Tuesday, July 8, 2025

CHAMCHAMAATII ( CHANDRAMAA )

 

                            चमचमाती 

 

चाँद जब चमकता है  रातों में , रात चमचमाती ,

रात के अँधेरे में भी ,चाँदनी चमचमाती ,

नीले गगना पे हैं , तारे झिलमिलाते  ,

सभी धरावासियों के होठों पर , मुस्कान  लाते   || 

 

खिलखिला कर  रात को , चंदनिया चमचमाती ,

जिससे रात की भी तो , कालिख धुल जाती  ,

रात के अँधेरे में छुपी , राहें भी उजलातीं  ,

जिससे सभी राहगीरों के सामने , राहें चमचमातीं  || 

 

चाँद भी तो गगना में , मुस्कुराता है ,

सभी धरावासियों को , मुस्काना सिखाता है ,

मुस्कुरा कर सभी मानो , नया जीवन पाते हैं  ,

तभी तो चाँद और चाँदनी के , किस्से गाते हैं   || 

 

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