ऊँचाईयाँ
कीमत मेरे प्यार की , कब समझोगे तुम ?
प्यार के बदले प्यार ही , कब भेजोगे तुम ?
जीवन की राहों में , दौड़ लगाना बहुत जरूरी है ,
तो बता दो मुझको , कब मेरे संग दौड़ोगे तुम ??
आसमान की ऊँचाईयाँ बहुत हैं ,
मगर चढ़ना तो बहुत जरूरी है ,
तो आज तुम बता दो , उन ऊँचाईयों को ,
कब तक पा लोगे तुम ??
थाम लो सीढ़ी , जो गगन तक जाती है ,
उस पर चढ़ कर , गगन तक पहुँचो तुम ,
मैं भी उसी सीढ़ी पर चढ़ कर , पहुँचुँगी गगना तक ,
तभी तो प्यार तुम्हारा पाऊँगी ,
ऊँचाईयों पर पहुँचे इंसान को ही ,
प्यार की अनमोल दौलत मिलती है ||
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