Saturday, April 12, 2025

SAAT ( KSHANIKAA )

 

                             सात  


सात सुरों की सरगम , सजती है मीठे गीतों में ,

सजती है मीठे बोलों में , सजती है मीठे संगीत में ,

संगीत भरी ये दुनिया , देती है मीठी मुस्कान  || 

 

बैठा है रचेता सातवें आसमान पर , वहीं से रचा संसार ,

वहीं रहकर ,वहीं से , चलाता सारा संसार  || 

 

सात समंदर पार की दुनिया ,बन गई है अब एक ,

उड़ - उड़ कर मानव पहुँचे , दुनिया के हर छोर  || 

 

सात रंग मिलकर बनता है , सतरंगा इंद्रधनुष ,

जो मुस्कान दे जाए ,हर मानव के होठों पर ,

भीगे - भीगे मौसम में , रवि किरणों का चमत्कार ,

वही बनाता , सतरंगा इंद्रधनुष  || 

 

सात दिनों का एक सप्ताह ,

जिनका है नाम , ग्रहों के नाम  पर ,

रविवार ( रवि ) , सोमवार ( चाँद ) ,मंगलवार ( मंगल ) ,

बुधवार ( बुध ),बृहस्पतिवार ( बृहस्पति ),शुक्रवार (शुक्र ), शनिवार ( शनि ) || 

 

Friday, April 11, 2025

VEER HANUMAAN ( AADHYAATMIK )

 

                            वीर हनुमान 


जय - जय , जय - जय , वीर हनुमान ,

तुम तो हो हमारे ,देश की शान ,

राम भक्त तुम तो हो , वीर हनुमान ,

सागर किया था पार तुमने , लगाकर छलांग  ||  


सीता माता को खोजा , सोने की लंका  तुमने जलाई ,

राम - लखन का साथ देने को , सुग्रीव की सेना बुलाई ,

सारे काम बनाए तुमने , पुल सागर पे बनाया ,

राम भक्त तो हो तुम , हमारे वीर हनुमान  || 

 

लखन के घायल होने पर , बूटी तुम ले आए ,

तभी तो युद्ध - क्षेत्र में , लखन के प्राण बच पाए ,

जीवन भर भक्ति की राम की , सेवा उनकी की ,

आज भी तुम अपने और , राम भक्तों की ,

भक्ति से खुश हो कर , उनकी इच्छा करते पूरी  || 

 

Thursday, April 10, 2025

CHAHAK ( KSHANIKAA )

 

                                  चहक 


मत सोचो दोस्तों , कोई क्या बोला  ?

मत मानो दोस्तों ,ना पसंद बातों को ,

मत उलझो दोस्तों , उलझनों के धागों में ,

सुलझा लो दोस्तों , धागों की सभी गाँठों को  || 

 

जिंदगी में उतार - चढ़ाव को , आते रहते हैं दोस्तों ,

वही जीवन का रास्ता , प्रशस्त करते हैं ,

उन्हीं उतार - चढ़ाव  को , पार करते रहो ,

और जीवन का रास्ता , पार कर जाओ दोस्तों  || 

 

रंग जीवन के सतरंगे , इंद्रधनुष सजाएँगे ,

उन्हीं रंगों में डूबकर , मुस्कानें सजा लो दोस्तों ,

वही मुस्कानें तो जीवन को ,खुशियों से भर जाएँगी  || 

 

अपनी मुस्कानों को , दूजों को भी बाँटो  दोस्तों ,

अपने साथ दूजों को भी , खुशियाँ बाँटो दोस्तों ,

तभी तो सही मायने में ,जीवन चहक जाएगा ,

 जीवन महक जाएगा , जीवन चहक जाएगा  || 

 

Wednesday, April 9, 2025

RAAH JIVAN KII ( AADHYAATMIK )

 

                            राह जीवन की 


जीवन है साँसों की डोर ,

जिसका कोई ओर ना छोर ,

उस डोर को थामे रहो दोस्तों ,

जीवन की राह को लंबी बना लो दोस्तों  || 

 

परिश्रम से , कोई भी राह आसान बनती है ,

उसे आसान बना लो दोस्तों ,

उस आसान राह को , बिना मुश्किल पार कर लोगे , 

ये राह तो तुम ,मुस्कानों के साथ पार कर जाओगे  || 

 

