संदेसा
भेज दे बदरा अपना संदेसा , बूँदों में लिखकर ,
उन बूँदों में लिखा संदेसा , पढ़ लेगा हर कोई ||
बूँदें छम - छम करती आएँगी , लेकर तेरा संदेसा ,
हर किसी के पास पहुँचेगा , बदरा तेरा संदेसा ||
चमक दामिनी बिखराएगी , ऊपर से ही धरा पर ,
सभी चौंक कर देखेंगे , चमक दामिनी की धरा पर ||
बदरा के कजरारे रूप में , जब चमकेगी दामिनी ,
तभी धरा पर फैल जाएगी , चमकीली रोशनी ||
खुश हो जाएँगे धरावासी , देखकर ये सब ,
बच्चे तो खुश होकर , कागज की नाव चलाएँगे ,
बदरा भी तो खुश होगा , भेज अपना संदेसा ,
इसी तरह वो सब के साथ , अपनी खुशियाँ बाँटेगा ||
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