Tuesday, December 31, 2024

NAV - VARSH 2025 ( KSHANIKAA )

 

                             नव - वर्ष  2025 


वक्त का पहिया ,घूमता ही जाता है दोस्तों ,

रुकेगा क्यों ? यह रुकना नहीं चाहता है दोस्तों ,

हर दिन बदल जाता है ,महीना बदल जाता है ,

अब तो देखो , ये साल बदल रहा है दोस्तों || 


पुराना साल समाप्त हो चला है दोस्तों ,

नया साल शुरु हो गया है दोस्तों ,

तो विदा पुराने साल तुम्हें 2024 ,

नया जो आया है ,आओ स्वागतं 2025 || 


हम खुश हैं तुम्हारे आने से ,

तुम भी खुश हो जाओ ,हमारे जीवन में आने से ,

तुम दोस्त बन जाओ हमारे ,

हमभी तो दोस्त बनते जाएँगे तुम्हारे || 


सभी के जीवन में ,तुम्हारा आगमन शुभ हो ,

सभी खुशियों  सागर में ,डूब जाएँ ,

जीवन सभी का ,स्वस्थ रहे ,मस्त रहे ,

इस बात का ,  नववर्ष 2025   तुम ख्याल रखना || 


AASTHAA YAA ANDHVISHVAAS - 3 ( KSHANIKAA )

 

                     आस्था  या  अंधविश्वास - 3 


पहले आस्था माँ ,पिता ,गुरु ,

और ईश्वर में होती थी ,

मगर आज नकली और ढोंगी गुरुओं ने ,

आस्था का रूप बिगाड़ कर ,

अंधविश्वास कर दिया है || 


झूठे आश्वासन देकर ,लोगों के मन में ,

उन्होंने अंध श्रृद्धा भर दी है ,और वो लोग ,

उस अंधविश्वास की ,नदी में बह गए हैं || 


इसी कारण अंधविश्वास की नदी में ,

बाढ़ आ गई है ,और गाँव ही नहीं ,

शहर भी डूब गए हैं दोस्तों ,

इस बाढ़ को रोकना ,बहुत जरूरी है दोस्तों || 


Sunday, December 29, 2024

AASTHAA YAA ANDHVISHVAAS - 2 ( KSHANIKAA )

 

                         आस्था या अंधविश्वास - 2 


बचपन में कुछ पंक्तियाँ पढ़ी थीं ,

नीलकंठ तुम नीले रहना ,मेरी बात भगवान से कहना ,

सोते हों तो जगा के कहना ,जागते हों तो कान में कहना || 


हमारे बचपन की आस्था और भरोसा ,

नीलकंठ और भगवान दोनों थे ,

आस्था के साथ -साथ हमारा ,अंधविश्वास भी था ,

नीलकंठ पर ,ईश्वर पर ,हाँ ! ईश्वर पर || 


ठीक कहा ना दोस्तों ,क्या आप भी ,

ऐसा ही विश्वास ईश्वर पर करते हैं ?

अगर ऐसा है ,तो आप भी ,

ईश्वर पर अंधविश्वास करते हैं || 


AASTHAA YAA ANDHVISHVAAS - 1 ( KSHANIKAA )

 

                    आस्था या अंधविश्वास - 1 


दुनिया में हम अपनी माँ पर ,पूरा भरोसा  हैं ,

इतना अधिक भरोसा करते हैं ,

और इस भरोसे का दूसरा नाम है दोस्तों आस्था || 


यह भरोसा ,यह आस्था ही ,जीवन का सहारा है ,

यही हमारे जीवन को ,

कदम - दर - कदम आगे बढ़ाता है || 


क्यों करते हैं हम भरोसा ,और आस्था ?