ईश्वर का आशीर्वाद , सबके साथ रहता है ,

तुम्हारे साथ भी , यह आशीर्वाद है ,

तो थाम के ,ईश्वर के आशीर्वाद को ,

जीवन की राह , पार कर लो दोस्तों  || 

 

Tuesday, April 8, 2025

SHRENII ( KSHANIKAA )

 

                                  श्रेणी 


कुछ भी पकाते हुए ,सभी मसाले डालो दोस्तों ,

सभी को संतुलित मात्रा में , डालो दोस्तों ,

स्वाद सभी मसालों का , खाते समय आएगा दोस्तों  || 

 

उनमें से एक नमक ऐसा है ,

जो अपनी उपस्थिति से , या अनुपस्थिति से ,

पकवान का स्वाद , बनाता या बिगाड़ता है  || 

 

तो दोस्तों तुम अपना , व्यक्तित्व नमक जैसा बना लो ,

कहीं भी तुम्हारे होने पर , कोई महसूस करे या ना करे ,

मगर तुम्हारी अनुपस्थिति को , हर कोई महसूस करेगा  || 

 

अकेले नमक के होने से भी ,खाना खाया जा सकता है ,

मगर बाकि मसाले होते हुए भी ,

नमक की कमी से नहीं खा सकते , 

तो पसंद आयी व्यक्तित्व की श्रेणी  ?

तो बताओ क्या बनोगे दोस्तों  ?

क्या कहा ? ---- नमक , बिल्कुल  ठीक दोस्तों  ||  


Monday, April 7, 2025

JIVAN ( JIVAN )

 

                            जीवन 


मिला जो जीवन इस दुनिया में , अनमोल है ,

इनमें सबसे कीमती , प्यार के मीठे बोल हैं ,

इन बोलों में , प्यार है , जीवन का सार है ,

इस प्यार को , ग्रहण कर लो दोस्तों  || 

 

इस जीवन में जो सपने हैं , वही तो अपने हैं  ,

उन्हीं को सच कर लो ,जीवन को गुलशन बना लो ,

प्यार के मीठे बोलों को सजा कर , 

प्यार की चाशनी में डूबे , मीठे गीत बना लो दोस्तों  || 


जीवन की नैया को ,भवसागर में ,

तैरा  कर , पार करने में मदद करो ,

मुस्कानों की पतवार बना कर ,

जीवन की नैया खेते जाओ , पार लगाते जाओ  || 

 

Sunday, April 6, 2025

DOOR HAIN ( KSHANIKAA )

 

                                  दूर  हैं 


धरा है गगन की दोस्त ,मगर दूर है ,

ऐसे ही हमारे सभी दोस्त , हमसे दूर हैं  || 


यादें भी हैं सबकी , बातें भी हैं सभी की ,

हरदम जो पल - पल , मगर आती जरूर है  || 

 

वो बीते पल , वो बीत गए जो कल ,

आज वो पास नहीं हैं , आज वो दूर हैं  || 

 

पता नहीं , कल मिलेंगे या नहीं ,

पता नहीं ,कल वो खिलेंगे या नहीं ,

कुछ भी हो मगर ,इंतजार जरूर है  || 

 

अगर आप को कहीं मिल जाएँ , वो पल ,

तो याद दिला देना ,हमारे इंतजार का  ,

हमारी आस , हमारे विश्वास का ,

यही सब हमारे हाथ में जरूर है  || 

 

 


Saturday, April 5, 2025

SAKHAA SAAGAR ( RATNAAKAR )

 

                               सखा सागर 


आजा रे सागर तू आजा ,लहरों को संग लेकर आजा ,

मिल के गप्पें मारेंगे ,गीतों का हम समां बाँधेंगे  ||  


बहुत दिन हुए ,हम सब मिलकर बैठे नहीं ,

नहीं कीं सामने बैठ बातें ,और ना खिलखिलाए ,

आज तो आओ ,कुछ हमारी सुनो ,कुछ अपनी सुनाओ  ||  


तुम  तो हो रत्नों का आकर ( घर ), एक बड़ा सा ,

खजाना है तुम्हारे अंदर ,जीवों का भी बसा है संसार ,

तुम्हारे अंदर ,रंगों का संसार ,सजा है तुम्हारे अंदर  || 

 

सागर तुम हो सखा हमारे , जल का अतुल भंडार हो  ,

तुम्हारे इसी जल में ,जीवन उपजा था ,

वही जीवन फिर धरा पे आया , पूरी दुनिया तभी बनी ,

मानव ने सुखी जीवन था पाया  || 

 

मगर सागर एक बात बताओ तुम ,

नदियाँ तो मीठा जल लातीं ,

तेरा घर उनके ही जल से भरता ,

पर तूने उसे नमकीन , क्यों और कैसे बनाया  ?? 

