आँगन में
आजा रे सागर आ , मेरे आँगन में बस जा ,
तू तो मेरा दोस्त है , अपनी लहरों को संग ला ||
जीवन में हम साथ रहें ,प्यार के बंधन में बँधे रहें ,
लहरें तेरी मुस्काती रहें , मुस्कानें बिखराती रहें ||
तू ही है रत्नों की खान , रत्नाकर है तेरा नाम ,
आजा अब तू मेरे , आँगन में बना अपना धाम ||
तू तो सागर जल ही जल , दुनिया का जीवन दाता ,
दुनिया वाले खड़े छोर पर , कोई नहीं पार पाता ||
आजा , आजा , आजा रे , प्यार का बंधन बाँध ले रे ,
जीवन सब का साथ रहेगा , साथ - साथ चलता रहे रे ||
कर्मों से भरी इस दुनिया में , प्यार , दोस्ती बनी रहे ,
इसी तरह जीवन का , लेखा - जोखा भी भरा रहे ||