Saturday, May 31, 2025

AANGAN MEY ( RATNAAKAR )

 

                               आँगन में 

 

आजा रे सागर आ , मेरे आँगन में बस जा ,

तू तो मेरा दोस्त है , अपनी लहरों को संग ला  || 

 

जीवन में  हम साथ रहें ,प्यार के बंधन में बँधे रहें ,

लहरें तेरी मुस्काती रहें , मुस्कानें बिखराती रहें  || 

 

तू ही है रत्नों की खान , रत्नाकर है तेरा नाम ,

आजा अब तू मेरे , आँगन में बना अपना धाम  || 

 

तू तो सागर जल ही जल , दुनिया का जीवन दाता ,

दुनिया वाले खड़े छोर पर , कोई नहीं पार पाता  || 

 

आजा , आजा , आजा रे , प्यार का बंधन बाँध ले रे ,

जीवन सब का साथ रहेगा , साथ - साथ चलता रहे रे  || 

 

कर्मों से भरी इस दुनिया में , प्यार , दोस्ती बनी रहे ,

इसी तरह जीवन का , लेखा - जोखा भी भरा रहे  || 

 

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