Tuesday, December 31, 2024

NAV - VARSH 2025 ( KSHANIKAA )

 

                             नव - वर्ष  2025 


वक्त का पहिया ,घूमता ही जाता है दोस्तों ,

रुकेगा क्यों ? यह रुकना नहीं चाहता है दोस्तों ,

हर दिन बदल जाता है ,महीना बदल जाता है ,

अब तो देखो , ये साल बदल रहा है दोस्तों || 


पुराना साल समाप्त हो चला है दोस्तों ,

नया साल शुरु हो गया है दोस्तों ,

तो विदा पुराने साल तुम्हें 2024 ,

नया जो आया है ,आओ स्वागतं 2025 || 


हम खुश हैं तुम्हारे आने से ,

तुम भी खुश हो जाओ ,हमारे जीवन में आने से ,

तुम दोस्त बन जाओ हमारे ,

हमभी तो दोस्त बनते जाएँगे तुम्हारे || 


सभी के जीवन में ,तुम्हारा आगमन शुभ हो ,

सभी खुशियों  सागर में ,डूब जाएँ ,

जीवन सभी का ,स्वस्थ रहे ,मस्त रहे ,

इस बात का ,  नववर्ष 2025   तुम ख्याल रखना || 


AASTHAA YAA ANDHVISHVAAS - 3 ( KSHANIKAA )

 

                     आस्था  या  अंधविश्वास - 3 


पहले आस्था माँ ,पिता ,गुरु ,

और ईश्वर में होती थी ,

मगर आज नकली और ढोंगी गुरुओं ने ,

आस्था का रूप बिगाड़ कर ,

अंधविश्वास कर दिया है || 


झूठे आश्वासन देकर ,लोगों के मन में ,

उन्होंने अंध श्रृद्धा भर दी है ,और वो लोग ,

उस अंधविश्वास की ,नदी में बह गए हैं || 


इसी कारण अंधविश्वास की नदी में ,

बाढ़ आ गई है ,और गाँव ही नहीं ,

शहर भी डूब गए हैं दोस्तों ,

इस बाढ़ को रोकना ,बहुत जरूरी है दोस्तों || 


Sunday, December 29, 2024

AASTHAA YAA ANDHVISHVAAS - 2 ( KSHANIKAA )

 

                         आस्था या अंधविश्वास - 2 


बचपन में कुछ पंक्तियाँ पढ़ी थीं ,

नीलकंठ तुम नीले रहना ,मेरी बात भगवान से कहना ,

सोते हों तो जगा के कहना ,जागते हों तो कान में कहना || 


हमारे बचपन की आस्था और भरोसा ,

नीलकंठ और भगवान दोनों थे ,

आस्था के साथ -साथ हमारा ,अंधविश्वास भी था ,

नीलकंठ पर ,ईश्वर पर ,हाँ ! ईश्वर पर || 


ठीक कहा ना दोस्तों ,क्या आप भी ,

ऐसा ही विश्वास ईश्वर पर करते हैं ?

अगर ऐसा है ,तो आप भी ,

ईश्वर पर अंधविश्वास करते हैं || 


AASTHAA YAA ANDHVISHVAAS - 1 ( KSHANIKAA )

 

                    आस्था या अंधविश्वास - 1 


दुनिया में हम अपनी माँ पर ,पूरा भरोसा  हैं ,

इतना अधिक भरोसा करते हैं ,

और इस भरोसे का दूसरा नाम है दोस्तों आस्था || 


यह भरोसा ,यह आस्था ही ,जीवन का सहारा है ,

यही हमारे जीवन को ,

कदम - दर - कदम आगे बढ़ाता है || 


क्यों करते हैं हम भरोसा ,और आस्था ?

क्योंकि माँ का प्यार ही ,

हमारी आस्था का स्तंभ है || 


ऐसा ही भरोसा ,और आस्था ,

हम ईश्वर पर भी करते हैं ,पूर्ण आस्था रखते हैं || 


कई बार हम आस्था की जगह ,

ऐसा भरोसा करते हैं ,कि तर्क किए बिना ,

चमत्कार की अपेक्षा कर लेते हैं ,

इस को अंधविश्वास कहते हैं दोस्तों || 


Saturday, December 28, 2024

MAUKAA ( KSHANIKAA )

 

                            मौका 


याद जो आए किसी की ,तो फोन कर बात कीजिए ,

जो बात ना हो पाए ,तो संदेश ही भेज दीजिए || 

 

गुस्सा किसी पर आए ,तो उसे कुछ कह कर ,

गुस्से को खत्म कीजिए ,

अगर ऐसा ना कर सको ,तो  उसे माफ ही कर दीजिए || 


परेशान होकर उदासी में दिल डूबे ,

तो दोस्तों ,रोकर दिल हल्का कर लीजिए ,

अगर किसी पर प्यार उमड़े दोस्तों ,

तो उसे कस कर गले लगा लीजिए || 


तो  दोस्तों सभी हालात में ,जो चाहो ,

उस भावना को उसी समय व्यक्त कर दीजिए ,

क्यों कि जीवन और समय कभी भी ,

दूसरा मौका नहीं देता आपको दोस्तों || 


Friday, December 27, 2024

INSAAN ( JIVAN )

 

                           इंसान 


इंतजार करो ऐसे इंसान का दोस्तों ,

जो तुम्हें समझे भी ,और समझाए भी ,

ऐसा इंसान ही ,सच्चा इंसान होता है || 

 

ऐसे इंसान का ही ,इंतजार करो दोस्तों ,

अच्छे समय का नहीं ,

अच्छा इंसान होगा ,तो अच्छा समय ले आएगा ,

मगर अच्छा समय भी ,अच्छा इंसान नहीं ला सकता || 

 

ऐसा इंसान ही अपना और अपनों का ,

समय अच्छा और सुखमय बना सकता है ,

तो दोस्तों खुद अच्छा इंसान बन कर ,

अपना और अपनों का जीवन अच्छा ,

और सुखमय बना कर ,अच्छा काम कीजिए || 

 


Wednesday, December 25, 2024

SAADHAARAN YAA ? ( KSHANIKAA )

 

                         साधारण  या  ?


हर वक्त की अलग कहानी ,अलग ही साथी ,

बहुत बरस पहले ,एक लड़की ,हमारे साथ थी पढ़ती ,

सीधी - सादी ,एक साधारण सी लड़की || 


नाम था उसका दोस्तों यामिनी ,नाम के अनुरूप नहीं थी वह ,

मगर खूबसूरत भी नहीं थी ,साधारण सी लड़की || 


मगर दोस्तों ! यामिनी जब ,आँखें खोल कर देखती ,

तो उसकी आँखें देख कर ,

कोई भी पलकें नहीं झपका पाता ,

और उसे देखता ही रह जाता || 


लगता था कोई ,चुंबक लगा था उसकी आँखों में ,

जो हर किसी को ,आकर्षित कर लेता था ,

हम भी उसकी आँखों में ,देखते ही रह जाते थे || 


उसकी आँखों की कशिश ,उसकी आँखों का जादू ,

जो थी साधारण सी लड़की ,मगर उसकी आँखें ,

उसे बना देती थीं ,एक असाधारण लड़की दोस्तों || 


Tuesday, December 24, 2024

SHRIDDHANJALI ( KSHANIKAA )

   

                             श्रृद्धांजलि 


 ये  भारत भूमि ,ये अपनी जन्म -भूमि ,

कितने ही वीर जन्में हैं इस भूमि पर ,

जिनसे ये देश बना महान || 


वीरों ने ,महापुरुषों ने ,कराया देश आजाद ,

गौरव बढ़ाया देश का ,लहराया तिरंगा आकाश में ,

बढ़ाई देश की शान || 


उनमें ही एक नाम अटल जी का ,

ह्रदय जिन का था कवि का ,मगर एक मजबूत इंसान ,

देश की सेवा की उम्र भर ,

कुछ समय के लिए प्रधान मंत्री भी बने ,

संयुक्त राष्ट्र संघ में ,भारत के विदेश मंत्री के रूप में ,

हिंदी में भाषण देकर || 


अपने देश ,अपनी मातृ भाषा का परचम ,

 दुनिया में लहराया ,खूब नाम कमाया ,

उनकी 100 वीं जन्म तिथि पर --- उस महापुरुष  को ,

मेरा नमन ,नमन ,नमन ,शत -शत नमन ||


Monday, December 23, 2024

COLLEGE VALA PYAAR ( KSHANIKAA )

 

                        कॉलेज वाला प्यार 


कॉलेज में जाने के बाद ,बच्चे सोचते हैं ,

हम बहुत बड़े हो गए हैं ,एंजॉय करेंगे ,

सुनहरे से सपने ,तो सभी देखने लगते  हैं || 


हम भी जब कॉलेज गए ,ऐसी ही सोच थी ,

ऐसे ही सपने थे हमारे ,कॉलेज में बड़ी सी लाइब्रेरी ,

बड़ा सा कैंपस ,मानो मिला खुला आसमान था  || 

 

प्रौफेसर आकर लैक्चर देते और चले जाते ,

सभी पीरियड खत्म होने के बाद ,

हम लाइब्रेरी में चले जाते ,दुनिया भर का ,

ज्ञान वहाँ फैला दिखाई देता था ,

मनपसंद पुस्तकें देख कर ,दिल खुश हो जाता था || 

 

पुस्तकें इशू करा कर घर आते ,

पुस्तकों में डूब ही जाते ,कुछ भी ध्यान ना रहता ,

बहुत समय बीत जाता ,कुछ पता नहीं चलता ,

ये प्यार हमारा कॉलेज के लिए था ,

वहाँ के वातावरण के लिए था ,

अपने सपनों के लिए था दोस्तों 

 

आज याद आते हैं ,कॉलेज के वो सुनहरे दिन ,

वो दोस्तों के साथ ,कॉलेज कैंटीन में बैठकर ,

ली गईं चाय की चुस्कियों के साथ ,लगाए गए ठहाके ,

आज भी होठों पर ,मुस्कानें खिला देते हैं ,

काश फिर वह दिन ,आज भी लौट सकते ,

मगर यह ख्वाहिश ,तो नामुमकिन है दोस्तों ||  

 

 


Sunday, December 22, 2024

ADHIKAAR ( KSHANIKAA )

 

                               अधिकार 


अपने जीवन में हम ,लगातार अपने कर्त्तव्य पूरे करते हैं ,

पूरी जिम्मेदारी से कर्त्तव्य पथ पर ,चलते रहते हैं  || 


ऐसा करते -करते हम ,जिन्हें प्यार करते हैं ,

उन्हें कुछ अधिकार ,दिए चले जाते हैं || 


उन्हीं अधिकारों को ,देते हुए हम भूल जाते हैं ,

कि इन अधिकारों की ,कोई सीमा होनी जरूरी है || 


हम बेहिसाब अधिकार दे देंगे ,तो आगे की राह कैसी होगी ? 

हमें पता तब चलता है ,जब वह राह हमारे सामने आती है || 


अधिकार लेने वाले ,हमारे हर कदम पर अपने मिले ,

अधिकार का ताला जड़ देते हैं ,और हम कैदी बन जाते हैं || 


हमारे हँसने ,हमारे रोने ,हमारी जिंदगी के हर कदम पर ,

वो अपना अधिकार मान कर ,हमें घर में ही कैदी बना लेते हैं || 


Saturday, December 21, 2024

PARIWARTAN ( JIVAN )

 

                              परिवर्तन 


जिंदगी में कुछ भी ,स्थिर नहीं है ,

सब कुछ परिवर्तन शील है ,

सब कुछ परिवर्तित होता रहता है || 


हर परिवर्तन आसान नहीं होता ,

बहुत मुश्किलों से ,परिवर्तन आता है ,

मगर हर परिवर्तन हमें ,स्वीकार करना पड़ता है || 


कुछ परिवर्तन सुखदायी होते हैं ,

आसानी से ,स्वीकार किए जा सकते हैं ,

मगर कुछ परिवर्तन ,दुःखदायी होते हैं ,

स्वीकार करने में ,बहुत कठिनाई होती है || 


हर परिवर्तन ,ईश्वर की इच्छा से ही आता है ,

वही संसार चलाने वाले हैं ,

जैसा चलाते हैं ,सभी के लिए अच्छा होता है ,

मानव की सोच ,और कर्मों के अनुसार ही ,

उसको परिवर्तन मिलता है || 


UPLOAD - DOWNLOAD ( JIVAN )

 

                     अपलोड - डाउनलोड 


जिंदगी की राहों में ,चलते - चलते ही ,

जो सपने आप नींद में ,देखते हो ,

उनको यादों में ,अपलोड करने में ,

कोई भी कठिनाई नहीं होती ,

वो सपने खुद ही ,यादों में अपलोड हो जाते हैं ,

यादों में बस जाते हैं ,यादों में छा जाते हैं || 


मगर उन्हीं सपनों को दोस्तों ,

जिंदगी में डाउनलोड करना तो ,

बहुत ही कठिन है ,

पूरा जीवन ही समाप्त हो जाता है ,

उन सपनों को अपने जीवन में ,

डाउनलोड करते - करते ,

जिंदगी में उतारते - उतारते || 


क्या कोई बताएगा ? 

इसका कारण क्या है ? ऐसा क्यों होता है ? 

यदि किसी को जानकारी हो ,

तो मुझे जरूर बताइएगा || 


Thursday, December 19, 2024

PATAA ( KSHANIKAA )

 

                                         पता 


रोटी और कपड़े तो ,फुटपाथ पर भी बिक जाते हैं ,

जितना चाहे खरीद लो ,उपयोग कर लो दोस्तों || 


आभूषण होते महंगे ,फिर भी बिकते रहते हैं ,

खरीदे भी जाते हैं ,बाजारों की दुकानों में दोस्तों || 


मगर कुछ शय ऐसी हैं ,ना तुम बेच सकते हो ,

और नाही तुम उन्हें ,खरीद कर ले सकते हो दोस्तों || 


क्या चैन खरीद या ,बेच सकते हो दोस्तों ?

नींद कहाँ से खरीदोगे ,जरा बताओ तो ?

विनम्रता ,किस दुकान पर बिकती है ?

मुस्कानों के खजाने का ,पता बताओ तो दोस्तों || 


Wednesday, December 18, 2024

PAKDEGAA ( KSHANIKAA )

 

                          पकड़ेगा 


बीता हुआ समय तो बंधु ,बस गया यादों में ,सपनों में ,

आज का समय तो बंधु ,बीत रहा है मुस्कानों में || 


आने वाला कल तो बंधु ,टिका है उम्मीदों में ,

तैयार रहो फिर तुम बंधु ,डूबने को उम्मीदों में || 


जीवन सागर में ,नैया अपनी सोचों की ,

तैराते चले जाओ बंधु ,ना छोड़ना उम्मीदों को || 


समय का पहिया चलता ही जाएगा ,हर क्षण ,हर पल ,

उस समय के साथ - साथ ही तुम ,चलते जाओ बंधु हर पल || 


कोई समय को पकड़ ना पाया ,तो तुम क्या पकड़ोगे ? 

