Tuesday, June 3, 2025

RAASTAA ( KSHANIKAA )

 

                               रास्ता 

 

राहें जीवन की आसान नहीं थीं दोस्तों ,

मगर उन्हीं पर चलते गए , हम चलते गए ,

रुकावटों को पार करते रहे , मगर जीवन जीते रहे ,

आगे की राहें पार कर पाएँगे या नहीं , हम नहीं जानते  || 

 

राहों में काँटे आएँगे या फूल ,हम नहीं जानते ,

राहों के अँधियारे में एक दीपक , भी होगा या नहीं ,

हम नहीं जानते ,

मगर चलना तो हर हाल में है , तो हम चलेंगे , हम चलेंगे || 

 

राहों के काँटे चुन लेंगे अपने हाथों से ,

साफ कर लेंगे अपना रास्ता ,

राहों के अँधियारे में एक दीपक जलाकर ,

उजियारा करेंगे अपना रास्ता ,

और फिर दोस्तों हम चलेंगे ही नहीं ,

दौड़कर करेंगे पूरा अपना रास्ता  || 

 

 

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