Friday, May 9, 2025

GHUMSHUDAA DIL ( KSHANIKAA )

 

                               गुमशुदा दिल 


दिल हमारा खो गया है कहीं , कोई अता - पता ही नहीं ,

यहाँ ढूँढा , वहाँ ढूँढा , मगर मिला ही नहीं कहीं ,

दुनिया के टेढ़े - मेढ़े रास्ते , कैसे ढूँढू मैं कहाँ  ?? 

 

भोला सा मेरा दिल , हो गया कैसे गुम  ? 

बताए कोई कहाँ लिखाऊँ ? मैं उसकी रपट ,

कौन करेगा मदद मेरी ? किस राह में , दिल दौड़ा सरपट  ?? 

 

कोई लाए  दिल को  वापस , कहीं से भी ढूँढकर ,

सारे अरमान तो दिल में ही हैं , वहीं पर तो वो जगे थे ,

जगने के बाद हमारे दिल में ही , वो सब पले थे ,

अब हो जाएँ वो पूरे , मेरे सारे अरमान ,

गुमशुदा मेरा दिल ना जाने , कहाँ खो गया  ?? 

 

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