क्योंकि माँ का प्यार ही ,

हमारी आस्था का स्तंभ है || 


ऐसा ही भरोसा ,और आस्था ,

हम ईश्वर पर भी करते हैं ,पूर्ण आस्था रखते हैं || 


कई बार हम आस्था की जगह ,

ऐसा भरोसा करते हैं ,कि तर्क किए बिना ,

चमत्कार की अपेक्षा कर लेते हैं ,

इस को अंधविश्वास कहते हैं दोस्तों || 


Saturday, December 28, 2024

MAUKAA ( KSHANIKAA )

 

                            मौका 


याद जो आए किसी की ,तो फोन कर बात कीजिए ,

जो बात ना हो पाए ,तो संदेश ही भेज दीजिए || 

 

गुस्सा किसी पर आए ,तो उसे कुछ कह कर ,

गुस्से को खत्म कीजिए ,

अगर ऐसा ना कर सको ,तो  उसे माफ ही कर दीजिए || 


परेशान होकर उदासी में दिल डूबे ,

तो दोस्तों ,रोकर दिल हल्का कर लीजिए ,

अगर किसी पर प्यार उमड़े दोस्तों ,

तो उसे कस कर गले लगा लीजिए || 


तो  दोस्तों सभी हालात में ,जो चाहो ,

उस भावना को उसी समय व्यक्त कर दीजिए ,

क्यों कि जीवन और समय कभी भी ,

दूसरा मौका नहीं देता आपको दोस्तों || 


Friday, December 27, 2024

INSAAN ( JIVAN )

 

                           इंसान 


इंतजार करो ऐसे इंसान का दोस्तों ,

जो तुम्हें समझे भी ,और समझाए भी ,

ऐसा इंसान ही ,सच्चा इंसान होता है || 

 

ऐसे इंसान का ही ,इंतजार करो दोस्तों ,

अच्छे समय का नहीं ,

अच्छा इंसान होगा ,तो अच्छा समय ले आएगा ,

मगर अच्छा समय भी ,अच्छा इंसान नहीं ला सकता || 

 

ऐसा इंसान ही अपना और अपनों का ,

समय अच्छा और सुखमय बना सकता है ,

तो दोस्तों खुद अच्छा इंसान बन कर ,

अपना और अपनों का जीवन अच्छा ,

और सुखमय बना कर ,अच्छा काम कीजिए || 

 


Wednesday, December 25, 2024

SAADHAARAN YAA ? ( KSHANIKAA )

 

                         साधारण  या  ?


हर वक्त की अलग कहानी ,अलग ही साथी ,

बहुत बरस पहले ,एक लड़की ,हमारे साथ थी पढ़ती ,

सीधी - सादी ,एक साधारण सी लड़की || 


नाम था उसका दोस्तों यामिनी ,नाम के अनुरूप नहीं थी वह ,

मगर खूबसूरत भी नहीं थी ,साधारण सी लड़की || 


मगर दोस्तों ! यामिनी जब ,आँखें खोल कर देखती ,

तो उसकी आँखें देख कर ,

कोई भी पलकें नहीं झपका पाता ,

और उसे देखता ही रह जाता || 


लगता था कोई ,चुंबक लगा था उसकी आँखों में ,

जो हर किसी को ,आकर्षित कर लेता था ,

हम भी उसकी आँखों में ,देखते ही रह जाते थे || 


उसकी आँखों की कशिश ,उसकी आँखों का जादू ,

जो थी साधारण सी लड़की ,मगर उसकी आँखें ,

उसे बना देती थीं ,एक असाधारण लड़की दोस्तों || 


Tuesday, December 24, 2024

SHRIDDHANJALI ( KSHANIKAA )

   

                             श्रृद्धांजलि 


 ये  भारत भूमि ,ये अपनी जन्म -भूमि ,

कितने ही वीर जन्में हैं इस भूमि पर ,

जिनसे ये देश बना महान || 


वीरों ने ,महापुरुषों ने ,कराया देश आजाद ,

गौरव बढ़ाया देश का ,लहराया तिरंगा आकाश में ,

बढ़ाई देश की शान || 


उनमें ही एक नाम अटल जी का ,

ह्रदय जिन का था कवि का ,मगर एक मजबूत इंसान ,

देश की सेवा की उम्र भर ,

कुछ समय के लिए प्रधान मंत्री भी बने ,

संयुक्त राष्ट्र संघ में ,भारत के विदेश मंत्री के रूप में ,

हिंदी में भाषण देकर || 


अपने देश ,अपनी मातृ भाषा का परचम ,

 दुनिया में लहराया ,खूब नाम कमाया ,

उनकी 100 वीं जन्म तिथि पर --- उस महापुरुष  को ,

मेरा नमन ,नमन ,नमन ,शत -शत नमन ||


Monday, December 23, 2024

COLLEGE VALA PYAAR ( KSHANIKAA )

