Saturday, March 8, 2025

KARMON SE BHARII KISMAT ( KSHANIKAA )

 

                             कर्मों से भरी किस्मत 


किस्मत का लेखा  लेकर आए हम , इस जग में ,

तब हमारे कर्म का लेखा शून्य था ,

किस्मत का खर्चा किया हमने ,  इस जग में ,

हो गया , जो अंत तक हो गया शून्य था  || 

 

कर्म का लेखा बढ़ता गया ,इस जग में ,

साथ ही कर्म की गठरी भी ,बढ़ती गई ,

हमने वो गठरी ,कैसे कर्मों से भरी  ?

अच्छे थे या बुरे थे  ? सच्चे थे या झूठे थे  ??

 

यह तो किस्मत ,लिखने वाला ही  तय करेगा  ,

 हमने क्या किया  ? कैसे किया  ? क्यों किया  ? 

फैसला रचनाकार का , हम पास हुए या फेल  ? 

हमने अपना जीवन ,सफल किया  या नहीं  ?? 

हम कुछ भी नहीं जानते ,हम कुछ भी नहीं जानते  || 


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