Wednesday, December 18, 2024

PAKDEGAA ( KSHANIKAA )

 

                          पकड़ेगा 


बीता हुआ समय तो बंधु ,बस गया यादों में ,सपनों में ,

आज का समय तो बंधु ,बीत रहा है मुस्कानों में || 


आने वाला कल तो बंधु ,टिका है उम्मीदों में ,

तैयार रहो फिर तुम बंधु ,डूबने को उम्मीदों में || 


जीवन सागर में ,नैया अपनी सोचों की ,

तैराते चले जाओ बंधु ,ना छोड़ना उम्मीदों को || 


समय का पहिया चलता ही जाएगा ,हर क्षण ,हर पल ,

उस समय के साथ - साथ ही तुम ,चलते जाओ बंधु हर पल || 


कोई समय को पकड़ ना पाया ,तो तुम क्या पकड़ोगे ? 

समय ही बंधु वह शय है ,जो तुम्हें ही पकड़ेगा || 


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