पकड़ेगा
बीता हुआ समय तो बंधु ,बस गया यादों में ,सपनों में ,
आज का समय तो बंधु ,बीत रहा है मुस्कानों में ||
आने वाला कल तो बंधु ,टिका है उम्मीदों में ,
तैयार रहो फिर तुम बंधु ,डूबने को उम्मीदों में ||
जीवन सागर में ,नैया अपनी सोचों की ,
तैराते चले जाओ बंधु ,ना छोड़ना उम्मीदों को ||
समय का पहिया चलता ही जाएगा ,हर क्षण ,हर पल ,
उस समय के साथ - साथ ही तुम ,चलते जाओ बंधु हर पल ||
कोई समय को पकड़ ना पाया ,तो तुम क्या पकड़ोगे ?
समय ही बंधु वह शय है ,जो तुम्हें ही पकड़ेगा ||
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