 

                        कॉलेज वाला प्यार 


कॉलेज में जाने के बाद ,बच्चे सोचते हैं ,

हम बहुत बड़े हो गए हैं ,एंजॉय करेंगे ,

सुनहरे से सपने ,तो सभी देखने लगते  हैं || 


हम भी जब कॉलेज गए ,ऐसी ही सोच थी ,

ऐसे ही सपने थे हमारे ,कॉलेज में बड़ी सी लाइब्रेरी ,

बड़ा सा कैंपस ,मानो मिला खुला आसमान था  || 

 

प्रौफेसर आकर लैक्चर देते और चले जाते ,

सभी पीरियड खत्म होने के बाद ,

हम लाइब्रेरी में चले जाते ,दुनिया भर का ,

ज्ञान वहाँ फैला दिखाई देता था ,

मनपसंद पुस्तकें देख कर ,दिल खुश हो जाता था || 

 

पुस्तकें इशू करा कर घर आते ,

पुस्तकों में डूब ही जाते ,कुछ भी ध्यान ना रहता ,

बहुत समय बीत जाता ,कुछ पता नहीं चलता ,

ये प्यार हमारा कॉलेज के लिए था ,

वहाँ के वातावरण के लिए था ,

अपने सपनों के लिए था दोस्तों 

 

आज याद आते हैं ,कॉलेज के वो सुनहरे दिन ,

वो दोस्तों के साथ ,कॉलेज कैंटीन में बैठकर ,

ली गईं चाय की चुस्कियों के साथ ,लगाए गए ठहाके ,

आज भी होठों पर ,मुस्कानें खिला देते हैं ,

काश फिर वह दिन ,आज भी लौट सकते ,

मगर यह ख्वाहिश ,तो नामुमकिन है दोस्तों ||  

 

 


Sunday, December 22, 2024

ADHIKAAR ( KSHANIKAA )

 

                               अधिकार 


अपने जीवन में हम ,लगातार अपने कर्त्तव्य पूरे करते हैं ,

पूरी जिम्मेदारी से कर्त्तव्य पथ पर ,चलते रहते हैं  || 


ऐसा करते -करते हम ,जिन्हें प्यार करते हैं ,

उन्हें कुछ अधिकार ,दिए चले जाते हैं || 


उन्हीं अधिकारों को ,देते हुए हम भूल जाते हैं ,

कि इन अधिकारों की ,कोई सीमा होनी जरूरी है || 


हम बेहिसाब अधिकार दे देंगे ,तो आगे की राह कैसी होगी ? 

हमें पता तब चलता है ,जब वह राह हमारे सामने आती है || 


अधिकार लेने वाले ,हमारे हर कदम पर अपने मिले ,

अधिकार का ताला जड़ देते हैं ,और हम कैदी बन जाते हैं || 


हमारे हँसने ,हमारे रोने ,हमारी जिंदगी के हर कदम पर ,

वो अपना अधिकार मान कर ,हमें घर में ही कैदी बना लेते हैं || 


Saturday, December 21, 2024

PARIWARTAN ( JIVAN )

 

