वापिस
कल को भूल जा बंदे , ना फिक्र कर जो बीत गया ,
आने वाले पल की फिक्र भी , करने से क्या होगा ?
जो लिखवा कर लाया है , वह तो होगा ही होगा ||
अभी तू अच्छे कर्म कर बंदे , वही तेरे हाथ में है अब ,
समय की गठरी में तो , वही कर्म बाँधे जाएँगे ,
वापिसी पर तेरे संग , वही तो कर्म जाएँगे ||
प्यार तू बाँट दे सब में , वही तो कर्म है तेरा ,
ये जग तो बंदे , है तेरा रैन बसेरा ,
जितने दिन को तू आया है , उतना ही तुझे रहना ,
उसके बाद तो बंदे , वापिस तूने जाना है ||
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