समय ही बंधु वह शय है ,जो तुम्हें ही पकड़ेगा || 


SAAIN BOARD ( JIVAN )

 

                                  साइन बोर्ड 


जब कभी हम ड्राईव ,कर रहे होते हैं बंधु ,

तब साईड में कुछ ,साइन बोर्ड लगे होते हैं ,

कुछ पर लिखा होता है -- " धीरे चलिए ,आगे स्कूल है ,'' 

" सावधान ! आगे कार्य प्रगति पर है ,"

" नो पार्किंग ," या " अपनी लेन में चलिए "|| 


पहाड़ी स्थानों में तो और भी ,चेतावनी भरे बोर्ड ,

" सावधान ! आगे खतरनाक मोड़ है ,"

काश ! ऐसे बोर्ड जिंदगी की ,राहों पर भी लगे होते ,

और गलतियाँ करने से पहले ,हम संभल जाते ,

और सावधानी से ,अपनी जिंदगी गुजार लेते || 


Monday, December 16, 2024

PYAAR KAA ? ( KSHANIKAA )

 

                                  प्यार  का  ? 


दुनिया बहुत बड़ी है बंधु ,कैसे पाओगे पार ?

जीवन तो छोटा है बंधु ,जीवन के दिन चार || 


दुनिया से भी बड़ा है बंधु ,आपस में पलता प्यार ,

ये दुनिया तो नापी जा सकती ,रह जाता है प्यार || 


प्यार छिपा है माँ के दिल में ,उनके आँचल में प्यार ,

उसी में सभी के जीवन का ,छिपा है बंधु सार || 


उसी प्यार को भर लो बंधु ,तुम तो अपने दिल में ,

मुस्कानें बना कर बिखरा लो ,बंधु अपना प्यार || 


प्यार की गागर को ,भर कर बिखरा लो सब में ,

सबको दो - दो घूँट पिला दो ,जल वह प्यार का || 


Sunday, December 15, 2024

LAUT KAR AAEGAA ( KSHANIKAA )

 

                         लौट कर आएगा 


किसी के भी गलत व्यवहार को ,दिलसे ना लगाओ यारों ,

उसकेगलत व्यवहार उसी के ,अंदर समाए रहेंगे यारों || 


कभी ना कभी तो उसको भी ,वही सब कुछ वापस मिलेगा ,

क्योंकि सभी कुछ किया हुआ ,हम तक लौट कर आता है यारों || 


हमारी बाँटी मुस्कानें ,हमारी बाँटी नफ़रतें ,

हमारी दी गई मदद ,हमारा दिया गया प्यार यारों ||


इसलिए याद रखो हमेशा ,करो अच्छा व्यवहार हमेशा ,

हाथ थामो जरूरत मंद का हमेशा ,

पोंछो अश्रु किसी रोते हुए बच्चे के यारों || 


Saturday, December 14, 2024

NAA KARANAA ( JIVAN )

 

                           ना करना 


किसी ने किया  बुरा ,जो तुम्हारे साथ ,

मत सोचो उसने ऐसा क्यों किया ?

समय बीतने के साथ ही दोस्तों ,

उन्हें अपने किए पर ,पछतावा जरूर होगा || 


मगर तब तक तो दोस्तों ,

काफी समय बीत जाएगा ,

तुम्हारे साथ गलत व्यवहार किए हुए ,

अब उसके पछतावे से तुम्हारा वह ,

चिंताओं में डूबकर ,बीता समय वापस ना आएगा ,

तो दोस्तों तुम उसके ,उस व्यवहार को याद रखना ,

और तुम ऐसा व्यवहार ,किसी से ना करना || 


Friday, December 13, 2024

HISAAB ( JIVAN )

 

                                हिसाब 


दुनिया में आते हुए ,जो लाए हम किताब ,

नहीं एक भी शब्द था ,उसमें लिखा जनाब ,

लिखते जाओ रोज उसमें ,अच्छे कर्मों का हिसाब || 


जीवन पूरा होगा जब तक ,जब भी भरेगी ये किताब ,

जाने का वक्त भी हो जाएगा ,इस दुनिया से ,

उस दुनिया में पहुँच कर ही ,होगा कर्मों का हिसाब || 


किसी के लिए अच्छा करें या ना करें ,

पर किसी  को  हम हानि ना पहुँचाएँ ,

यही एक बहुत अच्छा ,कर्म होगा हमारा ,

इसी से जुड़ा होगा ,हमारे कर्मों का हिसाब || 


SARAABOR ( KSHANIKAA )

 

                             सराबोर 


मुस्कानों के साथ जिंदगी बिताओ ,

जिंदगी मुस्कुराएगी ,

दोस्तों के साथ जिंदगी बिताओ ,

जिंदगी खिलखिलाएगी ,

नई - नई राहें अपनाओ ,

जिंदगी एक खोज बन जाएगी || 


किसी रोते हुए बच्चे को हँसाओ ,

जिंदगी ठहाके लगाएगी ,

किसी की मदद कर जाओ ,

जिंदगी ग़मों को भूल जाएगी ,

किसी चमन को फूलों से खिला जाओ ,

जिंदगी    महक से भर जाएगी || 


सभी पर प्यार बरसाओ ,

जिंदगी प्यार से सराबोर हो जाएगी ,

रंगों का इंद्रधनुष बन जाओ ,

जिंदगी रंगीन हो जाएगी ,

कोई काम कल पर नहीं छोड़ो दोस्तों ,

आज  जियो ,जिंदगी मस्त हो जाएगी || 


Thursday, December 12, 2024

KSHAMAA ( KSHANIKAA )

 

                                 क्षमा 


कदम आगे बढ़ाने पर ,राह पर आगे बढ़ना है ,

आगे बढ़ो दोस्तों ,मगर संभल कर रहना है ,

बढ़ते रहिए ,कदम -दर -कदम ,

हो सकता है ,राह में बाधाएँ आएँ ,

मगर हमें उन ,बाधाओं को दूर करना है ,

और जिंदगी की राह को आसान बनाना है || 

 

कोई हमारा बुरा करे ,तो कुछ मत सोचो ,

ये उसका कर्म है ,

बदले में हम उसका बुरा ना करें ,

दोस्तों ये हमारा धर्म है ,

और हमें उसका ,पालन करना चाहिए || 

 

बुरा करने वालों को ,हमें क्षमा करना चाहिए ,

इसका कारण यह नहीं दोस्तों ,

कि वो क्षमा के पात्र हैं ,बल्कि इसलिए ,

कि हमें अपने ,दिल -दिमाग  शांत रखना है ,

तो अपनी शांति के लिए हमें ,

उन्हें क्षमा करना जरूरी है || 

 

Wednesday, December 11, 2024

LABAALAB ( JIVAN )

 

                            लबालब 


अक्सर सभी की सोच होती है ,

कि दुःखों से छुटकारा मिल जाएगा ,

तो खुशी अपना घर ,हमारे दिल में बना लेगी || 


मगर ऐसा कुछ नहीं है ,दुःखों से छुटकारा कैसे मिलेगा ?

आसान सा रास्ता यह है दोस्तों ,

अपने दिल को खुश रखो ,दुःख अपने आप दूर हो जाएँगे  || 


तो अपने दिल के ,दरवाजे खोल दो दोस्तों ,

और आने दो खुशियों को ,ठंडी बयार की तरह ,

और दिल को खुशियों से ,लबालब हो जाने दो दोस्तों ||

Monday, December 9, 2024

DOST DIL MEIN ( PREM )

 

                              दोस्त दिल में 


ये दोस्ती के चिराग हैं यारों ,जलाए रखिए ,

उजाला अपने आस - पड़ोस में भी ,बिखराए ,

बाँटोगे उजाले सभी में ,तो सब ओर उजियाला होगा || 


ये दोस्ती की महक है यारों ,फैलाए रखिए ,

महक को अपने चमन और सहन में ,फैलाए रखिए ,

बाँटोगे महक हर ओर तो सब ओर ,खुश्बुएँ फैलेंगी   || 


दोस्ती निभानेके लिए ,दोस्तों का स्वागत करो यारों ,

अपने घर में नहीं ,अपने दिल में ,उन्हें बसाओ यारों ,

ऐसा करने के लिए ,अपने दिल को बड़ा करो ,

और दोस्तों के लिए दिल में ,जगह बनाओ यारों || 


Sunday, December 8, 2024

SAMAY HII ( KSHANIKAA )

 

                                समय ही 


कोई कुछ भी कहे ,उसका जवाब देने का ,

सही समय ,अलग - अलग होता है दोस्तों ,

जरूरी नहीं , तुम ही उसे जवाब दो ,

समय खुद ही ,उसे जवाब दे देगा दोस्तों || 


समय ही ,खुद सही समय ढूँढ लेगा ,

समय ही ,खुद सही शब्द ढूँढ लेगा ,

समय ही ,खुद सही जगह ढूँढ लेगा ,

तुम्हें कुछ भी , ढूँढने की जरूरत नहीं है दोस्तों || 


आज तुम ,मौन रह जाओगे तो ,

आज तुम , धैर्य रख लोगे तो ,

आज तुम , मुस्कान दिखलाओगे तो ,

समय खुद ही , उससे हिसाब ले लेगा दोस्तों || 


Saturday, December 7, 2024

SHUBHCHINTAK ( JIVAN )

 

                                शुभचिंतक 


मिलते हैं बहुत से ,लोग इस दुनिया में ,

मगर हम जान ना पाते ,उनके गुणों के बारे में ,

उनके होठों की मुस्कान ,उनके चाशनी में डूबे शब्द ,

भ्रमित कर जाते हैं ,उनके बारे में || 


उनके झूठ ऐसे होते हैं दोस्तों ,

जो सभी को आकर्षित कर जाते हैं ,

मगर सच्चाई सामने आने पर ,

वही आकर्षण ,विकर्षण बन जाता है || 


मत विश्वास करो ,एकाएक हर किसी पर ,

पहले समझिए ,बूझिए फिर कदम बढ़ाइए ,

मगर  हर कोई ,हर किसी का शुभचिंतक नहीं होता ,

कुछ तो दूसरे का ,शुभ होते देखते ही ,

खुद गहरी चिंता में डूब जाता है || 


इसलिए देखो ,समझो  और फिर ,

किसी पर विश्वास करो दोस्तों ,

जीवन को धीरे - धीरे ही ,

ऊँचा उठाओ दोस्तों ||

Friday, December 6, 2024

SAHII NIYAM ( KSHANIKAA )

 

                           सही नियम 


जिंदगी छोटी ही सही ,मुस्कानों से भर लो ,

रिश्तों की संख्या ,कम हो या ज्यादा ,

प्यार से जोड़ लो ,मजबूत बना लो || 


रिश्तों में शतरंज के  खेल के ,

नियमों का पालन कर लो ,

बारी किसी की भी हो ,चाल कोई भी चले ,

अपने - अपनों को नहीं मारते || 


इसी नियम का पालन करोगे जो दोस्तों ,

तो सभी रिश्ते जुड़े रहेंगे ,

सभी रिश्ते मुस्कुराते रहेंगे ,

साथ ही जिंदगी मुस्कुराएगी || 


सोचो ना  दोस्तों ,आगे बढ़ चलो ,

बढ़ाओ हाथ ,मुस्कानें बाँटो और ,

मुस्कुराहटें समेट लो ,  अपनी जिंदगी में ||


Thursday, December 5, 2024

GAGAN MEIN ( JALAD AA )

 

                             गगन में 


बरखा बरसी ,जल कण फैले ,चहुँ ओर पवन में ,

शीतल सी पवन की शीतलता ,

बढ़कर फैली चहुँ ओर पवन में || 


सूरज चमका ,फैली रश्मियाँ ,चहुँ ओर पवन में ,

जल कणों ने ,रश्मियों के रंगों को ,

बिखरा दिया ,चहुँ ओर गगन में  || 

 

गगन ने प्यार से ,समेटा सभी रंगों को ,

आकार दिया ,एक धनुष का ,

फैला दिया ,अपने आँगन में || 

 

अब वह कहलाया इंद्रधनुष ,सुंदर प्यारा इंद्रधनुष ,

सभी उसे देख हर्षाए ,

सभी उसे देख मुस्काए ,

इंद्रधनुष चमकता रहा गगन में || 

 

Wednesday, December 4, 2024

CHHODO ( JIVAN )

 

                               छोड़ो


जो तुम्हारी बात ना समझे ,तो छोड़ो ,

कुछ मत समझाओ। उसको यारों ,

समझाने से ही ,वह क्या समझेगा  ?? 


जो तुम्हारी दोस्ती ना स्वीकारे ,तो छोड़ो ,

मत बनाओ दोस्त उसको ,यारों ,

क्या वह तुम्हारा ,दोस्त बन पाएगा  ?? 


रिश्ते तो दोस्तों ,दोनों ओर से होते हैं ,

ना माने कोई तो मायूस ना हो, छोड़ो उसको ,

मत बनाओ उनसे रिश्ते ,जाने दो ,

क्या वे  तुम्हारे रिश्ते के लायक हैं  ?? 


Tuesday, December 3, 2024

KHAARAA SAAGAR ( RATNAAKAR )

 

                       खारा सागर 


दोस्तों सागर का पानी तो खारा होता है ,खारा ही रहेगा ,

उसे मीठा बनाने की ,कोशिश बेकार है यारों ,

इसलिए दोस्तों ,सागर में ,शक्कर ना मिलाओ ,

और इस बात को यहीं पर ,भूल जाओ यारों || 


रत्नों के खजाने से भरे ,

रत्नाकर को ,प्यार से पुकार लो यारों ,

रत्नों की गिनती तो ,रत्नाकर को भी पता नहीं होगी ,

उनके सभी गुण भी ,रत्नाकर को पता नहीं होंगे ,

रत्नाकर की दोस्ती ही ,सबसे बड़ा रत्न है ,

ये बात ही याद रखो दोस्तों ,याद रखो यारों || 


Monday, December 2, 2024

AAP ? ( KSHANIKAA )

 

                          आप  ?

 

जिंदगी लंबी नहीं ,छोटी ही अच्छी है ,

सुंदर से रंग भर कर  ,रंगीन तुम बना लो ,

मुस्कुराहटों को तुम ,होठों पे ही सजा लो || 


व्यवहार करो सुंदर ,सभी से ,सभी से ,

जो अच्छा करे व्यवहार ,धन्यवाद उसका करो ,

जो गलत करे व्यवहार ,माफ़ी उसे दे दो || 

 

गलतियाँ माफ़ करने वाला ,बड़े दिलवाला होता है ,

तो तुम भी उसी राह पर ,चलते जाओ दोस्तों ,

मगर किसी की चालाकियों को ,माफ़ नहीं करना दोस्तों || 

 

जिंदगी में मुश्किलें ,आती ही हैं दोस्तों ,

ये तो दोस्तों ,पार्ट ऑफ लाईफ है ,

मगर मुश्किलों से हँस कर ,

बाहर निकलना आर्ट ऑफ लाईफ है ||  


अब बताओ क्या करेंगे आप ?

आर्ट ऑफ लाईफ दिखाएँगे आप ?

दोस्तों मुस्कानों के साथ ,जिंदगी बिताएँगे आप || 


Sunday, December 1, 2024

ZAMEENDOZ ( GROUNDED ) ( KSHANIKAA )

 

                       ज़मीदोज़   


क्रोध के वक़्त थोड़ा रुक जाइए ,

यह बात सभी कहते हैं दोस्तों ,

परेशानियों में थोड़ा धैर्य रखिए ,

यह बात हम भी  कहते हैंदोस्तों || 


दूसरेकी गलतियों को ,नज़र अंदाज कीजिए ,

यह बात सभी जानते हैं दोस्तों ,

अपनी गलतियों को ,मानकर थोड़ा झुक जाइए ,

यह बात हम भी मानते हैं दोस्तों || 


मगर हर बार ये रुकना और धैर्य रखना ,

गलत होगा ,गलत होगा ,

मगर हर बार नज़र अंदाजी और झुकना ,

गलत होगा ,गलत होगा || 


इसे आपकी कमजोरी माना जाएगा ,

दुनिया इसे आपकी विनम्रता नहीं मानेगी ,

और चाहेगी कि आप इतना झुकें ,

कि ज़मींदोज़ ( grounded ) ही हो जाएँ ,

बताइए आप क्या चाहेंगे  ?? 


