अनमोल
नहीं भाग लो दोस्तों , आलोचना पार्टी में ,
ना करो तुम आलोचना किसी की , ना ही तुम सुनो ,
ये तुम्हारा काम नहीं , ये तुम्हारा काम नहीं ||
किसी को मीठे बोल , नहीं बोल सकते तो ना सही ,
चुप रहो दोस्तों , कुछ भी ना बोलो ,
मगर कड़वा बोल , ना बोलो दोस्तों ||
कड़वे बोलों से , अपना ही स्वाद कड़वा होगा ,
चुप रह जाओगे गर ,फीका स्वाद मिलेगा ,
मगर मीठे बोलों से तो , मीठा स्वाद मिल जाएगा ||
जीवन मीठा बना लो , मीठा - मीठा बोल के ,
कड़वे बोल तो , बिन मोल के ,
मीठे बोल तो हैं अनमोल , जीवन बना देंगे ये अनमोल ||
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