                              परिवर्तन 


जिंदगी में कुछ भी ,स्थिर नहीं है ,

सब कुछ परिवर्तन शील है ,

सब कुछ परिवर्तित होता रहता है || 


हर परिवर्तन आसान नहीं होता ,

बहुत मुश्किलों से ,परिवर्तन आता है ,

मगर हर परिवर्तन हमें ,स्वीकार करना पड़ता है || 


कुछ परिवर्तन सुखदायी होते हैं ,

आसानी से ,स्वीकार किए जा सकते हैं ,

मगर कुछ परिवर्तन ,दुःखदायी होते हैं ,

स्वीकार करने में ,बहुत कठिनाई होती है || 


हर परिवर्तन ,ईश्वर की इच्छा से ही आता है ,

वही संसार चलाने वाले हैं ,

जैसा चलाते हैं ,सभी के लिए अच्छा होता है ,

मानव की सोच ,और कर्मों के अनुसार ही ,

उसको परिवर्तन मिलता है || 


UPLOAD - DOWNLOAD ( JIVAN )

 

                     अपलोड - डाउनलोड 


जिंदगी की राहों में ,चलते - चलते ही ,

जो सपने आप नींद में ,देखते हो ,

उनको यादों में ,अपलोड करने में ,

कोई भी कठिनाई नहीं होती ,

वो सपने खुद ही ,यादों में अपलोड हो जाते हैं ,

यादों में बस जाते हैं ,यादों में छा जाते हैं || 


मगर उन्हीं सपनों को दोस्तों ,

जिंदगी में डाउनलोड करना तो ,

बहुत ही कठिन है ,

पूरा जीवन ही समाप्त हो जाता है ,

उन सपनों को अपने जीवन में ,

डाउनलोड करते - करते ,

जिंदगी में उतारते - उतारते || 


क्या कोई बताएगा ? 

इसका कारण क्या है ? ऐसा क्यों होता है ? 

यदि किसी को जानकारी हो ,

तो मुझे जरूर बताइएगा || 


Thursday, December 19, 2024

PATAA ( KSHANIKAA )

 

                                         पता 


रोटी और कपड़े तो ,फुटपाथ पर भी बिक जाते हैं ,

जितना चाहे खरीद लो ,उपयोग कर लो दोस्तों || 


आभूषण होते महंगे ,फिर भी बिकते रहते हैं ,

खरीदे भी जाते हैं ,बाजारों की दुकानों में दोस्तों || 


मगर कुछ शय ऐसी हैं ,ना तुम बेच सकते हो ,

और नाही तुम उन्हें ,खरीद कर ले सकते हो दोस्तों || 


क्या चैन खरीद या ,बेच सकते हो दोस्तों ?

नींद कहाँ से खरीदोगे ,जरा बताओ तो ?

विनम्रता ,किस दुकान पर बिकती है ?

मुस्कानों के खजाने का ,पता बताओ तो दोस्तों || 


Wednesday, December 18, 2024

PAKDEGAA ( KSHANIKAA )

 

                          पकड़ेगा 


बीता हुआ समय तो बंधु ,बस गया यादों में ,सपनों में ,

आज का समय तो बंधु ,बीत रहा है मुस्कानों में || 


आने वाला कल तो बंधु ,टिका है उम्मीदों में ,

तैयार रहो फिर तुम बंधु ,डूबने को उम्मीदों में || 


जीवन सागर में ,नैया अपनी सोचों की ,

तैराते चले जाओ बंधु ,ना छोड़ना उम्मीदों को || 


समय का पहिया चलता ही जाएगा ,हर क्षण ,हर पल ,

उस समय के साथ - साथ ही तुम ,चलते जाओ बंधु हर पल || 


कोई समय को पकड़ ना पाया ,तो तुम क्या पकड़ोगे ? 

समय ही बंधु वह शय है ,जो तुम्हें ही पकड़ेगा || 


SAAIN BOARD ( JIVAN )

 

                                  साइन बोर्ड 


जब कभी हम ड्राईव ,कर रहे होते हैं बंधु ,

तब साईड में कुछ ,साइन बोर्ड लगे होते हैं ,

कुछ पर लिखा होता है -- " धीरे चलिए ,आगे स्कूल है ,'' 

" सावधान ! आगे कार्य प्रगति पर है ,"

" नो पार्किंग ," या " अपनी लेन में चलिए "|| 


पहाड़ी स्थानों में तो और भी ,चेतावनी भरे बोर्ड ,

" सावधान ! आगे खतरनाक मोड़ है ,"

काश ! ऐसे बोर्ड जिंदगी की ,राहों पर भी लगे होते ,

और गलतियाँ करने से पहले ,हम संभल जाते ,

और सावधानी से ,अपनी जिंदगी गुजार लेते || 


Monday, December 16, 2024

PYAAR KAA ? ( KSHANIKAA )

 

                                  प्यार  का  ? 