Saturday, November 30, 2024

RUPAHLAA SANSAAR ( CHANDRAMAA )

 

                      रुपहला  संसार 


आना रे तू चंदा ,आज घर में हमारे ,

मिल के बातें करेंगे ,हम संग तुम्हारे ,

बातें बहुत सी ,हुईं हैं इकट्ठी ,

मिलोगे जब तो ,करेंगे संग तुम्हारे || 


छन - छन छनकती ,तेरी चंदनिया ,

छनकती - छनकती आएगी ,वो खिड़की से अंदर ,

रुपहला कर देगी ,संसार वो हमारा || 


कल जब दुनिया देखेगी ,रुपहला संसार मेरा ,

हैरानी दिख जाएगी ,तब आँखों में सबकी ,

तू भी बता क्या ?सुंदर लगेगा संसार मेरा ,

हम दोनों का रुपहला ,रुपहला संसार हमारा || 


Friday, November 29, 2024

PYAAR MEIN ( PREM )

 

                             प्यार में 


छोटी सी जिंदगी है ,खुश हो के बिता लो ,

जितने भी हो सकें ,तुम दोस्त बना लो ,

जीवन में अपने तुम ,प्रसन्नता को पा लो || 


ढूँढो ना प्रसन्नता को तुम ,बाहर कहीं जाकर ,

नहीं मिलती है वह ,किसी भी दुकान पर ,

उसे तो दोस्तों तुम ,अंदर ही अपने पा लो || 


वह तो छिपी है ,तुम्हारे ही विचारों में ,

वह तो छिपी है ,तुम्हारे ही संगीत में ,

उसी संगीत को तुम ,अपने शब्दों में गा लो || 


गाओगे जब गीत तुम अपने ,

तो प्यार के नशे ,में ही डूब जाओगे ,

तो चलो जल्दी जीवन को ,तुम प्यार में डुबा लो || 


Thursday, November 28, 2024

CHAAR DIN ( JIVAN )

 

                                    चार दिन 


जिंदगी के चार दिन हैं दोस्तों ,

हो सकता है दो दिन ,आपके हक़ के हों ,

और बाकि दो दिन ,आपके हक़ के ना हों दोस्तों || 


अपने हक़ के दिनों में ,घमंड ना करना ,

किसी परेशान की ,परेशानी बाँट लेना ,

उसके साथ डट कर ,खड़े रहना दोस्तों || 


बाकि दो दिनों में ,उदास मत होना ,

सब्र करना और ,मुस्कुराहट खिलाए रखना ,

हो सकता है कोई ना कोई , आपके साथ खड़ा हो जाए || 


उदासी में कोई साथ नहीं देता ,

मगर मुस्कुराहट में ,भागीदार सभी बनते हैं ,

यही सोच कर ,हमेशा मुस्कुराते रहिए ,

और जीवन में ,फूलों का बगीचा खिलाए रखिए || 


Wednesday, November 27, 2024

GHAAT KAA PATTHAR ( KSHANIKAA )

 

                               घाट का पत्थर 


दोस्तों ! मैं हूँ ,एक घाट का पत्थर ,

बड़ी सी एक ,नदी किनारे पड़ा हुआ ,

साफ - सुथरा और ,चिकना - चिकना सा ,

नदी  के पानी ने ,बार - बार टकरा कर ,

मुझे गोल -गोल ,और चिकना बना दिया || 


 मैं हूँ बिल्कुल शांत सा ,

कुछ भी नहीं बोलता हूँ मैं ,

मगर नदी के हजारों नखरे ,

मैं हूँ सह जाता ,और उफ़ भी नहीं करता 


नदी के पानी से ,घिस - घिस कर ,

कुछ बरसों में ,मैं ख़त्म ही हो जाऊँगा ,

जीवन मेरा ऐसे ही बीता है ,

और ऐसे ही बीतेगा दोस्तों  || 


शायद पचास या साठ बरस बाद ,

यदि आप इस घाट पर ,आओगे जो ,

तो हो सकता है ,मैं गायब हो जाऊँ ,

और आप लोगों को ,ना मिलूँ दोस्तों || 


Tuesday, November 26, 2024

WAKT ( KSHANIKAA )

 

                                       वक्त 


सोच - सोच के बोलो तुम ,हर शब्द ,

बोल - बोल के सोचो मत , हर शब्द ,

जीवन चलता जाएगा ,रुकता नहीं कभी भी वक्त || 


कीमत वक्त की जानोगे ,

तभी तो वक्त को पहचानोगे ,

सोचोंमें वक्त भी भागेगा ,रुकेगा नहीं कभी भी वक्त || 


कोशिश कर लो चाहे जितनी ,

वक्त को पकड़ ना पाओगे ,

बोलों में वक्त को रोकोगे ,रुकेगा नहीं कभी भी वक्त || 


बहते जाओ साथ वक्त के ,

वक्त के पार तुम पहुँच जाओगे ,

सोचों में जो बीता वक्त , रुका नहीं है कभी भी वक्त || 


हाथ वक्त का जो पकड़ेगा ,

साथ वक्त के जो दौड़ेगा ,

वही तो वक्त की ऊँचाइयों को छुएगा ,मगर नहीं रुकेगा वक्त || 

वक्त भई वक्त ,हाँ भई वक्त || 


PARISTHITI ( KSHANIKAA )

 

                         परिस्थिति 


रंग जिंदगी के बहुत हैं  दोस्तों ,

कुछ लोग बहुत कुछ हार जाते हैं ,

तो वहीं कुछ लोग ,बहुत कुछ पा लेते हैं ,

यदि हो सके तो ,उनके अनुभवों से ,

कुछ सीख लो ,और उनकी सलाह पर अमल करो || 


बहुत कुछ पाकर ,तो लोग मुस्कुराते हैं ,

मगर हिम्मती व्यक्ति ,बहुत कुछ खोकर भी ,

मुस्कुरा सकता है ,उससे ,उसकी हिम्मत ,

से तुम भी सीख लो || 


हर परिस्थिति में शांत बने रहो ,

हार और जीत तो चलती रहती है ,

कठिन परिस्थितियों में ,दिल और दिमाग ,

को शांत बनाए रखो ,वक्त हमेशा चलता रहता है ,

कठिन परिस्थिति का समय भी बीत जाएगा ,

और मुस्कुराहटें लौट आएँगी ,

विश्वास करो ,मुस्कुराहटें जरूर लौटेंगी || 


Sunday, November 24, 2024

APNAAIE ( AADHYAATMIK )

 

                                        अपनाइए 


जरूरतें तो जिंदगी में ,बढ़ती ही जाती हैं दोस्तों ,

थोड़ा तो उन्हें ,सीमित करते जाइए ,

प्रार्थना ,अर्चना करते समय ,जरूरतों का जिक्र नहीं ,

ईश द्वारा की गई ,कृपा का जिक्र करते जाइए || 


ईश ने सभी को ,इतना दिया है ,कि आँचल भर जाए ,

तो उसी का धन्यवाद करते जाइए ,

खुद भी दूसरों की मदद करोगे ,तो ईश खुश होगा ,

तो उसी को अपने स्वभाव से ,खुश करते जाइए || 


यही  तो सही तरीका है ,प्रार्थना करने का ,

यही तो सही तरीका है ,धन्यवाद करने का ,

यही तो सही तरीका है ,तो इसी को अपनाइए || 


Saturday, November 23, 2024

VISHWAAS ( JIVAN )

 

                                विश्वास    


विश्वास का एक घेरा ,अपने चारों ओर बना लो दोस्तों ,

उस घेरे में दूजों को ,बुलाओगे तो ,

वो भी तुम पर ,विश्वास करेंगे दोस्तों ,

उनके विश्वास को ,जीकर तो देखो दोस्तों || 


विश्वास एक भाव है ,वह जिंदगी में ,

बहुत ऊँचा स्थान रखता है ,

विश्वास सभी से रिश्ता बनाता है ,

रिश्तों को निभाने में मदद करता है || 


जिस पर तुम विश्वास करोगे ,

वह भी तुम पर विश्वास करेगा ,

यही वह डोरी है ,जिससे सभी ,

आपस में बँधे रह सकते हैं || 


Friday, November 22, 2024

SATARKTAA ( KSHANIKAA )

 

                            सतर्कता 


सबकी परिस्थिति अलग होती है दोस्तों ,

सबकी सोच अलग होती है दोस्तों ,

सब ही अपने हालात को कैसे अपनाते हैं ?

क्या आपको पता है दोस्तों ??


कुछ सब्र कर लेते हैं दोस्तों ,

कुछ वक्त पर छोड़ देते हैं दोस्तों ,

कुछ उदासी में खो जाते हैं दोस्तों ,

कुछ मुस्कुरा कर ,समय को बिता लेते हैं दोस्तों || 


मगर कुछ ऐसे भी लोग हैं दोस्तों ,

दूसरों के कठिन समय में ,

उनका मजाक बनाते हैं दोस्तों ,

यही उनका खोट होता है दोस्तों ,

मगर उसे वह अपना गुण समझते हैं दोस्तों || 


मन में खोट लिए ,वह मुस्कुरा कर ,

दूसरों से जब बात करते हैं ,

तो सामने वाला समझ नहीं पाता ,

उनके व्यवहार को ,उनके खोट को ,

और वह अपना ,यह व्यापार चलाते रहते हैं || 


मगर दोस्तों ,कभी ना कभी तो ,

उनके इस व्यापार ,की पोल खुल जाती है ,

हो सके तो ,आप सब सावधान रहिए ,

सतर्कता बरतिए ,सतर्कता बरतिए || 


JAROORII NAHIN ( KSHANIKAA )

 

                         जरूरी नहीं 


जिंदगी में जरूरी नहीं ,कि सूरज ही रोशनी दे ,

एक दीया ही काफी है दोस्तों ,अँधेरी रात में ,

दीये की रोशनी भी ,चीर सकती है अँधेरे की चादर ,

और चमक दे सकती है ,सभी की आँखों में || 


जिंदगी में जरूरी नहीं , ए. सी. की ठंडी हवा मिले ,

खिड़की से आती ,हल्की बयार काफी है ,

बयार तन और मन ,दोनों को शीतलता देती है ,

और यही बयार ,दिमाग के लिए भी काफी है || 


जिंदगी में जरूरी नहीं ,चाँद मिल जाए हर किसी को ,

साँझ का तारा भी ,राह दिखाने को काफी है ,

उसी को अपनी ,आँखों में बसा लो दोस्तों ,

जिंदगी जीने के लिए ,दोस्तों का साथ ही काफी है || 


जिंदगी में जरूरी नहीं ,खिलखिलाहटें गूँजें ,

उनकी जगह होठों पे ,खिली मुस्कान ही काफी है ,

  खिली मुस्कान को ,होठों पे सजा लो दोस्तों ,

यही मुस्कान तो जिंदगी ,जीने के लिए काफी  है || 


Tuesday, November 19, 2024

BHALAA KISKAA ? ( SAMAAJIK )

 

                              भला किसका  ?


चुनावों की सरगर्मियाँ ,जारी हैं दोस्तों ,

राजनैतिक दलों की ,रैलियाँ भी जारी हैं दोस्तों ,

ऐसे में अफवाहें ना फैलें ,यह बात तो ,

असंभव है दोस्तों || 


एक दल के लोग ,दूसरे दल के लोगों पर ,

दोषारोपण करते रहते हैं दोस्तों ,

आम जनता का मत, पाने के लिए ,

विभिन्न हथकंडे ,अपनाते रहते हैं दोस्तों || 


दलों द्वारा जारी ,चुनावी घोषणा -पत्र में ,जीतने पर ,

असंभव सुविधाएँ ,देने का जिक्र करते हैं ,

वो सुविधाएँ ,किस प्रकार देंगे ?

उनके जरिए का ,जिक्र कहीं नहीं होता || 


इसके लिए वो ,करों ( taxes ) की रकम बढ़ाएँगे ,

या व्यापारियों से पैसा लेंगे ,

कर ( tax ) की रकम बढ़ाने पर ,

मध्यम वर्ग ही परेशानी में पड़ता है || 


व्यापारियों से लेने पर ,छोटा व्यापारी तो दे नहीं सकता ,

तो बड़े व्यापारी से पैसा लेने पर ,

उसे सहूलियत भी मिल जाती हैं ,

और वह अपने व्यापार में मंहगाई लाता है ,

हर हालत में मध्यम वर्ग ही पिसता है ,

यही सच है दोस्तों ,

देश का भला करने के नाम पर ,

हर कोई अपना ही ,भला करता है दोस्तों || 


Monday, November 18, 2024

HAQDAAR ( KSHANIKAA )

 

                                 हक़दार 


जिन रिश्तों ,और जिन विचारों का ,

हम आज चुनाव करते हैं ,

वही हमारे भावी जीवन का निर्माण करते हैं || 


सोच - समझ कर तुम ,विचार चुन लो दोस्तों  ,

कुछ स्वयं के अनुभवों से ,

कुछ दूसरों के अनुभवों से ,

तुम सीख ले लो दोस्तों  || 


विचारों के चुनते हुए तुम ,

परिस्थितियों का भी ध्यान रखना दोस्तों ,

हर परिस्थिति में हर विचार ,

काम नहीं कर सकता ,यह बात ,

ध्यान में रखनी बहुत जरूरी है दोस्तों || 


तभी तुम एक ,सुंदर भविष्य पाओगे ,

उसी के साथ ,तुम मुस्कानों के भी ,

हक़दार बन जाओगे ,हक़दार बन जाओगे || 


Sunday, November 17, 2024

SHAKTISHAALII ( KSHANIKAA )

 

                            शक्तिशाली 


बड़ों की नसीहतें हम ,ध्यान से सुनें ,

उनके जीवन के अनुभवों को ,ध्यान से बुनें तो ,

जीवन में हम , सफल हो पाएँगे || 


दूसरों की तारीफों के ,धोखे से बचे रहें तो ,

उनकी झूठी बातों से बचे रहें तो ,

जीवन में हम ,सफल हो पाएँगे || 


जो मूर्ख हो ,उससे दूरी बनाओ ,तो अच्छा ,

ज्ञानी को पास ही बिठाओ ,तो अच्छा ,

अच्छों से ,संबंध बनाए रखो दोस्तों ,

मगर बुरों से ,दूरी बनाए रखो दोस्तों || 


शारीरिक शक्ति वाले इंसान को ,

हम समझते ,शक्तिवान ,शक्तिशाली ,

मगर वह नहीं है ,असली शक्तिशाली ,

जिसमें है असीम सहन शक्ति ,

वही है असली शक्तिशाली ||  


Saturday, November 16, 2024

DASTOOR ( KSHANIKAA )

 

                                दस्तूर 


जरूरत जब तुम्हारी थी ,तो हम खासम - खास थे दोस्तों ,

आज जरूरत हुई ख़त्म ,तो हम खास क्या ? आम भी नहीं रहे ,

यही दस्तूर ज़माने का है ,सच है ना दोस्तों ?? 


हम आज कह रहे हैं ,मगर पहले ,

हम ही भूल गए थे दोस्तों ,समझ जाते जो हम पहले ,

तो आज हम ,आम तो बने ही रहते ,

यही दस्तूर ज़माने का है ,सच है ना दोस्तों ?? 