 

CHAAHATEN ( JIVAN )

 

                              चाहतें 


जिंदगी में कुछ चाहतें , पूरी  होती हैं ,

और कुछ चाहतें , अधूरी रहती हैं ,

पूरी हुई चाहतें ,खुशियाँ दे जाती हैं ,

अधूरी रही चाहतें , ख्वाब बन जाती हैं  || 

 

हम उन अधूरी चाहतों में ,

उलझ कर व्यथित हो कर ,

समझ नहीं पाते , हम क्या करें  ?

जिससे हमारी वो अधूरी चाहतें  , पूरी हो जाएँ  || 

 

कुछ चाहतों को पूरा करने की ,

दृढ़ इच्छा शक्ति ही हम को ,

सफलता दिला देती है ,यदि हम ,

उलझनों को बड़ा बना लेते हैं ,

तो हमें असफलता ही हाथ में आती है ,

तो दोस्तों दृढ़ इच्छा शक्ति को ,

अपने अंदर जगा कर ,सफलता का रास्ता पकड़ लो  || 

 

Thursday, April 3, 2025

KADAK DAMINII KII ( JALAD AA )

 

                            कड़क दामिनी की 


एक बूँद बदरा दे जा ,

मेरे तपते अँगना की ,धरती की प्यास बुझा जा रे ,

अपनी घनी छाया में ,धरती को राहत दे जा रे ,

कब से धरती तपती है , रवि किरणों के तेज से  ?

उस तपन को कम कर जा रे  || 

 

अपनी बरखा को तू भिजवा दे , रिमझिम - रिमझिम बरसा दे ,

धरती अपनी खिलखिलाएगी ,तुम्हारे ही गीत गाएगी  रे || 


अपना दिल भी खुश हो जाएगा ,खुश होकर ये मुस्काएगा ,

मुस्का  के ये  गुनगुनाएगा ,जिससे तू भी बदरा खिलखिलाएगा रे || 


तेरी दामिनी भी चमकती जाएगी ,कड़क - कड़क के खिलखिलाएगी ,

पवन भी तुझको गगन में उड़ाएगा ,

दामिनी , पवन के साथ मिलकर ,तू भी जी जाएगा रे  || 

 

Wednesday, April 2, 2025

GAREEB YAA AMEER ? ( AADHYAATMIK )

 

                            गरीब  या  अमीर  ? 


कौन है गरीब  ? या कौन है अमीर  ? 

हम ही सबसे गरीब हैं बंधु  ,

क्या है हमारे पास  ? ना आस है ना साँस ,

साँसें सभी उधार की हैं बंधु ,

जब दुनिया  का का रचेता चाहेगा , रोक देगा  || 

 

संसार में जीवों की चौरासी लाख योनियाँ हैं ,

सबसे श्रेष्ठ मानव योनि है ,

और सभी जीवों में से मानव ही ,

धन अर्जित करता है ,  मगर बंधु फिर भी , 

सभी जीवों में से मानव ही , भूख से मरता है ,

बाकि सभी जीव पेट भर ,खा कर जीवित रहते हैं  || 

 

गरीब होने के साथ - साथ , हम ही सबसे अमीर हैं ,

तीनों लोकों का मालिक ही , 

हमारा सपना है  ,वही हमारा अपना है ,

 वही हमारी हर बिगड़ी संवारता है  ,

जिसका आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ है  || 

 

Tuesday, April 1, 2025

CHANDANIYAA ( CHANDRAMAA )

 

                       चंदनिया  


आजा रे चंदा , तुम्हें आना ही होगा ,

चंदनिया का जाल , बिछाना ही होगा  || 

 

रातों के फैले ,अँधियारे को दोस्त ,

अपनी मुस्कान से , मिटाना ही होगा  || 

 

धरती भी ताकती है , राहें तुम्हारी ,

उसकी भी दोस्ती को , बढ़ाना ही होगा  || 

 

रंगों भरे दिन तो , बीत यूँ ही जाते ,

रातों को चंदनिया से , चमकाना ही होगा  || 

 

चंदनिया तो चंदा , मुस्कान है तुम्हारी ,

उसी से चंदा धरा को , चमकाना ही होगा  ||