चहकने दे
बड़े अवसर हमेशा नहीं आते ,
बड़ी खुशियों का डेरा , सदा नहीं लगता ,
छोटी - छोटी खुशियों को ,अपने आँचल में समेट लो ||
उन्हीं में छिपीं हैं मुस्कानें , जीवन की चाहतें ,
उन्हीं से जीवन को , खुशनुमा बना लो ,
जिंदगी को महकता ,चमन बना लो ,
उसी चमन में जीवन को सजा लो , प्यार के पलों से ||
तितलियाँ उस चमन को , रंगों से भर देंगी ,
अपने पंखों की सरसराहट से भर देंगी ,
तू जरा उनको उस सरसराहट की , आजादी तो दे ,
वो तेरे होठों पे मुस्कुराहटें , भी ला देंगी ||
आज मौका है , ना बाँध पंखों को धागे से ,
ना रोक फूलों की महक को , चमन को उजाड़ के ,
सारे जग को महकने दे , पंछियों को चहकने दे ,
तभी तो जग महक जाएगा , खिलखिलाएगा ,
तो जग को खिलखिलाने दे ||
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