दूर हैं
धरा है गगन की दोस्त ,मगर दूर है ,
ऐसे ही हमारे सभी दोस्त , हमसे दूर हैं ||
यादें भी हैं सबकी , बातें भी हैं सभी की ,
हरदम जो पल - पल , मगर आती जरूर है ||
वो बीते पल , वो बीत गए जो कल ,
आज वो पास नहीं हैं , आज वो दूर हैं ||
पता नहीं , कल मिलेंगे या नहीं ,
पता नहीं ,कल वो खिलेंगे या नहीं ,
कुछ भी हो मगर ,इंतजार जरूर है ||
अगर आप को कहीं मिल जाएँ , वो पल ,
तो याद दिला देना ,हमारे इंतजार का ,
हमारी आस , हमारे विश्वास का ,
यही सब हमारे हाथ में जरूर है ||
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