Monday, June 2, 2025

PAAYAL ( JALAD AA )

 

                          पायल  

 

आने दो हवाओं को , खोल दो खिड़कियाँ सारी ,

छाने दो घटाओं को , चमकने दो ये दामिनी ,

दामिनी चमकेगी , तभी तो सब की आँखें चमकेंगीं  || 

 

बरसने दो रिमझिम बारिश को ,

आँगन में पानी भरने दो , बच्चे खेलेंगे ,

तैरने दो कागज की , कश्तियों को पानी में ,

याद कर लो तुम  भी , अपने  बचपन को  || 

 

इसी बरखा से तो , जिंदगी पनपेगी ,

इसी बरखा से तो , नदिया छलकेगी ,

इसी बरखा से तो , बगिया महकेगी ,

इसी बरखा से तो , पायल छनकेगी   || 

 

इन्हीं हवाओं में , इन्हीं घटाओं में ,

इन्हीं बरसातों में , इन्हीं कश्तियों में ,

इन सभी में ,संगीत के सुर सजते हैं  ,

इन सभी में , सभी के दिल धड़कते हैं  || 

     

 

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