Tuesday, April 30, 2024

SAPANE PALENGE ( JIVAN )

 

                       सपने पलेंगे 


कदम ना रुके तेरे ,कदम ना रुके मेरे ,

चलते हीगए ,दोनों के कदम ,साथ ही साथ ,

जीवन भी दोनों का ही ,चलता गया साथ ही साथ || 


रोकना नहीं तुम ,अपने इन कदमों को ,

सुला नहीं देना तुम ,अपनी आँखों के सपनों को ,

कदमों और सपनों को ,पूरा कर लेना ,तुम साथ -साथ || 


मंजिल मिलेगी वहीं ,जहाँ तुम्हारे सपने पलेंगे ,

जीवन में फूल खिलेंगे वहीं ,जहाँ सपने पूरे होंगे ,

जीवन महक जाएगा ,तुम्हारा और मेरा साथ - साथ || 


मंजिलों के निशान ,हमेशा पता देते हैं अपना ,

क्योंकि उन्हें पता होता है ,हमारा हर सपना ,

हमारे सपनों में ही छिपा होता है ,

मंजिल की राह और पता साथ - साथ || 


Monday, April 29, 2024

ASAMBHAV ( KSHANIKAA )

 

                       असंभव 


          असंभव -- जो किया नहीं जा सकता ,

                   या - जो करना संभव नहीं है ,

IN ENGLISH - I   M   POSSIBLE ,

                        WHICH IS NOT POSSIBLE . 

          OR --  I  M  POSSIBLE , 

               I  - मैं ,  M - हूँ , POSSIBLE - संभव ,

तो दोस्तों  IMPOSSIBLE  MEANS -- मैं संभव हूँ  || 

 

जब मैं संभव हूँ ,तो हर काम संभव है ,

समझो इस कथन को ,मेरा हर काम संभव है || 

 

जो मैं करना चाहूँ ,वह सभी कुछ संभव है ,

जो मैं ना करना चाहूँ ,वह तो सभी असंभव है || 

 

अब आप क्या करना ,या ना करना चाहेंगे ?

आप स्वयं ही ,इस बात का फैसला करेंगे || 

    

Sunday, April 28, 2024

MAANG JARAA HAT KE ( KSHANIKAA )

 

                    माँग जरा हट के 


खाना खाते वक्त शुक्र करो ,हम जिंदा हैं ,

खाना खाते वक्त शुक्र करो। हमें भूख लगती है ,

खाना खाते वक्त शुक्र करो ,हम स्वस्थ हैं || 


ईश्वर से उस समय ,अपने लिए कुछ मत माँगो ,

माँगो उसके लिए ,जिसके खेत का अन्न हम खा रहे हैं ,

उस खेत से जुड़ा हर व्यक्ति ,हर परिवार का कोई सदस्य ,

भूखा ना रहे ,किसी समस्या से  जूझे || 


उस खेत से जुड़ा ,हर सदस्य प्रसन्न रहे ,

स्वस्थ रहे ,मस्त रहे ,माँग कर देखो यह सब ,

तो बंधु ,ईश्वर तुम्हारा खुद ख्याल रखेंगे ,

तुम्हें प्रसन्न ,स्वस्थ और मस्त रखेंगे || 


BEVAJAH MUSKANEN ( JIVAN )

 

                        बेवजह  मुस्कानें


वजह ना ढूँढो खुश रहने की ,बेवजह ही खुश रहा करो ,

वजह जो ढूँढोगे तुम जग में ,कमाई सारी खर्च करोगे ,

वजह बहुत मँहगी होगी ,सारी पूँजी गँवाओगे ,

मगर -ए -दोस्त ,फिर भी तो ,खुश ना तुम हो पाओगे || 


हर समय तुम मुस्कानें ओढ़ो,दूजों को भी खुश कर दो ,

दूजे जो मुस्काए तो ,तुम भी मुस्कानें पाओगे ,

जीवन भी मुस्काए तुम्हारा ,बाँटो मुस्कानें सब को ,

ऐसे ही तो तुम ऐ -दोस्त ,अच्छे कर्म कमाओगे || 

 