दुनिया बहुत बड़ी है बंधु ,कैसे पाओगे पार ?

जीवन तो छोटा है बंधु ,जीवन के दिन चार || 


दुनिया से भी बड़ा है बंधु ,आपस में पलता प्यार ,

ये दुनिया तो नापी जा सकती ,रह जाता है प्यार || 


प्यार छिपा है माँ के दिल में ,उनके आँचल में प्यार ,

उसी में सभी के जीवन का ,छिपा है बंधु सार || 


उसी प्यार को भर लो बंधु ,तुम तो अपने दिल में ,

मुस्कानें बना कर बिखरा लो ,बंधु अपना प्यार || 


प्यार की गागर को ,भर कर बिखरा लो सब में ,

सबको दो - दो घूँट पिला दो ,जल वह प्यार का || 


Sunday, December 15, 2024

LAUT KAR AAEGAA ( KSHANIKAA )

 

                         लौट कर आएगा 


किसी के भी गलत व्यवहार को ,दिलसे ना लगाओ यारों ,

उसकेगलत व्यवहार उसी के ,अंदर समाए रहेंगे यारों || 


कभी ना कभी तो उसको भी ,वही सब कुछ वापस मिलेगा ,

क्योंकि सभी कुछ किया हुआ ,हम तक लौट कर आता है यारों || 


हमारी बाँटी मुस्कानें ,हमारी बाँटी नफ़रतें ,

हमारी दी गई मदद ,हमारा दिया गया प्यार यारों ||


इसलिए याद रखो हमेशा ,करो अच्छा व्यवहार हमेशा ,

हाथ थामो जरूरत मंद का हमेशा ,

पोंछो अश्रु किसी रोते हुए बच्चे के यारों || 


Saturday, December 14, 2024

NAA KARANAA ( JIVAN )

 

                           ना करना 


किसी ने किया  बुरा ,जो तुम्हारे साथ ,

मत सोचो उसने ऐसा क्यों किया ?

समय बीतने के साथ ही दोस्तों ,

उन्हें अपने किए पर ,पछतावा जरूर होगा || 


मगर तब तक तो दोस्तों ,

काफी समय बीत जाएगा ,

तुम्हारे साथ गलत व्यवहार किए हुए ,

अब उसके पछतावे से तुम्हारा वह ,

चिंताओं में डूबकर ,बीता समय वापस ना आएगा ,

तो दोस्तों तुम उसके ,उस व्यवहार को याद रखना ,

और तुम ऐसा व्यवहार ,किसी से ना करना || 


Friday, December 13, 2024

HISAAB ( JIVAN )

 

                                हिसाब 


दुनिया में आते हुए ,जो लाए हम किताब ,

नहीं एक भी शब्द था ,उसमें लिखा जनाब ,

लिखते जाओ रोज उसमें ,अच्छे कर्मों का हिसाब || 


जीवन पूरा होगा जब तक ,जब भी भरेगी ये किताब ,

जाने का वक्त भी हो जाएगा ,इस दुनिया से ,

उस दुनिया में पहुँच कर ही ,होगा कर्मों का हिसाब || 


किसी के लिए अच्छा करें या ना करें ,

पर किसी  को  हम हानि ना पहुँचाएँ ,

यही एक बहुत अच्छा ,कर्म होगा हमारा ,

इसी से जुड़ा होगा ,हमारे कर्मों का हिसाब || 


SARAABOR ( KSHANIKAA )

 

