जगमगाया
दोस्तों ने दी आवाज ,और हम आ गए ,
बदरा ने कहा ---- आओ ! सखि जल्दी से ,
और मैं दौड़ी --- पहुँची , बदरा की छाँव ||
साथ में बदरा के ,दामिनी भी आई थी ,
चमकती ,कड़कती ,खिलखिलाती ,
उसके रूप ने तो ,हमारा दिल खिलखिलाया ||
बदरा की छाँव थी ,ठंडी - ठंडी ,
दामिनी की गरज तो ,थी चमकीली ,
कड़कते रूप ने , अचानक से डराया ||
दोनों ने साथ मिल कर , हम मुस्काए ,
दोनों ने हमें , गगना में झुलाया ,
जिससे हमारा ,जीवन भी जगमगाया ,
जीवन भी जगमगाया ||
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