असंभव वह  नहीं ,जो हम कर नहीं पाते हैं दोस्तों ,

असंभव वह है ,जो हम करना नहीं चाहते हैं दोस्तों ,

यही सब सच है ,बोलो सच है ना दोस्तों ?? 


सभी किए अच्छे  कर्मों को ,कोई याद नहीं रखता है दोस्तों ,

याद किसी को रहती है तो ,हमारे द्वारा  की गई एक ना  ,

यही दस्तूर ज़माने का है ,सच है ना दोस्तों ?? 


Friday, November 15, 2024

VAH SABKAA HAI ( AADHYAATMIK )

 

                              वह सबका है 


नहीं ढूँढो किताबों में ,वह कोई शब्द नहीं है ,

नहीं ढूँढो मंदिरों में ,वह कोई मूर्ति नहीं है ,

नहीं ढूँढो समाजों में ,वह इंसान नहीं है बी,

ढूँढो उसे अपने अंदर ,वह तो जीवन है || 


भर लो अपने अंदर ,वह तो श्वांस है ,

भर लो अपने मन में ,वह एक विश्वास है ,

करो उस पर पूर्ण रूप से ,वह एक भरोसा है ,

थामो उसे कस के ,वह तुम्हारी आशा है || 


एक रिश्ता है उससे तुम्हारा ,तुम अंश हो उसके ,

वह प्रभु है ,ईश्वर है ,रब है ,खुदा है , जीसस है ,

वह सबका है ,और सब में बसा है || 


Wednesday, November 13, 2024

REKHAAEN ( KSHANIKAA )

 

                                   रेखाएँ 


रेखाओं का हर खेल है ,जो मिला हमें ईश्वर से ,

उन्हीं के जाल में फँसे हैं हम,जो मिला हमें ईश्वर से ,

जो मिला हमें है बंधु ,वो है अपनी किस्मत का ,

नहीं छीन सकता है बंधु ,कोई भी ,कभी भी उसको || 


जिंदगी हमारी ये ,देन है ईश्वर की ,सहेजना है हमको ,

इस दुनिया में जिंदगी को ,बिताना है हमको ,

भाग्य की रेखाओं को ,कर्मों की रेखाओं से ,

सोने जैसा चमकाना है हमको || 


वैसे बंधु ये जिंदगी ,एक बख्शीश है ईश्वर की ,

जो मिली है हमें ,सौगात में ,

इस जिंदगी में ,प्रवेश करते समय ,

हम रोते - रोते आते हैं || 


अपने कर्मों की ऐसी रेखाएँ ,खींच दो बंधु ,

कि इस दुनिया को ,अलविदा कहने के समय ,

दूसरे हमें अश्रुपूर्ण ,नयनों से विदा करें ,

हमारे सुंदर कर्मों के लिए ,याद करें हमको || 


Tuesday, November 12, 2024

KIRAAE KA GHAR ( KSHANIKAA )

 

                           किराए का घर 


हमने अपना घर बदला दोस्तों ,किराए का घर ,

जगह अधिक दूर नहीं थी दोस्तों ,आधा किलो मीटर ,

एग्रीमेंट के लिए आधार कार्ड चाहिए ,

टैक्स भरने वाला कार्ड चाहिए ,जानकारी पूरी हो || 


खैर दोस्तों घर मिला ,एग्रीमेंट बना ,

अब जो प्रूफ हमने दिए थे ,उनमें पते का बदलाव हुआ ,

नया गैस कलैक्शन लो ,उसमें भी सब चाहिए || 

 

खैर सारे बदलाव की ,सूचना बैंक में भी देनी थी ,

सभी कुछ पूर्ण करते -करते ,समय बीतता गया ,

धीरे - धीरे सभी कुछ बदल गया ,जिंदगी नए सिरे से चलने लगी || 

 

पड़ोस में जाने पर इतनी फॉर्मेलिटी ,

विदेश जाने पर तो ,फाइलें भर जाती हैं ,

एक ही  जगहऐसी है ,जहाँ जाने पर ,कोई तैयारी नहीं || 


ईश्वर का बुलावा आने पर ,साँस भी रुक जाती है ,

कोई वीसा नहीं ,कोई आधार कार्ड नहीं ,

कोई पासपोर्ट नहीं ,कोई टिकट नहीं || 


कर्मों के अतिरिक्त ,कुछ साथ नहीं जाता ,

शरीर भी यहीं रहता है ,सिर्फ आत्मा ही ,

परमात्मा के पास जाती है दोस्तों ,सिर्फ आत्मा ही || 


FALSAFAA ( KSHANIKAA )

 

                              फलसफा 


भेजा है एक दोस्त ने मुझे ,एक सुंदर विषय ,

मेरी कविता के लिए ,एक तार्किक विषय ,

 मेरी कविता के लिए ,साथ में फोटो एक पिज़्ज़ा का था || 


पिज़्ज़ा में कटे हुए टुकड़ों के ,

विपरीत कोणों को मार्क किया हुआ था ,

जो हर जगह बराबर होते हैं ,

यह रेखागणित की बात है दोस्तों || 


भौतिक विज्ञान  में विपरीत ध्रुव हमेशा ,

एक दूसरे को आकर्षित करते हैं ,

समान ध्रुव एक दूसरे को हमेशा ,

दूर धकेलते हैं ,यानि विकर्षित करते हैं दोस्तों || 


मगर जिंदगी का अलग ही फलसफा है ,

माना जाता है कि ,विचार मिलने वाले व्यक्ति ,

एक दूसरे के अच्छे दोस्त होते हैं ,

अधिकतर यही देखा जाता है || 


मगर इससे अलग भी एक फलसफा है ,

बहुत अलग विचारों वाले  दो व्यक्ति ,

दिल से बहुत अधिक जुड़े होते हैं ,

यह हमारा खुद का अनुभव बोलता है दोस्तों || 


1983 से हमारी सखि ,हमारी प्यारी सखि ,

विचारों में हम उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव जैसे हैं ,

मगर दिलों से भावनाओं से ऐसे जुड़े हैं ,जैसे एक ही हों ,

दुनिया में सबसे अधिक विश्वास ,हम एक -दूजे पर करते हैं ,

 ये है जिंदगी में विपरीत का आकर्षण ,और जिंदगी का फलसफा || 


Monday, November 11, 2024

NEEM ( KSHANIKAA )

 

                                      नीम 


जिंदगी की बगिया में ,नीम का पेड़ होना जरूरी है ,

कड़वाहट होती है ,मगर दवा का काम करती है ,

उसी की पत्तियों और फलों को ,

खाओ और स्वस्थ बन जाओ || 


मत जाओ उसके स्वाद पर ,गुण देखो उसके ,

गुणों की खान है वो ,अलग से पहचान है उसकी ,

स्वच्छता फैलाता हवाओं में ,

तुम भी स्वस्थ बन जाओगे || 


दरियादिली तो देखो उसकी ,सभी उसे अच्छा मानते हैं ,

नीम के सभी गुणों को ,सभी पहचानते हैं ,

मगर फिर भी ,उसके सेवन से ,सभी दूर भागते हैं || 


अगर आप मेरी बातों से ,सहमत हो दोस्तों ,

तो लगाओ ,एक पेड़ नीम का ,

अपनी बगिया में ,एक पेड़ नीम का ,

बचाओ पेड़ को ,सूखने से ,मिट जाने से ,

करो श्रम ,और लगा लो ,एक पेड़ नीम का || 


Saturday, November 9, 2024

PAREEKSHAA ( KSHANIKAA )

 

                                परीक्षा 


जिंदगी जब चाहेगी ,तुम्हारा इम्तिहान लेगी दोस्तों ,

जिंदगी का ना कोई ,सिलेबस बना है दोस्तों ,

जिंदगी की परीक्षा में ,कोई भी प्रश्न पूछा जा सकता है ,

उत्तर तो तुमने ही ,लिखना है दोस्तों || 


जिंदगी की हर परीक्षा ,तुमने ही देनी है दोस्तों ,

हर प्रश्न का उत्तर लिखना ,तुम्हारी ही जिम्मेदारी है ,

तो डूब जाओ दोस्तों ,जिंदगी को समझने  में ,

जिंदगी के रवैये को , पहचानने में दोस्तों || 


हर ओर निगाह रखो ,हर बात को समझो ,

किसी भी बिंदू को , छोड़ ना देना दोस्तों ,

क्या पता ? कहाँ से ? कौन सा ? प्रश्न पूछा जाए ,

इस परीक्षा को तो ,तुमने ही पास करना है दोस्तों || 


Friday, November 8, 2024

JINDGII ( KSHANIKAA )

 

                               जिंदगी 


जिंदगी हम को ,बना दे सीढ़ियाँ ,

जो किसी को ,ऊपर उठा सके ,

खुद वहीं रुकी रहें ,

मगर दूजों को ऊपर उठा सकें || 


खुद वहीं खड़ी रहें ,कोई बात नहीं ,

दूजों के पैरों को चलाती रहें ,जो अच्छा है ,

खुद रुककर ,दूजों को ऊपर चढ़ा सकें || 


हो सके तो जिंदगी ,मंदिर में जड़ दे हमें ,

भक्तों के पैरों को ,चलायमान करके ,

उनको हरिदर्शन ,करने में मदद करें ,

उनके हरिदर्शन ,कराने का जरिया बनें || 


यही हमारी ,इच्छा है जिंदगी ,

कर सको तो ,पूरा कर दो ,

तुम्हें दुआ ,मिलेगी हमारी ,

ता - उम्र स्वस्थ और सुंदर ,बनी रहो तुम || 


Thursday, November 7, 2024

MERAA CHANDRAMAA ( CHANDRAMA )

 

                          मेरा चंद्रमा 


बादलों की ओट से ,निकला जो मेरा चंद्रमा ,

खिड़की से मैंने देखा ,चमका जो मेरा चंद्रमा ,

चाँदनी फैली यहाँ - वहाँ ,मुस्काया जो मेरा चंद्रमा || 


चाँदनी को देखकर ,दामिनी भी गरजी ,

बादलों के बीच से ,बरखा भी बरसी ,

बरखा की बूँदों को देख ,खिलखिलाया मेरा चंद्रमा || 


बादलों ने कहा ,कहाँ पर नजर है तुम्हारी ?

बरखा भी बरसते हुए बोली ,चाँदनी है बहुत प्यारी ,

इन बातों को सुनकर ,शर्माया मेरा चंद्रमा || 


दिन यूँ ही बदलते जाते हैं ,समय नहीं रुकता ,

जिंदगी बीतती जाती है ,वक्त नहीं थमता ,

तभी तो दोस्तों सबसे प्यारा ,दोस्त है मेरा चंद्रमा || 


Tuesday, November 5, 2024

ANGNAA MEIN ( JALAD AA )

 

                                  अँगना में 


नील गगन पर उड़ते जाते ,कारे - कारे बदरा ,

आजा रे ,आजा मेरे ,घर के अंगना में ,

पानी लेकर ,पवन के संग ,

आजा रे ,आजा मेरे ,घर के अँगना में || 


दोस्त मेरे ,तू , मैं और पवन ,

खेलेंगे मेरे अँगना में ,

खूब सारा जल लेकर तू ,

आजा रे ,आजा मेरे ,अँगना में || 


अरे दामिनी को भी लाना ,साथ अपने ,

चारों हम मिल खेलेंगे ,

मनेगी पिकनिक ,हम चारों की ,

सुनो दोस्तों ,मनेगी मेरे घर के अँगना में || 


ऐसी पिकनिक होगी दोस्तों ,

खूब ही नाच ,गाना होगा ,

खाना ,पीना और गप्पों का पिटारा खुलेगा ,

सब खुल जाएगा दोस्तों ,मेरे घर के अँगना में || 


AASHEERVAD ( PREM )

आशीर्वाद 
 
मयंक और सुकृति के अँगना में ,
एक नन्हीं कली खिली, 
सबको है खुशी मिली ,
सबने उसे खुश हो निहारा ,
वाणी ,वाणी कहकर पुकारा ।

सरगम से स्वर उसके ,
घर में हैं गूँजते ,
परिवार वालों के 
दिल में हैं पहुँचते ।

जब कदम बढ़ाएगी,वाणी,
सभी को दौड़ाएगी, वाणी,
पकड़ो-पकड़ो का शोर होगा ,
जो पकड़ेगा ,लिपटेगी उससे वाणी। 

जीवन वाणी का भरे खुशियों से ,
प्यार वाणी को मिले सभी का ,
मुस्कानें बिखरा कर, 
महक फैलाएगी चहुँ ओर वाणी।

प्यार सहित --मिथलेश आज़ाद

 

 

 

 




ANOKHA DEEYAA ( KSHANIKAA )

 

                          अनोखा  दीया 


हमने दिवाली के त्योहार पर ,दीया बनाया दोस्तों ,

ये दीया ना मिट्टी का था , ना  धातु का था ,

ना लकड़ी का दीया था ,ना कागज का था ,

ये दीया तो बंधु ,हमारे दुपट्टों से बना था || 


तीन दुपट्टे लिए हमने ,एक से दीये का बेस बनाया ,

दूजे से दीये का ऊपरी ,हिस्सा बना दिया ,

आकार दीये का हमने ,बना लिया बंधु ,

मगर अभी भी ,कुछ बनाना बाकी था बंधु || 


तीसरे दुपट्टे से हमने बंधु ,बाकी काम किया ,

दीये की बाती बनाकर ,जोड़ी हमने दीये में ,

पूर्ण आकार मिल गया ,हमारे दीये को ,

बन गया ना बंधु ,हमारा सुंदर सा दीया || 


ना रोशनी देने वाला ,ना तेल जलाने वाला ,

ना धुंआ ,ना प्रदूषण फ़ैलाने वाला ,

दीया है वो ,है ना अनोखा दीया ,

जो लगाया हमने खिड़की पर ,अपना अनोखा दीया || 


Sunday, November 3, 2024

LAHAREN SAAGAR KII ( RATNAAKAR )

 

                    लहरें सागर की 


रत्नों का भंडार समेटे ,रत्नाकर आयापास मेरे ,

सखि देखो मेरा भंडार ,आकर यहाँ पास मेरे ,

खुश को जाओगी तुम , देख के विभिन्न रत्न मेरे || 


देखो मेरी लहरों को , जो खेल दिखाती रहती हैं ,

मेरे  दोस्तों  को ये लहरें ,पकड़ हाथ ले आती हैं ,

प्यार से भरी मुस्कानों को ,सब पर ये लुटाती हैं || 


 इनको देख सब खुश होते ,ये भी ख़ुशी दिखाती हैं ,

जीवन की सुंदरता को ये लहरें ,सभी को दिखा जाती हैं ,

 लहरों के  ये सुंदर नृत्य ,सबके मन खुश कर देते हैं  || 

 

आओ सखि खेलो इनसे ,प्यार इनका पा जाओ ,

खुशियों का खजाना ,जो भरा है इन लहरों से ,

यही खजाना तो लहरें ,तुम पर यूँ लुटाती हैं || 

 

ये लहरें हैं हम दोनों की ,दोस्त - दोस्त ,सखि - सखि ,

इस तरह तो हम तीनों ही ,एक दूसरे के दोस्त सखि ,

इसीलिए तो ये लहरें ,हमें देख मुस्काती हैं || 

 

 

 

BAALIKAA VADHU ( STORY )

 

