उलझाया
बदरा जब दामिनी के साथ , गगन में छाया ,
उसने बूँदों के हाथ एक , पैगाम भिजवाया ,
मेरा प्यार अपनाओ , मेरे प्यार में खो जाओ ||
दामिनी ने भी अपनी चमक में ,सब को समाया ,
सब को अपनी चमक से लुभाया ,
उसका प्यार इतना , शक्तिशाली था ,
कि उसने सभी में , प्यार का जादू जगाया ||
सब बह गए , बदरा की बूँदों में ,
बदरा का प्यार पहुँचा , सभी की राहों में ,
दिल मुस्कुरा के बदरा के , प्यार में डूबे ,
खिलखिला कर बूँदों ने , अपना जाल बिछाया ,
सभी दिलों ने उस जाल में , खुद को उलझाया ,
आओ दोस्तों , हम भी उसी , जाल में उलझ जाएँ ||
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