मुस्कुराने की वजह
जिंदगी जीने की वजह तुम हो , मुस्कुराने की वजह तुम हो ,
इस दुनिया में रहने की वजह क्या थी ? शायद तुम ही हो ,
तुमसे मिलने की वजह क्या थी ? शायद तुम ही हो ||
एक - एक करके दोस्त बनते गए हमारे , शायद तुम ही हो ,
महफिलें दोस्तों की सजती गईं , वजह तो तुम ही हो ,
विचारों की उलझनों को सुलझाया गया , वजह तुम ही हो ,
क्यों कि उलझनों का एक सिरा खोजा किसने ? तुमने ही ||
राहों को जगमगाया गया , वजह तुम ही हो ,
हमारे तो गुनगुनाने की वजह , भी तो तुम ही हो ,
सच में दोस्तों ,इन सब बातों की ,वजह तुम ही हो ,
तुम ही तो हो , तुम ही तो हो ||
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