Sunday, July 13, 2025

AHANKAAR ( AADHYAATMIK )

 

                       अहंकार  

 

अहंकार में डूबे बंदे , तू क्यों इतना  इतराए  ?

जीवन तो उसने दिया है , और वो ही इसे चलाए ,

क्या तूने कमाया है ? क्या तूने समेटा है  ? 

तू तो इतना भी ना जाने , ये सभी उसी ने दिया है  || 

 

उसी से पाए हुए को , उसी को तू दिखलाता है ,

उसी को अपनी कमाई कह कर , तू अपना हक जतलाता है ,

खुद को  ऊँचासमझ कर , दूजों को  नीचा दिखलाता है  ,

अगर वो अपना दिया ले लेगा , तो तू क्या कर जाता है  ??

 

ना जाने तू कब समझेगा  ? आज तक तो तू नहीं समझा ,

लिया  तूने झोली भरकर , शुक्रिया ना बोला उसको ,

फिर जीवन में क्या किया  ? व्यर्थ ही जीवन बिताया ,

अब संभल जा बंदे , जीवन को व्यर्थ ना बिता अपने  ,

जीवन को सफल कर ले  , सफल कर ले  || 

 

 

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