इंसानियत
जब चाहा हमने , प्यार करना मानवता से ,
विश्वास करना इंसानियत पे ,
तब हमारा विश्वास कायम रहा दोस्तों ,
ये विश्वास दिलो - दिमाग में रहेगा ,
तो इंसानियत भी जिंदा रहेगी ,
मुस्कान को जगा कर ,इन सब को जगाए रखो ||
प्यार करने से मानवता सुरक्षित रहेगी ,
और मानव का संसार भी ,
तभी तो ये दुनिया भी सुरक्षित रहेगी , और ब्रह्मांड भी ,
पूरे ब्रह्मांड में मुस्कानों का खजाना फैलेगा ,
तारों की तरह मुस्कानें भी चमकेंगी ||
गगन में जब मानवता और इंसानियत के लिए ,
प्यार और विश्वास की मुस्कानें टिमटिमाएँगी ,
तभी तो धरती का आँचल भी उनसे जगमगाएगा ,
तो दोस्तों बताओ , क्या आवश्यक है ?
प्यार , विश्वास , धरती के आँचल की जगमगाहट ,
स्वयं भी मुस्कुराइए और जीवन को भी जगमगाइए ||
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