Tuesday, June 24, 2025

GAANTH ( JIVAN )

 

                              गाँठ 

 

हालातों को ऐसा ना होने दो यारों , 

कि तुम संभाल ना सको , और रिश्ते टूट जाएँ  ,

रिश्ते टूटे तो उनमें ,गाँठ पड़ जाएगी ,

गाँठ पड़ने से रिश्तों में दरार आएगी ,

और हिम्मत टूट जाएगी  || 

 

रिश्ते सुंदर बने रहें , हिम्मत टूटे नहीं  ,

इसलिए हालातों का ,स्वास्थ्य अच्छा बनाएँ  ,

खुद को , हिम्मत को , रिश्तों को ,स्वस्थ रखें , मस्त रखें  || 

 

हालातों  से जो समझौता करोगे तो ,

जीवन स्वस्थ रहेगा , मस्त रहेगा ,

मुस्कानों को अपनाओ , तो कुछ भी ना बिगड़ेगा ,

और जीवन सुचारु रूप से चलेगा  || 

 

दुनिया में जीवन को , सुंदर बनाने में जो ,

मदद करे दोस्तों , वही सच्चा दोस्त है ,

जो सलाह ना देकर , अपना समय दे  ,

हाथ बढ़ाकर सहारा दे , वही तो सच्चा दोस्त है  || 

 

Monday, June 23, 2025

JEEVANT ( JIVAN )

 

                             जीवंत 

 

जिन देवों ने अवतार लिया , मानव का स्वरुप लिया ,

जीवन मानव का ही जिया , संघर्ष भी पूरा ही किया ,

तो मानव जीवन पाकर , हम क्यों संघर्ष से डरें  दोस्तों   ?? 

 

कीमत जीवन की जानो तुम , संघर्षों से कुछ सीखो तुम  ,

तभी तो ज्ञान बढ़ेगा दोस्तों  , साथ ही हौसला बढ़ेगा  बंधु  ,

देवों का आशीर्वाद भी , मिलेगा तुमको दोस्तों  || 

 

प्यार को भी जीवंत , बना लो दोस्तों ,

चाहतों में दिल को , डुबा लो दोस्तों ,

मुस्कानों को होठों , पर सजा  दोस्तों  ,

जीवन को हाथों से , फिसलने ना दो दोस्तों  || 

 

Sunday, June 22, 2025

BHAAV - RANG ( KSHANIKAA )

 

                               भाव  -  रंग 

 

 रंगों की इस दुनिया में , सारे ही रंग तो  बिखरे हैं ,

  उन सारे रंगों में , जीवन के सारे भाव छिपे हैं ,

हर रंग के लिए , एक अलग भाव है  || 

 

इन्हीं भावों के साथ , अपने होठों की ,

मुस्कान जोड़ दो दोस्तों , मुस्कुरा दो ,

और कुछ रंगों को , अपना लो  || 

 

रंगों को अपनाओगे , तो भाव खुद ही आ जाएँगे ,

तो दोस्तों भाव और , रंग को साथ जोड़िए  ,

दोनों ही हाथ मिला कर , आपके दिल में , समाएँगे  ,

और आपकी , मुस्कानों को बढ़ा देंगे  || 

 

Saturday, June 21, 2025

NAACHEGAA SANSAAR ( AADHYAATMIK )

 

                            नाचेगा संसार 

 

रंग फूलों  को  मिला  ईश्वर से ,महका चमन ,

चमन के महकने से , महक गया जग वालों का मन ,

मन के महकने से , खिली होठों पे मुस्कान ,

मुस्कान में ही डूबकर , छेड़ी दिल ने तान  || 

 

कलम ने जो बोल लिखे , बने उनसे मीठे गीत ,

तान ने गीत को सहेज कर , रचा दिया संगीत  ,

दिल मचल कर गा उठा , सुर और लय की हुई जीत ,

जिन्हें पसंद आया वो बोले , बहुत ही सुंदर गीत  || 

 

दोस्तों तुम भी साथ दो , छेड़ो दिल के तार ,

गुनगुनाओ मेरे गीत , फैला दो चहुँ ओर प्यार ,

इसी प्यार को इतना बाँटो , नाच उठे संसार ,

प्यार से नाचेगा संसार ,तो मिलेगा हमें ,

ईश्वर का आशीष और , ईश्वर का प्यार   || 

 

Friday, June 20, 2025

MAHAKAA LO ( JIVAN )

 

                              महका लो 

 

जो पल बीत गए यारों , अपनी वो यादें छोड़ गए  ,

जो कल आएँगे यारों , अपने संग क्या वो लाएँगे  ?