                             सराबोर 


मुस्कानों के साथ जिंदगी बिताओ ,

जिंदगी मुस्कुराएगी ,

दोस्तों के साथ जिंदगी बिताओ ,

जिंदगी खिलखिलाएगी ,

नई - नई राहें अपनाओ ,

जिंदगी एक खोज बन जाएगी || 


किसी रोते हुए बच्चे को हँसाओ ,

जिंदगी ठहाके लगाएगी ,

किसी की मदद कर जाओ ,

जिंदगी ग़मों को भूल जाएगी ,

किसी चमन को फूलों से खिला जाओ ,

जिंदगी    महक से भर जाएगी || 


सभी पर प्यार बरसाओ ,

जिंदगी प्यार से सराबोर हो जाएगी ,

रंगों का इंद्रधनुष बन जाओ ,

जिंदगी रंगीन हो जाएगी ,

कोई काम कल पर नहीं छोड़ो दोस्तों ,

आज  जियो ,जिंदगी मस्त हो जाएगी || 


Thursday, December 12, 2024

KSHAMAA ( KSHANIKAA )

 

                                 क्षमा 


कदम आगे बढ़ाने पर ,राह पर आगे बढ़ना है ,

आगे बढ़ो दोस्तों ,मगर संभल कर रहना है ,

बढ़ते रहिए ,कदम -दर -कदम ,

हो सकता है ,राह में बाधाएँ आएँ ,

मगर हमें उन ,बाधाओं को दूर करना है ,

और जिंदगी की राह को आसान बनाना है || 

 

कोई हमारा बुरा करे ,तो कुछ मत सोचो ,

ये उसका कर्म है ,

बदले में हम उसका बुरा ना करें ,

दोस्तों ये हमारा धर्म है ,

और हमें उसका ,पालन करना चाहिए || 

 

बुरा करने वालों को ,हमें क्षमा करना चाहिए ,

इसका कारण यह नहीं दोस्तों ,

कि वो क्षमा के पात्र हैं ,बल्कि इसलिए ,

कि हमें अपने ,दिल -दिमाग  शांत रखना है ,

तो अपनी शांति के लिए हमें ,

उन्हें क्षमा करना जरूरी है || 

 

Wednesday, December 11, 2024

LABAALAB ( JIVAN )

 

                            लबालब 


अक्सर सभी की सोच होती है ,

कि दुःखों से छुटकारा मिल जाएगा ,

तो खुशी अपना घर ,हमारे दिल में बना लेगी || 


मगर ऐसा कुछ नहीं है ,दुःखों से छुटकारा कैसे मिलेगा ?

आसान सा रास्ता यह है दोस्तों ,

अपने दिल को खुश रखो ,दुःख अपने आप दूर हो जाएँगे  || 


तो अपने दिल के ,दरवाजे खोल दो दोस्तों ,

और आने दो खुशियों को ,ठंडी बयार की तरह ,

और दिल को खुशियों से ,लबालब हो जाने दो दोस्तों ||

Monday, December 9, 2024

DOST DIL MEIN ( PREM )

 

                              दोस्त दिल में 


ये दोस्ती के चिराग हैं यारों ,जलाए रखिए ,

उजाला अपने आस - पड़ोस में भी ,बिखराए ,

बाँटोगे उजाले सभी में ,तो सब ओर उजियाला होगा || 


ये दोस्ती की महक है यारों ,फैलाए रखिए ,

महक को अपने चमन और सहन में ,फैलाए रखिए ,

बाँटोगे महक हर ओर तो सब ओर ,खुश्बुएँ फैलेंगी   || 


दोस्ती निभानेके लिए ,दोस्तों का स्वागत करो यारों ,

अपने घर में नहीं ,अपने दिल में ,उन्हें बसाओ यारों ,

ऐसा करने के लिए ,अपने दिल को बड़ा करो ,

और दोस्तों के लिए दिल में ,जगह बनाओ यारों || 


Sunday, December 8, 2024

SAMAY HII ( KSHANIKAA )

 

