SABRA ( KSHANIKAA )

 

                               सब्र 


दुनिया में सवारियाँ कितनी ? 

सभी की सभी सवारियाँ मजेदार ,

मगर सभी सवारियों की ,चाल अलग है दोस्तों ,

कभी धीरे ,कभी तेज चलें सभी || 


टेढ़ी हों तो यात्री ही गिर जाएँ ,टिक नहीं पाएँ ,

मगर एक सवारी ऐसी ,जो अपने यात्री को ,

कभी ना गिराए , ना खुद की सीट से ,

ना किसी के कदमों में ,ना किसी की नजरों से || 


तो वही सवारी पकड़ो दोस्तों ,

वही तुम्हें हर राह पार कराएगी ,

वही जीवन में ,सफलता और खुशियाँ दिलवाएगी ,

तो दोस्तों उस सवारी का नाम जान लो ,

उस सवारी का नाम है ----  सब्र ,धैर्य ,धीरज || 


Wednesday, January 8, 2025

TARKASH ( KSHANIKAA )

 

                           तरकश  


सभी के पास हौसलों का ,एक तरकश होता है ,

जिसमें सभी तरह के ,तीर होते हैं यारों ,

वक्त पड़ने पर जो ,प्रयोग किए जाते हैं || 


छोटी परेशानियों में ,छोटा तीर चलता है ,

हल्की मुसीबत में ,हल्का तीर चलता है ,

भारी मुसीबत में ,भारी तीर चल जाता है || 


कई बार वक्त ,ऐसा भी आता है यारों ,

जब मुश्किलों का ,पहाड़ खड़ा होता है ,

कोई भी रास्ता ,सूझ नहीं पाता है || 


ऐसे में हिम्मत ना हारो यारों ,

तीरों को परख कर ,कुछ ऐसा तीर चलाओ यारों ,

जो पड़ जाए ,मुश्किलों पर भारी ,

और खुल जाए ,तुम्हारा रास्ता यारों ,

मिल जाएँ ,सभी मुस्कानें वापस यारों || 


Tuesday, January 7, 2025

PUNARJANM !! ( KSHANIKAA )

 

                          पुनर्जन्म  !!


पुनर्जन्म में कभी - कभी ,कुछ जाना - पहचाना लगने लगता है ,

मानो उसे हम पहले जी चुके हैं ,

या उस अनजाने से मिल चुके हैं ,

कहाँ से आया ये अहसास ? क्या पिछले जन्म की याद है ??


कभी यह अहसास ,मैंने भी महसूस किया था ,

आमेर के किले में ,कुछ पल मैंने बिताए ,उस अहसास में ,

एक रानी के रूप में ,कहीं खो गई थी मैं ,

वे पल मैंने एक रानी बन कर बिताए ,

खड़े - खड़े ही मैं लंबे भूत काल में चली गई थी || 


उस खोएपन से वापिस तभी आई ,

जब मेरे पति ने मुझे पुकारा ,

कहाँ खो गई हो ? क्या देख रही हो ? 

उस समय मैं उनसे कुछ ना कह सकी ||

 

दोस्तों वह सब क्या था ? मैं आज भी नहीं जान  सकी , 

क्या खड़े -खड़े सपना देख रही थी ? 

क्या वह मेरे पिछले जन्म की याद थी ? 

जिसका दृश्य मेरी आँखों के सामने ,अचानक से आ गया ,

क्या इसका जवाब मुझे मिल सकता है ? 

अगर कोई जवाब दे सकता हो ,तो कृपया वो जवाब दे || 


Monday, January 6, 2025

PUNARJANM ! ( KSHANIKAA )

 

                             पुनर्जन्म  !


नव जीवन मिला ,नई साँसों से भरपूर ,

नई उमंगों से ,नई आशाओं से भरपूर ,

जग में आकर ,सीखने को बहुत कुछ था ,

कुछ गुण ईश्वर प्रदत्त थे ,और कुछ का विकास करना था || 


मानव शरीर में ,एक अंश परमात्मा का था ,

जिसको आत्मा का नाम दिया ,मानव ने ,

जिसका ना आदि है ,और ना उसका अंश है ,

जिसने अपनी आत्मा को जान लिया ,वही संत है || 


शरीर का अंत है ,मगर आत्मा अमर है ,

इस अमरता के कारण ही ,

आत्मा अपना शरीर रूपी चोला बदलती है ,

वही पुनर्जन्म है बंधु || 


ऐसे में आत्मा अपने ,पुनर्जन्म को भूल जाती है ,

मानो नई यादें बनाने के लिए तैयार ,

नया शरीर पहन कर ,जब वह जग में आती है ,

तो नए जीवन के लिए ,चल पड़ती है ||  


नए रास्ते ,नए रिश्ते ,नई दिन -चर्या ,

सभी कुछ नया - नया ,नया समय ,नई जगह ,

अंत पुराने का ,शुरुआत नए की ,

शुरु हुई इस पुनर्जन्म की कहानी || 


Sunday, January 5, 2025

SWACHCHHATAA FAILAAO ( JALAD AA )

