आशा
तारे नहीं चमकते हैं दिन में ,सूरज ही चमकता है ,
चाँद रात में उगता नभ में ,सूरज नहीं चमकता है ,
मगर एक तारा आशा का दोस्तों ,हरदम ही चमकता है ||
रात और दिन सब ही बराबर ,आशा के उस तारे को ,
मन में जगा लो आशा का तारा ,रात और दिन चमकेगा ,
मन के अँधियारे में भी ,उसका उजियारा चमकेगा ||
करो दोस्ती उस तारे से ,दिल भी ख़ुशी से फूलेगा ,
तारा भी बस के मन में ,पल - पल ख़ुशी में डूबेगा ,
तुम भी दोस्तों हाथ पकड़ आशा का ,
भवसागर पार कर जाओ ||
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