लेन - देन
टूट के कोई ना जुड़ सके , टूटा पत्ता ना शाख सजाय ,
टूटने के बाद तो पत्ता , पवन संग उड़ जाय ||
कटी शाख जो पेड़ की ,नई शाख उग आय ,
जो जड़ कट गई पेड़ की , पेड़ ही सूखा जाय ||
खुश्बु उड़ी जो फूलों से , फूलों में फिर ना आय ,
भले ही वह प्यारी खुश्बु , सारा चमन महकाय ||
तितली बैठी जो फूल पर , रस सारा पी जाय ,
बदले में कुछ भी ना दे , पर चमन रंगीन बनाय ||
मधु मक्खी करतब करे , फूलों का रस ले आय ,
उस रस से वह तो , खुद ही शहद बनाय ||
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