अंतर्द्वन्द्व
दिल ,दिमाग में छिड़ा है द्वन्द्व , अंतर्द्वन्द्व ,
दिल जुड़ा है भावनाओं से ,
जबकि दिमाग में चल रहीं , तर्क संगत बातें ,
दोनों एक दूसरे से विपरीत दिशा में ,
एक दूसरे की बातों को काटती बातें ||
भावनाओं की कसौटी ही हैं प्रेम ,प्यार ,
तर्क माँगता है सबके लिए प्रमाण ,
अब प्रेम ,प्यार के लिए कोई प्रमाण नहीं ,
और तर्क संगत बातों के लिए कोई भाव नहीं ||
कैसे ये द्वन्द्व समाप्त हो दोस्तों ?
दिल और दिमाग कैसे शांत हों दोस्तों ?
इन दोनों के अशांत रहने पर ,
जीवन ही अशांत हो जाएगा दोस्तों ,
बताओ दोस्तों ! कोई राह दिखाओ कोई रास्ता ,
दोनों को शांत करने के लिए ,कुछ सुझाव दो ना ||
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