गगन में
बरखा बरसी ,जल कण फैले ,चहुँ ओर पवन में ,
शीतल सी पवन की शीतलता ,
बढ़कर फैली चहुँ ओर पवन में ||
सूरज चमका ,फैली रश्मियाँ ,चहुँ ओर पवन में ,
जल कणों ने ,रश्मियों के रंगों को ,
बिखरा दिया ,चहुँ ओर गगन में ||
गगन ने प्यार से ,समेटा सभी रंगों को ,
आकार दिया ,एक धनुष का ,
फैला दिया ,अपने आँगन में ||
अब वह कहलाया इंद्रधनुष ,सुंदर प्यारा इंद्रधनुष ,
सभी उसे देख हर्षाए ,
सभी उसे देख मुस्काए ,
इंद्रधनुष चमकता रहा गगन में ||
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