                                समय ही 


कोई कुछ भी कहे ,उसका जवाब देने का ,

सही समय ,अलग - अलग होता है दोस्तों ,

जरूरी नहीं , तुम ही उसे जवाब दो ,

समय खुद ही ,उसे जवाब दे देगा दोस्तों || 


समय ही ,खुद सही समय ढूँढ लेगा ,

समय ही ,खुद सही शब्द ढूँढ लेगा ,

समय ही ,खुद सही जगह ढूँढ लेगा ,

तुम्हें कुछ भी , ढूँढने की जरूरत नहीं है दोस्तों || 


आज तुम ,मौन रह जाओगे तो ,

आज तुम , धैर्य रख लोगे तो ,

आज तुम , मुस्कान दिखलाओगे तो ,

समय खुद ही , उससे हिसाब ले लेगा दोस्तों || 


Saturday, December 7, 2024

SHUBHCHINTAK ( JIVAN )

 

                                शुभचिंतक 


मिलते हैं बहुत से ,लोग इस दुनिया में ,

मगर हम जान ना पाते ,उनके गुणों के बारे में ,

उनके होठों की मुस्कान ,उनके चाशनी में डूबे शब्द ,

भ्रमित कर जाते हैं ,उनके बारे में || 


उनके झूठ ऐसे होते हैं दोस्तों ,

जो सभी को आकर्षित कर जाते हैं ,

मगर सच्चाई सामने आने पर ,

वही आकर्षण ,विकर्षण बन जाता है || 


मत विश्वास करो ,एकाएक हर किसी पर ,

पहले समझिए ,बूझिए फिर कदम बढ़ाइए ,

मगर  हर कोई ,हर किसी का शुभचिंतक नहीं होता ,

कुछ तो दूसरे का ,शुभ होते देखते ही ,

खुद गहरी चिंता में डूब जाता है || 


इसलिए देखो ,समझो  और फिर ,

किसी पर विश्वास करो दोस्तों ,

जीवन को धीरे - धीरे ही ,

ऊँचा उठाओ दोस्तों ||

Friday, December 6, 2024

SAHII NIYAM ( KSHANIKAA )

 

                           सही नियम 


जिंदगी छोटी ही सही ,मुस्कानों से भर लो ,

रिश्तों की संख्या ,कम हो या ज्यादा ,

प्यार से जोड़ लो ,मजबूत बना लो || 


रिश्तों में शतरंज के  खेल के ,

नियमों का पालन कर लो ,

बारी किसी की भी हो ,चाल कोई भी चले ,

अपने - अपनों को नहीं मारते || 


इसी नियम का पालन करोगे जो दोस्तों ,

तो सभी रिश्ते जुड़े रहेंगे ,

सभी रिश्ते मुस्कुराते रहेंगे ,

साथ ही जिंदगी मुस्कुराएगी || 


सोचो ना  दोस्तों ,आगे बढ़ चलो ,

बढ़ाओ हाथ ,मुस्कानें बाँटो और ,

मुस्कुराहटें समेट लो ,  अपनी जिंदगी में ||


Thursday, December 5, 2024

GAGAN MEIN ( JALAD AA )

 

                             गगन में 


बरखा बरसी ,जल कण फैले ,चहुँ ओर पवन में ,

शीतल सी पवन की शीतलता ,

बढ़कर फैली चहुँ ओर पवन में || 


सूरज चमका ,फैली रश्मियाँ ,चहुँ ओर पवन में ,

जल कणों ने ,रश्मियों के रंगों को ,

बिखरा दिया ,चहुँ ओर गगन में  || 

 

गगन ने प्यार से ,समेटा सभी रंगों को ,

आकार दिया ,एक धनुष का ,

फैला दिया ,अपने आँगन में || 

 

अब वह कहलाया इंद्रधनुष ,सुंदर प्यारा इंद्रधनुष ,

सभी उसे देख हर्षाए ,

सभी उसे देख मुस्काए ,

इंद्रधनुष चमकता रहा गगन में || 

 

Wednesday, December 4, 2024

CHHODO ( JIVAN )

 

                               छोड़ो


जो तुम्हारी बात ना समझे ,तो छोड़ो ,

कुछ मत समझाओ। उसको यारों ,

समझाने से ही ,वह क्या समझेगा  ?? 


