Monday, March 31, 2025

PARAAJAY ( KSHANIKAA )

 

                                पराजय 


दूजों  ने हमें हराने की , कोशिश तो बहुत की ,

हम हारे नहीं , ये हमारी जीत है ,

अपने ही  जाल में , हम उलझे रहे ता - उम्र ,

उलझन ना सुलझ पाई , ये हमारी हार है  || 

 

उलझन के धागों का ,सिरा ही नहीं मिल पाया ,

उलझन वहीं की वहीं रही , ये हमारी हार है ,

समय ता - उम्र ,बीतता चला गया मगर ,

उलझन नहीं सुलझी , ये हमारी हार है  || 

 

एक मोड़ पर ,अनजाने में ही हम ,

अपनी गलतियों के ना होने पर भी ,

हम दूजों की गलतियों के सामने झुक गए ,

अपनी पराजय स्वीकार कर ली ,

यह तो हमारा सिर्फ ,पराजय स्वीकार करना था ,

मगर दूसरों की यह , असली पराजय थी दोस्तों   || 

 

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