Wednesday, May 28, 2025

JANJAAL ( JIVAN )

 

                                        जंजाल 


हमारे हालातों के जंजाल को , सभी ने मिलकर उलझा दिया ,

किसी  ने भी  उसमें से ,निकलने का मौका नहीं दिया ,

कैसे करते  ? क्यों करते  ?  उन्हीं का किया ये जंजाल था  || 


जिंदगी की राहें सीधी तो नहीं थीं , मगर इतने मोड़ भी नहीं थे ,

फिर किसने ये राहें मोड़ दीं , सीढियाँ उनमें जोड़ दीं ,

हम एक सीढ़ी से ऊपर चढ़ते हैं , तो दूसरी से नीचे उतरते हैं  || 

 

लगता है ये सीढियाँ नहीं , पहेलियाँ हैं , एक का हल मिला ,

तो दूसरी ने उलझा लिया , दूसरी का हल मिला ,तो तीसरी तैयार थी ,

अब कहाँ तक जाकर , ये उलझन - सुलझन बनेगी ? हमें समझेगी  || 

 

क्या आप बता सकते हैं दोस्तों  ? 

हमें कब सीधी राह मिलेगी  दोस्तों ? 

जो हमें हमारी , मंजिल तक ले जाएगी  दोस्तों  || 

 

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