 

                     स्वच्छता फैलाओ 


जल ने हमें जीवन दिया ,उसको व्यर्थ ना जाने दो ,

जल हमें बदरा ने दिया ,बदरा खुद जल वाष्प से बने ,

इसलिए बदरा का स्वागत करो ,दिल खोल के || 


घनन - घनन करते हुए ,बदरा जब आते ,

बच्चों को वह बड़ा डराते ,साथ दामिनी को भी लाते ,

रिमझिम सी बरखा बरसाते ,जल के सारे स्रोत भर जाते ,

मानव का जीवन पनपाते || 


जल को एकत्रित कर लो दोस्तों ,उसे व्यर्थ ना जाने दो ,

आगे आने वाली पीढ़ी को ,पीने का जल रहने दो ,

प्रदूषण रोकना तुम्हारे हाथ में ,उसे रोक लो ,

प्रदूषण रोक दो ,स्वच्छता फैलाओ ,धरा को स्वच्छ बनाओ || 


Saturday, January 4, 2025

GYAAT ( KSHANIKAA )

 

                                      ज्ञात 


"कपिल शर्मा " शो में "आयुष्मान खुराना  " जी की 

" अज्ञात " कविता सुनी ,बहुत पसंद आई ,उसी के 

जवाब में  कुछ कहना चाहती हूँ  ------- 


अज्ञात का जवाब है " ज्ञात " दोस्तों ,

नींद तो अज्ञात नहीं है ,जानी - पहचानी है ,

अपनी आँखों के सागर में ,तैरती सी नैया है दोस्तों || 


उसी नींद में जब ,अज्ञात से सपने तैरते हैं ,

वो सपने जाने - पहचाने बन कर ,जीवन चलाते हैं ,

उन रास्तों पर ,ज्ञात सपने पूरे होने लगते हैं दोस्तों || 


देखे हुए और पूरे हुए सपनों में ,

एक लम्हे का ही फर्क है दोस्तों ,

जिसे हम अज्ञात या ज्ञात कह सकते हैं ,

अपनी - अपनी सोच का फर्क है दोस्तों || 


Friday, January 3, 2025

HAMAARII MAHFIL ( CHANRAMAA )

 

                       हमारी महफिल 


मुस्कान लिए चंदा ,झाँका था झरोखे से ,

दे गया मीठी मुस्कान ,मेरे भी होठों पे || 


चंदा की मुस्कान के साथ ,उतरी थी चाँदनी ,

दोनों ने मिल कर , धरा को चम - चम कर दिया || 


मैं हूँ सखि चंदा की ,लंबा ये नाता है ,

चंदा है सखा मेरा ,खुशियों से भरा नाता है || 


चंदा जब भी आता है ,चाँदनी के साथ ,

मेरा कमरा भी चमक उठता है ,चाँदनी के साथ || 


मुस्कानों से भरी ,हमारी महफिल ,

खिलखिला उठती है ,हमारी महफिल || 


Thursday, January 2, 2025

MUSKAAO ( JIVAN )

 

                           मुस्काओ 


जिंदगी जीने का नशा होगा तो ,

मुस्कुराने का नशा होगा तो ,

जिंदगी बहुत सुंदर बन जाएगी || 


दोस्तों से मिलने का नशा होगा तो ,

मिल के हँसी - मजाक करने का नशा होगा तो ,

जिंदगी रंगों से भर जाएगी || 


रिश्तों को बनाने का नशा होगा तो ,

रिश्तों को निभाने का जज़्बा होगा तो ,

जिंदगी प्रेम ,प्यार से भर जाएगी || 


जिंदगी को सुंदर बनाने के लिए ,

जिंदगी को रंगों से भरने के लिए ,

जिंदगी को प्रेम ,प्यार से भरने के लिए ,

मुस्काओ ,हँसी - मजाक करो और रिश्ते निभाओ || 


Wednesday, January 1, 2025

GAAGAR - SAAGAR ( RATNAAKAR )

 

                         गागर - सागर 


सागर है तू ,गागर हूँ मैं ,दोनों में जल ही जल है ,

पर तुझमें सागर रत्न भरे हैं ,

मैं हूँ सादा जल की गागर ,

सागर ,तेरा पानी नमकीन ,मैं मीठे जल की गागर || 

 

सागर तुझमें तूफान छिपे हैं ,मेरा जल तो प्यास बुझाए ,

सागर तेरे भीतर आकर ,

प्राणी प्यासा मर ही जाए ,

तुझमें सागर जीवन उपजा ,पर मैं जीवन देने वाली गागर || 

 

तू जल का भंडार अतुल ,मैं हूँ छोटी सी गागर ,

तुझमें असंख्य जीव हैं पलते ,

मैं हूँ छोटा  सा आगार ,

पर हम दोनों हैं दोस्त घने ,दोनों का है अलग संसार ||