बीते पल को बदल नहीं सकते ,

भावी कल को जान नहीं सकते  ,

तो फिर चिंता कैसी  ?  आने दो कल को   || 

 

जैसा भी हो , व्यतीत समय तो होता है ,

ना वो रुकता है , ना रोका जा सकता है ,

ना ही उसको  ,बदला जा सकता है  ,

तो फिर चिंता कैसी  ? उसे तुम स्वीकार करो  || 

 

समय नहीं घड़ियों का  कैदी , ये तो दिल की धड़कन  ,

समय नहीं द्वारों का कैदी  , ये तो खुला झरोखा  ,

समय नहीं काँटों का कैदी , उससे जीवन महका लो  || 

 

GALATII ( KSHANIKAA )

 

                           गलती 

 

गलतियाँ सभी से होती हैं मगर , 

 हर कोई उनसे सीख नहीं लेता , 

जो कोई अपनी गलतियों से सीख लेता है  ,

और अपने ज्ञान को बढ़ा लेता है   || 

 

कुछ लोग अपनी , गलती  को छिपा लेते हैं ,

उनका राज छिपा रहता है , उसे लिए हुए ही ,

वह कोई सीख नहीं लेते , और जीवन पूरा कर लेते हैं  || 

 

अगर हम अपनी गलती से , कुछ सीख लेंगे  ,

तो जीवन सुखी बना सकते हैं , अपने साथ ही  ,

हम अपनों का जीवन भी  , सुखी बना सकते हैं  || 

 

Wednesday, June 18, 2025

BHAAV AUR LAY ( KSHANIKAA )

 

                             भाव और लय 

 

जिंदगी में कुछ रिश्ते , ईश्वर के बनाए होते हैं ,

और कुछ रिश्ते , हम खुद बनाते हैं ,

माता - पिता , भाई - बहिन सब , ईश्वर प्रदत्त हैं  ,

दोस्त ,सखा , सहेली , हम स्वयं  चुन लेते हैं  ||  

 

पति अपने लिए पत्नि , खुद चुनता है ,

पत्नि अपने लिए पति , खुद चुनती है  ,

हम बगिया खुद बना लेते हैं , फूलों के गुच्छे खिलाते हैं ,

मगर महक फैलाना , हमारे हाथ में नहीं है दोस्तों  || 

 

मीठे बोलों से हम , गीत बना लेते हैं ,

मगर उनमें भाव हम नहीं , ईश्वर भरते हैं ,

उन गीतों के लिए , संगीत हम बना लेते हैं  ,

मगर उनकी लय हम नहीं , ईश्वर बनाते हैं  ,

भाव और लय तभी तो , सबके दिलों लो छू जाते हैं  ||  

 

Tuesday, June 17, 2025

MAHAKAAEN ( KSHANIKAA )

 

                           महकाएँ 

 

निंदिया की ओढ़नी ओढ़कर , सपनों की लड़ियाँ जाग गईं ,

मुस्कानों की ओढ़नी ओढ़कर ,फूलों की लड़ियाँ जाग गईं ,

खुश्बुओं की ओढ़नी ओढ़कर , बगिया सारी महक गई  || 

 

जीवन की राहें जोड़कर , जब साथ में हम चलते हैं ,

मंजिल तो दूर नहीं है , पग - पग हम चलते जाते हैं  ,

मंजिल को पाने के लिए , जीवन भर हम चलते जाते हैं  || 

 

राही जब एक मंजिल के हों , तो सारा ही रास्ता ,

एक मुस्कान  के साथ  , बीत जाता है ,

समय भी जल्दी ही , बीत जाता है ,

चलो मुस्कान बनकर ,  अपनी बगिया महकाएँ  || 

 

Monday, June 16, 2025

BHOLAAPAN ( JIVAN )

 

                        भोलापन 

 

किसी के एक शब्द से , दूजों ने वाक्य बनाया  ,

अपने विचारों में , उस शब्द को दूजों ने डुबाया ,

उस शब्द के अर्थ को , उन्होंने अनर्थ है बनाया ,

' राम ' शब्द को उन्होंने , ' मरा ' कह के जलाया  || 

 