समय हमेशा बहता है ,तेज वेग से उड़ता है ,

तुम भी बह जाओ और ,उड़ जाओ समय के साथ दोस्तों ,

जीवन की इस बगिया में तुम ,खुशियों के फूल खिलाओगे ,

होठों पे मुस्कानें लाओगे ,होठों पे मुस्कानें लाओगे || 

 

Friday, April 26, 2024

SAHEE YAA GALAT ( JIVAN )

 

                           सही या गलत 


दिल जानता है ,आत्मा जानती है ,सही या गलत ,

दिलों की तो बंधु ,धड़कन जानती है ,सही या गलत ,

उसी से तुम भी समझ जाओ ,सही या गलत || 


जीवन को भर लो ,तुम कहकहों से ,

मुस्कानों को समेट लो ,अपने लबों से ,

राही तो तुम हो ,राहें तुम्हारी हैं क्या ? सही या गलत || 


रंगों से भर लो ,जीवन तुम अपना ,

सच होगा तब तो ,तुम्हारा हर सपना ,

सपनों का हर पहलू होगा क्या ? सही या गलत || 


Thursday, April 25, 2024

MUSKAANON KE FOOL ( KSHANIKAA )

 

                    मुस्कानों  के  फूल 


जो रिश्ते आज हैं ,उन्हें तुम संभालो ,

अगर रिश्तों में दरारें आईं ,तो वो नहीं संभलेंगे ,

मीठा बोलो तो ,रिश्ता पक्का होगा || 


रिश्ते जो कमजोर हुए ,सूखे पेड़ से चरमराए ,

फिर क्या होगा ? 

क्या मुस्कानें उसे हरा कर पाएँगी ?

क्या मधुर उन्हें बनाएँगी ,तेरी और मेरी मुस्कानें ?

सूखा पेड़ कभी हरा नहीं होता दोस्तों ?

 

 समय   रहते संभालो उन्हें ,

प्यार के पानी से हरा कर लो उन्हें ,

जीवन सुंदर हो जाएगा ,

मुस्कानों का गुलशन बन जाएगा ,

मुस्कानों के फूल खिलाओ ,

रिश्तों का बगीचा महक जाएगा || 


KYON KOI ? ( KSHANIKAA )

 

                        क्यों कोई  ? 


क्यों कोई लड़की चाहे ,पति रूप में राम ?

जीवन बीतेगा अकेले ,बनेगा वन में धाम || 


आज तो ना कोई वाल्मीकि ,ना ही कोई आश्रम ,

वन में तो खूंखार जानवर ,नहीं कोई उनका नाम || 


ना पंचवटी की कुटिया ,ना लक्ष्मण जैसा भाई ,

फिर कैसे जीवन बीते ,बच्चों के संग - संग माई  ??


सीता थी त्रेता युग में ,फिर भी अग्नि - परीक्षा ,

फिर भी वनवास मिला उसको ,देकर भी अग्नि - परीक्षा || 


अब तो कलयुग है बंधु ,क्या ये सीता का युग है ? 

क्यों राम को चुन ले सीता ,जो वन में छोड़े सीता ?? 


Tuesday, April 23, 2024

AATMSAAT ( DOHAA )

 

                             आत्मसात


गुरु से ज्ञान जो चाहिए ,खुद ही गुरुकुल में जाय ,

भाव - भक्ति से उनके ,चरणं  में शीश नवाय || 


एक - एक शब्द पे उनके ,जो तू ध्यान लगाय ,

तभी तो बंधु तुमको ,ज्ञान मिलेगा आय || 


जो कुछ ज्ञान मिले ,आत्मसात करो ,

साथ में तुम गुरु का ,शुक्रिया तुम करो || 


आत्मसात उस ज्ञान को , जीवन में तुम उतारो ,

और उससे अपना ,जीवन तुम सँवारो ||  


Monday, April 22, 2024

NIRNAY ( JIVAN )

 

                             निर्णय 


जिंदगी जो रास्ते ,हमें देती है चलने के लिए ,

उन्हें हमें इस्तेमाल ,करना होता है चलने के लिए  || 


प्रथम कौन सा रास्ता ,चुनें हम चलने के लिए  ?

