Sunday, January 12, 2025

BACHPAN KE DIN ( KSHANIKAA )

 

                              बचपन के दिन 


एक समय था दोस्तों ,जब हम बच्चे थे ,

खेल ,खिलौनों में डूबे ,एक छोटे बच्चे ,

सभी का असीम प्यार पाते ,एक प्यारे बच्चे ,

माता - पिता के प्यारे - दुलारे ,ऐसे एक दुलारे बच्चे || 


सखि - सहेलियों ,दोस्तों की महफिलों की शान ,

उन सभी के साथ मिल कर ,खेलते हुए सभी की जान ,

हर त्योहार पर मिल कर ,त्योहार का बढ़ाते मान ,

बड़े - बुजुर्गों का दिल से ,करते हुए सम्मान || 


उस नन्हें बचपन से ,आज के दिन तक दोस्तों ,

बहुत लंबा समय बीत गया ,जिम्मेदारियाँ निभाते हुए ,

आज जिम्मेदारियाँ नहीं हैं ,आज फिर से हम ,

बचपन के दिनों में ,वापस आ गए हैं ,

हमारा दिल फिर से ,बच्चा बन गया है दोस्तों  || 


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