Thursday, December 5, 2024

GAGAN MEIN ( JALAD AA )

 

                             गगन में 


बरखा बरसी ,जल कण फैले ,चहुँ ओर पवन में ,

शीतल सी पवन की शीतलता ,

बढ़कर फैली चहुँ ओर पवन में || 


सूरज चमका ,फैली रश्मियाँ ,चहुँ ओर पवन में ,

जल कणों ने ,रश्मियों के रंगों को ,

बिखरा दिया ,चहुँ ओर गगन में  || 

 

गगन ने प्यार से ,समेटा सभी रंगों को ,

आकार दिया ,एक धनुष का ,

फैला दिया ,अपने आँगन में || 

 

अब वह कहलाया इंद्रधनुष ,सुंदर प्यारा इंद्रधनुष ,

सभी उसे देख हर्षाए ,

सभी उसे देख मुस्काए ,

इंद्रधनुष चमकता रहा गगन में || 

 

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