द्वितीय किस रास्ते पर ,चलें हम चलने के लिए  ??


बार - बार चुनाव हमारा ही है ,रास्ते का चलने के लिए ,

किस रास्ते पर हम ,आराम से चल पाएँगे ?? 


किस रास्ते पर हमें ,परेशानी आएगी हरदम ? 

किस रास्ते पर ,फूल मिलेंगे पता नहीं ?

किस रास्ते पर ,काँटे ही काँटे हैं  ?? 


ऐसे में ,दिल की सुनो दोस्तों ,

जिस राह को , दिल चुने ,चल दो उसी पर ,

यही तो सुंदर निर्णय है ,यही तो उत्तम निर्णय है  || 


Sunday, April 21, 2024

EHSAAS ( KSHANIKAA )

 

                              एहसास 


एहसास ना हो तो ,ना कोई ख्याल है ,ना कोई जज्बात है ,

एहसास ना हो तो ,ना  कोई रिश्ता बनता ,ना कोई दोस्त बनता || 


एहसास बहुत जरूरी है दोस्तों ,उसी से हम जीवित हैं ,

तभी तो हम ,हर भाव को महसूस करते हैं ,

हर ख़ुशी ,एहसास से जुड़ी है ,मुस्कानें भी खिली हैं || 


दूसरों  की परेशानियाँ ,हम तभी समझ पाते हैं ,

जब हमारे दिल में ,एहसास पनप जाता है ,

तभी हम दूसरों की ,परेशानियों को दूर करने की ,

कोशिश करते हैं और ,कुछ को तो दूर भी कर देते हैं || 


इसलिए एहसासों को जगाए रखो दोस्तों ,

वही तो हमारी जिंदगी है ,वही हमें बताते हैं ,

कि हम जीवित हैं ,और मुस्कानों को वही जगाते हैं || 


Saturday, April 20, 2024

KARO SHUKRIYAA ( KSHANIKAA )

 

                            करो शुक्रिया 

 

मुट्ठी बाँधे आए जग में ,हाथ पसारे जाएँगे ,

मुट्ठी में थी भाग्य की रेखा ,जो लिखा था ईश्वर ने ,

कर्म किए जो जग में हमने ,उनसे बदला भाग्य हमने ,

अच्छा था या बुरा ,ये कर्मों का फल था बंधु  || 


ईश्वर ने जो दिया था हमको ,सुंदर ही दिया होगा ,

हमने जो कर्म किए जग में ,उसका लेखा - जोखा परखो ,

अच्छे कर्म करेंगे तो ,अच्छा ही उसका फल होगा ,

जो दिल दुखाया किसी का हमने तो , हमारा भी दुखेगा बंधु  ||


क्यों मेरा - तेरा करें हम ? सब कुछ तो ईश्वर का ही है ,

जो दिया है उसने हमने लिया ,शुक्रिया उस ईश्वर को ही है ,

कर्मों का फल भी देता वही ,भाग्य लेख भी लिखता है ,

करो शुक्रिया ,करो शुक्रिया ,करो शुक्रिया तुम बंधु  || 


AAJ KAA LEKHAN ( JIVAN )

 

                       आज का लेखन 


आपके ख्यालों से ,मिल गए हैं मेरे ख्याल ,

आपके विचारों में ,डूब गए हैं मेरे विचार ,

ये सब आज का लेखन है मेरा || 


आप सब दोस्त हैं मेरे ,सोच सबकी एक है ,

तभी तो विचार सभी के ,हो गए एक हैं ,

ये सब आज का लेखन है मेरा || 


सभी दोस्तों की ,खुशियाँ हो गई एक हैं ,

सभी दोस्तों के ,रास्ते हो गए एक हैं ,

 ये सब आज का लेखन है मेरा || 


तो चलो दोस्तों ,आज हम एक काम करते हैं ,

मिल बैठकर हम ,जीवन मुस्कानों के नाम करते हैं ,

ये सब आज का लेखन है मेरा || 


Thursday, April 18, 2024

KHAJAANAA ( KSHANIKAA )

