Sunday, May 4, 2025

MUSKURAANE KII VAJAH ( PREM )

 

                       मुस्कुराने की वजह 


जिंदगी जीने की वजह तुम हो , मुस्कुराने की वजह तुम हो ,

इस दुनिया में रहने की वजह क्या थी ? शायद तुम ही हो ,

तुमसे मिलने की वजह क्या थी ? शायद तुम ही हो  || 

 

एक - एक करके दोस्त बनते गए हमारे , शायद तुम ही हो ,

महफिलें दोस्तों की सजती गईं , वजह तो तुम ही हो ,

विचारों की उलझनों को सुलझाया गया , वजह तुम ही हो ,

क्यों कि उलझनों का एक सिरा खोजा किसने ? तुमने ही  || 


राहों को जगमगाया गया , वजह तुम ही हो ,

हमारे तो गुनगुनाने की वजह , भी तो तुम ही हो ,

सच में दोस्तों ,इन सब बातों की  ,वजह तुम ही हो ,

तुम ही तो हो , तुम  ही तो हो  || 

 

 

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