दोस्तों ये दुनिया है , यहाँ का है ये जलवा ,

मुफ्त में खाना चाहते हैं खाना , मीठा सा हलवा ,

चाहे किसी को  मिले  ना , खाने को कलेवा ,

मगर खुद चाहते हैं  खाना , मीठा सा जलेबा  || 

 

ध्यान रखो दोस्तों , बचे रहो ऐसों से ,

लुट ना जाओ कहीं तुम , अपने भोलेपन से ,

जिंदगी तुम्हारी है , सोचो जरा समझो ,

खाली ना हो जाओ , कहीं अपने धन से  || 

 

Sunday, June 15, 2025

BADAA - CHHOTAA ( KSHANIKAA )

 

                          बड़ा - छोटा 

 

जिंदगी में और दुनिया में , बदलाव जरूरी है ,

बदलाव ही प्रगति के लिए जरूरी है ,वैसे आएगा बदलाव ,

पहले सब अपनी सोच को बदलें , तभी बदलाव आएगा  || 

 

कुछ लोग अपनों को दर्द देते हैं , गैरों को खुश करते हैं ,

ऐसे लोगों की इस सोच पर , पूर्ण विराम लगाना जरूरी है ,

ऐसे लोगों पर कोई भी , विश्वास नहीं कर सकता है  || 

 

यदि किसी मशीन में जंग लगता है , तो उसके पुर्जे शोर करते हैं ,

मगर यदि किसी की अक्ल में जंग लगे ,

तो उसकी जुबान शोर करती है ,

तो दर्द देने वालों की , अक्ल का इलाज जरूरी है  || 

 

वही लोग दूसरों को छोटा समझ कर , उनका मजाक बनाते हैं  ,

मगर दोस्तों सामने वाले को छोटा समझने वाला ,

खुद ही छोटी सोच रखने वाला हूँ ,

इसलिए वह खुद छोटा है ना कि बड़ा  || 

 

Saturday, June 14, 2025

SAPNON KAA GAANV ( JIVAN )

 

                    सपनों का गाँव 

 

दोस्तों एक बार पहुँच गए हम , सपनों के गाँव में ,

जहाँ फूले थे , हरे - भरे से खेत , और बाग - बगीचे ,

रंग - बिरंगे फूल खिले थे , महके हुए चमन में   || 

 

नदिया की  धार गुजरती थी , गाँव के आँगन से ,

उस नदिया की कल -  कल धारा , बहती  थी उस धार में ,

उसमें सुंदर जीव हैं पलते , सपनों के उस गाँव में  || 

 

पनघट सुंदर सा खिलता है , उस गाँव के बीच में ,

कभी कुछ पनिहारियाँ थीं भरतीं , पानी उस पनघट से ,

आज वो पनघट सूना - सूना , नहीं  पनिहारियाँ  || 

 

पीपल , बरगद ,नीम की छाँव घनेरी , राही बैठें छाँव में ,

उन पेड़ों पर बहुत से पंछी , रहते थे घोंसलों  में ,

उन की मधुर आवाज गूँजती थी , उस गाँव में ,

उसी गाँव में हम तो घूमें , अपनी नींद के सपनों में   || 

 

Friday, June 13, 2025

KAUN HOON ? ( KSHANIKAA )

 

                      कौन हूँ  ? 

 

मैं एक सुईं की तरह हूँ दोस्तों  ,

पूरा जीवन , जो दिल की डोर से जुड़कर ,

अपनों के रिश्तों को सिलती रही ,

सुंदर से नमूनों से सजाकर , सुंदर बनाती रही ,

बताओ दोस्तों  ----  मैं कौन हूँ   ??  

 

मैं एक बीज की तरह हूँ , जो मिट्टी में दबकर ,

एक पौधे को जन्म देकर , फूल खिलाती हूँ ,

और फूलों की खुश्बुओं से , सभी   रिश्तों को महकाती रही ,

बताओ  दोस्तों  ----  मैं कौन हूँ   ?? 

 

मैं जल की एक बूँद की तरह हूँ ,

जो चकोर की प्यास की तरह ,

अपने सभी रिश्तों को सींचती रही ,

ये नदिया , समंदर , सभी मुझसे ही जल पाते हैं ,

मगर फिर भी मेरे अस्तित्व को , कोई नहीं मानता ,

बताओ दोस्तों  ----   मैं कौन हूँ   ?? 