 

                                   खजाना 


एक सुरमई शाम में ,चाँदनी हुई अनबनी ,

खजाना जो यादों में था ,खो गया हवाओं में ,

कैसे ढूँढे कोई उसे ? असंभव सा ये काम था || 


उसे ढूँढेंगे हम ,अपने अंतर्मन में ,

मिलेगा खजाना हमें ,अपने ही अंतर्मन में ,

और अनबनी चाँदनी भर जाएगी ,अपने अंतर्मन में || 


राहें अजनबी हों ,या जानी - पहचानी ,

सभी तो चलती जाती हैं ,अपने ही आस -पास ,

उन्हीं राहों में ढूँढ लेते हैं ,अपना खजाना ,

यादों का खजाना ,यादों का खजाना || 


PREM ( JIVAN )

  

                      प्रेम 


नफरतों को आगे मत बढ़ाओ ,

अहमियत दूसरों की मत बढ़ाओ ,

  क्षमा करके शर्मिंदा करो उनका,और फिर उनको भूल जाओ || 


नफ़रतें बढ़ गईं अगर ,प्रेम किधर जाएगा ?

इसलिए प्रेम की थाती को दोस्त ,चारों ओर फैलाओ || 


प्रेम सबसे बड़ी दौलत है दोस्त ,

उसी से सभी धनवान बनते हैं ,

जीवन की सुंदरता बढ़ाने को ,प्रेम के नए पौधे लगाओ || 


प्रेम जब दुनिया में फैलेगा दोस्त ,दुनिया जगमगाएगी ,

महक जब प्रेम के फूलों की ,दुनिया को महकाएगी || 


Tuesday, April 16, 2024

MEET MAN KAA ( DOHAA )

 

                        मीत मन का 


वाणी ऐसी बोलिए ,मीठी - मीठी और रसीली ,

दूजों का मन खुश करे ,ना हो तीखी - तीखी || 


प्रेम के शब्द जो बोले तो ,प्रेम - प्यार फैलाय ,

सारा जग ही दोस्त मेरे ,प्रेम में डूबा जाय || 


प्रेम - प्यार फैलाओगे ,तुम भी प्रेम ही पाओगे ,

प्रेम - प्यार से ही तुम ,अपना जीवन भर जाओगे || 


कलम हमारी लिखती ,प्रेम - प्यार के गीत ,

जिनको पढ़कर हमें मिले ,अपने मन का मीत || 


Monday, April 15, 2024

SEETEE BAJAAO ( KSHANIKAA )

 

                   सीटी बजाओ 


सफलता मिले ना मिले ,कोशिश करते रहिए ,

मंजिल मिले ना मिले ,कदम बढ़ाते रहिए ,

आसमान छुओ ,ना छुओ ,सीढ़ियाँ चढ़ते रहिए ,

ये जिंदगी है दोस्त ,कोशिशें चढ़ते रहिए || 


कोई दूसरा नहीं आएगा ,सफलता परोसने ,

कोई दूसरा नहीं लाएगा ,आसमान को नीचे ,

कोई दूसरा नहीं आएगा ,सही राह दिखाने ,

इसलिए - ए -दोस्त ,कदमों को गति देते रहिए || 


दिल की उदासी को ,अश्रुरूप में नहीं बहाओ ,

भुला के उदासी को ,होठों पे मुस्कानें जगाओ ,

अश्रु को छिपा कर ,नयनों में चमक लाओ ,

और होठों को गोल कर ,सिटी तुम बजाओ ,

जोर से ,सीटी तुम बजाओ || 


Sunday, April 14, 2024

JAAO ( JIVAN )

 

                         जाओ 

 

