Sunday, June 8, 2025

UCHIT ( KSHANIKAA )

 

                                       उचित 

 

जो मिल गया है विरासत में , हमको और तुमको दोस्तों ,

उसी में तो गुजारा करना है ,

विरासत में मिले खजाने से ही , हमको और तुमको दोस्तों ,

अपना गुजारा करना है  || 

 

कलम मिलीं हैं , लिखने को डायरी ,यही खजाना है दोस्तों ,

मगर शब्दों का , भंडार तो नहीं मिला है ,

क्या करें कलम और डायरी का हम  ?

जब ज्ञान ही हमें नहीं  मिला है  || 

 

चलो ढूँढते हैं  शब्दों का खजाना ,

कुछ दिल से ,कुछ सोच से ,

कुछ अपनों के और कुछ दूजों के व्यवहार से ,

क्यों दोस्तों ये सब उचित है ना  ?? 

 

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