आँचल उम्मीदों का
बचपन में सभी बच्चे ,साँप - सीढ़ी का खेल खेलते हैं ,
जिंदगी में इसी खेल की तरह ,उतार - चढ़ाव आते हैं ||
कभी भी चढ़ाव आने पर ,गुरूर मत करना दोस्तों ,
जिंदगी में उतार आने पर ,उदास मत होना दोस्तों ||
हमेशा उम्मीद का आँचल ,थामे रखिएगा दोस्तों ,
उम्मीद ही तो होठों पर ,मुस्कान लाती है ||
उम्मीद ही तो आप के ,दिल - दिमाग को शांत बनाती है ,
तो अपनी उम्मीदों को ,जगाए रखना दोस्तों ||
ये उम्मीदें ही तो ,हमारे जीने का सहारा हैं दोस्तों ,
उतार - चढ़ाव तो जिंदगी का हिस्सा हैं ,आएँगे ही ||
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