पराजय
दूजों ने हमें हराने की , कोशिश तो बहुत की ,
हम हारे नहीं , ये हमारी जीत है ,
अपने ही जाल में , हम उलझे रहे ता - उम्र ,
उलझन ना सुलझ पाई , ये हमारी हार है ||
उलझन के धागों का ,सिरा ही नहीं मिल पाया ,
उलझन वहीं की वहीं रही , ये हमारी हार है ,
समय ता - उम्र ,बीतता चला गया मगर ,
उलझन नहीं सुलझी , ये हमारी हार है ||
एक मोड़ पर ,अनजाने में ही हम ,
अपनी गलतियों के ना होने पर भी ,
हम दूजों की गलतियों के सामने झुक गए ,
अपनी पराजय स्वीकार कर ली ,
यह तो हमारा सिर्फ ,पराजय स्वीकार करना था ,
मगर दूसरों की यह , असली पराजय थी दोस्तों ||
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