Wednesday, June 18, 2025

BHAAV AUR LAY ( KSHANIKAA )

 

                             भाव और लय 

 

जिंदगी में कुछ रिश्ते , ईश्वर के बनाए होते हैं ,

और कुछ रिश्ते , हम खुद बनाते हैं ,

माता - पिता , भाई - बहिन सब , ईश्वर प्रदत्त हैं  ,

दोस्त ,सखा , सहेली , हम स्वयं  चुन लेते हैं  ||  

 

पति अपने लिए पत्नि , खुद चुनता है ,

पत्नि अपने लिए पति , खुद चुनती है  ,

हम बगिया खुद बना लेते हैं , फूलों के गुच्छे खिलाते हैं ,

मगर महक फैलाना , हमारे हाथ में नहीं है दोस्तों  || 

 

मीठे बोलों से हम , गीत बना लेते हैं ,

मगर उनमें भाव हम नहीं , ईश्वर भरते हैं ,

उन गीतों के लिए , संगीत हम बना लेते हैं  ,

मगर उनकी लय हम नहीं , ईश्वर बनाते हैं  ,

भाव और लय तभी तो , सबके दिलों लो छू जाते हैं  ||  

 

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