दोस्ती अपनी
बोल मेरे चंदा ,कब बिखराओगे चंदनिया ?
कब तुम मुस्काओगे ,नीले - नीले गगना में ?
बताओ समय और तारीख , जो मैं रहूँ जागती ||
तुम्हारा इंतजार हर रोज ,रहता है मुझे ,
मगर तुम तो नहीं , दिखाई देते हो हर रोज ,
अब जल्दी समय निकालो , चमक भी जाओ गगना में ||
जल्दी ही चंदनिया बिखराओ ,मेरे आँचल में ,
मुस्कानें चमका दो चंदा ,मेरे होठों में ,
दोस्ती का वास्ता तुमको , आओ ,आओ ,जल्दी से ,
गहराओ और दोस्ती अपनी ,दोस्ती अपनी ||
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