सीख लो
सरहदों ने किये टुकड़े , धरती के सीने के ,
नफरतों ने किये टुकड़े , मानव के सीने के |
ये प्रेम की ज्योत जलाकर , लाई हूँ हाथों में ,
देगी जो उजाला - औ - मकसद जीने के |
बनो संगतराश , दे दो नया आकार ,
करो नहीं छलनी , धरती के सीने को |
आओ , बढ़ाओ हाथ , मानव को गले लगाओ ,
ये प्यार प्रेरित कर रहा , है सबको जीने को |
ये देश है हमारा , ये वतन है हमारा ,
क्यों हम धरा को बाँटें , उसने जहां बनाया |
रचेता की बनायी , इस धरा को आज ,
टुकड़ों में बाँटना , किसने हमें सिखाया |
बदली से सीख लो तुम , फुहार सब को देना ,
साजों से सीख लो तुम , झंकार सब को देना |
प्यार की परिभाषा , सीख करके जानो ,
दिल हार के भी , ये जीत सब को देना |