 

Thursday, June 12, 2025

ANTAR YAADON KA ( KSHANIKAA )

                      

                 अंतर यादों का 

 

हमारे अंतर्मन में दबी कुछ यादें , खुशी देती हैं ,

और वहीं कुछ यादें दर्द देती हैं ,

हमें यही तो पता नहीं है , कि हम किसे याद करें  ?? 

 

खुशी देने वाली यादों का ध्यान करें ,

तो बहक जाते हैं हमारे कदम ,

दर्द देने वाली यादों का ध्यान करें ,

तो कुछ सीख ही मिल जाती है  || 

 

बताओ दोस्तों , ऐसा क्यों होता है  ?

अगर आप जानते हो , तो बताना जरूर  || 

 

Wednesday, June 11, 2025

ROSHANII ( KSHANIKAA )

 

                                 रोशनी  

 

हर सोच के लोग दुनिया में , हर रंग के फूल बगिया में ,

सारी दुनिया को नया बनाते हैं , 

सारी दुनिया को महकाते हैं  , 

जैसे आसमां के तारे , दुनिया को जगमगाते हैं    || 

 

तुम भी अपने विचार ,और कला से दुनिया को ,

सुंदरता और जगमगाहट से , भर दो   दोस्तों ,

तभी तो दुनिया जीवंत ,

और अर्थपूर्ण दिखाई देगी दोस्तों  || 

 

दिन हो या रात , सूरज भी निकलेगा ,

चाँद भी चमकेगा , गगन में ,

उनकी रोशनी दुनिया को  चमकाएगी ,

और मानव का जीवन भी , रोशन हो जाएगा दोस्तों  || 

 

हम सब भी तो ,उन्हीं में शामिल हैं दोस्तों ,

हम भी रोशनी में ,नहा जाएँगे दोस्तों ,

और होठों की मुस्कान , भी चमक उठेगी दोस्तों  || 

 

 

 

Tuesday, June 10, 2025

LIBAAS ( KSHANIKAA )

 

                        लिबास  

 

जिंदगी ने जब अपना , बनाया हुआ लिबास हमें पहनाया ,

तो दोस्तों उसमें कुछ टूटे हुए , धागे लटके थे ,

कुछ छेदों पर हुए , रफू के निशान थे ,

ये लोगों के दिए हुए , दर्द के निशान थे ,

और हमारे किए हुए समझौते थे  || 

 

जिंदगी के इस लिबास को , रंगीन बनाने के लिए ,

उसमें अपनी सोच के , सुंदर विचारों के धागे से ,

प्यार के मोती टाँक लो दोस्तों ,

कुछ सुंदर फूलों के , नमूने बना लो दोस्तों  || 

 

बना लिए   ? तो लिबास सज गया ना  ?

चलो अब मुस्कुरा कर , इस लिबास को ,

पहन कर खुश हो जाओ दोस्तों  ,

खिलखिलाओ , और खिलखिलाओ दोस्तों  || 

 

Monday, June 9, 2025

KEEMATII ( KSHANIKAA )

 

                                  कीमती 

 

कल थे वो कुछ अलग रंग के  , आज रंग अलग है ,

कल कौन सा रंग होगा ,कौन जाने  ? ईश्वर ही जाने  || 

 

क्या ऐसे व्यक्तित्व , विश्वास के काबिल हैं  ? ईश्वर ही जाने ,

अविश्वास , संदेह शब्द ही ,उनके व्यक्तित्व पर जँचते हैं ,

विश्वास , भरोसा , ये शब्द , उनके योग्य नहीं हैं दोस्तों  || 

 

कीमत इन शब्दों की कौन जानता है  ? 

क्या वो रंग बदलने वाले  ? नहीं दोस्तों वो नहीं , 

मगर हम जानते हैं , इन शब्दों की कीमत ,

आप  भी जानते हैं ना  , इन शब्दों की कीमत ,

बहुत कीमती शब्द हैं ये सब  || 

 

Sunday, June 8, 2025

UCHIT ( KSHANIKAA )

 

                                       उचित 

 

जो मिल गया है विरासत में , हमको और तुमको दोस्तों ,

उसी में तो गुजारा करना है ,

विरासत में मिले खजाने से ही , हमको और तुमको दोस्तों ,

अपना गुजारा करना है  || 

 

कलम मिलीं हैं , लिखने को डायरी ,यही खजाना है दोस्तों ,

मगर शब्दों का , भंडार तो नहीं मिला है ,

क्या करें कलम और डायरी का हम  ?

