Tuesday, July 22, 2025

INSAANIYAT ( KSHANIKAA )

 

                                      इंसानियत 

 

जब चाहा हमने , प्यार करना मानवता से ,

विश्वास करना इंसानियत पे , 

तब हमारा विश्वास कायम रहा दोस्तों ,

ये विश्वास दिलो - दिमाग में रहेगा ,

तो इंसानियत भी जिंदा रहेगी ,

मुस्कान को जगा कर ,इन सब को जगाए रखो   || 

 

प्यार करने से मानवता सुरक्षित रहेगी ,

और मानव का संसार भी , 

तभी तो ये दुनिया भी सुरक्षित रहेगी , और ब्रह्मांड भी ,

पूरे ब्रह्मांड में मुस्कानों का खजाना फैलेगा , 

तारों की तरह मुस्कानें भी चमकेंगी  || 

 

गगन में जब मानवता और इंसानियत के लिए ,

प्यार और विश्वास की मुस्कानें टिमटिमाएँगी ,

तभी तो धरती का आँचल भी उनसे जगमगाएगा ,

तो दोस्तों बताओ , क्या आवश्यक है  ?

प्यार , विश्वास , धरती के आँचल की जगमगाहट ,

स्वयं भी मुस्कुराइए और जीवन को भी जगमगाइए   || 

 

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