                             बालिका वधु 


इसी तरह चार बरस बीत चले ,

उसकी बेटी भी बड़ी हो चली ,

तब वह माँ का कर्त्तव्य निभाते हुए ,

बेटी का हाथ पकड़ ,विद्यालय की ओर बढ़ चली || 


जिनके घरों में खाना बनाती थी वो ,

उनमें से ही कुछ ने  उसे समझाया ,

मदद की उसकी और उसकी बेटी को ,

विद्यालय में दाखिला दिलवाया || 


बेटी भी समझने लगी थी अब ,

माँ को परेशानियों की हालत में देखा था ,

विद्यालय में ध्यान लगा कर पढ़ने लगी ,

क्योंकि मेहनत ही ,उसके भाग्य का लेखा था || 


बालिका वधु को अब ये ,अहसास हो रहा था ,

माता - पिता की ,सोच के कारण ही तो उसका ,

जीवन इतनी कठिनाईयों से भरा था ,

काश उसके माता - पिता ने उसे ,

बालिका वधु ना बनाकर उसे ,

पढ़ाया - लिखाया होता ,पढ़ाया - लिखाया होता || 

 

                     समाप्त ,कृपया अपनी राय जरूर दें || 


Saturday, November 2, 2024

BAALIKAA VADHU ( STORY )

 

                     बालिका वधु 


दिन -रात की भागम - भाग ,

काम का बढ़ता बोझ उसे ,

थकावट के साथ -साथ ,

कमजोरी भी देता जा रहा था || 


इसी अवस्था में महीना बीतते - बीतते ,

जब उसके हाथ में पगार आई ,

तो बंधुओं  उसकी आँखों में ,

अश्रु के साथ - साथ चमक आई  || 


उसने अपना और अपनी बेटी का ,

खान - पान कुछ दुरुस्त किया ,

शरीर ने भी उसके इस बदलाव को ,

सदयता से स्वीकार किया || 


कार्यों में जुटी वह पस्त नारी ,

बढ़ती रही अपनी कठिन राह पर ,

जीवन भी ले चला उसको ,उन्नति की राह पर || 


Friday, November 1, 2024

BAALIKAA VADHU ( STORY )

 

                        बालिका वधु 


कैसे लड़ती वो ? शरीर था थका ,

और मन था टूटा और बीमार ,

और सहायता कोई नहीं ,कोई मदद नहीं ,

ना पैसे की ,ना काम की ,क्या करती वो ? 


दिन ,रात ,पिसते - पिसते ,एक दिन ,

जाना  उसने टी. वी. पर ,शिक्षा को ,

अब कैसे पाती वो शिक्षा को ? 

कैसे कदम बढ़ाती वो आगे को ? 


उसकी अपनी जिंदगी ,कठिनाईयों में डूबी थी ,

उसकी बेटी की जिम्मेदारी ,उसके सामने थी ,

कैसे करे वह उसकी परवरिश ? 

कैसे बनाए वो अपनी बेटी की ,जिंदगी सुंदर ? 


मगर वह खाना ,बहुत अच्छा बनाती थी ,

यह गुण उसमें कूट - कूट कर भरा था ,

आस पड़ोस में ,उसने खाना बनाने का ,

काम शुरू किया ,और आगे कदम बढ़ाया  || 


Thursday, October 31, 2024

BAALIKAA VADHU ( STORY )

 

                         बालिका वधु 


जैसे - तैसे समय आगे बढ़ा ,  

छोटी बच्ची भी बड़ी होने लगी ,

मगर माँ का क्या ? वह तो ,

थकी -हारी और टूटी - टूटी थी || 


बीमार रहने लगी ,उदासी में डूबी -डूबी ,

हँसी खो गई थी ,सेहत उखड़ गई थी ,

मगर फिर भी ,जिम्मेदारियों की गली ,

लंबी हो गई थी ,कठिन हो गई थी || 


पति खुद में ही मस्त था ,

परिवार वाले भी ,खुद में ही मस्त थे ,

परेशानी में डूबी थी बस ,बस वही ,

जो थकावट और बीमारियों से त्रस्त थी || 


क्या करे ? क्या ना करे ? 

कुछ नहीं समझ पा रही थी वो ,

जीवन की परेशानियों से बिल्कुल भी ,

नहीं लड़ पा रही थी वो || 


BAALIKAA VADHU ( STORY )

 

               बालिका वधु  


पति से हुई थोड़ी दोस्ती ,सासु माँ अच्छी लगने लगीं ,

चलते - चलते सभी कुछ लगने लगा ,अपना -अपना ,जाना -पहचाना || 


मगर जिम्मेदारियाँ बहुत मिलीं ,प्यार मिला थोड़ा -थोड़ा ,

जिसने बालिका वधु को ,नहीं पूरी तरह ससुराल से जोड़ा || 


समय बीतते -बीतते ,बालिका वधु ,बन गई माँ ,

एक छोटी बच्ची ,बनी एक गुड़िया की माँ ,

शरीर भी थका ,और जिम्मेदारियाँ भी बढ़ीं || 


आराम की जरूरत थी ,मगर समय नहीं था ,

जिम्मेदारियों का बोझ ,बहुत बड़ा था ,

कैसे पालन -पोषण करे ,छोटी बच्ची का ,

थका शरीर ,टूटा मन ,सभी सामने खड़ा था || 


Wednesday, October 30, 2024

BAALIKAA VADHU ( STORY )

 

                           बालिका वधु 


समय बीतने लगा धीरे - धीरे से ,

लड़की दस- बारह बरस की हुई ,

तो माता - पिता की सोच में उपजी ,

एक नई बात , और बेटी बनी बालिका वधु || 


नन्हीं कली ,बालिका वधु बन कर आई ससुराल ,

अपने घर से दूर ,नये घर में ,

उस घर में सभी अनजाने थे ,

और घर भी था बिल्कुल अनजाना || 


रात में नींद का भी ,डेरा उखड़ गया ,

अश्रुओं से उसका तकिया भीग गया ,

रोज ही यह नियम बन गया ,

नींद ना आना ,तकिये  का भीग जाना || 


धीरे - धीरे समय बीता ,

घर में रमने लगी ,बालिका वधु ,

धीरे - धीरे और थोड़ा -थोड़ा ,

घर लगने लगा ,जाना पहचाना || 


Tuesday, October 29, 2024

BAALIKAA VADHU ( STORY )

 

                     बालिका वधु 


आज से पचास - साठ साल ,पहले का जमाना ,

बंधुओं था बहुत पुराना ,

लड़कियों और औरतों का ,

बहुत कम था ,घर से बाहर जाना || 


घर के अंदर का काम ही ,

करतीं थीं ,ता - उम्र वो ,

बाहर की दुनिया से तो ,

उनका दिल था अनजाना || 


लड़की के जन्म के बाद ,

उसके खेल -खिलौने ,उसकी गुड़िया ,

ये ही उसके साथी थे ,

इन्हीं में उनका दिल था मस्ताना || 


रसोई घर बन गया था ,उनका विद्यालय ,

माँ ही थीं उनकी अध्यापिका ,

काम रह गया था उनका ,

सफाई ,बर्तन और खाना बनाना || 


Monday, October 28, 2024

MAHFIL DOSTII KII ( KSHANIKAA )

 

                    महफ़िल दोस्ती की 


राह चलने की परेशानियाँ ,

नहीं झेलीं ,जो किसी ने ,

मंजिल पाने की ख़ुशी ,क्या मनाएगा वो ? 

दर्द नहीं मिला,जिसे जिंदगी में ,

दर्द से राहत मिलने का ,सुकून क्या पाएगा वो ?? 


किसी की जरूरत में ,मदद नहीं की किसी ने ,

तो क्या जरूरत पर ,कोई हाथ थाम पाएगा वो ?

किसी को कोई ,ख़ुशी गर ना दी किसी ने ,

तो अपने होठों पर ,मुस्कान क्या पाएगा वो ?? 


दोस्त नहीं बन पाया ,जो किसी का ,

दोस्ती नहीं निभाई ,जो किसी ने ,

तो दोस्ती की ,महफ़िल कैसे जमाएगा वो ?

दोस्तों के साथ ,कैसे खिलखिलाएगा वो ?? 


Saturday, October 26, 2024

GALAT YAA SAHII ( KSHANIKAA )

 

                        गलत  या सही 


चलते - चलते टकराए हम किसी से ,

कुछ समय बाद भी ,हम उसे समझ ना पाए ,

जब समझे तो लगा ,वह गलत था ,

गलत से मिलने पर पता लगा ,सही की कीमत का || 


किसी भी गलती के बाद ही तो ,

समझ में आता है ,सही कैसे होगा ? 

तो दोस्तों ,गलतियाँ करके भी अगर ,

सही - गलत समझ में , आ जाएँ तो ,

यह गलती का ,अहसान है हम पर ,

सही रास्ता दिखाने के लिए || 


अब हम गलत और सही को चुन सकेंगे ,

दोनों में फर्क कर सकेंगे ,

अब सही को चुन सकेंगे ,

अब सही को अपना सकेंगे || 


Friday, October 25, 2024

AHANKAAR ( JIVAN )

 

                         अहंकार 


जिंदगी में ईश्वर ,सबको कुछ ना कुछ देते हैं ,

किसी  कम मिलता है ,किसी को अधिक ,

सभी अपनी सोच के ,अनुसार खर्च करते हैं || 


जिस को बिना कुछ ,मेहनत किए ही ,

सब कुछ बड़ी मात्रा में ,मिल जाता है ,

दोस्तों उसमें ,अहंकार आ जाता है || 


इसी अहंकार के कारण ,वह खुद को ,

ऊँचा और ,दूसरों को तुच्छ समझता है ,

वह अहंकार में डूबा ,शिखर पर बैठकर ,

राजा की भाँति ,व्यवहार करने लगता है || 


मगर यही व्यवहार ,उसे अकेलापन भी देता है ,

उसका कोई दोस्त नहीं होता ,

कोई उसे प्यार नहीं करता ,

काश वह यह सब समझ जाता तो ,

उसका जीवन भी सुखमय होता ,सुंदर होता || 


Thursday, October 24, 2024

PUNYA ( AADHYAATMIK )

 

                           पुण्य  


यात्रा कदम - दर - कदम ,चलती है दोस्तों ,

हर राह - हर कदम , दौड़ती है दोस्तों ,

हर कदम ,भी तो ,निशां छोड़ता है दोस्तों || 


उन निशानों की सिर्फ ,कहानी रह जाती है ,

वो निशां कहते रहते हैं ,एक कहानी ,

सभी आने - जाने ,वालों से दोस्तों || 


जिंदा होते हुए ,स्वर्ग के सपने मत देखो ,

पाप क्या है ? पुण्य क्या है ? सोचो जरा दोस्तों ,

किसी का दिल ना दुःखे ,तुम्हारे कारण ,

होठों पर मुस्कान आए ,तुम्हारे कारण ,

यही सबसे बड़ा ,पुण्य है दोस्तों || 


Wednesday, October 23, 2024

KARM KII REKHAA ( KSHANIKAA )

 

                       कर्म की रेखा 


मिलती हुई खुशियों को ,मुट्ठी में जकड़ लो दोस्तों ,

सारी मुस्कानों को होठों में ,पकड़ लो दोस्तों ,

जीवन बहुत लंबा नहीं होता ,जितना भी हो काफी है ,

सिर्फ कर्म की रेखा को ,लंबी कर लो दोस्तों || 


मुट्ठी में जकड़ी खुशियों को ,धीरे -धीरे फिसला कर ,

थोड़ी -थोड़ी सी ख़ुशी ,सबकी मुट्ठी में जकड़ा दो दोस्तों ,

होठों में पकड़ी मुस्कानों को ,दूजों के चेहरों पर ,

फूलों की तरह मुस्कानें ,महका दो दोस्तों || 


जीवन में गर तुम ,काम ये कर जाओगे ,

अपनी मुस्कानों को ,जो सब में बाँट जाओगे ,

तो अपने साथ - साथ सब की ,

झोली खुशियों से भर जाओगे ,

तो कर दो ना जल्दी से ,ये काम ,ये काम दोस्तों || 


Tuesday, October 22, 2024

UMMEED BADII SII ( KSHANIKAA )

 

                          उम्मीद बड़ी सी 


चाह में मंजिल की , उम्मीदों से ,

बँधा एक परिंदा हूँ मैं दोस्तों ,

राह में कितनी भी मुश्किलें आएँ ,

उम्मीदों को दिल में लिए एक परिंदा  || 


मेरी उड़ान की डोर का नाम है उम्मीद ,

मेरी जिद की उड़ान है उम्मीद ,

जिंदगी है उम्मीदों का दूसरा नाम ,

और जिंदगी का दूसरा नाम है उम्मीद || 


उम्मीद के घोड़े पर सवार होकर ,

आशाओं की लगाम पकड़े ,

बढ़ते रहे हम मंजिल की ओर ,

मंजिल का दूसरा नाम ही तो है उम्मीद || 


मंजिल के मिलते ही ,सब रुक गए ,

मगर यह तो गलत है दोस्तों ,

मंजिलों को पार करके आगे बढ़ना ,

ही तो बड़ी सी उम्मीद है ना दोस्तों ||

Monday, October 21, 2024

NEELKANTH ( AADHYAATMIK )

 

                             नीलकंठ 


जय -जय ,जय -जय ,हे शिव शंकर ,

ये प्याला तेरे नाम का पिया ,

उतर आओ कैलाश से तुम ,

ये माँगे सभी का जिया || 

 

सभी जन हैं माँगते ,तुम्हारा ही आशीष ,

तुम्हारे ही संग -संग सबने ,

गौरा का भी नाम लिया || 


सब ही तुम्हारा नाम पुकारें ,

भक्ति -रस में डूब ही जाएँ ,

हर ओर शंकर तुम्हारे ही तो ,

नाम का घंटा बजा || 


दुनिया में जितना विष फैला ,

तुमने ही  विषपान किया ,

तभी तो जग वालों ने तुमको ,

नीलकंठ है नाम दिया ||




Sunday, October 20, 2024

SAHEE SAMAY ( KSHANIKAA )

 

                                  सही समय 


जीवन को हँस के जी लें ,वह संवर जाएगा ,

किसी को मुस्कान दे दें ,वह निखर जाएगा ,

अपनों को प्यार कर लें ,वह मुखर जाएगा || 


जिंदगी को सरल नहीं ,मजबूत बना लो ,

सही समय कभी नहीं ,आता है दोस्तों ,

समय को ही सही ,बनाना पड़ता है दोस्तों || 


समय रुकता ,कभी नहीं है दोस्तों ,

चलता ही नहीं ,दौड़ता चला जाता है दोस्तों ,

अच्छा हो या बुरा समय ,कभी रुकता नहीं है दोस्तों ,

क्या कहा कैसे ?अच्छे कर्म से ,अच्छे व्यवहार से || 


Saturday, October 19, 2024

WAJAH ( KSHANIKAA )

       

                           वजह 


कुछ भी बेवजह नहीं होता ,

हर सुबह आते ही बताती है ,

कि तुम्हारे जीवन का लक्ष्य ,

अभी पूरा नहीं हुआ है ,

उस लक्ष्य प्राप्ति केलिए ,

अभी  तुम्हें बहुत प्रयास करना है ,

प्रयासों से ही तो सफलता ,प्राप्त होती है दोस्तों || 


हर प्राप्ति ,हर प्रयास से हमें ,

कुछ ना कुछ जरूर मिलता है ,

कभी हमें सफलता मिलती है ,

कभी कुछ सीख ,हमारे ज्ञान को बढ़ाती है || 


मतलब यह कि हमारी झोली में ,

कुछ ना कुछ आता ही है ,

तो दोस्तों असफल होने पर भी ,

कभी दुःख ना मनाना ,

हमेशा अपनी मुस्कानों को ,बरकरार रखना ||


Sunday, October 13, 2024

DAL DAL ( KSHANIKAA )

 

                             दलदल 


बरखा बरसी ,जल - थल हुआ संसार ,

चमक दामिनी ले कर आई ,साथ में गर्जनार ,

उस जल से भरे ,ताल - तलैया ,

नदिया की मोटी हो गई धार ||  


 कल - कल करती दौड़ी नदिया ,

साथ की माटी बनी उपजाऊ ,

हरे -भरे हैं खेत हरियाए ,

अन्नदाता के भर गए भंडार || 


नदिया रही दौड़ती -दौड़ती ,

साथ लिए माटी का भंडार ,

पर मानव ने दिया नदी को ,

सारी गंदगी का भंडार || 


जब हो गया पानी गंदा ,

नदिया हो गई जल - विहीन ,

धीरे - धीरे सूखी नदिया ,

माटी की दलदल के साथ || 





Thursday, October 10, 2024

KYAA ? ( SAMAJIK )

 

                          क्या  ?


