Friday, January 3, 2025

HAMAARII MAHFIL ( CHANRAMAA )

 

                       हमारी महफिल 


मुस्कान लिए चंदा ,झाँका था झरोखे से ,

दे गया मीठी मुस्कान ,मेरे भी होठों पे || 


चंदा की मुस्कान के साथ ,उतरी थी चाँदनी ,

दोनों ने मिल कर , धरा को चम - चम कर दिया || 


मैं हूँ सखि चंदा की ,लंबा ये नाता है ,

चंदा है सखा मेरा ,खुशियों से भरा नाता है || 


चंदा जब भी आता है ,चाँदनी के साथ ,

मेरा कमरा भी चमक उठता है ,चाँदनी के साथ || 


मुस्कानों से भरी ,हमारी महफिल ,

खिलखिला उठती है ,हमारी महफिल || 


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