जब ज्ञान ही हमें नहीं  मिला है  || 

 

चलो ढूँढते हैं  शब्दों का खजाना ,

कुछ दिल से ,कुछ सोच से ,

कुछ अपनों के और कुछ दूजों के व्यवहार से ,

क्यों दोस्तों ये सब उचित है ना  ?? 

 

Saturday, June 7, 2025

DASTOOR ( KSHANIKAA )

 

                       दस्तूर 

 

ना चाहते हुए भी हम दोस्तों , 

दूजों के किए गलत व्यवहार को ,सहते चले गए ,

कि शायद सब कुछ ठीक हो जाए ,

मगर सब कुछ बिगड़ता चला गया  || 

 

मौसम की गर्मी की तरह , सब कुछ जलता चला गया ,

हमने सोचा मौसम साथ देगा , 

मगर ना  बदरा  छाए , और ना बारिश ही हुई  || 

 

काश कुछ समझ आ जाता , हम बदलते चले जाते ,

मगर अब क्या कर सकते हैं  ?

कुछ भी नहीं बदल सकता है  दोस्तों  || 

 

दस्तूर है दुनिया का , अपने मन की चलाओ ,

चाहे दूसरा परेशान हो , 

और यही रास्ता सब अपनाते हैं , अपने मन की चलाते हैं   || 

 

Friday, June 6, 2025

PYAAR KII SYAAHII ( PREM )

 

                            प्यार की स्याही 

 

कुछ टूटे धागे , जोड़े तो लगीं गाठें , कुछ छेद जिंदगी के ,

उनमें जो रफू की , यही तो जीवन है दोस्तों ,

जिसको हर कोई जी रहा है ,

साथ में ही सच्चे साथी को , बेकल होकर ढूँढ रहा है  || 

 

भावनाओं में बहकर हर  कोई ,

 आँखों में चमक लाने की  कोशिश में है , 

होठों पर खिलने वाली मीठी सी , मुस्कान ढूँढ रहा है  || 

 

दोस्तों क्या आप भी इसी पंक्ति में खड़े  हैं  ?

क्या आपके दोस्त आपके साथ हैं  ?

या आप भी अपने साथी , अपने दोस्त को ढूँढ रहे हैं  ?? 

 

आज दोस्तों मेरी कलम , जिंदगी के प्यार में डूबी ,

शब्दों के भंडार को ढूँढ रही हैं  ,

वो शब्द जो जिंदगी की जान हैं , दिल का अरमान हैं ,

प्यार की स्याही में डूबकर ये कलम , 

जब कागज पर , उन शब्दों को उकेरेगी ,

तो प्यार के फूल मुस्कुराएँगे , दिल को महकाएँगे  ||  

Thursday, June 5, 2025

DONON KINAARE ( KSHANIKAA )

 

                       दोनों किनारे 

 

जिंदगी में कुछ दर्द मिले , और कुछ मुस्कानें  भी ,

मगर पदचाप तो कोई नहीं मिली , दोनों के आने की ,

अचानक से दर्द आया ,तो आँसू छलक पड़े ,

आई मुस्कान तो हम , खिलखिला दिए  || 

 

जब दोस्त सभी मिल गए , तो महफिलें सज गईं ,

जब दोस्त बिछड़ गए , तो मानो जान ही निकल गई  ,

आज सभी दोस्त दूर हैं , मिलना भी मुश्किल है  || 

 

दूर - दूर  , रहते - रहते , राहें बदल गई हैं सबकी  ,

कोई सागर के इस   पार है , कोई सागर के उस  पार है ,

 दोनों किनारों पर ही , उनके साथ दोस्तों की कतारें हैं   || 

 

Wednesday, June 4, 2025

SAANKAL ( CHANDRAMAA )

 

                                    साँकल 

 

खोल दे साँकल , अपने द्वार की चंदा ,

तभी तो तेरी दोस्त , आएगी अंदर चंदा ,

मिलेंगे दोनों  दोस्त , बहुत दिन बाद चंदा ,

होंगी ढेरों बातें , आपस में चंदा  || 

 