जिंदगी हमारी डूब जाती है ,जब झूठके समंदर में ,

हम परेशान हो उठते हैं दोस्तों ,

जिंदगी जब सच की नाव पर ,सवार होती है ,

सब परेशान हो उठते हैं क्यों ? 

अब बताओ तुम्हीं ,हम क्या करें दोस्तों ? 


अहंकार तो दोस्तों ,अहंकारी पर ही भारी होता है ,

इसलिए अहंकार को छोड़ ,नम्रता को अपनाओ ,

मगर किसी को अहंकार हो ,तो वह क्या करे दोस्तों ? 


नम्रता अपनाने के बाद भी ,ग़लतफ़हमी अगर सताए ,

तो वह तो सच को पास में ,फटकने भी नहीं देती ,

गलतफहमी होने पर ,हम क्या अपनाएँ दोस्तों ? 


दूसरों के बारे में ,कभी कोई अनुमान ना लगाओ तुम ,

क्या उसकी उलझनों की ,जानकारी है तुम्हारे पास ? 

तो क्यों अपने दिमाग को ,उलझनोंमें लपेटो दोस्तों ? 


Monday, October 7, 2024

REET GAYAA ( JIVAN )

 

                         रीत गया 


जो बीत गया ,वो रीत गया ,जो है शेष ,वही विशेष ,

भूत काल में किए कर्मों को ,हम बदल नहीं सकते ,

दोस्तों ,मगर आने वाले कल ,यानि भविष्य  में ,

हम वही कर सकते हैं ,जो हम करना चाहते थे ,

दोस्तों ,इसलिए जो है शेष ,वही विशेष || 


मुस्कानें बाँटना ,खुद को भी मुस्काता है ,

खुशियाँ बाँटना ,खुद को भी खुश करता है ,

इसलिए लाओ ,अपने होठों पर मुस्कान ,

और भर दो ,दूसरों की भी खान || 


रंगों से भर दो ,अपने बनाए चित्रों को ,

चित्र बोल उठेंगे ,और आप भी मुस्कुरा उठोगे ,

तो दोस्तों यही  है ,मुस्कानें बाँटने का तरीका ,

दूसरों को खुश करने का तरीका ,

खुद भी खुश होने का तरीका || 


Sunday, October 6, 2024

SUNDARTAA ( CHANDRAMAA )

 

                                 सुंदरता 


तुम पुकार लो ,जीवन संवार लो ,

अपना प्यार हमें दो ,हमारा प्यार लो ,

जीवन की बगिया को ,फूलों से महका लो ,

सुंदरता दुनिया की ,दिल में बसा लो || 


इंद्रधनुष के रंगों को ,आँखों में बसा लो ,

दामिनी की चमक से ,आँखों को चमका  लो ,

दामिनी की गर्जन से ,धड़कनें बढ़ा लो ,

सुंदरता दुनिया की ,दिल  बसा लो  || 


चंदा की चाँदनी से ,जीवन चमका लो ,

चाँदी जैसे रंग में ,आँचल रंग डालो ,

चंदा की मुस्कान को ,होठों में उतार लो ,

सुंदरतादुनिया की ,दिल में बसा लो ||  


Friday, October 4, 2024

SAATH BADARAA KAA ( JALAD AA )

 

                          साथ बदरा का 


मेरे प्यारे बदरा दोस्त ,पवन संग उड़ता चल ,

हर जगह ,हर राह पर ,पानी प्यार का बरसाता चल || 


तेरे शीतल जल से ,तपन दूर हो धरती की ,

धरती प्यार भरी वाणी में ,स्वागत उसका करती सी || 


हरी - भरी धरती चहकी ,बदरा ने खूब बरसाया जल ,

धरती ने ही इस मौसम में ,खूब - खूब पाया जल || 


जन -जीवन फूलेगा - फलेगा ,पाएगा शीतल जल ,

बदरा को देगा धन्यवाद ,देने पर शीतल जल || 


बदरा भी पवन संग झूमेगा ,पाकर उसका साथ ,

पवन भी बह चलेगी ,पाकर बदरा का साथ || 


Thursday, October 3, 2024

KARO BHALAAI ( KSHANIKAA )

 

                           करो  भलाई


मीठा - मीठा बोल के ,मन सबका ललचाय ,

मगर नियत खराब हो ,तो बुरा वो कर -कर जाय ,

बुरा वो कर जाय ,तो उससे दूर रहो ,

उसी के कारण तुम किसी ,मुश्किल में ही फँस जायँ  ||


कड़वा बोले जो कोई ,बुरा वो लगता जाय ,

मगर नियत का साफ हो ,अच्छा वो कर जाय ,

अच्छा वो कर जाय ,उसे संग ही राखो ,

उसी के कारण तुम सभी ,मुश्किल से वापस आय || 


करते रहो भलाई तुम ,जो तुमसे हो पाय ,

उस भलाई से ही , मदद काहू की हो जाय ,

मदद काहू की हो जाय ,तुम्हारा भी अच्छा हो ,

उस जरूरत मंद की ,दुआ तो तुम ही पायँ  || 


दो मुस्कान किसी को ,मन उसका खिल जाय ,

दोगे जो मुस्कान जो ,तेरा मन भी खिल जाय ,

तेरा मन खिल जाय ,तो खुशियाँ मिलेंगी सबको ,

ऐसे में तो जग में ,सबकी खुशियाँ खिल जायँ ||

Wednesday, October 2, 2024

LIKHVAAOON ( RATNAAKAR )

 

                        लिखवाऊँ 


आ सागर मेरी बाँहों में आ ,

तुझको गले लगाऊँ मैं ,

साथ तेरे मुस्काऊँ मैं || 


रहेंगे हम साथ - साथ हमेशा ,

एक ही छत के नीचे ,

तू है मेरा ,मैं हूँ तेरी ,

दुनिया को समझाऊँ मैं || 


कोरा कागज मेरा मन था ,

कोरा कागज तेरा मन था ,

उन दोनों पे एक दूजे का ,

नाम जरूर लिखवाऊँ मैं || 


चंचल लहरें हँसते - हँसते ,

हम को हैं बुलातीं ,

उनके पास भी फिर से ,

अपना पता लिखवाऊँ मैं || 


Tuesday, October 1, 2024

MAHAKTII MAATII ( DESH )

 

                         महकती माटी 


फूलों की महक से ,दुनिया महक जाती है ,

उन्हीं फूलों के इत्र से , दुनिया महक जाती है ,

मगर दोस्तों क्या आपने ? 

वर्षा की पहली बूँदों से आती ,

मिट्टी की सौंधी महक ,महसूस की है कभी ??

 

इससे सुंदर और प्यारी महक ,महसूस की क्या आपने ?

इतनी महकीली महक ,इतनी रंगीली महक ,

किसी और की नहीं है दोस्तों || 

 

हमारी माटी की महक ,हमारी वर्षा की महक ,

यही महक तो हमारा जीवन है ,कोई भी इत्र ,

कोई भी फूल ,उसकी बराबरी नहीं कर सकता ,

तभी तो माटी की महक के लिए ,किसी ने ,

बहुत सुंदर लिखा है ,-- " चंदन है माटी मेरे देश की "|| 

 


Monday, September 30, 2024

MAIN TUMHARII HOON ( PREM )

 

                                 मैं तुम्हारी हूँ 


मैं तुम्हारी हूँ ,हाँ ,मैं तुम्हारी  हूँ ,

मगर क्या यह पूर्ण सत्य है ? 

कि मैं सिर्फ तुम्हारी ही हूँ ? 


सोचो तो जरा ,ईश्वर मेरा है ,मैं उसकी हूँ ,

यह प्रकृति मेरी है ,और मैं उसकी हूँ ,

सूरज ,चाँद ,तारे ,बदरा ,पवन दामिनी ,

गीत ,संगीत ,मेरी लेखनी ,मैं इनकी हूँ || 


मेरा परिवार ,मेरे दोस्त ,पड़ोसी ,

और यह समाज ,मैं सभी की हूँ ,

मेरा देश ,ये दुनिया ,मेरे कर्म ,मेरे कर्तव्य पथ ,

मैं इन सब की हूँ ,

तो तुम ही बताओ ,मैं कैसे कह दूँ ?

कि मैं सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी  हूँ ,

मगर भरोसा करो मेरा ,कि मैं तुम्हारी हूँ || 


Sunday, September 29, 2024

UJAALON SE ( KSHANIKAA )

 

                                उजालों से 


हर किसी के घर में ,तुम जो ,

बिजली ना दे सको , तो क्या ? 

मिट्टी का दीया ही जला दो यारों ,

घर के अंधेरों को ,दूर कर दो यारों || 


दीया जलाने ,जब जाओगे तुम यारों ,

हाथ में दीये का उजाला ,

तुम्हें भी  उजाला देगा ,उसी उजाले से ,

तुम्हारा भी तो ,चेहरा चमकेगा यारों  || 


दूसरे के घर में ,दीया जलाना शुभ है ,

उनके घर उजाला फैला ,तो तुम्हारा भी तो ,

चेहरा चमक उठा है ,आँखें चमक उठीं हैं यारों || 


रुकना नहीं ,ऐसे ही चलते जाना यारों ,

जीवन सुंदर और सुन्दरतम  बना लो यारों ,

सभी के जीवन को ,उजालों से भर दो यारों || 


NIRNAY KARTTA ( KSHANIKAA )

 

                               निर्णय कर्त्ता 


जीवन में कोई भी ,फैसला करने पर ,

हम सोचते हैं कि ,हमने फैसला किया ,

हम इसी गलतफहमी में ,डूबे रहते हैं ,

कि यह फैसला ,यह निर्णय हमने लिया || 

 

मगर सच्चाई ,कुछ अलग होती है दोस्तों ,

वह निर्णय हमारा नहीं ,वक्त का होता है ,

वक्त ही  निर्णय  लेता है ,हमारे लिए ,

शायद वही हमारा ,निर्णय कर्त्ता है दोस्तों || 


वक्त ही तो हमारा ,दोस्त है ,

हमारा परिवार ,हमारा प्यार  है ,

तभी तो वह ,हमारे लिए एक ,

शुभचिंतक बन कर ,हर निर्णय ,

ले लेता है ,निर्णय कर लेता है ,

निर्णय कर्त्ता बन कर दोस्तों || 

 

Thursday, September 26, 2024

ADHYAAPAN ( KSHANIKAA )

 

                             अध्यापन 


दुनिया में कार्य बहुत हैं ,अलग - अलग क्षेत्र में ,

उन्हीं में से एक है अध्यापन ,एक सम्माननीय क्षेत्र में ,

इस कार्य से समाज और देश में ,

विकास तेजी से होता है || 


पुराने समय में अध्यापन ,गुरुकुलों में होता था ,

शिष्य गुरुकुल में जाकर ही ,ज्ञान अर्जित करते थे ,

वहीं रहकर ,शिष्य गुरु की आज्ञा का पालन ,

श्रद्धा पूर्वक करते थे || 


आज शिक्षा ग्रहण का ,रूप बदल गया है ,

शिष्य - गुरु परंपरा समाप्त हो गई है ,

विद्यार्थी विद्यालय में जाकर ,शिक्षा प्राप्त करते हैं ,

अध्यापक उन्हें हर विषय का ज्ञान देते हैं ,

विद्यार्थी और उसके माता - पिता ,विद्यालय को ,

धन द्वारा ,फीस देते हैं ,आज शिक्षण द्वारा ,

हर क्षेत्र के लिए ,योग्यताएँ तैयार करते हैं ,

जिससे हर क्षेत्र में कार्य हो सके ,

जिससे समाज और देश विकसित हों || 


Wednesday, September 25, 2024

INSAANIYAT ( KSHANIKAA )

 

                       इंसानियत  


जग में फैली फूलों की खुश्बु ,

मेरी साँसें महकीं ,तेरी साँसें महकीं ,

सारी दुनिया भरी महक से ,

मैं भी महकी ,तू भी महका ,

साथ - साथ ये जीवन महका || 


रंगों से दुनिया रंगीन हुई ,

मैं भी रंग गई ,तू भी रंग गया ,

सपने में इंद्रधनुष जो छाया ,

गगन भी पूरा रंग गया || 


ये रंग ,ये महक ,खुशियाँ देने वाले हैं ,

मगर इन सबसे बड़े हैं ,

इंसानियत के रंग ,इंसानियत की महक ,

इंसानियत और मानवता निभाते हुए ,

किसी की मदद करोगे ,या किसी के ,

होठों पर मुस्कानों के फूल खिलाओगे ,

तो उसके रंग और महक में ,

तुम भी रंग जाओगे ,तुम भी महक जाओगे ,

तो शुरु कर दो दोस्तों || 


Tuesday, September 24, 2024

MAHAK ( KSHANIKAA )

 

                                    महक 


पेड़ों की सुंदरता का विवरण उसकी ,

पत्तियों ,फूलों ,फलों आदि से किया जाता है ,

मनुष्य के बारे में ,उसके ,

आचार -विचार ,उसके कर्मों से किया जाता है ,

पेड़ों के गुण ,उसके सभी ,

भागों के गुणों पर निर्भर हैं  ,

मनुष्य के गुण ,उसके व्यवहार ,

उसके कर्मों के गुणों पर निर्भर हैं || 


जैसे पेड़ों के गुण ,और उनकी महक ,

दूर तक फैलती है ,

वैसे ही मनुष्य के गुण ,और उनकी महक ,

दूर तक फैलती है || 


तो अपने गुणों को ,विकसित कर लो दोस्तों ,

ताकि उनकी महक ,दूर -दूर तक ,फ़ैल जाए दोस्तों || 



Monday, September 23, 2024

AANAND ( JIVAN )

 

                             आनंद 


हमारी धरा ,हमारी प्रकृति ,देती है हमें सब कुछ ,

कितने ही मौसम ,कितनी ही ऋतुएँ ,हैं आती -जाती ? 

