Thursday, April 24, 2025

CHAHAKANE DEY ( KSHANIKAA )

 

                            चहकने दे 


बड़े अवसर हमेशा नहीं आते ,

बड़ी खुशियों का डेरा , सदा नहीं लगता ,

छोटी - छोटी खुशियों को ,अपने आँचल में समेट लो  || 

 

उन्हीं में छिपीं हैं मुस्कानें , जीवन की चाहतें ,

उन्हीं से जीवन को , खुशनुमा बना लो ,

जिंदगी को महकता ,चमन बना लो ,

उसी चमन में जीवन को सजा लो , प्यार के पलों से  || 

 

तितलियाँ उस चमन को , रंगों से भर देंगी ,

अपने पंखों की सरसराहट से भर देंगी ,

तू जरा उनको उस सरसराहट की , आजादी तो दे ,

वो तेरे होठों पे मुस्कुराहटें , भी ला देंगी  || 

 

आज मौका  है , ना बाँध पंखों को धागे से ,

ना रोक फूलों की महक को , चमन को उजाड़ के ,

सारे जग को महकने दे , पंछियों को चहकने दे ,

तभी तो जग महक जाएगा , खिलखिलाएगा ,

तो जग को खिलखिलाने दे   || 

 

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