जीवन है सुख - दुःख की नदिया ,

कर्मों की खेते जाओ , 

ढंग से पतवार चलाते जाओ ,

ढंग से पतवार चलाते जाओ || 


समय -समय का फेर है बंधु ,

हाथों से पतवार चलाओ ,

होठों पर मुस्कान सजा कर ,

सुंदर सा गीत तुम गाते जाओ || 


दिल खुश हो कर नाच उठेगा ,

अँखियाँ चमक उठेंगी बंधु ,

ऐसे में ही तुम बंधु ,

लहरों से प्यार जताते जाओ || 


सुख -दुःख आएँ जब जीवन में ,

दोनों को अपनाते जाओ ,

एक बिना दूजा है अधूरा ,

बिल्कुल ना तुम घबराओ || 


Saturday, April 13, 2024

KAUN ? ( JIVAN )

 

                          कौन  ?


कौन अपना ? कौन पराया ? जाने ना भेद ये कोई ,

अपना समझें हम जिसको ,क्या वाकई वो अपना है ??

 

जरूरत के वक्त ,वही अपना ,हाथ छोड़ देता है दोस्त ,

किसी भी काम के वक्त ,वही अपना ,मार देता है ताना ,

नहीं पूरा करने देता है ,वह हमें अपना बाना ,

ऐसा कोई क्या अपना है दोस्त ?? 

 

मन अपना रखो मजबूत ,हिल पाए ना किसी के तानों से ,

ना छिंदित हो पाए ,अपना कहने वालों के बानों से ,

अपना धैर्य बनाए रखो ,व्यवहार कुशल बन तुम ,

उसे शांति से दर्पण जरूर दिखाओ || 


Thursday, April 11, 2024

TABHII TO ( KSHANIKAA )

 

                                तभी तो 


हे जीभ तुम ,स्वाद को छोड़ दो ,

तभी तो ,मेरा स्वास्थ्य उत्तम होगा ,

हे जीभ तुम ,मीठे शब्दों को चुन लो ,

तभी तो ,मेरे रिश्ते स्वस्थ होंगे || 


ऐ मेरे दिल , दोस्तों पर भरोसा करो ,

तभी तो ,दोस्तों की संख्या बढ़ेगी ,

ऐ मेरे दिल ,रिश्तों पर विश्वास करो ,

तभी तो , रिश्ते मजबूत बनेंगे || 


ऐ दिमाग ,मुस्कानों की संख्या को गुणा करो ,

तभी तो , खुशियों की संख्या बढ़ेगी ,

ऐ दिमाग ,उदासियों को भूल जाओ ,

तभी तो , ग़मों  संख्या कम होगी || 


ऐ मेरे हाथ ,अपनों के लिए अच्छा कर्म करो ,

तभी तो , अपनों  को ख़ुशी मिलेगी ,

ऐ मेरे हाथ ,मदद करने में सबसे आगे रहो ,

तभी तो ,मदद वालों की ,शुभेच्छा आपको मिलेगी || 


ऐ मेरे पैरों , चलते रहो ,जहाँ तुम्हारी जरूरत हो ,

तभी तो , दूसरों की जरूरतें पूरी होंगी ,

ऐ मेरे पैरों ,चलते जाओ ,चलते जाओ ,ले के प्रभु का नाम ,

तभी तो , चलते -चलते ,पहुँचोगे ,प्रभु के धाम || 


Wednesday, April 10, 2024

MITRA ( JIVAN )

 

                                   मित्र 


सुदामा गए मित्र के घर ,कृष्ण के घर ,

साथ ले गए थोड़े पोहे ,कृष्ण के लिए उपहार ,

कृष्ण ने चरण पखारे उनके ,साथ दिया पत्नी ने ,

कृष्ण ने खाए दो मुट्ठी ,फिर रोका पत्नी ने || 


बरसों बाद दो मित्र मिले ,एक थे राजा और दूसरे रंक ,

क्यों रंक मित्र ही पहुँचा ,राजा मित्र के महल में  ?