हम आनंद लेते हैं ,हर मौसम का ,हर ऋतु का || 


हर मौसम शुरु होता है , तो बदल जाता है ,

हमारा खानपान ,हमारी वेशभूषा ,हमारा समय ,

और हम आनंद लेते हैं ,हर मौसम का ,हर ऋतु का || 


जो संसार में आता है ,वह वापिस जाता है दुनिया से ,

इसी तरह ,जो मौसम शुरु होता है ,

वह ख़त्म भी होता है ,यानि मौसम  का ,

अंत भी होता है ,और अपने पीछे आनंद छोड़ जाता है || 


अंत का भी अंत होता है ,

अनंत कुछ भी नहीं है ,यहाँ इस दुनिया में ,

देखो ना पूरे साल में ,पतझड़ भी आता है ,

समझो जरा ,पूरे साल बसंत नहीं होता ,

और हम आनंद लेते हैं ,हर मौसम का ,हर ऋतु का || 


Sunday, September 22, 2024

ACHCHHE DIN ( JIVAN )

 

                          अच्छे दिन 


अच्छे दिन आएँगे ,सुनते - सुनते हमने ,

भी विश्वास किया और ,

इंतजार किया , हमने अच्छे दिनों का ,

करते रहे इंतजार ,करते रहे इंतजार ,

दिन बिताते रहे ,समय उड़ता रहा || 

 

ऐसा करते - करते ,वर्षों पर वर्ष बीतते गए ,

और वह दिन भी आया ,कि उम्र ही गुजर गई ,

जब  यह  समझ आया ,तो पीछे  मुड़कर  देखा ,

बीते दिनों की ओर ,और चौंक गए || 

 

अरे ! वो दिन तो ,बहुत अच्छे थे ,

और हम आगे के ,अच्छे दिनों का ,

इंतजार कर रहे थे ,उन अनजान दिनों का ,

जिनके बारे में हम ,कुछ भी नहीं जानते थे || 

 

काश हम जान पाते ,कि जो आज है ,

वही अच्छा है ,उसी को अच्छे से ,

जी लो ,वर्तमान समय ही ,

सबसे अच्छा होता है ,  

इसी बात को जान लो दोस्तों || 

 

Saturday, September 21, 2024

SANVAARTI ( JIVAN )


                      संवारती 


ख्वाहिशों का पिंजरा ,एक बार जिसे जकड़ता है ,

उसे अपने अंदर ही ,ताकत से पकड़ता है ,

उसकी पकड़ में फँसने पर ,कुछ ख्वाहिशें ,

टूट भी जाती हैं ,मगर फिर भी ,

नई ख्वाहिशें पनपती ही जाती हैं || 


हमारी ख्वाहिशें ,कुछ पूरी हुईं और ,

कुछ टूटीं ,मगर नई ख्वाहिशें जो जन्मीं ,

उन्हें पूरी करने के लिए दोस्तों ,

हमें उपाय तो करना ही होगा ,

कुछ परिश्रम तो करना ही होगा || 


दिल और दिमाग में ,पैदा हुई ख्वाहिशें ,

जैसे - जैसे पूरी होती हैं  ,

खुशियों भरी मुस्कान खिलाती हैं ,

वही मुस्कान जीवन को सुंदर और ,

मनमोहक बना कर संवारती है || 


KHAJAANA ANOKHAA ( PREM )

 

                          खजाना अनोखा 


कभी भी परेशानी में ,किसी भी उलझन में ,

धैर्य बनाए रखो दोस्तों ,धैर्य रखने पर ,

थोड़ा समय बीतने पर ,परेशानी से निकलने का ,

रास्ता निकाल सकते हैं दोस्तों ,

किसी भी समस्या की सुलझन का ,

रास्ता निकाल सकते हैं दोस्तों || 


अपनी उलझनों को ,अपनी परेशानियों को 

दूर कर दोगे जब ,दूसरों की जरूरतों के समय पर ,

कुछ वक्त दूसरों को भी दो दोस्तों ,

तभी तो तुम्हारे ,व्यक्तित्व की चमक बढ़ेगी दोस्तों ,

सभी  के दिल में ,तुम स्थान पाओगे ,

जब उनकी मुस्कानें बढ़ाओगे दोस्तों || 

 

तो चलो शुरु करते हैं यह काम ,

यही रास्ता अपना लेते हैं ,

दौड़ पड़ते हैं,साथ में ले लेते हैं ,

मुस्कानों का अनोखा खजाना ,

और बाँटते चले जाते हैं ,मुस्कानें सभी को || 

 


Thursday, September 19, 2024

HIMMAT ( JIVAN )

 

                                     हिम्मत 


डरते - डरते ना करो ,कभी भी कोई काम ,

या तो जीत मिलेगी ,नहीं तो सीख तुम्हारे नाम ,

सीख तुम्हारे नाम ,जरा तो तुम मुस्काओ ,

मुस्का - मुस्का कर ही ,तुम सीख का जश्न मनाओ || 


डर -डर के जो काम किया ,सदा बिगड़ वो जाय ,

डरने से तो दोस्तों ,सेहत भी बिगड़ी जाय ,

सेहत भी बिगड़ी जाय ,तो तुम हिम्मत मत हारो ,

हिम्मत की पतवार चला ,तुम सीख का जश्न मनाओ || 


हिम्मत में गुण बहुत हैं ,सदा राखिए संग ,

जहाँ जरूरत पड़ेगी ,हिम्मत ही तो संग ,

हिम्मत ही तो संग ,कमजोरी ना अपनाओ ,

हिम्मत करके ही ,तुम सीख का जश्न मनाओ || 


Wednesday, September 18, 2024

AA VE AA ( GEET )

 

                     आ वे आ 

 

 मेरे बचपन तू आ आ ,इस उम्र को ले जा ,

आ वे आ ,तैनूँ रब दा वास्ता,

छाईं काली घटा ,आईं ठंडी हवा ,

आ वे आ ,तैनूँ रब दा वास्ता || 


कितने मौसम बीत गए ? समय को पंख लग गए ,

जाने मेरे पैरों को कब ? पंख लगाएँ परियाँ ,

ऐसा जल्दी हो जाए ,कुछ देर ना लगा ,

आ वे आ ,तैनूँ रब दा वास्ता || 


बेरियाँ नुँ बेर लग गए ,वे तौबा ,

फूलों से झुक गईं डालियाँ ,

जाने मेरे बालों से कब ,बन पाएँगी दो चोटियाँ ,

लंबी - लंबी चोटी में ,तू परांदी तो  लगा ,

आ वे आ ,तैनूँ रब दा वास्ता || 



Tuesday, September 17, 2024

DHAAM BAPPAA KAA ( AADHYAATMIK )

 

                           धाम बप्पा का 


गए हैं बप्पा अपने धाम ,खाली कर गए हैं मकान ,

वो तो पहुँच गायब अपने ,माता - पिता के धाम || 


पाएँगे प्यार अपने माता - पिता से ,

करेंगे बातें अपने माता - पिता से ,

खुश होंगे ,खुशियों को पाएँगे ,अपने माता -पिता से || 


ये खुशियाँ वो इकट्ठी कर ,बाधेंगे आँचल में ,

अगले बरस तभी तो ,बाँटेंगे अपने भक्तों में ,

खुशियों का खजाना लेके ,वो लौटेंगे भक्तों के धाम || 


भक्तों को अभी से ,इंतजार है अगले बरस का ,

हम भी उन्हीं में शामिल हैं ,हम भी उन्हीं में शामिल हैं ,

हम भी बुलाएँगे बप्पा को अपने धाम || 


Monday, September 16, 2024

MADHURAM ( JIVAN )

 

                         मधुरं 


सत्यं ,शिवम् ,सुंदरं ,जीवन हुआ मधुरं ,

प्रकृति की गोद में छिपकर ,बंधु जीवन हुआ मधुरं ,

तभी तो जीवन में ,कठिनाई हुई मध्यम || 


रंगों का इंद्रधनुष खिला ,हमारे अँगना ,

तभी तो दुःख दूर भागे ,चले हमारे संग ना ,

मुस्कानें खिल गईं होठों पे ,उदासी हुई कम ,कम || 


सोच में सुंदरता का कमल खिल गया ,

फूलों का मानो ,बगीचा महक गया ,

ऐसे में ही तो ,महक में डूब गए हम ,हम || 


Sunday, September 15, 2024

DUSHMAN BHI JAROORI HAIN | ( KSHANIKAA )

 

                    दुश्मन  भी जरूरी हैं | 

 

जिंदगी में खुश रहने के लिए ,दोस्तों का साथ चाहिए ,

मुस्कानों और ठहाकों के लिए ,दोस्तों का साथ चाहिए ,

सैर - सपाटों के लिए भी ,दोस्तों का साथ चाहिए ,

पिकनिक और पार्टी के लिए ,दोस्तों का साथ चाहिए || 

 

मगर क्या आपको पता है दोस्तों ?

जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए ,

दुश्मन जरूर चाहिए ,

ऊँचाइयों को छूने के लिए ,दुश्मन जरूर चाहिए ,

मेहनत का  दरिया पार करने के लिए ,

दुश्मन जरूर चाहिए  ||

 

क्योंकि प्रेरणा हमें वही देते हैं ,

उन्हीं के रोकने से ,हम पाते हैं ,

आगे बढ़ने की प्रेरणा ,इसलिए ,

दोस्तों के साथ - साथ ,दुश्मन भी जरूरी है ,

दुश्मन भी बहुत जरूरी है || 



Saturday, September 14, 2024

HAR PAL JIVAN , HAR PAL MAUT ( JIVAN )

 

                       हर पल जीवन ,हर पल  मौत 


सुना बहुत है दोस्तों ,जिंदगी एक बार मिलती है ,

नहीं ,नहीं  दोस्तों ,जिंदगी तो रोज ही मिलती है || 


नींद से जागे हम ,वही नवजीवन है ,

गमले में बीज जो बोये ,नवांकुर निकले ,

जब पहला फूल खिला ,वही नवजीवन है || 


पहला गीत गुनगुनाया ,वही नवजीवन है ,

थिरकने को कदम बढ़ाया ,वही नवजीवन है ,

मत सोचो कि जिंदगी ,एक बार मिलती है ,

हर सुंदर पल में ,मिलता नवजीवन है || 

 

इसी तरह मौत भी दोस्तों ,बहुत बार मिलती है ,

अपनों ने जब   दुत्कारा ,वही तो मौत है ,

अपनों ने जब धिक्कारा ,वही तो मौत है ,

रात को नींद आती है ,वह भी तो मौत है ,

जिस नींद में सपने ना हों ,वही तो मौत है ,

तो दोस्तों हर पल ही जीवन है ,हर पल ही मौत है || 


Friday, September 13, 2024

MAAN KII BINDI - HINDI ( DESH )

 

                         माँ की बिंदी - हिंदी 


हिंदी दिवस की आप सब को बहुत -बहुत बधाई ,

मेरी भावनाओं को पढ़कर राय दीजिएगा ---


भारत माता के माथे की बिंदी ,

ये है चमकती हिंदी , हिंदी ,

शुद्ध ,सरल सी है यह भाषा ,

प्रीत ,प्रेम और प्यार की भाषा ,

ये है सुर ,लय ,ताल की हिंदी || 


सरगम बनी है इस हिंदी से ,

गीत सजे हैं इस हिंदी से ,

कविता का यह रूप सजाती ,

होठों पर मुस्कानये लाती ,

ये है सुर ,लय ,ताल की हिंदी || 


माता की लोरी सजती इसी से ,

पिता का प्यार बरसता इसी से ,

राखी के धागे बुनते इसी से ,

आराधनाएँ रचतीं इसी से ,

ये है सुर ,लय ,ताल की हिंदी || 


THAHAAKE ( DOHA )

 

                           ठहाके 


मुस्कुराहटों के फूल ,होठों पे सजा लो यारों ,

जिंदगी में सुंदर सी ,कलियों को चटखा लो यारों || 


दिन - ब -दिन ,जिंदगी बीतती जाती है ,

उसकी यादों को ,मुस्कानों से सजा लो यारों || 


कदम बढ़ा कर ,थाम लो हाथ दोस्तों का ,

उन्हीं के साथ ,ठहाके भी लगा लो यारों || 


अगर दूर हो जाओ ,तुम दोस्तों से कभी भी ,

जल्दी ,जरा जल्दी ही ,मोबाईल तो मिला लो यारों || 


उम्र का नंबर तो ,बढ़ता ही रहेगा दोस्तों ,

दोस्तों की संख्या भी तो ,तुम बढ़ा लो यारों ||


Wednesday, September 11, 2024

BHAAVNAAEN ( KSHANIKAA )

 

                               भावनाएँ 


प्यार किया इंसान से ,प्यार दिया इंसान को ,

कमजोर किया उसने हमें ,

प्यार किया भगवान से ,प्यार दिया भगवान को ,

मजबूत किया उसने हमें || 


वही देता है वह शक्ति ,वही देता है वह ताकत ,

दुनिया में जीना ,सिखाया उसने हमें ,

वह ही असली ताकत है ,वह ही असली हिम्मत है ,

विश्वास दिया उसने हमें || 


हिम्मत और विश्वास से ही ,जो प्यार पैदा होगा ,

वह कमजोरी नहीं लाएगा ,

वही प्यार इंसान के दिल में पनपेगा ,

और इंसान के दिल तक पहुँचाएगा हमें ,

पूरे जग के दिलों तक पहुँच कर ,

उनका विश्वास दिलाएगा हमें || 

 

Tuesday, September 10, 2024

NEEND ( KSHANIKAA )

                    

                         नींद 


दिन और रात का समय ,बनाया धरा ने ,

ये समय बनाया गया ,रवि के साथ मिलकर ,

धरा जब घूम जाती  है ,अपनी धुरी पर ,

आधी धरा में ,दिन है निकलता ,

आधी पर रात होती है || 


दिन में मानव करता है ,अपनी दिनचर्या का काम ,

मगर रात को मानव ,करता है पूर्ण आराम ,

रात में नींद है आती ,जो मानव को है सुलाती ,

तभी तो मानव कर लेता ,विश्राम और विश्राम || 


नींद तो सुंदर ,सुंदर ,बहुत सुंदर सी है क्रिया ,

मानव को वह सुला देती ,पूर्ण विश्राम है कराती ,

सभी भावनाओं को ,दिन की थकावटों को ,

यह नींद ही भुला देती ,भुला देती || 


नहीं अहसास रहता है ,उस समय कोई ,

जब मानव है सोया ,गहरी नींद में वो खोया ,

अक्सर सपने तो आते हैं ,पूरी दुनिया घुमाते हैं ,

मानव के भावों को भुलाकर ,वह खिलखिलाते हैं || 

 

Monday, September 9, 2024

CHHOTAA SAMAY ( KSHANIKAA )

 

                            छोटा समय 


जीवन की राहें ,लंबी हैं दोस्तों ,

चलते - चलते ,समय बीत रहा दोस्तों ,

लंबी सी राहें ,तो पार हो गईं हैं ,

छोटा सा हिस्सा ही ,तो बाकि पड़ा है || 


बहुत मेहनतों से ,पार हुईं हैं ये ,

बहुत सी अड़चनें ,आईं इस राह में ,

मगर मेहनतों से ,आए हम यहाँ तक ,

अब तो छोटा रास्ता ,बाकि पड़ा है || 


आगे का समय तुम तो ,हँस कर बिता लो ,

उम्मीदों में डूबे ,आशाएँ खिला लो ,

यह समय मुस्का कर बीता ,

तो पिछली मेहनत सफल होगी ,

खुशियों में डूबी दोस्तों ,कल की सुबह होगी ,

दोस्तों कल की सुबह होगी || 


Saturday, September 7, 2024

SHAANT CHAAL ( JIVAN )

 

                            शांत चाल 


मिला है जीवन हमें ,मिला है समय हमें ,

साँसें मिलीं ,धड़कन मिली दिल में ,

मगर सब कुछ सीमित है ,यही हमारा धन है ,

बढ़ेगा बिल्कुल नहीं ,ध्यान रखिएगा || 


कमाए हुए धन को ,खर्च करते हैं हम ,

मगर सोच समझ कर ,बचत करते हैं हम ,

इसी तरह ,साँसें ,समय को ,

धीरे - धीरे ,खर्च करते रहें हम ,

थोड़ी -थोड़ी बचत करते हुए || 


धड़कनों को तेज ना होने दें ,

धड़कनों को बहुत धीमा ना होने दें ,

जीवन को शांति से गुजरने दें ,

तेज दौड़ना नहीं ,शांत चाल से चलते रहिए || 


शांत चाल ,शांत जीवन ,यही सब ,

तो स्वस्थ मन ,स्वस्थ दिमाग की पहचान है ,

 इन सब को अपनाओगे तो ,

अच्छा स्वास्थ्य भी आपको अपनाए रखेगा || 

 


JOOTE KII AATMKATHA ( BAAL SAAHITYA )

 

                            जूते की आत्मकथा 

यह आत्मकथा मेरे नाती अंश अरोरा 

( कक्षा - 6 ) की लिखी हुई है | कृपया 

पढ़कर अपनी राय दें और अंश को 

आशीष दें || 


सभी लोग मुझे अपने पैरों में पहनते हैं | मैं 

कारखानों में बनाया जाता हूँ | मैं लोगों के 

पैरों की रक्षा करता हूँ | बताओ तो जरा --

-- मैं कौन हूँ ? 

