रिश्ते
जिंदगी की रफ्तार , इतनी तेज ना रखो ,
कि दोस्त पीछे छूट जाएँ ,
मगर इतनी धीमे भी ना रखो ,
कि दोस्त आपको पीछे छोड़ ,मंजिल पर पहुँच जाएँ ,
तो दोस्तों औसत गति से चलते जाइए ||
रफ्तार अपनी दौलत के लिए ना बढ़ाओ ,
दौलत तो ऐसी तितली है ,
जो उड़ते - उड़ते खुद भी दूर चली जाती है ,
और दूसरों को भी सभी अपनों से ,
दूर ले जाती है , और अकेला कर जाती है ||
रिश्ते ऐसे बना लो दोस्तों ,
कि हक , बिना किसी शक के बना रहे ,
विश्वास बना रहे ,जिंदगी में भरोसा कायम रहे ,
साथ ही रिश्तों का , हार सजा रहे ||
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