राजा मित्र भी तो जा सकता था ,रंक मित्र की झोंपड़ी में  ?


दुनिया का दस्तूर है दोस्तों ,रंक को ही राजा की याद आती है ,

राजा को रंक की याद कहाँ ? वह तो अपनी दुनिया में खोया है ,

अब तो उसके मित्र ,रिश्तेदार भी उसी के स्तर के हैं ,समझे ?? 


Sunday, April 7, 2024

AASHAA ( KSHANIKAA )

 

                                 आशा 


तारे नहीं चमकते हैं दिन में ,सूरज ही चमकता है ,

चाँद रात में उगता नभ में ,सूरज नहीं चमकता है ,

मगर एक तारा आशा का दोस्तों ,हरदम ही चमकता है || 


रात और दिन सब ही बराबर ,आशा के उस तारे को ,

मन में जगा लो आशा का तारा ,रात और दिन चमकेगा ,

मन के अँधियारे में भी ,उसका उजियारा चमकेगा || 


करो दोस्ती उस तारे से ,दिल भी ख़ुशी से फूलेगा ,

तारा भी बस के मन में ,पल - पल ख़ुशी में डूबेगा ,

तुम भी दोस्तों हाथ पकड़ आशा का ,

भवसागर पार कर जाओ || 


Saturday, April 6, 2024

MAHKAAO ( KSHANIKAA )

                   

                         महकाओ 

 

मत रोको कदम अपने ,राहों में आगे बढ़ते जाओ ,

कदमों पर लगाम मत लगाओ ,

राहों को पार करते जाओ || 

 

राहें पार करने पर ही तो ,मंजिलें मिलेंगी ,

कलियों के चटखने पर ही तो ,मुस्कानें खिलेंगी ,

मुस्कानों को बिखराकर ,

तुम चमन को महकाते जाओ || 

 

महकते चमन ही तो , जग को महकाएँगे ,

जग के साथ ही तो ,ब्रह्मांड महकेगा ,

पूरे ब्रह्मांड को महकाकर ,खुशियाँ बरसाते जाओ ,

 मन को महकाते जाओ ,आँखों को चमकाते जाओ || 



Friday, April 5, 2024

JII CHAAHTA HAI ( JALAD AA )

 

                             जी चाहता है 


जी चाहता है मेरा ,सावन की बदरी बन जाऊँ ,

ऊपर नीले आसमान में ,जाकर पवन संग खेल दिखाऊँ ,

रिमझिम -- रिमझिम जल बरसाऊँ || 


सब को मुस्कानें बाँट  दोस्तों ,मैं भी खूब - खूब मुस्काऊँ ,

संग दामिनी के खेलूँ , सभी के दिल जब ,

दामिनी की कड़क से डर के ,

छिप जाएँ तो मैं उनको धड़काऊँ || 


बरखा रुके जब रवि झाँके ,तब आसमान में रंग -बिरंगा ,

इंद्रधनुष बन मैं छा जाऊँ ,इंद्रधनुष बन मैं  छा जाऊँ ,

बड़ों और बच्चों ,सभी को मैं खुश कर जाऊँ ,

बस यही मेरा जी चाहता है ,जी चाहता है || 

 

OUR SOLAR SYSTEM ( BY ALPANA ARORA )

 

                 OUR   SOLAR  SYSTEM 

This story is written by my grand daughter 

ALPANA  ARORA  ( 8 yrs old ).


Name of our Galaxy is THE 

MILKY WAY GALAXY .

The solar system is made of 

SUN , PLANETS and MOON .

SUN is nearest star of us .Planets rotates 

around SUN . Planets are MERCURY ,

VENUS ,EARTH ,MARS, JUPITER, SATURN,

URANUS, NEPTUNE and  PLUTO .


How to remember planets in order ---

1,   my -------- MERCURY,  

nearest to sun , smallest  planet ,

 2,   very ------ VENUS ,

beautiful  planet ,

 3,  excited ---  EARTH ,

our planet , blue planet ,I have life on me .

