Friday, June 6, 2025

PYAAR KII SYAAHII ( PREM )

 

                            प्यार की स्याही 

 

कुछ टूटे धागे , जोड़े तो लगीं गाठें , कुछ छेद जिंदगी के ,

उनमें जो रफू की , यही तो जीवन है दोस्तों ,

जिसको हर कोई जी रहा है ,

साथ में ही सच्चे साथी को , बेकल होकर ढूँढ रहा है  || 

 

भावनाओं में बहकर हर  कोई ,

 आँखों में चमक लाने की  कोशिश में है , 

होठों पर खिलने वाली मीठी सी , मुस्कान ढूँढ रहा है  || 

 

दोस्तों क्या आप भी इसी पंक्ति में खड़े  हैं  ?

क्या आपके दोस्त आपके साथ हैं  ?

या आप भी अपने साथी , अपने दोस्त को ढूँढ रहे हैं  ?? 

 

आज दोस्तों मेरी कलम , जिंदगी के प्यार में डूबी ,

शब्दों के भंडार को ढूँढ रही हैं  ,

वो शब्द जो जिंदगी की जान हैं , दिल का अरमान हैं ,

प्यार की स्याही में डूबकर ये कलम , 

जब कागज पर , उन शब्दों को उकेरेगी ,

तो प्यार के फूल मुस्कुराएँगे , दिल को महकाएँगे  ||  

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