तेरा द्वार जब  खुलेगा , हम दोनों मिलेंगे ,

चाय की चुस्की के संग , दोनों बातें करेंगे ,

मुस्कानों में डूब सारे , खुश हम को करेंगे ,

ऐसे ही तो जीवन , व्यतीत हम करेंगे  || 

 

रोज मिलें ना मिलें हम , मगर जल्दी हम मिलेंगे ,

दोस्ती की मुस्कुराहटें , हम साथ में जियेंगे ,

इन्हीं मुस्कुराहटों में तो , हम डूबे रहेंगे  || 

 

अब जाती हूँ मैं , तू  द्वार बंद कर ले चंदा ,

अपने द्वार की तू , साँकल चढ़ा ले चंदा ,

फिर से जब मैं आऊँगी , साँकल खड़काऊँगी चंदा ,

तब आज की तरह , तू खोलना साँकल अपने द्वार की चंदा  || 

 

Tuesday, June 3, 2025

RAASTAA ( KSHANIKAA )

 

                               रास्ता 

 

राहें जीवन की आसान नहीं थीं दोस्तों ,

मगर उन्हीं पर चलते गए , हम चलते गए ,

रुकावटों को पार करते रहे , मगर जीवन जीते रहे ,

आगे की राहें पार कर पाएँगे या नहीं , हम नहीं जानते  || 

 

राहों में काँटे आएँगे या फूल ,हम नहीं जानते ,

राहों के अँधियारे में एक दीपक , भी होगा या नहीं ,

हम नहीं जानते ,

मगर चलना तो हर हाल में है , तो हम चलेंगे , हम चलेंगे || 

 

राहों के काँटे चुन लेंगे अपने हाथों से ,

साफ कर लेंगे अपना रास्ता ,

राहों के अँधियारे में एक दीपक जलाकर ,

उजियारा करेंगे अपना रास्ता ,

और फिर दोस्तों हम चलेंगे ही नहीं ,

दौड़कर करेंगे पूरा अपना रास्ता  || 

 

 

Monday, June 2, 2025

PAAYAL ( JALAD AA )

 

                          पायल  

 

आने दो हवाओं को , खोल दो खिड़कियाँ सारी ,

छाने दो घटाओं को , चमकने दो ये दामिनी ,

दामिनी चमकेगी , तभी तो सब की आँखें चमकेंगीं  || 

 

बरसने दो रिमझिम बारिश को ,

आँगन में पानी भरने दो , बच्चे खेलेंगे ,

तैरने दो कागज की , कश्तियों को पानी में ,

याद कर लो तुम  भी , अपने  बचपन को  || 

 

इसी बरखा से तो , जिंदगी पनपेगी ,

इसी बरखा से तो , नदिया छलकेगी ,

इसी बरखा से तो , बगिया महकेगी ,

इसी बरखा से तो , पायल छनकेगी   || 

 

इन्हीं हवाओं में , इन्हीं घटाओं में ,

इन्हीं बरसातों में , इन्हीं कश्तियों में ,

इन सभी में ,संगीत के सुर सजते हैं  ,

इन सभी में , सभी के दिल धड़कते हैं  || 

     

 

Sunday, June 1, 2025

PARIVARTAN ( KSHANIKAA )

 

                                     परिवर्तन 

 

किसी के किए गलत व्यवहार को ,  

भूल जाओ याद मत रखो दोस्तों ,

अपने मन को शांत रखकर काम करो ,

विचारों को उबलने मत दो दोस्तों  || 

 

विचारों के सैलाब में , बदले की भावना मत लाओ दोस्तों ,

उसकी जगह परिवर्तन लाने की ,कोशिश करो दोस्तों ,

परिवर्तन अपने विचारों में ,परिवर्तन अपने जीवन में ,

जब सफलता पा जाओ , तुम मुस्कानें पा जाओगे दोस्तों  || 

 

अपने विचारों की जगह ,जब मुस्कानें पाओगे ,

तब तुम जीवन सुखी बनाओगे दोस्तों ,

सुखी जीवन ही तो ,स्वस्थ और मस्त रहने का रास्ता है ,

उसी रास्ते पर चलते जाओ ,और मंजिल पा जाओ  दोस्तों  ||