4,  mouse ---- MARS ,

red planet ,

5,  just -------- JUPITER ,

largest planet ,

6,  sat --------- SATURN ,

ring around planet ,

7,  upon ------ URANUS ,

8,  nine ------- NEPTUNE ,

9,  planets --- PLUTO , 

 a  dwarf  planet,

 

 QUESTIONS --

1, There is a dwarf planet ,write the name .

2, Write the names of planets .

3, How to remember the planets in order ?

4, What is our Galaxy's name ?

5, I have a big ring around me . Who am I ?

6, I am the 3rd planet in solar system .

     I have life on me ,who am I ? 

7, Which is your favorite planet ?   


Wednesday, April 3, 2024

RUNJHUN TAARON KII ( CHANDRAMA )

 

                   रुनझुन तारों की 


रात के सफर में ,तारों की रुनझुन गूँजी ,

जिंदगी की राहों में ,पायल की छन - छन गूँजी ,

होठों की मुस्कुराहटों में ,कंगना की खन - खन गूँजी || 


सफर बना है सुंदर और मीठा ,

कदम चलते रहे हौले - हौले ,

ऐसी पगडंडियों में ही तो ,झूमर की झंकारें गूँजी || 


तारों की झिलमिलाहट से , सजी  है मेरी चुनरी ,

कल्पनाओं के झरोखों से ,झाँक गई है मानो चाँदनी ,

ऐसे ही तो दिल में ,बीना की तान गूँजे || 


इस रात के सफर में ,छिप गई हूँ मैं,

चंदा भी छिप गया है साथ मेरे ,

तारे ही झिलमिल करते हैं बस गगन में ,

उन्हीं की तो नन्हीं - नन्हीं मुस्कानें ही तो ,

सारे जग में गूँजें  ,सारे जग में गूँजें  ||  


Tuesday, April 2, 2024

JAANII - PAHACHAANII ( JIVAN )

 

                   जानी - पहचानी 


जग  में हैं अनगिनत सी राहें ,

सब ही हैं अनजानी  सी राहें ,

कैसे कोई चले उन पर ? राहों का रास्ता कौन बताए ? 


आशीषों के दीये जलाओ ,

सबको ही  तुम राह दिखाओ ,

राहें सबकी होंगी पार , सब ही जाएँगे उस पार || 


प्यारा साथी साथ में हो तो ,

आसान सी राहें   हो जाएँगी ,

साथी ढूँढ लो पहले दोस्त ,तभी तो राहें जगमगाएँगी || 

 

फिर तो राहें हो जाएँगी ,जानी -  पहचानी सी ,

जीवन सुगम हो जाएगा , राहें भी सुंदर हो जाएँगी || 

  

JANM DATA SAAGAR ( RATNAAKAR )

 

 

                 जन्म दाता  सागर 


सागर में जब उपजा जीवन ,तभी तो हम सब आए यहाँ ,

ये सागर है ,जन्म दाता हमारा ,इसने ही तो सब कुछ हमें दिया || 


सागर के ही गर्भ में छिपे ,अनमोल खजाने ,बहुमूल्य रत्न ,

मगर हमने उसे कुछ नहीं दिया ,हमने उसे कुछ नहीं दिया || 


हमने सब कुछ मैला कर दिया ,सागर की स्वर्णिम छवि  को ,

हमने प्रदूषित किया उसे ,उसकी छवि को धूमिल किया || 


आखिर थक कर सागर ने भी ,बदला लेना शुरू किया ,

आया तूफानों को लेकर ,लहरों को भी रौद्र रूप किया || 


हरहराता सागर उछला और ,अनगिनत प्राणों को लील गया ,

तब मानव चिल्लाया - जानलेवा समुद्र ,क्या सच में सागर जानलेवा है ? 


उसी ने तो जन्म दिया हमको ,हमने उसका रूप बिगाड़ा ,

आज अगर वह क्रोधित है ,तो यह सब हमारा ही कर्म है ,

वह तो बदला लेगा ही ,वह तो बदला लेगा ही ||