Sunday, April 7, 2024

AASHAA ( KSHANIKAA )

 

                                 आशा 


तारे नहीं चमकते हैं दिन में ,सूरज ही चमकता है ,

चाँद रात में उगता नभ में ,सूरज नहीं चमकता है ,

मगर एक तारा आशा का दोस्तों ,हरदम ही चमकता है || 


रात और दिन सब ही बराबर ,आशा के उस तारे को ,

मन में जगा लो आशा का तारा ,रात और दिन चमकेगा ,

मन के अँधियारे में भी ,उसका उजियारा चमकेगा || 


करो दोस्ती उस तारे से ,दिल भी ख़ुशी से फूलेगा ,

तारा भी बस के मन में ,पल - पल ख़ुशी में डूबेगा ,

तुम भी दोस्तों हाथ पकड़ आशा का ,

भवसागर पार कर जाओ || 


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