गवाह
बाँध ले गठरी कर्मों की , सत्कर्मों की बंधु ,
वही तो काम आएगी , हमारे साथ जाएगी ,
जब अंत समय हमारा आएगा , वही तो साथ निभाएगी ,
परमात्मा के दरबार में , वही तो गवाह बन जाएगी ||
वहाँ तो गवाही सत्कर्म ही देंगे , वही सहारा देंगे हमको ,
वही तो परमात्मा के साथ , हमें रख पाएँगे ,
उनका प्यार दिलाएँगे , उनका आशीष दिलाएँगे ,
तो बंधु जीवन भर , गठरी में सत्कर्म बाँध लो ||
कीमत सत्कर्मों की जानो तुम , ये ही सच्चे साथी हैं ,
प्यार परमात्मा का लेने को , ये ही सच्चे साथी हैं ,
आशीष तभी मिलेगा तुम को , जब सच्चे साथी होंगे ,
तो बंधु समझ गए ना ??
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