Friday, July 25, 2025

TEDHE - KADAM ( KSHANIKAA )

 

                                टेढ़े - कदम 

 

जिंदगी ने बख्शीं  हमें सीधी - सीधी राहें ,

मगर हमें ही चलना नहीं आया ,

तो कैसे चलते सीधे हम उन राहों पर  ?

हम नहीं जानते सीधा चलना  ,

हमें तो आदत है  , टेढ़ी राहों पे चलने की    || 

 

दुनिया में आने वाला मानव ,

 टेढ़ी चाल लेकर आया , टेढ़ी सोच लेकर आया ,

दूसरों के जीवन में  , 

जिसने आतंक फैलाया , उनको दुःखी बनाया , 

उसे तो आदत थी , हर ओर डर फैलाने की  || 

 

चलो उसे पकड़कर  , हम सिखाएँ सीधा चलना दोस्तों  ,

हर गलत कदम से उसे दूर करें , सीधे काम सिखाएँ ,

उसे तो हम दिखाएँ राह , मुस्कानें फैलाने की   || 

 

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