प्यार की स्याही
कुछ टूटे धागे , जोड़े तो लगीं गाठें , कुछ छेद जिंदगी के ,
उनमें जो रफू की , यही तो जीवन है दोस्तों ,
जिसको हर कोई जी रहा है ,
साथ में ही सच्चे साथी को , बेकल होकर ढूँढ रहा है ||
भावनाओं में बहकर हर कोई ,
आँखों में चमक लाने की कोशिश में है ,
होठों पर खिलने वाली मीठी सी , मुस्कान ढूँढ रहा है ||
दोस्तों क्या आप भी इसी पंक्ति में खड़े हैं ?
क्या आपके दोस्त आपके साथ हैं ?
या आप भी अपने साथी , अपने दोस्त को ढूँढ रहे हैं ??
आज दोस्तों मेरी कलम , जिंदगी के प्यार में डूबी ,
शब्दों के भंडार को ढूँढ रही हैं ,
वो शब्द जो जिंदगी की जान हैं , दिल का अरमान हैं ,
प्यार की स्याही में डूबकर ये कलम ,
जब कागज पर , उन शब्दों को उकेरेगी ,
तो प्यार के फूल मुस्कुराएँगे , दिल को महकाएँगे ||
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