Sunday, May 11, 2025

EIHSAAN ( JIVAN )

 

                         एहसान 


ये जिंदगी तो कर्ज है हम पर ,  उतर जाएगा एक दिन ,

साँसें भी तो कर्ज ही हैं , वो भी ठहर जाएँगी एक दिन ,

ये कर्ज है बंधु , एहसान नहीं है ,

ये प्यार है ईश्वर का , जो उसने हमें दिया  || 

 

उसका दिया यह तोहफा जिंदगी का ,

उसका दिया प्यार और कर्ज तो ,

हम वापस करेंगे ,भक्ति से ,  आराधना से ,

अपनी जिंदगी से और अपनी साँसों से  || 

 

अगर अहसान होता तो , क्या हम लौटा पाते  ? 

नहीं , नहीं , हम ऐसा नहीं कर सकते थे ,

 एहसान तो ऐसी चीज है ,जो उतारा ना जा सके ,

एहसान हमारे ऊपर ऐसा असर छोड़ता है ,

जिसे हम किसी भी सूरत में नहीं उतार सकते  || 

 

 

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