जो तुम्हारी दोस्ती ना स्वीकारे ,तो छोड़ो ,

मत बनाओ दोस्त उसको ,यारों ,

क्या वह तुम्हारा ,दोस्त बन पाएगा  ?? 


रिश्ते तो दोस्तों ,दोनों ओर से होते हैं ,

ना माने कोई तो मायूस ना हो, छोड़ो उसको ,

मत बनाओ उनसे रिश्ते ,जाने दो ,

क्या वे  तुम्हारे रिश्ते के लायक हैं  ?? 


Tuesday, December 3, 2024

KHAARAA SAAGAR ( RATNAAKAR )

 

                       खारा सागर 


दोस्तों सागर का पानी तो खारा होता है ,खारा ही रहेगा ,

उसे मीठा बनाने की ,कोशिश बेकार है यारों ,

इसलिए दोस्तों ,सागर में ,शक्कर ना मिलाओ ,

और इस बात को यहीं पर ,भूल जाओ यारों || 


रत्नों के खजाने से भरे ,

रत्नाकर को ,प्यार से पुकार लो यारों ,

रत्नों की गिनती तो ,रत्नाकर को भी पता नहीं होगी ,

उनके सभी गुण भी ,रत्नाकर को पता नहीं होंगे ,

रत्नाकर की दोस्ती ही ,सबसे बड़ा रत्न है ,

ये बात ही याद रखो दोस्तों ,याद रखो यारों || 


Monday, December 2, 2024

AAP ? ( KSHANIKAA )

 

                          आप  ?

 

जिंदगी लंबी नहीं ,छोटी ही अच्छी है ,

सुंदर से रंग भर कर  ,रंगीन तुम बना लो ,

मुस्कुराहटों को तुम ,होठों पे ही सजा लो || 


व्यवहार करो सुंदर ,सभी से ,सभी से ,

जो अच्छा करे व्यवहार ,धन्यवाद उसका करो ,

जो गलत करे व्यवहार ,माफ़ी उसे दे दो || 

 

गलतियाँ माफ़ करने वाला ,बड़े दिलवाला होता है ,

तो तुम भी उसी राह पर ,चलते जाओ दोस्तों ,

मगर किसी की चालाकियों को ,माफ़ नहीं करना दोस्तों || 

 

जिंदगी में मुश्किलें ,आती ही हैं दोस्तों ,

ये तो दोस्तों ,पार्ट ऑफ लाईफ है ,

मगर मुश्किलों से हँस कर ,

बाहर निकलना आर्ट ऑफ लाईफ है ||  


अब बताओ क्या करेंगे आप ?

आर्ट ऑफ लाईफ दिखाएँगे आप ?

दोस्तों मुस्कानों के साथ ,जिंदगी बिताएँगे आप || 


Sunday, December 1, 2024

ZAMEENDOZ ( GROUNDED ) ( KSHANIKAA )

 

                       ज़मीदोज़   


क्रोध के वक़्त थोड़ा रुक जाइए ,

यह बात सभी कहते हैं दोस्तों ,

परेशानियों में थोड़ा धैर्य रखिए ,

यह बात हम भी  कहते हैंदोस्तों || 


दूसरेकी गलतियों को ,नज़र अंदाज कीजिए ,

यह बात सभी जानते हैं दोस्तों ,

अपनी गलतियों को ,मानकर थोड़ा झुक जाइए ,

यह बात हम भी मानते हैं दोस्तों || 


मगर हर बार ये रुकना और धैर्य रखना ,

गलत होगा ,गलत होगा ,

मगर हर बार नज़र अंदाजी और झुकना ,

गलत होगा ,गलत होगा || 


इसे आपकी कमजोरी माना जाएगा ,

दुनिया इसे आपकी विनम्रता नहीं मानेगी ,

और चाहेगी कि आप इतना झुकें ,

कि ज़मींदोज़ ( grounded ) ही हो जाएँ ,

बताइए आप क्या चाहेंगे  ??