आपने क्या जवाब दिया ? मैं एक जूता हूँ | 

" हाँ जी ! मैं एक जूता हूँ "| सही जवाब || 


मेरा जन्म एक कारखाने में हुआ था | मैं 

काले रंग के चमड़े से बना जूता हूँ | मेरे 

बहन - भाई अलग - अलग रंग और सामान 

से बने हैं | लाल ,पीला ,सफ़ेद आदि रंग और 

कपड़े ,प्लास्टिक ,धातु आदि से मेरे भाई -

बहन बने हैं | 

एक दिन एक आदमी ने मुझे दुकान दार 

से खरीदा | वह मुझे प्रतिदिन पहन कर

 ऑफिस जाता था | रोज मुझे पॉलिश करके 

चमकाता था | जिससे मैं अच्छा दिखाई दूँ | 

             एक दिन उस आदमी को ठोकर 

लग गई ,जिससे मुझे चोट लग गई ,और मैं 

फट गया | उस आदमी ने मुझे अलमारी में 

रख दिया | उसके बाद वह आदमी मुझे भूल 

गया | कुछ दिन बाद उसने मुझे देखा  और  

उसने मुझे   कूड़े दान में   डाल दिया || 

                मुझे बहुत दुःख हुआ | पर फिर 

भी मैंने अपना हौसला बटोरा | अब मैंने 

सोचा कि जल्दी ही मैं एक नया जूता बनकर 

किसी और की मदद करूँगा और उसके 

पैरों की रक्षा करूँगा || 

आप सबने मेरी आत्मकथा सुनी | आप सब 

का बहुत - बहुत धन्यवाद || 

 





Thursday, September 5, 2024

JANM DIN CHANDRAMAA KAA ( CHANDRAMA )

 

                       जन्म दिन चंद्रमा का 


कल चाँदनी उतर कर ,आई मेरे पास ,

चलो सखि चंद्रमा के घर ,जन्म दिन है उसका ,

मैं ख़ुशी -ख़ुशी ,चल दी उपहार लेकर || 


पहुँचे जब चंद्रमा के अँगना ,तारों की बारात थी वहाँ ,

नन्हें तारे खिलखिलाते ,खेलते थे पार्टी में ,

हम भी शामिल हो गए ,तारों के साथ में || 


चंद्रमा जी आए ,तैयार हो कर ,

मुस्कुराहटों से सजे ,खुशियों के साथ में ,

चाँदनी से मिले तो ,और झिलमिल हो गए ,

तारों से मिलकर तो मानो ,खो गए ,जी खो गए || 


जन्म दिन का गीत गाया ,मिलकर सभी ने ,

हैप्पी बर्थडे टू यू से ,गूँजा गगना ,

केक काटा ,मुस्कान के साथ चंद्रमा जी ने ,

उपहार दिए ,चंद्रमा जी को सभी ने || 


सबसे पहले केक खाया सभी ने ,

फिर तो टूट पड़े सभी ,विभिन्न ,स्वादिष्ट व्यंजनों पर ,

व्यंजनों के बाद ,मिष्टान्न उड़ाए गए ,

बाद में सभी ने नृत्य किया ,

और फिर दोस्तों हम लौट आए || 


Tuesday, September 3, 2024

JANM DIN JALAD KAA ( JALAD AA )

 

                       जन्म दिन जलद का 


आए  जलद काले - काले ,बरखा का साया लेकर ,

आया याद मुझे ,आज है ,जन्म दिन जलद का ,

सोचा चलो पार्टी करते हैं ,पवन ,दामिनी के संग  || 


किया फोन दोनों को बुलाया ,योजना बनी पार्टी की ,

की खरीदारी उपहारों की ,और जरूरतें पार्टी की ,

चल दिए तीनों हम ,गगना के अँगना करने पार्टी || 


जलद चकित था ,साथ ही खुश था ,हमें देखकर ,

और हम भी खुश थे दोस्तों ,जलद की ख़ुशी देखकर ,

फोन किया सूरज को ,उसे बुलाया जलद के घर ,

आए चंदा - तारे भी ,सभी खुश थे मिलकर || 

 

चंदा जी ले आए केक ,तारों ने उसे सजाया ,

सभी ने मिलकर ,ख़ुशी - ख़ुशी ,जन्म दिन का गीत गाया ,

हैप्पी बर्थ डे  टू यू के स्वर से ,गगना को गुँजाया || 


खाते -पीते ,डांसकरते ,पार्टी बढ़ चली ,

हम सब को बहुत - बहुत ख़ुशी मिली ,

समय बिताकर ,मस्ती करके , यादें लिए ,

खुश -खुश , हम सब अपने -अपने घर लौटे ||

 

Monday, September 2, 2024

MAUJ MANAO ( JIVAN )

 

                         मौज मनाओ 


दुनिया वाले ,कुछ तो कहते ही रहते हैं ,

दुनिया वालों को ,कहने दो ,बोलने दो ,

बोलने तो दो मगर ,दिल में में जमा मत कर लेना ,

दिल में सब बातें जमा कीं ,तो दोस्तों ,

वह बातें जहर में बदल जाएँगी ,

और जिंदगी मर जाएगी दोस्तों  || 


दुनिया वालों की कही बातें ,

एक कान से सुनो और ,दूसरे कान से निकालो ,

अंदर उतर आए शब्दों को ,बाहर निकालकर ,

जहर बनने से पहले ,दिल को साफ़ करलो दोस्तों || 


दिल साफ़ होगा तोदोस्तों ,

जिंदगी मौज बन जाएगी ,

खुशियों का राज होगा दिल में ,

तो मौज मनाओ दोस्तों ,मौज मनाओ दोस्तों || 


Sunday, September 1, 2024

RATNAAKAR KAA JANM DIN ( RATNAAKAR )

 

                           रत्नाकर का जन्म दिन 


जन्म दिन आया ,रत्नाकर का ,मैं पहुँची सागर बीच ( किनारा ),

लहरों का मेला देख कर ,मैं पहुँची उनके बीच ( बीच में ) ,

लहरों ने जब देखा मुझको ,हाथ पकड़ ले चलीं ,

आओ सखि ! चलते हैं हम -तुम , रत्नाकर के घर || 


हम सब जब अंदर पहुँचे ,शोर मचा था अंदर ,

चंचल लहरें नाच रहीं थीं ,डूबी मस्ती में अंदर ,

हम सब मिल गए उन्हीं में , डूब मस्ती में अंदर || 


रत्नाकर सज -धज कर आया ,लगता था बहुत ही सुंदर ,

हैप्पी बर्थडे टू यू की गूँज में ,उठ खड़ा हुआ बवंडर ,

फिर आया केक दोस्तों ,कटा गया मुस्कानों में ,

बाँटा गया मुस्कानों में ,खाया गया मुस्कानों में || 


उपहार सभी ने दिए ,रत्नाकर था खुश - खुश ,

सभी से करते हुए बतियाँ ,नहीं किसी को रहने देता चुप ,

पार्टी में सभी  हो गए मस्त ,सभी हो गए मस्त || 


खाना -पीना ,डांस करना ,यही तो पार्टी थी ,

हम सब दोस्त खो गए ,लहरों की मस्ती में ,

चंचल लहरों को देख -देख ,हमारा मन भी चंचल था ,

और डांस के फर्श पर ,हम थिरकते गए ,हम थिरकते गए || 


Saturday, August 31, 2024

BANSII BAJAAII RE ( GEET )

 

                                 बंसी बजाई  रे 


कान्हा ने बंसी बजाई रे ,मेरे कान्हा ने बंसी बजाई रे ,

सारी गोपियाँ दौड़ी आई रे  ,मेरे कान्हा ने बंसी बजाई रे || 


सारा गोकुल गूँज उठा रे ,सभी हो गए मतवाले ,

गोपियाँ सारी नाच उठीं हैं ,झूम उठे सारे ग्वाले ,

मेरे कान्हा ने बंसी बजाई रे || 


बरसाने तक धुन पहुँची तो ,राधा हुई मतवाली ,

सब कुछ छोड़ -छाड़ वो दौड़ी ,वो बरसाने वाली ,

मेरे कान्हा ने बंसी बजाई रे || 


माता यशोदा वारि जाएँ ,देख के अपना लल्ला ,

प्यार करें वो कान्हा को ,कह के लल्ला - लल्ला ,

मेरे कान्हा ने बंसी बजाई रे || 


Thursday, August 29, 2024

OUR PLANET EARTH ( BAAL SAHITYA )

 

                     OUR   PLANET   EARTH 

This  article is written  by  my  grand son 

ANSH   ARORA  ( CLASS - 6 ) .Please 

give your comments and blessings .


There are lot of Galaxies in our  Universe .

 A lot of Solar systems in our Galaxy 

( milky way galaxy ) .Our solar system made 

up of mainly sun and planets .

It is blue in colour . Life exists on it .Guess 

who it is ? That's right ! It is our planet earth .

It is the third planet from the sun .

 

It is the only planet in the solar system to have 

life existing on it . Many people also called it the 

' Blue planet '.It was formed due to the Big - Bang '.

The big -bang was a big planet exploding and many 

small pieces being formed called planets .

 

Earth has different land forms like hills ,mountains ,

plateaus and plains etc..When we see earth from 

outer space .We see clouds ,green patches ( forests)

and the remaining portion of it covered with water .

 

At first earth was fully covered with jungles ,but now,

as the population and need of mankind is increasing,

so a lot of forest are getting cut . The earth is covered 

with 79% of water and 21% of  land .


There are many seasons on it like Summer,Monsoon,

Winter,Spring,Autumn etc..


The division of earth can happen like two Poles --

North and South ,both of them are very cold .Then

Tropic of Cancer and Tropic of Capricorn ,in which 

the temperature is moderate , and then comes the 

Equator line where it is very hot .


The water bodies are oceans ,rivers,lakes and ponds

etc..The largest ocean is the Pacific ocean and the 

smallest ocean is the Arctic ocean .The oceans are 

the largest water bodies . One ocean is on the name

 of the country,that is Indian ocean on the name 

of our country ,India .


There are many living things on it -- like plants ,

animals and human being . Many of its forests are 

being cut down to build buildings , if we cut trees

we wouldn't have Oxygen to breath and soon die .


      So please do not cut trees ,

                 SAVE TREES, SAVE  EARTH ,




Tuesday, August 27, 2024

SANTOSH DHAN ( KSHANIKAA )

 

                         संतोष धन   


बहुत बरस पहले ,संत कबीर दास जी ने कहा था ,

" जब आवे संतोष धन ,सब धन धूरि समान,"

ये शब्द कोई संत ही ,कह सकता है दोस्तों ,

बाकि दुनिया तो धन के पीछे ,दीवानी है दोस्तों || 

 

दोस्तों संतोष बहुत ही ,मूल्य वान भाव है ,

जो हर किसी के ,मन में नहीं होता ,

जो व्यक्ति मन को ,अपने वश में कर लेता है ,

वही संतोष का ,रसास्वादन कर सकता है || 

 

संतोष एक मानसिक स्थिति है दोस्तों ,

बिना डोर के उड़ने वाला मन ,

दुनिया के हर कोने में उड़ता फिरता है ,

हर वस्तु की चाह रखता है ,

सुख - सुविधाएँ  ढूँढता है || 


इस मानसिक स्थिति को ,जो भी वश में कर लेता है ,

वही इस संतोष का हकदार होता है ,

यह संतोष ही एक शांति और ,

मुस्कानें प्रदान करता है दोस्तों ,क्योंकि ,

संतोष प्राप्ति के बाद ,

दुनिया का वैभव गौण हो जाता है || 



KORE HII ( KSHANIKAA )

 

                         कोरे ही 


जीवन की हजारों उलझनें हैं दोस्तों ,

व्यस्त हैं हम तो ,दूसरों के दिलों को रखने में ,

उनकी इच्छाएँ पूरी करने में || 


पहले नंबर पर ,अपने बड़े - बुजुर्गों की ,

इच्छाएँ पूरी करके ,उनका दिल रखा ,

दादा -दादी ,नाना -नानी ,माता -पिता ,

सबके दिल रखे हमने || 


अब थे संगी -साथी अपने ,

भाई -बहिन ,पति उनका परिवार ,प्यार में डूबकर ,

दिल रखते रहे ,हम तो सबका ही || 


अब हैं अपने बच्चे , फिर आगे बच्चों के बच्चे ,

मोह ,ममता में डूबे ,हम रखते रहे ,

उन सबका दिल ,रखते -रखते हम भूल गए ,

कि एक दिल हमारा भी है ,जिसमें ,

अनगिनत इच्छाएँ हैं ,चाहतें  हैं ,

उन में से क्या ,एक भी इच्छा या चाहत ,

पूरी कर पाए हम दोस्तों ? 

नहीं दोस्तों हम तो ,कोरे ही रह गए दोस्तों ,

कोरे ही रह गए दोस्तों || 


Sunday, August 25, 2024

GUNJAA DO ( KSHANIKAA )

 

                                     गुँजा दो 


सात सुरों की सरगम से ,जन्म हुआ संगीत का ,

उन्हीं सात सुरों ने गाया ,मीठा गीत प्रीत का ,

सा रे गा मा पा धा नी ,ये सरगम है सात सुरों की ,

इन्हीं से निकला मीठा गीत ,दिल से दिल की जीत का || 


सात सुरों को अपनाया सबने ,अपने पास बुलाया ,

दिल से मीठे स्वर जो निकले ,जग को उसने गुँजाया ,

सा रे गा मा पा धा नी ,ये सुर निकले दिल से ,

तभी तो इन से जन्मे मीठे गीतों को ,सबने गुनगुनाया || 

 

अपनाओ इन सुरों को ,गुनगुनाओ इन सुरों को ,

दिल में बसा लो इस सरगम को ,संसार को गुँजा दो ,

इस सरगम में प्यार बसा है ,प्यार से है संसार ,

संसार की हर गूँज ही ,प्यार के साथ हर ओर फैला दो ||