अनमोल मोती
भूल कर पैर की मोच को ,त्याग कर छोटी सोच को ,
आगे तू कदम बढ़ा ,मिलेगी तुझे मंजिल ||
बहुत ध्यान से ढूँढिए ,अपनी गलती जरूर मिलेगी ,
तूफान को नन्हीं - सी ,नाव भी पार करेगी ||
भीड़ बढ़ रही संसार में , मन तो रहे अकेला ,
बुला ले अपने दोस्त , मन डूबेगा प्यार में ||
खेलो खिलौनों से , मत खेलो जज्बात से ,
गर कुछ दुविधा हो तो , दूर करो उसे बात से ||
अपनी मिट्टी से जुड़े रहो , पकड़ रहे मजबूत ,
संगमरमर पर तो , पैर ही फिसले जाएँ ||
टूटी कलम को फिर से जोड़ो ,दूजों से जलन को छोड़ो ,
लिखो सत्कर्म से , अपने भाग्य को ||
त्यागो आलस ,छोड़ो लालच पैसों का ,
लालच करो कर्म का ,मानव सेवा करो ,बनो सच्चे इंसान ||
मजा उठाओ सफर का , कम रखो सामान ,
जिंदगी मौज बन जाएगी ,जो कम होंगे अरमान ||
धन को कभी ना जोड़िए ,वो तो साथ ना जाय ,
कर्मों की गठरी बाँध लो , जो तेरा साथ निभाय ||
साँसों का बोझ शरीर को ,भारी बहुत बनाय ,
छूटीं साँस शरीर की , लाश तैरती आय ||
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