भरोसा
किसका करें भरोसा ? कौन भरोसे राम ?
क्या कोई ले सकता है ? गारंटी भरोसे राम की ,
आज के समय में नहीं कोई , लायक भरोसे के ,
तो दोस्तों नहीं कोई ले सकता है , किसी की गारंटी ,
क्यों कि कोई है ही नहीं ,भरोसे लायक ||
इसी कारण ये पवन , ये प्रकाश ,ये जल ,
खो बैठें हैं अपना भरोसा ,
कब पवन आँधी , तूफान का रूप ले ?
कब सूर्य का प्रकाश , तेज ज्वलनशील तापमान बन जाए ?
कब ये जल कहर बनकर , बाढ़ का रूप ले ?
और सब कुछ अपने अंदर डुबा दे ||
मगर दोस्तों ये सब कुछ , मानव का ही किया धरा है ,
जंगल काट - काट कर उसी ने ,प्रकृति को बर्बाद किया है ,
अब उसी का बदला जंगल ले रहा है ,
और मानव को परेशान कर रहा है ||
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